Class 6th Sanskrit Text Book Solutions
पन्न्चमः पाठः
मम परिवारः
(मेरा परिवार)
पाठ-परिचय- प्रस्तुत पाठ ’मम परिवारः मैं परिवार की आवश्यकता एवं महत्व पर प्रकाश डाला गया हैं। परिवार को प्रथम पाठशाला कहा जाता है। बच्चे परिवार में ही जीवन की प्रथम शिक्षा प्राप्त करते हैं। उठना-बैठना, किसी का आदर करना आदि अनुशासन संबंधी बातें बच्चे अपने परिवार में ही सीखते हैं। आदर्श जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा परिवार में ही मिलती हैं।
1. इदं मम गृहम् अस्ति। अत्र मम परिवारः निवसति। मम परिवारे अनेके जनाः सन्ति। मम पितामहःवृद्वः अस्ति। स द्वारे एव खट्वायां तिष्ठति। मम पिता माता च गृहमध्ये वसतः। पिता बहिः कार्यं करोति। माता गहकार्येषु लग्ना भवति। मम एका स्वसा अपि अस्ति। सा विद्यालये पठति। यदा-कदा गृहकार्यम् अपि करोति। अहमपि गृहस्य कार्येषु सहायतां करोमि। विद्यालयं च पठनाय गच्छामि। मम कोऽपि भ्राता नास्ति।
अर्थ- यह मेरा घर है। यहाँ मेरा परिवार रहता है। मेरे परिवार में कई लोग हैं। मेरे दादा बूढ़े हैं। वह दरवाजे पर ही खाट पर बैठे रहते हैं। मेरे माता-पिता घर के भीतर रहते हैं। पिताजी बाहर में काम करते हैं। माताजी घर के कामों में व्यस्त रहती हैं। मुझे एक बहन भी हैं। वह विद्यालय में पढ़ती हैं। कभी-कभी घर का भी काम करती हैं। मैं भी घर के कामों में सहयोग करता हूँ। और विद्यालय पढ़ने के लिए जाता हूँ। मुझे कोई भाई नहीं है।
2. परिवारे पितृव्यः अपि अस्ति। पितृव्यस्य एका पुत्री अस्ति। सा प्राङणे क्रीडति। सा परिवारस्य प्रिया कन्या अस्ति। मम पिता पितृव्यस्य ज्येष्ठः भ्राता अस्ति। तौ पितामहस्य सेवा कुरूतः। यदा-कदा मम मातुलः अपि आगच्छति। सः कथाः कथयति, अस्माकं मनोरन्न्जनं च करोति। वयं सर्वे परिवारे सुखेन निवसामः।
अर्थ – परिवार में चाचा भी हैं। चाचा की एक बेटी है। वह आँगन में खेलती हैं। वह परिवार की प्यारी लड़की हैं। मेरे पिता चाचा के बड़े भाई हैं। वे दानो दादाजी की सेवा करते है। कभ कभी मेरे मामा भी आते हैं। वह कहानी कहते/सूनाते हैं और हमारा मनोरंजन करते हैं। हम सब परिवार में सुख से (खुशीपूर्वक) रहते हैं।
सन्धि-विच्छेद-विद्यालये = विद्या + आलये। अहमपि = अहम् + अपि। कोऽपि = कः + अपि। प्राङने = प्र+ आँगने।
पाठ-सारांश- यह मेरा घर है। इसमें हमारे परिवार के लोग रहते हैं। मेरे परिवार में कई लोग हैं। मेरे दादा बूढ़े है। वह दरवाजे पर ही खाट पर बैठे रहते हैं। मेरे माता-पिता घर के अन्दर रहते हैं। पिता बाहर का काम करते हैं। माता घर के काम में व्यस्त रहती हैं। मुझे एक बहन भी हैं। वह विद्यालय में पढ़ती हैं। कभी-कभी घर के काम में भी सहयोग करती हैं। मैं भी घर के काम में सहयोग करता हूँ और विद्यालय पढ़ने के लिए जाता हूँ। मेरा कोई भाई नही है।
परिवार में चाचा भी हैं। चाचा की एक बेटी भी है। वह आँगन में खेलती हैं। वह परिवार की प्यारी लड़की हैं। मेरे पिता चाचा के बड़े भाई हैं। वे दोनों (भाई) दादाजी की सेवा करते हैं। कभी-कभी मेरे घर मामाजी भी आते हैं। वह कहानी कहते (सुनाते) हैं। और हमारा मनोरंजन करते हैं। हम लोग परिवार में सुख से (खुशीपूर्वक) रहते हैं।
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