Class 6th Hindi Text Book Solutions
16. स्वार्थी दानव (ऑस्कर वाइल्ड)
पाठ का सारांश-ऑस्कर वाइल्ड द्वारा लिखित कहानी ‘स्वार्थी दानव‘ में एक दानव के हृदय-परिवर्तन की कहानी वर्णित है।
स्कूल से वापस आने पर बच्चे एक बाग में खेला करते थे। वह बाग अति विशाल एवं विभिन्न प्रकार के फूलों तथा फलों के वृक्षों से भरा था। वसंत के समय फूलों तथा पक्षियों के मधूर संगीत के कारण बगीचा अति रमणीय हो जाता था। लेकिन यह बाग एक दानव का था। जब दानव कई वर्षों के बाद लौटा और बच्चों को खेलते देखा तो उसने बाग के चारों तरफ ऊँची दीवार खड़ी कर दी और एक सूचना पट्टा लटका दिया-‘अनधिकार प्रवेश दण्डनीय है।‘
अब बच्चों को खेलने का जगह नहीं थी। सड़क धूल एवं कंकड़ों से भरी थी। बच्चे दीवार के चारों ओर घूमते और सुन्दर बाग की चर्चा करते। बसंत आया सब ओर फूल खिल गए। चिड़ीयों के गीत सुनाई पड़ने लगे, किंतु दानव के बाग में बर्फ के सफेद चादर बिछी थी। दानव चिन्तित था कि मेरे बाग में वसंत क्यों नहीं आया ? इसी बिच लड़के दीवार के छेद से बाग में घुस गया। पेड़ो के डालियांे पर बैठ गये। बच्चों के आते ही बाग में फूल खिल गए। चिड़िया चहचहाने लगीं। चिड़ियों के गीत सुनकर दानव अपने बिछावन से उठा और बाग की ओर दौड़ पड़ा।
पेड़ बच्चों को पाकर अति प्रसन्न थे, क्योंकि हर पेड़ पर बच्चे बैठते थे। लेकिन बाग के एक कोने में अभी भी पड़ा था। वहाँ एक छोटा बच्चा खड़ा रो रहा था, क्योंकि वह इतना छोटा था कि पेड़ की टहनियों को छू नहीं पा रहा था। बच्चे को रोता देखकर दानव का दिल पसीज गया। उसे यह बात समझ में आ गई कि किस कारण वसंत उसके बाग में नहीं आया ?
दानव नीचा उतरा और दरवाजा खोलकर बाग के अन्दर गया। दानव को आते देखकर सभी बच्चे भाग खड़े हुए। लेकिन छोटा बच्चा वही खड़ा रहा। बच्चा अपनी दोनों बाँहें फैलाकर दानव के गले से लिपट गया और उसे चूम लिया। उसने उस बच्चे को पेड़ पर बैठा दिया। जब दूसरे बच्चों ने देखा तो वे भी वापस आ गए। दानव ने दीवल तोड़ दी। अब बच्चे दिन भर उसमें खेलने लगे। शाम को जाते समय दानव को गुडबाई कहते। लेकिन उस छोटे बच्चे को, जिसे उसने पेड़ पर बैठाया था न देखकर उदास हो गया।
दानव सभी बच्चे को प्यार करता था। उनके साथ खेलता था, लेकिन उस छोटे बच्चे के लिए बेचैन रहता था। जब दानव बूढ़ा तथा कमजोर हो गया तो वह आराम कुर्सी पर बैठकर खेलते बच्चों को देखा करता और अपने बाग की प्रशंसा करता एक दिन जाड़े के शाम को बाग के सबसे अन्तिम कोने में एक पेड़ सुन्दर कलियों से लदा दिखाई पड़ा। उसके नीचे वही छोटा बच्चा खड़ा था जिसे वह बहुत प्यार करता था। आनन्द से विव्हल दौड़ता हुआ उस बालक के पास गया। लेकिन बालक ही हथेलियों तथा पैरों पर दो-दो काँटी के निशान देखकर चिल्लाकर पुछा-‘बतहओं मुझें, ताकि मैं अपनी तलवार से उसे दो टूक कर दूँ।‘‘ बालक ने कहा-ये प्रेम के घाव हैं। दानव को एक विचित्र भय ने घेर लिया वह उस छोटे बालक के सामने घूटने के बल झुक गया। तब बालक ने उससे कहा-तुमने अपने बाग में खेलने दिया, इसलिए तुम भी मेरे स्वर्ग के बाग में खेलोगे।‘‘ दूसरे दिन जब बच्चे आए तो देखा की दानव पेड़ के नीचे कलियों से ढँका मरा पड़ा है।
अभ्यास के प्रश्न एवं उत्तर
पाठ से:
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(क) दानव के बाग में सतालू के कितने पेड़ थे ? (उत्तर-12 पेड़)
(ख) दानव अपने मित्र के पास कितने वर्षो तक रूका था ? (उत्तर-7 )
(ग) इस कहानी के लेखक कौन हैं ? (उत्तर-ऑस्कर वाइल्ड)
प्रश्न 2. स्वार्थी दानव ने बाग के चारों ओर ऊँची दीवार क्यों खड़ी कर दी ?
उत्तर- स्वार्थी दानव ने बाग के चारों ओर ऊँची दीवार इसलिए खड़ी कर दी ताकि कोई उसके बाग में न घूसे। दानव स्वार्थी था। उसके बाग में बच्चे खेला करते थे। उन बच्चों का खेलना उसे अच्छा नहीं लगा इसलिए ऊँची दीवर खड़ी कर दी।
प्रश्न 3. बाग के चारों ओर ऊँची दीवार खड़ी करने का क्या परिणाम हुआ ?
उत्तर- बाग के चारों ओर ऊँची दीवार खड़ी करने का परिणाम यह हुआ कि उस बाग में बसंत नहीं आया। सर्वत्र वसंत के आगमन से पेड़ों में फूल-फल लद गए। चिड़ियों के मधुर संगीत सुनाई पड़ने लगे किन्तु दानव के बाग में अभी भी जाड़ा था। बर्फ की उजली चादर बिछी हुई थी। न फूल खिले और न ही चिड़ियों के गीत सुनाई दिये।
प्रश्न 4. स्वार्थी दानव ने बाग में कौन-सा अद्भुत दृश्य देखा?
उत्तर- एक दिन स्वार्थी दानव ने देखा कि बाग के सबसे अन्तिम कोने में एक पेड़ सुन्दर उजली ककियों से लदा था। उसकी डालियाँ सुनहली थीं और उनमें चाँदी की तरह उजले फल लटक रहे थे। उसके नीचे वही छोटा बच्चा खाड़ा था जिसे वह बहुत प्यार करता था।
प्रश्न 5. छोटा लड़का घायल कैसे हो गया था ?
उत्तर- छोटा लड़का प्रेम रूपी अस्त्र से घायल हो गया था। दानव ने जब उसकी हथेलियों तथा पैरों पर दो-दो काँटी के निशान देखे तो उसने बालक से पूछा-किसने तुम्हें घायल किया है ? बालक ने उत्तर दिया-‘ये प्रेम के घाव हैं।
पाठ से आगे:
प्रश्न 1. (क) ‘लेकिन बच्चे सबसे सुन्दर फूल हैं। स्वार्थी दानव ने ऐसा क्यों सोचा?
स्वार्थी दानव ने ऐसा इसलिए सोचा, क्योंकि बच्चों को पाकर ही पेड़ में फूल-फल लगे और चिड़ियाँ मधुर संगीत से मन मोहने लगीं।
अर्थात् बच्चों के खेलने-कूदते देखकर वृक्ष खूश होते थे तथा फूल-फल धारण करते थे। बाग में बसंत का आगमन बच्चों के प्रवेश के कारण ही हुआ। इसलिए दानव ने बच्चे को सबसे सुन्दर फूल कहा।
(ख) ‘ये प्रेम के घाव हैं।‘ छोटे लड़के के कहने के क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- छोटे लड़के के कहने का अभिप्राय है कि प्रेम के गहरे निशान होते हैं। तुमने मुझे अपने बाग में खेलने दिया था तथा अपने हाथ से उठाकर पेड़ की डाली पर बैठाया था। उसी प्रेम के निशान मेरी हथेलियों तथा पैरों पर हैं।
प्रश्न 2. स्वार्थी दानव को कब महसुस हुआ कि उसने बहुत बड़ी गलती की है ?
उत्तर- दानव को अपनी गलती तब महसुस हुई जब छोटा बच्चा पेड़ पर चढ़ने के लिए रो रहा था। पेड़ बर्फ एवं तुषार से ढाँका था। उसके बाग में बसंत न आने का कारण बाग में बच्चों को न खेलना था। बच्चों के प्रवेश करते ही बाग में वसंत आ गया। बच्चों के कारण बाग में हुए परिवर्तन ने दानव के मन में परिवर्तन ला दिया और उसे अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी।
प्रश्न 3. ‘अनाधिकार प्रवेश करने वालों को सजा मिलेगी।‘ ऐसा वाक्य और कहाँ-कहाँ लिखा जाता है ?
उत्तर- सरकारी दफ्तर के परिसर के गेट पर, सेना की छावनी के प्रवेश द्वार पर।
प्रश्न 4. भारतवर्ष में कौन-कौन सी ऋतुएँ हैं। आपको सबसे अच्छी ऋतु कौन-सी लगती है? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर- भारतवर्ष में वसंत, ग्रष्म, वर्षा, शरद्, शिशिर, हेमन्त छः ऋतुएँ क्रम से आती हैं। इन ऋतुओं में वसंत का अपना महत्व है। इसे ऋतुओं का राजा कहा जाता है, क्योंकि इस समय न अधिक जाड़ा रहता है और न ही गर्मी। पेड़-पौधे फल-फूलों से लद जाते हैं। आम की मंजरियों पर भौंरे गुजारा करते हैं तो कोयल की कूक वातावरण में मिश्री घोल देती है। इसलिए यह ऋतु मुझे सबसे अच्छी लगती है।
प्रश्न 5. शीत ऋतु एवं वसं में प्रकृति के दृश्यों का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर- शीत ऋतु में कंकंपाती ठंड रहती है। तुषारापात के कारण प्रकृति के पेड़-पौधें पर बर्फ की परत जमीं रहती है। प्रकृति बूढ़ी-सी प्रतित होती है। पेड़ के पत्ते पीले हो जाते हैं। ठंड के कारण प्रकृति में उदासी छाई रहती है जबकि बसंत में प्रकृति अनुपम सौन्दर्य से सज-धज जाती है। समशीतोष्ण समय रहता है। सरोवरों में कमल के फूल खिल जाते हैं। पेड़-पौधों में नये-नये पत्ते उग आते हैं। वसंत ऋतु के आते ही प्रकृति में नवजीवन का संचार है।
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