Class 9th Science Text Book Solutions
प्रश्न 1. जीवों के वर्गीकरण से क्या लाभ है ?
उत्तर- जीवों के वर्गीकरण से निम्नांकित लाभ हैं :
(क) भिन्न-भिन्न प्रकार के जन्तुओं का अध्ययन सुगम बनता है।
(ख) सभी प्रकार के जीवों को एक बार में ही जान लेते हैं।
(ग) सभी जीवों के बीच आपसी सम्बंध का पता चलता है।
(घ) यह अन्य जैविक विज्ञान के विकास में मदद करता है।
प्रश्न 2. वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण के लिए दो लक्षणों में से आप किस लक्षण का चयन करेंगे ?
उत्तर– वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण हेतु दिए दो लक्षणों में से हम पहले लक्षण का चयन ‘करेगे। कारण कि पहला लक्षण ऐसे गुणों पर आश्रित होते हैं जो आगे आने वाली वेराइटी को निर्धारित करते हैं।
प्रश्न 3. जीवों के पाँच जगत में वर्गीकरण के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- जीवों के पाँच जगत हैं : (i) मोनेरा, (ii) प्रोटिस्टा, (iii) फँजाई, (iv) प्लांटी तथा (v) एनिमेलिया इनकी व्याख्या निम्नांकित है :
(i) मोनेरा- मोनेरो वर्ग के जीव न तो संगठित होते हैं और न इनमें कोशिकांग होता है। ये बहुकोशिक भी नहीं होते। इनमें से कुछ जीव में कोशिकाभित्ति रहती है और कुछ में नहीं रहती। ये स्वपोषी और विषमपोषी दोनों होते हैं। उदाहरण हैं: (a) सायनोवैक्टीरिया तथा (b) माइकोप्लाज्जा।
(ii) प्रोटिस्टा-प्रोटिस्टा एककोशिक जीव होते हैं । गमन के लिए इनमें सिलिया विकसित रहती है। ये स्वयंपोपी भी होते हैं और विषमपोषी भी। उदाहरणार्थ: (a) डाइएटम तथा (b) प्रोटोजोआ प्रोटिस्टा वर्ग के जीव है।
(iii) फँजाई- फँजाई विषमपोषी जीव होते हैं। ये सड़े-गले पदार्थों से अपना पोषण प्राप्त करते हैं। इस कारण इन्हें मृतजीवी भी कहा जाता है। वास्तव में ये हैं तो एककोशिक, लेकिन आगे चलकर ये बहुकोशिक भी हो जाते हैं। इनमें कोशिकाभित्ति पाई जाती है। (a) यीस्ट और (b) मशरूम इसके उदाहरण हो सकते हैं।
(iv) प्लांटी- प्लांटी जीव कोशिका भित्ति वाले बहुकोशिक जीव होते हैं। ये स्वयंपोषी. हैं। ये प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना पोषण स्वयं कर लेते हैं। अपनी जड़ों द्वारा जल और खनिज भी प्राप्त करते हैं। सभी पौधों को प्लांटी वर्ग में ही रखा गया।
(v) एनिमेलिया- एनिमेलिया वर्ग में ऐसे बहुकोशिक जीव आते हैं, जिनमें कोशिका भित्ति नहीं पायी जाती। इस वर्ग के जीव विषमपोषी होते हैं। इन्हें यूकैरियोटी जीव भी कहा जा सकता है।
प्रश्न 4. पादप जगत के प्रमुख वर्ग कौन है ? इस वर्गीकरण का क्या आधार है?
उत्तर– पादप जगत के प्रमुख वर्ग निम्नांकित हैं :
(क) थैलोफाइटा, (ख) बायोफाइटा, (ग) टैरीडोफाइटा, (घ) जिम्नोस्पर्म तथा (ङ) एन्जियोस्पर्म।
वर्गीकरण के आधार :
(क) पौधे में सष्ट अवयव हैं या नहीं हैं।
(ख) क्या पौधे में स्पष्ट अलग ऊतक हैं जो जल तथा भोजन का स्थानान्तरण करते हैं?
(ग) क्या पौधे में वीज है या नहीं है?
(घ) क्या बीज फल से ढंके हैं या नहीं?
प्रश्न 5. जन्तुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अंतर क्या है ?
उत्तर- जन्तु और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अंतर निम्नांकित हैं :
(क) स्पष्ट अवयवों की मौजूदगी
(ख) स्पष्ट स्थानान्तरण ऊतक
(ग) बीज पैदा करने की योग्यता
(घ) बीज फलों से आच्छादित हैं या नहीं
इन बिन्दुओं के अनुसार जन्तुओं को समूहों में नहीं बाँटा जा सकता। जीव शारीरिक बनावट के आधार पर बँटे होते हैं।
प्रश्न 6. वर्टीब्रेटा (कशेरुक प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बाँटने के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर– वर्टीब्रटा (कशेरुक प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बाँटने के आधार की व्याख्या निम्नलिखित रूप में हो सकती है :
कशेरुक प्राणियों में वास्तविक मेरुदंड और अंत:कंकाल पाए जाते हैं। इसी कारण इन प्राणियों में पेशियों का वितरण असमान ढंग से रहता है। इनके ऊतकों तथा अंगों में जटिल विभेदन पाया जाता है। सभी कशेरुक प्राणियों में नोटोकॉर्ड, मेरुरज्जु, त्रिकोरिक शरीर, युग्मित क्लोम थैली, रक्त से परिपूर्ण देहगुहा पाई जाती है। इन्हीं लक्षणों के आधार पर वटविटा (कशेरुक प्राणी) को पाँच वर्गों में विभाजित किया गया है।
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