कक्षा 7 संस्‍कृत पाठ 4 स्वतन्त्रता-दिवसः (लोट् तथा लृट्लकार) का अर्थ | Swatantrta diwas class 7 sanskrit

इस पोस्‍ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 7 संस्‍कृत के पाठ 4 ‘स्वतन्त्रता-दिवसः (लोट् तथा लृट्लकार)(Swatantrta diwas class 7 sanskrit)’ के अर्थ को पढ़ेंगे।

Swatantrta diwas class 7 sanskrit

चतुर्थः पाठः
स्वतन्त्रता-दिवसः
(लोट् तथा लृट्लकार )

पाठ-परिचय — प्रस्तुत पाठ ‘स्वतंत्रता-दिवस:’ में स्वतंत्रता के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया है। 15 अगस्त, 1947 ई. को हमें अंग्रेजों की दासता से मुक्ति मिली थी। दासता की इस मुक्ति के लिए हमें महान् कुर्बानियाँ करनी पड़ी थी । इसीलिए जब स्वतंत्रता मिली तो हमने इस दिन को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया उसी दिन से हमारे देश के लोग 15 अगस्त’ को राष्ट्रीय पर्व के रूप में पूर्ण उत्साह से मनाते हैं तथा स्वातंत्र्य संग्राम में शहीद होने वालों के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं ।

कुन्तल: :       मित्र ! त्वम् इदानीमपि न प्रस्तुतः ? कदा विद्यालयं चलिष्यसि ?
रहीम    :        ननु, शीघ्रम् आगच्छामि । आवां सहैव विद्यालयं गमिष्यावः ।
कुन्तल: :       चल, चल शीघ्रम् । विद्यालये स्वतन्त्रतादिवसस्य भव्यः समारोहः अस्ति । तत्र ध्वजस्य उत्तोलनाय मन्त्री   आगमिष्यति ।
                    (उभौ गच्छत:)
रहीम   :         पश्य, पश्य कुन्तल ! अयं जोसफः आगच्छति । स विद्यालयं गन्तुं धावति । (जोसफ प्रति) मा मा मित्र माधाव । वयं सहैव चलिष्यामः ।
                     (सर्वे विद्यालयं प्राप्ताः)
शीला :          स्वागतं, स्वागतम् । आगच्छत । ध्वजस्य उत्तोलनस्थले सर्वे आचार्याः प्रधानाचार्यश्च वर्तन्ते । मन्त्री महोदयः अपि शीघ्रमागमिष्यति । चलत । स्व-                           स्थाने अवस्थिताः भवत । ( मन्त्री ध्वजोत्तोलनं करोति ततः स्वतन्त्रतादिवसस्य महत्त्वं बोधयति । )
मन्त्री :           अस्य विद्यालयस्य मान्याः प्रधानाचार्याः, अन्ये प्रतिष्ठिताः आचार्याः प्रियाः छात्राः ! नूनं स्वतन्त्रतादिवसस्य शुभः अवसरः प्रतिवर्षम् आयाति, अस्माकं देशस्य पूर्वपुरुषाणां बलिदानं बोधयति ।
अर्थ :  कुन्तल : मित्र ! तुम अभी तक तैयार नहीं हुए हो ? कब विद्यालय चलोगे ?
रहीम : ठीक है, जल्द आता हूँ । हम दोनों एक साथ ही विद्यालय चलेंगे।
कुन्तल : चलो, जल्दी चलो। विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस का भव्य समारोह है
वहाँ झंडा फहराने के लिए मंत्रीजी आएँगे। (दोनों जाते हैं)
रहीम : देखो, देखो कुन्तल । यह जोसफ आता है। वह विद्यालय पहुँचने के लिए दौड़ता है । ( जोसफ की ओर ) नहीं, मित्र नहीं । मत दौड़ो | हम लोग एक साथ ही चलेंगे। (सभी विद्यालय पहुँचते हैं)
शीला: स्वागत है, स्वागत है। आओ। झंडा फहराने के स्थान पर सारे शिक्षक तथा प्रधानाध्यापक हैं। मंत्री महोदय भी जल्दी ही आएँगे। चलो, अपने- अपने स्थान पर खड़े हो जाएँ। (मंत्री झंडा फहराते हैं और उसके बाद स्वतंत्रतादिवस के महत्त्व पर प्रकाश डालते हैं ।)
मंत्री : इस विद्यालय के माननीय प्रधानाध्यापक तथा अन्य प्रतिष्ठित शिक्षकगण एवं प्रिय छात्रों ! निश्चित रूप से स्वतंत्रता दिवस का यह पर्व हर वर्ष मनाया जाता है, जो पूर्वजों के त्याग को याद करा देता है ।

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अस्माकं देशस्य एकैकः जनः अद्य प्रमुदितः । अधुना वयं सर्वथा स्वतन्त्राः । किन्तु संयमः अस्माकं धनं वर्तते । शास्त्राणि कथयन्ति “ आत्मनः प्रतिकूलानि परेषां न समाचरेत् ।”
अतः तदेव कार्यं करणीयं येन सर्वे जनाः प्रमुदिताः भवन्तु न कस्यापि कुत्रापि कष्टं भवेत् । अत्र जीवनस्य समरसता अपेक्षिता । सर्वे समानाः सन्ति । न कुत्रापि विषमता भवेत् । धर्मः, जाति:, वर्ग:, प्रान्तः, वेश-भूषा, आहारः कामं पृथक् भवेत् किन्तु सर्वे अस्यैव देशस्य स्वतन्त्राः नागरिकाः । कथमपि विषमः व्यवहारः न करणीयः । तदैव स्वतन्त्रतायाः वास्तविकं महत्त्वं भविष्यति ।
अतः जयतु भारतम्, जयन्तु भारतीयाः ।
(इति कथयित्वा मन्त्री महोदयः नमस्कारं करोति । मधुरान्नं गृहीत्वा सर्वे गृहं गच्छन्ति ।)
अर्थ – हमारे देश का हर कोई आज अति प्रसन्न है । इस समय हम पूर्ण स्वतन्त्र हैं । लेकिन संयम ही हमारा धन है। ग्रंथों में बताया गया है—अपने आचरण के प्रतिकूल (विपरीत) दूसरों के साथ व्यवहार नहीं करना चाहिए ।
इसलिए वैसा ही कार्य करना चाहिए, जिससे सबका मन खुश हो और किसी को किसी प्रकार का कष्ट न पहुँचे । अर्थात् हमारे व्यवहार से किसी को कष्ट न हो । हर व्यक्ति के प्रति समानता का भाव हो । सभी मानव एक समान हैं। किसी के साथ असमानता का भाव न हो । धर्म, जाति, वर्ग, प्रान्त, पहनावा, खान-पान तथा कार्य में भिन्नता संभव है, लेकिन सभी एक ही देश के वासी (नागरिक) हैं, इसलिए असमान व्यवहार करना उचित नहीं है । ऐसा विचार ( समानता का विचार) रखने पर ही स्वतंत्रता का सही मूल्य साबित होगा ।
भारत की जय हो, भारतीयों की जय हो। (ऐसा कहकर मंत्री महोदय सबको नमस्कार करते हैं । और सभी मिठाई लेकर घर चले जाते हैं ।)

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