2. ALLERGY (अलर्जी)
Dr. Rana S.P. Singh
One morning Prem Shankar woke up with an itching sensation of pain all over his body. He could not understand what was the problem with him. He went to a clinic. The doctor examined him and assured him that he would be O.K. in a few days. “It’s just an instance of allergy’, he observed. Prem wanted to know what allergy is. So, the Doctor explained:
Allergy, you can say, is a malfunction of the human immune system causing a violent reaction against normally harmless substances in our natural environment. (You may call such substances “allergens”). The reaction creates an inflammation which, in turn, can lead to a variety of symptoms such as hay fever, eczema, ästhma and other conditions popularly referred to as allergies.
There are genetic and environment risk factors. To develop allergic symptoms, one must first be exposed to the specific, allergens for some time to build up the allergic sensitivity, and then once more to trigger the allergic reaction. Environmental factors, such as smoking and pollution, will also add to the risk.
Initially, allergy often appears as seemingly benign condition, such as hay fever during the pollen season. In fact, many people gradually build up on allergic condition over many years before experiencing, any symptoms whatsoever. However, for some unfortunate people, a certain food or drug or an ordinary insect bite can result in sudden, life-threatening anaphylactic shock. Furthermore, of those allergies which start as eczema or gastrointestinal problems, many evolve into asthma, frequently involving respiratory symptoms such as hyper-reactivity and obstruction of the airways. This direct path of development is widely referred to as “the allergy march”.
हिन्दी वाक्यार्थ-एक दिन प्रेमशंकर सुबह में उठा तो उसके पूरे शरीर में दर्द के साथ खुजली होने लगी। वह समझ नहीं सका कि उसको क्या दिक्कत है। वह एक क्लीनिक में गया। डॉक्टर ने उसकी जाँच की और उसे आश्वस्त किया कि वह कुछ दिनों में ठीक हो जायेगा। ‘यह सिर्फ एलर्जी का कारण है। प्रेम जानना चाहता था कि एलर्जी है क्या । इसलिए डॉक्टर ने विस्तार से बताया।
एलर्जी को आप कह सकते हैं कि, यह मानवीय असंक्रम्य संरचना में प्रतिकूल कार्य है जो हमारे प्राकृतिक वातावरण में सामान्य अहानिकर तत्वों के खिलाफ तीव्रता से प्रतिक्रिया करता है (ऐसे तत्व को आप एलर्जी पैदा करनेवाला’ कह सकते हैं)। प्रतिक्रिया द्वारा सूजन पैदा करता है जो बदलकर अनेक रोग के लक्षण जैसे सूखा बुखार, एक्जीमा
और दमा और दूसरी स्थितियों में बदल जाते हैं। ये सामान्यतः एलर्जी की ओर संकेत करते हैं।
एलर्जी वंशानुगत और वातावरण की विषाक्तता के कारण होता है। एलर्जी के लक्षण को बढ़ावा देने के लिए व्यक्ति प्रथमतया विशिष्ट एलर्जी के तत्त्वों को कुछ समय के लिए सामान्यतया पनपने के लिए खुला छोड़ देता है और तब वह व्यक्ति एलर्जी की प्रतिक्रियाओं से ग्रसित हो जाता है । वातावरण में धूम्रपान और प्रदूषण एलर्जी को बढ़ावा देते हैं।
आरम्भ में, एलर्जी अनेक बार दिखावे से आरंभिक अवस्था में शुरू होता है जैसे कि सूखा बुखार धूल भरे मौसम । सचमुच, बहुत सारे लोग अनुभव के बहुत वर्षों पूर्व
ही एलर्जी के तत्वों को धीरे-धीरे बढ़ावा देते हैं, कोई लक्षण, किसी भी प्रकार, इस – प्रकार कुछ दुर्भाग्यशाली व्यक्ति को कोई निश्चित भोजन या दवा या कोई साधारण
कीड़ा के काटने से भी अचानक एलर्जी के लक्षण दिखने लगते हैं और जीवन में गहरा आघात दिखने लगता है। इसके अलावा, वे सब एलर्जी जो एग्जीमा या आमाशयी कठिनाइयों के कारण शुरू होते हैं, बहुत-सा दमा के रूप में दिखने लगते हैं। अक्सरहाँ श्वसन क्रिया से जुड़े लक्षण जैसे अत्यंत प्रतिक्रिया क्षमता और वायुमार्ग में बाधा एलर्जी के लक्षण हैं। प्रगति का यह सीधा रास्ता वृहत रूप में “एलर्जी मार्च’ का संकेत देते हैं।
Our basic understanding of allergy has evolved from the discovery in 1967 of a previously unknown antibody, Immunoglobulin E or “IgE”, by scientists in Uppsala and Baltimore. The most significant property of IgE antibodies is that they can be specific for hundreds of different allergens. Continued research has significantly advanced our knowledge regarding, for example, the interaction between IgE and inflammatory cells.
For effective asthma medication, one needs to look beyond the obvious symptoms. Anti-histamines, for example, may provide temporary relief by masking the symptoms, but have virtually no effect on the underlying inflammation. Other pharmaceuticals, known to be effective for seasonal allergy, must be administered weeks before exposure. The clinical use of inhaled steroids is currently gaining ground due to their anti-inflammatory effects, although overtreatment may have serious side effects. To ensure the lowest effective dosage throughout the treatment, the laboratory can periodically monitor the occurence in serum of ECP released from inflammatory cells. Eosinophilic Cationic Protein is a protein generated in certain white blood cells actively engaged in the immune defense system. Using a diagnostic test, developed by Phadia, ECP can be detected in body fluids.
Treatment of Allergies
There are three general approaches to the treatment of allergic diseases such as allergic rhintis: avoidance of the allergen, medication to relieve symptoms and allergy shots.
Suggestions to aovia allergen
Wear a pollen mask when moving the grass or housecleaning.
Stay indoors in the morning (when the pollen count is at its highest)
and on windy days.
Read and understand food labels (for people with food allergy).
Keep windows and doors closed during heavy pollination seasons.
Rid the home of indoor plants and other sources of mildew.
Don’t allow dander-producing animals in the house.
Change feather pillows, woollen blankets and clothing to cotton or synthetic materials.
Enclose mattress, box springs and pillows in plastic barrier cloth.
Wash sheets, mattress pad and blankets weekly in hot water (at least 130 F).
Remove carpets and upholstered furniture (drastic measure).
Use acaricide (a chemical that kills house-dust mites) or a tannic
acid solution (solution that neutralises the allergen in mite droppings).
Some measures for those who can afford :
Use the air conditioner in the house and car.
Use air filters.
Use a dehumidifier.
हिन्दी वाक्यार्थ—एलर्जी के संबंध में हमारी मूल जानकारी 1967 की खोज से प्रकट हुई, जिसमें पूर्व के अनभिज्ञ शरीर की क्षति पहुँचानेवाले तत्वों की जानकारी मिली, उपसला और वेल्टिमोर के वैज्ञानिकों ने इमूनोग्लोवलिन E या IgE की खोज की, IgE की महत्त्वपूर्ण गुण यह है कि ये सैकड़ों एलर्जी पैदा करनेवाले तत्वों के लिए कारगर है। लगातार खोजें हमारी महत्त्वपूर्ण जानकारियों को आगे बढ़ा रही है, उदाहरण के लिए IgE और जोशीले कोशिकाओं के बीच की क्रियाएँ ।
दमा के कारगर इलाज के लिए, व्यक्ति को स्पष्ट लक्षणों को बाद तक देखने की आवश्यकता होती है । Anti-histamine = उदाहरण के लिए, लक्षणों पर पर्दा डालकरकुछ देर के लिए आराम पहुँचा सकते हैं। लेकिन दरअसल वह उक्त सूजन पर कोई प्रभाव नहीं डालता है। अन्य औषधियाँ, मौसमी एलर्जी के एक सप्ताह पूर्व ही उपयोग में लाना होगा। क्लिनिकों में श्वसन के लिए उपयोग में लाए जाने वाले उपकरण वर्तमान में अपने जोशीली क्रियाओं के विरुद्ध प्रभाव के कारण प्रभावी हो रहे हैं, हालाँकि अत्यधिक उपचार अन्य घातक बीमारियों को जन्म देती हैं। पूरे इलाज में असरदार खुराक के लिए, जो कम से कम दिय जाए, इसके लिए समय-सम पर ECP लस (पीब) जो उत्तेजक कोशिका से निकलता है, की जाँच करते रहा जा सकता है। इयोसिमोफिलिक कैसोनिक प्रोटीन एक प्रकार का प्रोटीन है जो श्वेतरक्त कोशिका के द्वारा पानी निकलता है, मुक्त सुरक्षा प्रणाली द्वारा काम में लिया जाता है डायगोस्टिक जाँच जो फाडिया द्वारा खोज की गई है, के प्रयोग से ECP शरीर में द्रव प्रवाह की जाँच कर सकता है।
एलर्जी के इलाज:
एलर्जी के इलाज के सामान्यतया तीन तरीके हैं जैसे कि, एलर्जी पैदा करने वाले । तत्वों का वहिष्कार, एलर्जी से राहत के लिए इलाज।
एलर्जी तत्वों को परित्याग के तरीके :
घास या घर की सफाई करते समय चेहरा ढक लेना चाहिए। ।
सुबह में घर में रहना चाहिए (जब धूलकण चरम पर हों) या हवा तेज चल रही हो। ।
खान-पान के बारे में जानकारी रखकर (खान पान के एलर्जी वालों के लिए)
आँधी या तूफान के समय खिड़की और दरवाजे बंद कर रखना चाहिए। ।
घर के अंदर के पौधों तथा अन्य अवांछित चीजों को घर से हटा देनाचाहिए।
खतरा पैदा करने वाले जानवरों को घर में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए।
तकिया के खोल, ऊनी कंबल और कपड़ों को बखूबी या सिंथेटिक कपड़ों सेसमय-समय पर बदल कर रखना चाहिए ।
पुस्तकों, समाचारपत्रिकाओं, बक्से की वस्तुओं और तकियों को प्लास्टिक सेढककर रखना चाहिए।
चादर, गदा, तोशक और कम्बल को सप्ताह में 130°F तापक्रम के गर्म पानीमें धोना चाहिए।
दरी, गलीचे और अनुपयोगी फर्निचरों को हटा देना चाहिए। ।
घर में कीड़े-मकोड़ों को मारने वाला रासायनिक एकारिसाइड या टारनिक अम्ल
घोल का उपयोग करना चाहिए।
जो खर्च कर सकते हैं उनके लिए कुछ सलाह :
घर और कार में एयरकंडिशन का उपयोग करें।
प्रदूषण रहित हवा वाली मशीन का उपयोग करें। 0
देहुमिडि फिल्टर का उपयोग करें।