प्रश्न 1. मान लीजिए आपके सामने दीवार पर एक फोटो टंगा है। आपका मित्र आपकी आँखों के सामने अपनी कॉपी ला देता है। क्या आप फोटो को देख पाएँगे ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर- हम किसी वस्तु को तभी देख पाते हैं जबकि उस वस्तु से आने वाली प्रकाश को किरण हामरी आँखों में प्रवेश करें। मित्र द्वारा आँख के सामने कॉपी ला देने के कारण दीवार पर टँगे फोटो से आनेवाला प्रकाश किरण मेरी आँखों में प्रवेश नहीं करेगा। फल होगा कि उस फोटो को हम नहीं देख पाएँगे।
प्रश्न 2. दिन के उजाले में आप अपने घर की खिड़की से जिन-जिन पेड़पौधों को देख पाते हैं, अंधेरी रात में उसी खिड़की से उन्हें क्यों नहीं देख पाते ?
उत्तर- दिन के उजाले में हम अपने घर की खिड़की से पेड़-पौधों को इस कारण देख पाते हैं क्योंकि उस समय पेड़-पौधों से परावर्तित किरणें हमारी आँखों में आती हैं, जिससे हम उन्हें देख पाते हैं। अंधेरी रात में परावर्तन की उपर्युक्त प्रक्रिया नहीं होगी, जिस कारण हम उस समय उन पेड़-पौधों को नहीं देख सकते।
प्रश्न 3. बहुमूर्तिदर्शी की रचना का वर्णन कीजिए ।
उत्तर- तीन दर्पणों को फेविकोल की सहायता से एक प्रिज्म के आकार में साट देते हैं। इस सटे हुए आकृति को मोटे गत्ते से बनी बेलनाकार डब्बे में इस प्रकार अंदर करेंगे कि डब्बा आकृति से थोड़ी लम्बी हो तथा आकृति डब्बे में बिलकुल फिट बैठता हो। डब्बे के एक सिरे को गत्ते की एक ऐसी डिस्क में बन्द करेंगे जिसके बीच में भीतर का दृश्य देखने के लिए एक छोटा छिद्र बना हो । छिद्र पर पारदर्शी प्लास्टिक चिपका देंगे। डब्बे के दूसरे सिरे पर समत काँच की वृत्ताकार प्लेट इस प्रकार लगाएँगे कि वह प्रिज्म की आकृति को छू सके। इस प्लेट पर रंगीन चूड़ियों के टुकड़े रख देंगे तथा इसे घिसे हुए काँच की प्लेट से बन्द कर देंगे। चूड़ियों के टुकड़ों को घूमने के लिए पर्याप्त जगह छोड़ देंगे। इस प्रकार ‘बहुमूर्तिदर्शी’ तैयार कर लेंगे।
प्रश्न 4. यदि परावर्तित किरण आपतित किरण से 90° का कोण बनाए तो आपतन कोण का मान कितना होगा?
उत्तर- हम जानते हैं कि आपतन कोण का मान सदैव परावर्तन कोण के मान के पर होता है। इसलिए यदि परावर्तित किरण आपतित किरण से 90° का कोण बनाए तो आपतन कोण का मान 90° होगा।
प्रश्न 7. आप अपनी आँखों की देखभाल कैसे करेंगे ?
उत्तर- हम अपनी आँखों की देखभाल निम्नलिखित प्रकार करेंगे :
(1) परामर्श के अनुसार उचित चश्मे का उपयोग करेंगे।
(ii) अत्यधिक तीव्र प्रकाश या कम प्रकाश में पढ़ने का प्रयास नहीं करेंगे।
(iii) सूर्य या किसी शक्तिशाली प्रकाश स्रोत को कभी भी खुली आँखों से नहीं देखेंगे। इसके लिए गाढ़ा काला चश्मा का व्यवहार करेंगे।
(iv) नेत्र में धूलकण या कीड़े पड़ने पर रगड़ेंगे नहीं, बल्कि स्वच्छ जल से धोयेगे या साफ कपड़ा से कीड़े को निकालेंगे।
(v) नेत्रों को वारंवार स्वच्छ जल से धोयेंगे ।
(vi) पढ़ाई के समय पुस्तक को सदैव सामान्य दूरी (25 cm) पर रखकर पढ़ेंगे।
(vii) पुस्तक को नेत्र के बहुत नजदीक या बहुत दूर ले जाकर पढ़ाई नहीं करेंगे।
प्रश्न 8. किसी गड्ढे के पास जाते हुए कोई दृष्टि निःशक्त व्यक्ति आपको दिखाई दे तब आप क्या करेंगे?
उत्तर- यदि किसी दृष्टि निःशक्त व्यक्ति को गड्ढे के पास जाते हुए हम देखेंगे तो बिना समय गवाँए उसकी ओर दौड़कर उसका हाथ पकड़ कर आगे जाने से रोक दंगे। पुनः हाथ पकड़े उस व्यक्ति को सही रास्ते में गड्ढे के पार पहुँचा देंगे। यदि वह व्यक्ति चाहेगा तो हम उसको उसके गन्तव्य तक पहुँचा देंगे।
परियोजना कार्य : छात्र स्वयं करें
1. आप अपने पास-पड़ोस का सर्वेक्षण कर पता कीजिए कि 15 वर्ष से कम आयु कितने बच्चे चश्मा लगाते हैं। उनके माता-पिता से पता लगाइए कि उनके बच्चे की दृष्टि क्षीण होने का क्या कारण है? 2. अपने गाँव या मुहल्ले के वैसे व्यक्ति से मिलिए जिन्हें बिल्कुल दिखाई नहीं पड़ता, फिर भी वे पढ़े-लिखे हैं। उनसे पूछिए कि वस्तुओं तथा मुद्रा के विभिन्न नाटा को वे कैसे पहचानते हैं ? 3. ब्रेल लिपि में लिखा कागज कहीं से उपलब्ध हो सके तो उसे छूकर देखिए तथा उसे छूकर कैसे पढ़ा जाता है यह जानने का प्रयास कीजिए। 4. तितली, केकड़ा, उल्लू, चील, गरुड़ आदि की आँखों का अवलोकन याद । हो सके तो कीजिए तथाउनमें अंतर पता कीजिए। |
कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न 1. ज्ञानेन्द्रियाँ क्या हैं?
उत्तर- आँख, नाक, कान, जिला तथा त्वचा हमारी ज्ञानेन्द्रिया है ” से हम संसार को जानते हैं।
प्रश्न 2. वस्तुओं का दृश्य कौन बनाता है?
उत्तर- वस्तुओं का दृश्य प्रकाश बनाता है।निन्द्रियाँ हैं जिनकी सहायता ।
प्रश्न 3. विभिन्न वस्तुओं को हम कैसे देख पाते हैं?
उत्तर– विभिन्न वस्तुओं को हम उन वस्तुओं से उत्सर्जित या परावर्तित होकर आनेवाले प्रकश से देख पाते हैं।
प्रश्न 4. आपतित किरण किसे कहते हैं? ।
उत्तर–किसी पृष्ठ पर पड़नेवाली प्रकाश-किरण को आपतित किरण कहते हैं।
प्रश्न 5. परावर्तित किरणे किसे कहते हैं?
उत्तर– पृष्ठ से परावर्तन के पश्चात् वापस आनेवाली प्रकाश किरणों को परावर्तित किरण कहते हैं।
प्रश्न 6. अभिलम्ब किसे कहते हैं?
उत्तर- दर्पण के जिस बिन्दु पर आपतित किरण टकराती है, उस पर दर्पण से 90° का कोण बनाने वाली रेखा को अभिलम्ब कहते हैं।
प्रश्न 7. पार्श्व परावर्तन किसे कहते हैं?
उत्तर– दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब में वस्तु का बायाँ भाग दाईं ओर तथा दायाँ भाग बायीं ओर दिखाई पड़ता है। इस परिघटना को पार्श्व-परावर्तन कहते हैं।
प्रश्न 8. विसरित परावर्तन किसे कहते हैं?
उत्तर- जब सभी समान्तर किरणें किसी समतल पृष्ठ से परावर्तित होने के पश्चात् समान्तर नहीं होतीं, तो ऐसे परावर्तन को विसरित परावर्तन कहते हैं।
प्रश्न 9. क्या हम सभी वस्तुओं को परावर्तित प्रकाश के कारण ही देखते हैं?
उत्तर– हाँ, हम सभी वस्तुओं को परावर्तित प्रकाश के कारण ही देख पाते हैं।
प्रश्न 10. क्या आप बता सकते हैं कि अपने सिर के पीछे के बालों को आप कैसे देख पाते हैं?
उत्तर-हम अपने सिर के पीछे के बालों को परावर्तित प्रकाश के पुनः परावर्तित होने के कारण देख पाते हैं।
प्रश्न 11. सूर्य का प्रकाश श्वेत है या रंगीन है? यदि रंगीन है तो उसमें कितने रंग हैं?
उत्तर–सूर्य का प्रकाश श्वेत नहीं, रंगीन है, उसमें सात रंग होते हैं।
प्रश्न 12. प्रदीप्त पिण्ड किसे कहते हैं?
उत्तर- जो पिण्ड दूसरी वस्तुओं के प्रकाश से चमकते हैं इन्हें प्रदीप्त पिण्ड कहते है। जैसे—चन्द्रमा, शुक्र आदि ।
प्रश्न 13. दीप्त पिण्ड किसे कहते हैं ?
उत्तर- जो पिण्ड स्वयं प्रकाश उत्सर्जित करते हैं दीप्त पिण्ड कहलाते है। जस—सूर्य, धुवतारा, मोमबत्ती आदि ।
प्रश्न 14. अंध-बिन्दु किसे कहते हैं? ..
उत्तर- दक तंत्रिकाओं तथा रेटिना की संधि पर कोई तंत्रिका कोश इस बिन्दु को अंध-बिन्दु कहते हैं।
प्रश्न 15. परिदर्शियों का उपयोग कहाँ-कहाँ होता है?
उत्तर- परिदर्शियों का उपयोग पनडुब्बियों, टैंकों तथा बंकरों में छिपे और बाहर की वस्तुओं को देखने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 16. कैलाइडोस्कोप कहाँ-कहाँ उपयोग में लाया जाता है?
उत्तर- कैलाइडोस्कोप से देखने पर बार-बार अलग-अलग पैटर्न दिखाई देते। अर्थात् कभी भी एक पैटर्न दोबारा दिखाई नहीं देता। इसका प्रयोग दीवारों को सजा वाले कागजों तथा वस्त्रों के डिजाइन बनानेवाले तथा कलाकार नए-नए पैटर्न की कल्पना करने के लिए करते हैं।
प्रश्न 17. प्रकाश का विक्षेपण किसे कहते हैं?
उत्तर– प्रकाश के अपने रंगों में विभाजित होने की घटना को प्रकाश का विक्षेपण कहते हैं।
प्रश्न 18. चाक्षुषविकृत युक्त व्यक्तियों के लिए कौन-सी पद्धति विकसित की गई है?
उत्तर- चाक्षुषविकृत युक्त व्यक्तियों के लिए बैल पद्धति विकसित की गई है जिसकी खोज एक चाक्षुषविकृत व्यक्ति लुई ब्रैल ने 1821 में प्रकाशित किया था।
प्रश्न 19. बैल पद्धति क्या है?
उत्तर- बैल पद्धति में बिन्दुकित पैटर्न अथवा छाप रहते हैं। प्रत्येक छाप एक अच अक्षरों के समुच्चय, सामान्य शब्द अथवा व्याकरणिक चिह्न को प्रदशित कर बिन्दुओं को उर्ध्वाधर पंक्तियों के दो कालमों में व्यवस्थित किया गया है। प्रत्येक पंक्ति में तीन बिन्दु होते हैं।