इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 10 अंग्रेजी Prose Section के पाठ दो ‘Ode on solitude ( निर्जनता में गीत)’ के प्रत्येक पंक्ति के व्याख्या को पढ़ेंगे।
Bseb Class 10th English Poetry Chapter 2 ODE ON SOLITUDE (निर्जनता में गीत)
Happy the man whose wish and care
A few paternal acres bound,
Content to breathe his native air
In his own ground.
अर्थ- वही आदमी सुखी है जिसकी इच्छा और चिन्ता
अपनी कुछ एकड़ पैतृक जमीन तक सीमित है,
अपनी जन्मभूमि की हवा में साँस लेता हुआ सन्तुष्ट है
अपनी ही जमीन पर
Whose herds with milk, whose fields with bread,
Whose flocks supply him with attire;
Whose trees in summer yield him shade,
In winter fire.
जिसके पशु दुध देते हों, जिसकी जमीन रोटी (गेहूँ) देती हो,
जिसकी भेड़ें उसे वस्त्र (ऊनी कपड़े) देती हों,
जिसके पेड़ गर्मी में छाँह देते हों,
जाड़े में आग के लिए लकड़ी देते हों।
Blest, who can unconcernedly find
Hours, days, and years, slide soft away
In health of body, peace of mind,
Quiet by day.
वह सुखी/भाग्यशाली है जो सांसारिकता से चिन्ता मुक्त है
घंटे, दिन और साल शांति से गुजारते हुए
शरीर से स्वस्थ्य, मन से शान्त
दिनभर निश्चिन्त रहता है।
Sound sleep by night; study and ease
Together mixt, sweet recreation,
And innocence, which most does please
With meditation
रात में गहरी नींद, अध्ययन और विश्राम
साथ-साथ मिले हुए मधुर मनबहलाव
और निश्चिन्त, जो अत्यधिक आनन्द देता है
चिन्तन-मनन के साथ।
Thus let me live unseen, unknown;
Thus unlamented let me die;
Steal from the world, and not a stone
Tell where I lie.
इस प्रकार मुझे जीने दें अनदेखा, अनजाना,
इसी प्रकार बिना विलाप के मुझे मरने भी दें,
दुनिया से अलग/गुप्त, ओर कब्र का एक पत्थर भी नहीं हो
कहने के लिए कि मेरा कब्र कहाँ है।
Bihar Board Class 10th Social Science
The Pace For Living Chapter in Hindi