इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 8 अंग्रेजी के कहानी पाठ सात ‘The Mountain and the Squirrel (पर्वत और गिलहरी)’ के प्रत्येक पंक्ति के अर्थ को पढ़ेंगे।
THE MOUNTAIN AND THE SQUIRREL
पाठ का परिचय–‘द माउंटेन एंड द स्ववीरल’ छात्रों के लिए अच्छा पाठ है। – यह पर्वत तथा गिलहरी की काल्पनिक कहानी है, किन्तु यह अच्छा सबक देता है कि प्रकृति में हरेक चीज तथा हर कोई आवश्यक है तथा गुण-अवगुण युक्त है।’ The Mountain and the Squirrel poem in Hindi
The mountain and the squirrel
Had a quarrel
And the former called the latter
“Little prig”
Bun replied,
“You are doubtless very big;
पर्वत और गिलहरी को
झगड़ा था
और पहले ने कहा दूसरे को
“तच्छ जीवन झबरी ने उत्तर दिया,
“तुम निस्सन्देह बहुत बड़े हो;
But all sort of things and weather
Must be taken in together,
To make up a year
And a sphere.
And I think it no disgrace
To occupy my place.
किन्तु सभी प्रकार की चीजें और मौसम
अवश्य साथ-साथ चलते हैं,
जो कोई वर्ष पूरा करने के लिए
और किसी कार्य-क्षेत्र में
और मैं इसे अपमान नहीं समझती
मेरी जगह छेक लेना ।
If I’m not so large as you,
You are not so small as I,
And not half so spry;
‘ll not deny you make
A very pretty squirrel track,
Talents differ, all is well and wisely put;
If I cannot carry forests on my back,
Neither can you crack a nut.”
अगर मैं तुम जैसा बड़ा नहीं हूँ,
तुम भी मेरे जैसा छोटा नहीं हो,
और न मेरा आधा फुर्तीला ही;
मैं अस्वीकार नहीं करूँगी कि तुम बनाते हो
एक खूबसूरत गिलहरी पथ,
प्रतिभाओं में भेद है; सब ठीक है और बुद्धिमानी से रखा गया है:
यदि मैं अपनी पीठ पर जंगल नहीं लाद सकती,
(चूँकि पहाड़ पर जंगल होते हैं)
तुम भी गरी नहीं फोड़ सकते ।’
The Mountain and the Squirrel poem in Hindi
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