गंदे जल का निपटान
अभ्यास: प्रश्न और उनके उत्तर
सही विकल्प चुनें :
(1) अपशिष्ट जल है :
(i) पीने योग्य (ii) स्नान योग्य
(iii) दूषित जल (iv) भोजन बनाने योग्य
(2) विश्व जल दिवस मनाया जाता है :
(i) 22 जनवरी को (ii) 22 फरवरी को
(iii) 22 मार्च को (iv) 22 अप्रैल को
(3) दूषित जल से होने वाली बीमारी नही होती है :
(i) पेचिश (ii) पीलिया
(iii) खुजली (iv) कैंसर
(4) पीलिया रोग का कारण है :
(i) दूषित जल का व्यवहार (ii) गंदे कपड़े पहनना
(iii) गरिष्ठ भोजन करना (iv) इनमें से कोई नहीं
(5) चापाकल या कुएँ के पास जलजमाव से पेयजल होता है :
(i) स्वच्छ (ii) दूषित
(iii) स्वच्छ एवं दूषित (iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (1) → (iii), (2)→(iii), (3) → (iv), (4) → (i), (5) → (ii).
- रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :
(1) हैजा एक ………जनित बीमारी है ।
(2) बायो गैस का उपयोग ……… के स्रोत के रूप में किया जाता है ।.
(3) वाहित मल घर, स्कूल, होटल, अस्पताल आदि से उपयोग के बाद बहनेवाला …….. जल होता है ।
(4) वाहित मल एक जटिल मिश्रण है जिसमें निलंबित ठोस, मृतजीवी और रोगवाहक जीवाणु, कार्बनिक और ………. अशुद्धियाँ पाई जाती है
(5) पाँच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण है, ………..बीमारियाँ |
उत्तर- (1) दूषित जल, (2) ईंधन, (3) अपशिष्ट, (4) अकार्बनिक, (5) जलजनित ।
- सही वक्तव्य के सामने सही (/) एवं गलत वक्तव्य के सामने गलत (x) का चिह्न लगावें :
(1) संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2005-15 की अवधि को ‘जीवन के लिए जल’ पर कार्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय दशक’ के रूप में घोषित किया है ।
(2) हैजा और टायफाइड वायरस के कारण होने वाले रोग हैं ।
(3) जलजनित रोगों के प्रमुख कारण दूषित जल है ।
(4) बायोगैस संयंत्र मानव मल निबटान की वैकल्पिक व्यवस्था है ।
(5) कचरा प्रबंधन हेतु प्रत्येक व्यक्ति को एक जागरूक नागरिक की भूमिका निभानी चाहिए ।
उत्तर—(1), (3), (4), (5) सही हैं। केवल (2) गलत है ।
- निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए :
प्रश्न 1. अपशिष्ट जल से आप क्या समझते हैं?
उत्तर—वाहित मल, घर, स्कूल, होटल, अस्पताल से उपयोग के बाद बहने वाला जल अपशिष्ट जल कहलाता है ।
प्रश्न 2. वाहित मल क्या है? उसमें कौन-कौन-सी अशुद्धियाँ होती हैं?
उत्तर—वाहित मल एक जटिल मिश्रण होता है ।
इसमें निम्नलिखित अशुद्धियाँ होती हैं:
(i) कार्बनिक अशुद्धियाँ – मानव मल-मूत्र, जैविक अपशिष्ट, तेल, फल और सब्जी का कचरा ।
(ii) अकार्बनिक अशुद्धियाँ – नाइट्रेट, फॉस्फेट, धातुएँ आदि ।
(iii) जीवाणु – हैजा और टायफाइड आदि रोग उत्पन्न करने वाले जीवाणु ।
(iv) अन्य सूक्ष्म जीव – पेचिश और पीलिया आदि रोग उत्पन्न करने वाले जलजनित सूक्ष्मजीव ।
प्रश्न 3. जलजनित बीमारी क्या हैं? इनसे होनेवाली किन्हीं तीन बीमारियों के नाम एवं उनके लक्षण बताइए ।
उत्तर—दूषित जल के उपयोग से होने वाली बीमारियाँ जलजनित बीमारियाँ कहलाती हैं । दूषित जल से होने वाली तीन बीमारियाँ और उनके लक्षण निम्नांकित हैं :
(i) पेचिश – पेचिश का लक्षण है कि पेट में मरोड़ के साथ बार-बार दस्त होता है ।
(ii) हैजा – हैजा का लक्षण है कि बार-बार कै और दस्त होता है ।
(iii) पीलिया – पीलिया का लक्षण है कि आँखें पीली पड़ जाती है। पेशाब का रंग भी पीला हो जाता है। हाथ के नाखून भी पीले दिखाई देने लगते हैं ।
प्रश्न 4. बायोगैस क्या है? इसका क्या लाभ है?
उत्तर—–मानव मल या पशुओं के गोबर को टंकीनुमा एक संयंत्र में एकत्र करने पर उनसे एक गैस का निर्माण होने लगता है, जिसे ‘बायोगैस’ कहते हैं ।
बायोगैस का लाभ है कि इस गैस का उपयोग ऊर्जा प्राप्ति के लिये किया जाता इस गैस का प्रकाश तथा रसोई गैस के रूप में भी है । उपयोग किया जाता है । अतः, इससे किरासन तेल तथा जलावन की लकड़ी की बचत हो जाती है । यह ध्यान रखना है कि इस गैस से प्रकाश प्राप्त करने के लिए मेंटल का उपयोग होता है, बल्ब का नहीं ।
प्रश्न 5. एक जागरूक नागरिक के रूप में हम कचरा एवं गंदे जल के प्रबंधन में क्या योगदान दे सकते हैं?
उत्तर—एक जागरूक नागरिक के रूप में हम क़चरा और गंदे जल के निपटान की व्यवस्था करेंगे । यदि नगरपालिका या ग्राम पंचायत द्वारा उनके प्रबंधन की व्यवस्था हो रही है तो हम उसमें अपनी सक्रिय भूमिका निभायेंगे। कचरा को इधर-उधर नहीं फैलने देंगे । नाली को जाम होने से रोकेंगे । अपने घर और मुहल्ले की सफाई पर तो हम ध्यान देंगे ही औरों से भी निवेदन करेंगे कि वे भी वैसा ही करें । सार्वजनिक स्थानों की सफाई पर विशेष जोर देंगे । अपने मुहल्ले के लोगों को प्लास्टिक की थैलियाँ उपयोग करने से रोकने का प्रयास करेंगे। कूड़े को कूड़ेदान में ही डालेंगे और डालने को कहेंगे ।
कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. स्वच्छता और रोग के बीच संबंध को समझाइए |
उत्तर— सरकार ने स्वच्छता के कुछ निश्चित मानक निर्धारित किए हैं; लेकिन दुर्भाग्य से इनको सख्ती से लागू नहीं किया जाता । हम सभी सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता बनाए रखने में योगदान कर सकते हैं स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ पर्यावरण का होना अत्यंत आवश्यक है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुद्ध जल, शुद्ध वायु, संतुलित और पौष्टिक आहार जरूरी है । ये सब हमें तभी मिल सकते हैं जब हम अपना पर्यावरण स्वच्छ रखें ।
आज हमारा पर्यावरण इतना दूषित हो चुका है कि हम इसके कारण तरह-तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण है अपशिष्ट पदार्थों की अधिकता । खुले में शौच करने से दुर्गंध फैलने के साथ-साथ बीमारियाँ जैसे पीलिया, हैजा, डायरिया फैलने की आशंका भी बनी रहती है । कूड़े-करकट के रूप में फेंके गए प्लास्टिक एवं पॉलिथीन आदि सड़ते नहीं और भूमि के अंदर लंबे समय तक इनके पड़े रहने से जल, वायु और भूमि तीनों दूषित होते रहते हैं ।
प्रश्न 2. जल को रोगाणुनाशित ( रोगाणुमुक्त) करने के लिए उपयोग किए जानेवाले दो रसायनों के नाम बताइए ।
उत्तर— (i) क्लोरीन तथा (ii) ब्लीचिंग पाउडर ।
प्रश्न 3. अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र में शलाका छन्नों के कार्यों को समझाइए |
उत्तर— (i) शलाका छन्नों (बार स्क्रीन) का प्रमुख कार्य है कि इनसे होकर अपशिष्ट जल को गुजारा जाता है। (ii) जल में उपस्थित कपड़ों के टुकड़े, डंडियाँ, डिब्बे, प्लास्टिक के पैकेट, नैपकिन आदि जैसे बड़े साइज के संदूषक आसानी से अलग हो जाते हैं । ऐसे संदूषक पदार्थों को एकत्रित करने के पश्चात उनका समुचित निस्तारण एवं निपटान कर दिया जाता है ।
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