त्रयोदशः पाठः
शुकेश्वराष्टकम् (शुकेश्वर अष्टक)
- शुकेश्वर महादेव के सुशोभित रूप का वर्णन करें।
उत्तर- शुकश्वर तीन आँखों से युक्त हैं। गंगाजल से सदा सिर गीला रहता है। उनका वस्त्र गजचर्म है एवं हाथ में त्रिशुल धारण किये हुए हैं। द्वितीया के
चन्द्रमा से शोभायमान भगवान शिव का रूप दिव्य है।
- ‘शुकश्वराष्टकम्’ में किसकी वन्दना की गई है और आराध्य देव के किन गुणों का स्मरण किया गया है?
उत्तर- प्रस्तुत अष्टक में शुकेश्वर महादेव को वन्दना की गई है। वे परोपकारी की मनोकामना पूर्ण करने वाले हैं। कामदेव के अहंकार को चूर करने वाले एवं अज्ञानरूपी अंधकार को दूर करनेवाले हैं। ये सज्जनों को सदा सुरक्षा प्रदान करते हैं। आदिदेव उमापति भवसागर से पार उतारने वाले हैं। इस तरह से कल्याणकारी महादेव का स्मरण किया गया है।