प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों पर सही और गलत का निशन लगाएँ : (क) सभी द्विलिंगी फूल पूर्ण फूल होते हैं । (ख) सभी पूर्ण फूल द्विलिंगी होते हैं. (ग) फूलों की अंखुड़ियाँ आपस में जुड़ी हों तो, पंखुड़ियाँ भी आपस में जुड़ी होती हैं ।
उत्तर—(क) (सही), (ख) (सही), (ग) (गलत)
प्रश्न 3. धतूरा, बैंगन, लौकी के फूलों में से कौन से फूल पूर्ण हैं तथा कौन से अपूर्ण ? पता करके कारण सहित लिखें । उत्तर धतूरा : पूर्ण फूल है क्योंकि इसमें अंखुड़ी, पंखुड़ी, पुंकेसर तथा स्त्रीकेसर चारों अंग मौजूद हैं बैंगन : अपूर्ण फूल है, क्योंकि इसमें पंखुड़ी नहीं होती । लौकी : अपूर्ण फूल है क्योंकि यह एकलिंगी फूल है ।
प्रश्न 4. क्या आपने पीपल, बरगद या गूलर के फूल देखे हैं? यदि नही देखें हों, तो अब इसके फूल खोजें । उत्तर—हमने अभी तक पीपल, बरगद या गूलर के फूल नहीं देखे हैं, कारण कि इनमें फूल होते ही नहीं हैं । वास्तव में इनके फल ही फूल होते हैं।
Phoolon Se Jaan Pehchan Class 6th Science Solutions
Bihar Board Class 6 Science पदार्थ में परिवर्तन (Ped Paudhe Ki Duniya Class 6th Science Solutions) Text Book Questions and Answers
7. पेड़-पौधों की दुनिया
पाठ में पूछे गए कुछ अन्य प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. यदि हम चारों ओर नजर दौड़ाएँ, तो खूब हरा-भरा दिखाई पड़ता है । आखिर यह हरियाली किस कारण है ? उत्तर—यह हरियाली पेड़-पौधों के कारण है। पेड़-पौधों में भी खासकर पत्तियों के कारण हरियाली दिखती है ।
प्रश्न 2. यदि पेड़-पौधों पर पत्तियाँ न हों, तो क्या उन्हें पहचानना संभव है? उत्तर – यदि पेड़-पौधों पर पत्तियाँ न हों, तो पहचानना संभव तो है, लेकिन थोड़ा मुश्किल होगा ।
प्रश्न 3. क्या आपने बीजों के महत्त्व पर विचार किया है? उत्तर—बीजों का महत्त्व यह है कि इनके अंदर बीजपत्र में शिशु पौधा सोया रहता है, जो उचित वातावरण पाकर बाहर निकलता है और पौधा का रूप धारण कर लेता है ।
प्रश्न 4. बीज़ पौधे के लिए किस काम में आता है ? उत्तर—बीज पौधों के लिए उनके शिशु -पौधों को संरक्षित रखने के काम में आता है। बीज से ही नये पौधों का जन्म होता है ।
अभ्यास: प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न 1. निम्न के चित्र बनायें : (क) मूसला जड़, (ख) झकड़ा जड़, (ग) पत्ती उत्तर :
प्रश्न 2. यदि किसी पौधे की पत्ती में समांतर शिरा-विन्यास हो तो उसकी जड़ें किस प्रकार की होंगी ? उत्तर – यदि किसी पौधे की पत्ती में समांतर शिरा – विन्यास हो, तो उसकी जड़ें झकड़ा प्रकार की होंगी ।
प्रश्न 3. यदि किसी पौधे की जड़ झकड़ा हो तो उसकी पत्ती का शिरा – विन्यास किस प्रकार का होगा ? उत्तर— यदि किसी पौधे की जड़ झकड़ा हो, तो उसकी पत्ती समांतर शिरा – विन्यास की होगी ।
प्रश्न 4. निम्न में से जालिका रूपी शिरा – विन्यास एवं समांतर शिरा-विन्यास वाली पत्तियों का अलग-अलग समूह बनायें । धान, गेहूँ, मक्का, पीपल, आम, धनिया, तुलसी
उत्तर :
जलिका शिरा - विन्यास
समांतर शिरा – विन्यास
पीपल, आम, धनिया, तुलसी
धान, गेहूँ, मक्का
प्रश्न 5. पौधे में जड़ों का क्या कार्य है ? उत्तर — पौधे में जड़ों का कार्य है कि वे जमीन के अन्दर से जल तथा खनिज लवणों का शोषण कर पौधे के पूरे शरीर, यहाँ तक कि पत्तियों तक न पहुँचा देना । यह बात दूसरी है कि जड़ के ऊपर तने में इस काम के लिए अलग-अलग अंग होते हैं
प्रश्न 6. तना के दो कार्य बतायें ? उत्तर—तना के दो कार्य हैं : (i) सम्पूर्ण पौधे को सम्बल प्रदान करना । (ii) अपने आंतरिक अंगों द्वारा पूरे पौधे को जल तथा खनिज लवण पहुँचाना ।
प्रश्न 7. जड़ कितने प्रकार की होती हैं ? उत्तर- जड़ दो प्रकार की होती हैं : (क) मूसला जड़ तथा (ख) झकड़ा जड़ ।
प्रश्न 8. जड़ के दो मुख्य कार्य बतायें? उत्तर – जड़ के दो मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं : (i) जमीन के अन्दर से जल एवं खनिज लवण का शोषण करना । (ii) पौधे को संबल प्रदान करना ताकि वे जमीन पर गिरने नहीं पाए ।
प्रश्न 9. पत्तियों के दो मुख्य कार्य बताइए । उत्तर – पत्तियों के दो मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं (i) पौधों के लिए भोजन बनाना । (ii) वाष्पोत्सर्जन द्वारा आवश्यकता से अधिक जल को पौधों के शरीर से बाहर निकाल देना ।
प्रश्न 10. यदि किसी पौधे की जड़ रेशेदार हो, तो उसकी पत्ती का शिरा-विन्यास किस प्रकार का होगा ? उत्तर—यदि किसी पौधे की जड़ रेशेदार हो तो उसकी पत्ती का शिरा विन्यास समान्तर प्रकार का होगा ।
प्रश्न 11. यदि किसी पौधे की पत्ती में जलिका रूपी शिरा-विन्यास हो, उसकी जड़ें किस प्रकार की होंगी ? उत्तर— यदि किसी पौधे की पत्ती में जलिका रूपी शिरा – विन्यास हो, तो उसकी जड़ें मूसला जड़ होंगी ।
प्रश्न 12. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : (क) जड़ें मुख्यतः दो प्रकार की होती है : मूसला जड़ एवं ………….. जड़ । (ख) जड़ मिट्टी से जल एवं ………….. का अवशोषण करती हैं । (ग) पौधों को तीन वर्गों में रखा गया है – शाक, झाड़ी एवं ………….. । (घ) झकड़ा जड़ का दूसरा नाम …………. जड़ है । (ङ) जिन पत्तियों में शिराएँ एक-दूसरे के समानांतर होती है, उसे …………… शिरा विन्यास कहते हैं ।
उत्तर : (क) झकड़ा, (ख) खनिज लवण, (ग) पेड़ या वृक्ष, (घ) रेशेदार, (ङ) समांतर ।
प्रश्न 13. सही विकल्प चुनिए :
(क) आम है : (1) शाक (2) झाड़ी (3) वृक्ष (4) कोई नहीं
(ख) पत्तियाँ जल का उपयोग बनाने के लिए करती है : (1) भोजन (2) वाष्पोत्सर्जन (3) ऑक्सीजन (4) सभी में
(ग) जल की बूँदें पत्तियों से जलवाष्प के रूप में निकलती हैं । इस क्रिया को कहते हैं (1) वाष्पोत्सर्जन (2) प्रकाश-संश्लेषण (3) ऑक्सीकरण (4) कोई नहीं
(घ) मक्का के बीज में एक ही बीज पत्र होता हैं । अतः इसे ……….. कहते हैं।
उत्तर—(क) (3), (ख) (4), (ग) (1), (घ) एक बीजपत्री ।
परियोजना कार्य : संकेत :छात्रों को स्वयं करना है ।
कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. निम्न कथनों को ठीक करके लिखिए : (क) तना मिट्टी से जल एवं खनिज अवशोषित करता । (ख) पत्तियाँ पौधों को सीधा खड़ा रखती हैं। (ग) जड़ें जल को पत्तियों तक पहुँचाती हैं। (घ) पुष्प में बाह्य दल एवं पंखुड़ियों की संख्या सदा समान होती हैं । (ङ) यदि किसी पुष्प के बाह्यदल परस्पर जुड़े हों तो उसकी पंखुड़ियाँ भी आपस में जुड़ी होंगी। (च) यदि किसी पुष्प की पंखुड़ियाँ परस्पर जुड़ी हों तो स्त्रीकेसर पंखुड़ियों से जुड़ा होगा।
उत्तर : (क) जड़ें मिट्टी से जल तथा खनिज अवशोषित करती हैं। (ख) तना पौधों को सीधा खड़ा रखता है। (ग) जड़ें जल को पत्तियों तक पहुँचाती है। (घ) पुष्प में बाह्य दल एवं पंखुड़ियों की संख्या सदा समान नहीं होती । (ङ) यदि किसी पुष्प के बाह्य दल परस्पर जुड़ें हो तो उनकी पंखुड़ियाँ अलग- अलग होती हैं, परस्पर जुड़ी नहीं होतीं । (च) यदि किसी पुष्प की पंखुड़ियाँ परस्पर जुड़ी हों तो यह सदैव आवश्यक नहीं कि स्त्रीकेसर पंखुड़ियों से जुड़ा ही हो।
प्रश्न 2. क्या आप पत्तियों को देखे बिना उनकी पहचान कर सकते हैं ? उत्तर – हाँ, हम पत्तियों को देखे बिना उनकी पहचान कर सकते हैं। इसके लिए कागज, पेंसिल तथा प्रेक्षण वाली पत्ती की आवश्यकता होगी। पत्ती को कागज से ढंक देंगे और कागज पर पेंसिल से रगड़ेंगे। इस प्रक्रम में कागज पर एक छाप उभर आएगा। उस छापे पर उभरी रेखाओं को देखकर हम पत्ती की पहचान कर लेंगे।
प्रश्न 3. निम्नलिखित के चित्र बनाइए : (क) पत्ती, ख) मूसला जड़ तथा (ग) एक पुष्प ।
प्रश्न 4. क्या आप अपने घर के आसपास ऐसे पौधे को जानते हैं, जिसका तना लम्बा परन्तु दुर्बल हो ? इसका नाम लिखिए। आप इसे किस वर्ग में रखेंगे ? उत्तर – हाँ, लम्बे परन्तु दुर्बल तने वाले पौधे को मैं जानता हूँ। यह लौकी है। लौकी के अलावा काशीफल (कोहड़ा) भी हो सकता है। इन पौधों को हम विसर्पो वर्ग में रखेंगे।
प्रश्न 5. किसी पुष्प के विभिन्न भागों के नाम लिखिए। उत्तर – किसी पुष्प के विभिन्न भागों के नाम निम्नलिखित हैं : (i) पंखुड़ियाँ, (ii) बाह्य दल, (iii) पुंकेसर, (iv) स्त्रीकेसर, (v) परागकोश, (vi) तंतु, (viii) वर्त्तिकाग्र, (ix) अंडाशय, (x) बीजांड ।
प्रश्न 6. पौधों के उस भाग का नाम लिखिए जो अपने लिए भोजन बनाता है। इस प्रक्रम को क्या कहते हैं? उत्तर – पौधों की पत्तियाँ अपने लिए भोजन स्वयं बना लेती हैं। इस पूरे प्रक्रम को ‘प्रकाश संश्लेषण’ कहते हैं ।
प्रश्न 7. पुष्प के किस भाग में अंडाशय मिलता है? उत्तर – पुष्प में प्राप्त स्त्रीकेसर के सबसे निचले एवं फूले हुए भाग में अंडाशय मिलता है।
प्रश्न 8. ऐसे दो पुष्पों के नाम लिखिए जिनमें से प्रत्येक में संयुक्त और अलग-अलग पंखुडिया हों। उत्तर – संयुक्त पंखुड़ियों वाले पुष्प : गुलाब तथा कमल । अलग-अलग पंखुड़ियों वाले पुष्प : सरसों तथा मटरं ।
Ped Paudhe Ki Duniya Class 6th Science Solutions
प्रश्न 9. निम्नलिखित की परिभाषा दें : (i) विसर्पी लता, (ii) पर्णावृन्त, (iii) वाष्पोत्सर्जन, (iv) प्रकाश संश्लेषण । उत्तर– (i) विसर्पी लता – वैसे कमजोर तने वाले पौधे, जो सीधे खड़े नहीं हो सकते तथा भूमि पर फैल जाते हैं, उन्हें विसर्पी लता कहते हैं। (ii)पर्णावृन्त- पत्ती का वह भाग जिसके माध्यम से वह तने से जुड़ा रहता है, पर्णावृन्त कहलाता है। (iii) वाष्पोत्सर्जन — जल की वे बन्दे जो पत्ती से जलवाष्प के रूप में निकलती रहती हैं, उसे वाष्पोत्सर्जन कहते हैं। (iv) प्रकाश-संश्लेषण- हरी पत्तियाँ सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डायक्साइड और क्लोरोफिल से मिलकर अपना भोजन बनाती हैं। इसी प्रक्रम को प्रकाश- संश्लेषण कहते हैं।
प्रश्न 10. एक ऐसा पौधा बनाइए, जिसमें उसके सभी अंग पूर्णत: स्पष्ट दृष्टिगत होते हों । उत्तर- ऐसा पौधा सरसों का पौधा हो सकता है, जिसके सभी अंग पूर्णतः स्पष्ट दृष्टिगत होते हैं :
Bihar Board Class 6 Science पदार्थ में परिवर्तन (Padarth Me Parivartan Class 6th Science Solutions) Text Book Questions and Answers
6. पदार्थ में परिवर्तन
अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न 1. सही उत्तर को चुनिए :
(क) निम्न में से कौन-सा पदार्थ ठोस अवस्था से सीधे गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाता है : (i) बर्फ (ii) जल (iii) कपूर (iv) दूध
(ख) बिना उबले हुए अंडे का द्रव गर्मी पाकर बदल जाता है : (i) ठोस (ii) द्रव (iii) गैस (iv) इनमें से कोई नहीं
(ग) निम्न में से कौन-सा पदार्थ सामान्य रूप से पदार्थ की तीनों अवस्थाओं में पाया जाता है ? (i) जल (ii) कपूर (iii) नौसादर (iv) दूध
उत्तर : (क)(iii), (ख) (i), (ग) (i)
प्रश्न 2. कपड़े से कुरता बनने के बाद क्या कंपड़े को पुनः पहले वाली अवस्था में लाया जा सकता है ? इस प्रकार के परिवर्तन के तीन अन्य उदाहरण लिखिए । उत्तर— नहीं, कपड़े से कुरता बनने के बाद कपड़े को पुनः पहले की अवस्था में नहीं लाया जा सकता । अन्य तीन उदाहरण : (i) दूध से दही बनना, (ii) कली से फूल बनना, (iii) पेड़ से पत्ती का टूटकर गिरना ।
प्रश्न 3. रात्रि में एक सीमेंट की बोरी जो खुले मैदान में रखी हुई थी, वर्षा के कारण भींग जाती है। अगले दिन तेज धूप निकलती है। सीमेंट कड़ा हो जाता है । क्या सीमेंट को पहली जैसी स्थिति में प्राप्त कर सकते हैं ? उत्तर— नहीं, कारण कि सीमेंट एक ऐसा पदार्थ है जो भींगने के बाद सूख जाने पर ठोस में परिवर्तित हो जाता है, लेकिन पुनः किसी प्रकार भी चूर्ण नहीं बन सकता । यदि किसी प्रकार चूर्ण बना भी दिया जाय तो वह किसी काम का नहीं रहेगा ।
प्रश्न 4. नीचे दी गयी तालिका में कुछ परिवर्तन दिए गए हैं । प्रत्येक परिवर्तन के सामने रिक्त स्थान में लिखिए कि वह परिवर्तन उत्क्रमणीय है अथवा नहीं । उत्तर :
प्रश्न 5. गाड़ी के पहिए में लोहे के रिम को गर्म करके पहिया में लगाया जाता है तथा ठंढा करने पर पहिया पर अच्छी तरह से बैठ जाता है तथा खुलता नहीं है। लोहे के रिम को गर्म करने तथा ठंढा करने पर उसके आकार में क्या- क्या परिवर्तन होते हैं ? उत्तर— लोहे के रिम को गर्म करने के बाद वह कुछ फैल जाता है, जिस कारण वह पहिए में आसानी से प्रेवश कर जाता है । पुनः ठंढा पानी डालकर उसको ठंढा करने के बाद रिम अपने पूर्व के आकार में आ जाता है और पहिए पर ठीक-ठीक कसकर ‘बैठ जाता है, जिससे वह निकलने नहीं पाता । यहाँ पर यह परिवर्तन होता है कि गर्म करने पर रीम फैलता है और ठंढा करने पर सिकुड़ता है। इस परिवर्तन को उत्क्रमवीय परिवर्तन कह सकते हैं ।
परियोजना कार्य : संकेत : छात्रों को स्वयं करना है।
कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. जब आप जलमग्न (जल जमाव वाले) इलाके में घूमते हैं तो आप अपनी पोशाक को मोड़कर उसकी लम्बाई कम कर लेते हैं। क्या इस परिवर्तन को उत्क्रमित किया जा सकता है ? उत्तर – हाँ, इस परिवर्तन को उत्क्रमित किया जा सकता है।
प्रश्न 2. अकस्मात आपका प्रिय खिलौना गिरकर टूट जाता है । कत्तई इस परिवर्तन को आप नहीं चाहते थे। क्या यह परिवर्तन उत्क्रमित किया जा सकता है ? उत्तर— नहीं, इस परिवर्तन को उत्क्रमित नहीं किया जा सकता है।
प्रश्न 3. टूटी हुई हड्डी पर बंधी पट्टी के ऊपर प्लास्टर ऑफ पेरिस की मोटी परत चढ़ा दी जाती है। सूखने पर वह परत कठोर हो जाती है, जिससे टूटी हड्डी हिलने नहीं पाती । क्या प्लास्टर ऑफ पेरिस के इस परिवर्तन को आप उत्क्रमित कर सकते हैं? उत्तर— नहीं, प्लास्टर ऑफ पेरिस में हुए परिवर्तन को किसी प्रकार उत्क्रमित नहीं किया जा सकता है।
प्रश्न 4. लोहे के टुकड़े को लोहार किस प्रकार विभिन्न औजारों में परिवर्तित करता है ? उत्तर – लोहार लोहे के टुकड़े को तब तक गर्म करता है जबतक टुकड़ा लाल तप्त न हो जाय। लाल हो जाने के बाद यह मुलायम हो जाता है। इसके बाद लोहार पीटकर इच्छानुसार औजार का आकार दे देता है।
प्रश्न 5. सड़क बनानेवाले सड़क की मरम्मत करने के लिए एक काले रंग के पदार्थ को क्यों गर्म करते हैं? उत्तर – काले रंग के पदार्थ (कोलटार) को गर्म करने पर वह तरल में परिवर्तित हो जाता है। सड़क पर फैलाने के बाद वह पुन: उत्क्रमित होकर कठोर हो जाता है। तात्पर्य कि सड़क बनाने वाले कड़े कोलतार उत्क्रमणीय पदार्थ है, को गीलाकर सड़क की मरम्मत करना चाहते हैं।
प्रश्न 6. परिवर्तन से आप क्या समझते हैं ? उत्तर- जब कोई वस्तु एक अवस्था से बदलकर दूसरी अवस्था को प्राप्त करती है, तो उसे उस वस्तु की अवस्था में परिवर्तन कहा जाता है
प्रश्न 7. द्रव किसे कहते हैं ? उत्तर- जिसका आयतन तो निश्चित होता है, लेकिन कोई निश्चित आकार नहीं. होता और पात्र के आकार के अनुसार अपना आकार बदलता है, द्रव कहलाता है जैसे—जल, तेल, दूध आदि ।
प्रश्न 8. ठोस किसे कहते हैं ? उत्तर—जिसके आकार और आयतन निश्चित होते हैं, उसे ठोस कहते हैं । जैसे— लोहा, बर्फ, लकड़ी आदि ।
Bihar Board Class 6 Science पृथक्करण (Prithakkaran Class 6th Science Solutions) Text Book Questions and Answers
5. पृथक्करण
पाठ में आए कुछ प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. यदि बालू और नमक को पानी में डालें, तो क्य दोनों घुल जायेंगे ? कौने घुलेगा और कौन नहीं ? उत्तर – जब हम बालू और नमक को पानी में डालें तो नमक पानी में घुल जाएगा, क्योंकि नमक पानी में घुलनशील है। बालू पानी में नहीं घुलता है, क्योंकि यह पानी में अघुलनशील है।
प्रश्न 2. क्या पानी चॉक पर चढ़ जाता है ? उत्तर— हाँ, पानी चॉक पर चढ़ जाता है ।
प्रश्न 3. चॉक पर पानी के चढ़ने पर क्या-क्या होता है ? उत्तर—पानी के चॉक पर चढ़ने पर चॉक में लगी स्याही क्रमशः विभिन्न रंगों में दिखाई पड़ने लगती है ।
प्रश्न 4. चॉक पर नीचे से ऊपर तक कितने और कौन-कौन से रंग दिखने लगते हैं ? उत्तर – चॉक पर नीचे से ऊपर नीला, लाल, बैंगनी आदि विभिन्न रंग रंग दिखने लगते हैं ।
अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न 1. सही उत्तर चुनिए :
(क) वे पदार्थ जो पानी या अन्य तरल पदार्थों में घुल जाते हैं उन्हें कहा जाता है (i) घुलनशील (ii) अघुलनशील (iii) थिराना (iv) निथारना
(ख) पदार्थों को अलग-अलग करने की क्रिया कहलाती है : (i) वाष्पीकरण (ii) चुनना (iii) छानना (iv) इनमें से सभी
(ग) जल में अघुलनशील एवं जल से भारी कण बर्तन के पेंदे में जम जाने की क्रिया कहलाती है (i) पृथक्करण (ii) निथारना. (iii) थिराना (iv) इनमें से कोई नहीं
(घ) थिराने के बाद जमे हुए पदार्थ से जल या अन्य द्रव को अलग करने की क्रिया कहलाती है : (i) निधारना (ii) थिराना (iii) थ्रेसिंग (iv) छानना
(ङ) जब मिश्रण बहुत कम मात्रा में हो तो इसे अलग करने की कौन-सी विधि बेहतर होगी (i) चुनना (ii) चालना (iii) निथारना (iv) क्रोमेटोग्राफी
प्रश्न 2. रिक्त स्थानो को भरें (क) गेहूँ के दानों को भूसियों से अलग करने की विधि ………… कहलाती हैं। (ख) समुद्र के जल से नमक …………… विधि द्वारा प्रप्त की जाती हैं। (ग) चाय की पत्तियों को चाय से अलग करने की क्रिया ……………… कहलाती हैं। (घ) क्रोमैटोग्राफी का उपयोग पेड़-पौधों में पाई जाने वाली दवाइयों को ………… करने में किया जाता है ।
प्रश्न 3. मिश्रण से अवयवों को अलग करने की जरूरत क्यों है ? उत्तर—मिश्रण से अवयवों को अलग करने की जरूरत इसलिए है क्योंकि मिश्रण में अनेक हानिकारक पदार्थ मिले या घुले रहते हैं । यदि उन्हें मिश्रण से अलग नहीं किया जाय तो वे या तो स्वादहीन हो जाएँगे या शरीर को हानि पहुँचा सकते हैं। चावल- दाल में कंकड़-पत्थर होने से दाँतों को कष्ट होता है ।
प्रश्न 4. बालू और चीनी के मिश्रण को कैसे अलग किया जा सकता है ? लिखें । उत्तर— बालू और चीनी के मिश्रण को अलग करने में थिराना, निधारना और वाप्पन तीनों विधियों को उपयोग में लाया जाता है । सर्वप्रथम बालू और चीनी के मिश्रण को जल में घोल लेंगे। चीनी जब जल में पूरी तरह घुल जाएगी तो उसे एक बीकर में रखकर ‘थिराने’ के लिए स्थिर छोड़ देते हैं । जब बालू पूरी तरह पेंदी में बैठ जाता है तब ‘निथारने’ की प्रक्रिया से जल को दूसरे बीकर में निकाल लेंगे। बालू पहले बीकर में जमा रह जाएगा और चीनी जल में घुली रहती है। इसके बाद उस जल का ‘वाप्पन’ करते हैं। इस प्रक्रिया को करने पर जल भाप बनकर वातावरण में गायब हो जाता है और बीकर में चीनी ठोस के रूप में बची रह जाती है। इन्हीं प्रक्रियाओं द्वारा बालू और नमक के मिश्रण को अलग कर लेंगे ।
प्रश्न 5. पृथक्करण की किन्हीं तीन विधियों का वर्णन कीजिए । उत्तर— पृथक्करण की तीन विधियाँ हैं : (क) ओसाना, (ख) चुनना तथा (ग) चालना । (क) ओसाना— अनाज की दौनी के बाद अनाज से भूसे को अलग करना आवश्यक होता है। टोकरी या सूप में भूसा मिले अनाज को लेकर धीरे-धीरे ऊपर से गिराते हैं । भूसा हवा के साथ उड़कर अलग दूर जा गिरता है और अनाज निकट ही एकत्र हो जाता है। इस प्रकार अनाज को भूसा से अलग कर लिया जाता है। (ख) चुनना — चावल, दाल या गेहूँ आदि में किसी कारण कंकड़-पत्थर मिल जाते हैं । साफ चावल, दाल या गेहूँ प्राप्त करने के लिये एक-एक कर कंकड़-पत्थर को चुन लिया जाता है, जिससे हमें साफ चावल, दाल या गेहूँ प्राप्त हो जाते हैं । इसी प्रक्रम को चुनना कहते हैं । (ग) चालना – खासकर आटा, सत्तू, मैदा आदि में कभी-कभी अवांच्छित वस्तुएँ मिल जाती हैं। उन्हें अलग करने के लिए चलनी से उसे चाल देने से साफ आटा, सत्तू या मैदा प्राप्त हो जाता है और अवांच्छित वस्तु अलग हो जाती है। इसी प्रक्रम को चालन कहते हैं ।
Prithakkaran Class 6th Science Solutions
विचार करें :
प्रश्न 1. जल में मिली अशुद्धियों को कैसे दूर करेंगे ? उत्तर –जल में मिली अशुद्धियों को दूर करने के लिए छानने तथा वाष्पन की क्रियाओं द्वारा स्पष्टतः दूर कर लेंगे ।
प्रश्न 2. दूध और जल के मिश्रण को कैसे अलग करेंगे ? कक्षा में चर्चा करें । उत्तर – दूध और जल के मिश्रण को अलग करने के लिए वाप्पन की प्रक्रिया अपनाएँगे । जल वाष्प के रूप में गायब हो जाएगा और बर्त्तन में दूध बचा रह जाएगा ।
कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. पकाने से पहले दालों के किसी नमूने से आप भूसे और धूल के कण कैसे पृथक करेंगे ? उत्तर—दालों से भूसे तथा धूल के कणों को पृथक करने के लिए ‘अवसादन तथा ‘निस्तारण’ की विधि से पृथक कर लेंगे। दालों को पानी में डालते ही भूसा ऊपर तैरने लगेंगे तथा धूल बर्तन के पंदे में बैठ जाएँगे। पहले भूसों को निस्तारित करके जमीन पर गिरा देंगे । अब दाल को थोड़ा मसल देंगे। इससे होगा कि दालों में सटा रहा- सहा धूल भी अलग होकर पेंदे पर चला जाएगा। अब थोड़ा हिलाकर बर्तन को टेढ़ा कर देंगे और धीरे-धीरे पानी को गिरा देंगे। अब मिट्टी के कण और दाल स्पष्ट अलग- अलग दिखाई देंगे। अब दालों को हाथ से अलग कर लेंगे और मिट्टी को पंदे पर छोड़ देंगे ।
प्रश्न 2. चालन से क्या अभिप्राय है ? यह कहाँ उपयोग होता है ? उत्तर— ‘चालन’ से अभिप्राय है आटा और सत्तू जैसे उपयोगी वस्तु को चलनी से चालना तथा चोकर तथा अन्य अनुपयोगी वस्तु को अलग कर देना । भवन बनाने के क्रम में बालू से बड़े कंकड़-पत्थर को निकालने के लिए उसे चाला जाता है । आटा चालने का उपयोग छोटे पैमाने पर व्यंजन बनाने के पूर्व घरों में होता है । बड़े पैमाने पर आटा मिलों में बड़ी ‘चालनी से चालने हेतु जैसे बड़े यंत्रों का उपयोग होता है । सत्तू का उपयोग करने के पहले अवश्य चाल लेना चाहिए ।
प्रश्न 3. पंकिल जल के किसी नमूने से आप स्वच्छ जल कैसे प्राप्त करेंगे ? उत्तर—एक गिलास में पंकिल जल लेंगे और उसे कुछ देर स्थिर छोड़ देंगे । ठोस मिट्टी के कण अवसादित होकर गिलास की पेंदी में एकत्र हो जाएँगे और साफ जल ऊपर दिखाई देगा। अब उस गिलास को बिना हिलाए थोड़ा तिरछा करेंगे । अब इस गिलास के ऊपर वाले जल को किसी दूसरे गिलास में निस्तारण विधि द्वारा उड़ेलेंगे। यदि इस दूसरे गिलास का जल अब भी कुछ पंकिल या भूरे रंग का दिखे तो इसका निस्यंदन विधि द्वारा कपड़े से छानेंगे। यदि जल अब भी गन्दा दिखेगा तो अब फिल्टर पत्र की सहायता लेंगे। फिल्टर पत्र द्वारा निस्यंदित जल पूर्णतः स्वच्छ जल होगा ।
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प्रश्न 4. जल में चीनी तथा नींबू का रस मिलाकर शिकंजी बनाई जाती है। आप बर्फ डालकर इसे ठंडा करना चाहते हैं । आप शिकंजी में बर्फ चीनी घोलने के पहले डालेंगे या बाद में? किस प्रकरण में अधिक चीनी घोलना सम्भव होगा ? उत्तर – शिकंजी में चीनी घोलने के बाद बर्फ डालेंगे। यदि शिकंजी में पहले बर्फ डाल देंगे तो उसमें अधिक चीनी घोलनी होंगी।
प्रश्न 5. वाष्पन (Evaporation) क्या है ? उत्तर—सूर्य के प्रकाश या गर्म करने पर द्रव पदार्थ के वाष्प बनकर उड़ जाने की क्रिया वाष्पंन कहलाती है।
प्रश्न 6. वाष्पन का क्या महत्त्व है? उत्तर – वाष्पन क्रिया द्वारा ही हमें समुद्र के जल से साधारण नमक प्राप्त होता है । इस क्रिया द्वारा हम जल में घुलनशील पदार्थों को जल से पृथक् कर सकते हैं ।
प्रश्न 7. पृथक्करण (Separation) क्या है? उत्तर—दो या दो से अधिक पदार्थों के मिलने पर इनमें से उन पदार्थों को अलग करने की क्रिया पृथक्करण कहलाती है। जैसे- कंकड़ और चावल के मिश्रण से कंकड़ को अलग करना आदि ।
प्रश्न 8. थ्रेसिंग क्या है? उत्तर — पौधों से अन्न को थ्रेसर द्वारा पृथक करने की क्रिया थ्रेशिंग (Threshing ) कहलाती है। जैसे— गेहूँ के पौधे से बीज को अलग करना ।
Bihar Board Class 6 Science विभिन्न प्रकार के पदार्थ (Bivin Prakar Ke Padarth Class 6th Science Solutions) Text Book Questions and Answers
4. विभिन्न प्रकार के पदार्थ
पाठ में आए कुछ प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. आपने अपनी गली में क्रिकेट खेला। आपका बैट लकड़ी का था । गेंद किस पदार्थ की बनी है ? उत्तर— गेंद रबर की बनी है ।
प्रश्न 2. क्या हम वस्तुओं के गुणों के अतिरिक्त किसी अन्य आधार पर वर्गीकरण कर सकते हैं? उत्तर – हाँ, वस्तुओं को खरोंचकर तथा दबाकर वर्गीकरण कर सकते हैं । ‘जैसे- क्रिकेट की पुरानी बॉल को हम दबा सकते हैं तथा बैट को खरोंच सकते हैं ।
प्रश्न 3. गर्म करने पर क्या होता है ? उत्तर— गर्म करने पर घोलक पदार्थ की घुलनशीलता बढ़ जाती है
प्रश्न 4. किसी संतृप्त घोल में अधिक पदार्थ घोलना हो, तो आप क्या करेंगे ? उत्तर – किसी संतृप्त घोल में अधिक पदार्थ घोलना हो, तो हम उसे गर्म करेंगे, क्योंकि इससे उस घोल की घुलनशीलता बढ़ जायेगी ।
प्रश्न 5. नमक के संतृप्त घोल को गर्म कीजिए और आधा चम्मच नमक और डालिए । क्या यह घुला ? उत्तर – हाँ, यह घुल गया, कारण कि गर्म करने पर घुलनशीलता बढ़ जाती है ।
प्रश्न 6. पुन: गर्म कीजिए और नमक डालिए । क्या हुआ ? उत्तर— पुनः नमक घुल गया ।
प्रश्न 7. जल में तैरने वाले तथा जल में डूबने वाले पदार्थों के पाँच-पाँच उदाहरण दें । उत्तर- जल में तैरने वाले पदार्थ – पत्तियाँ, किरोसीन, कागज का गत्ता, रबर की गेंद, कलम ( प्लास्टिक) । जल में डूबने वाले पदार्थ — काँटी, हथौड़ा, ताँबा का तार, चाभी, घड़ी ।
प्रश्न 8. अन्य द्रवों; जैसे—तेल में कौन पदार्थ तैरते हैं अथवा डूब जाते हैं,. इसे देखने के लिए आप किस प्रकार का परीक्षण करेंगे ? उत्तर— इसके लिए हम काँच के गिलास में तेल अथवा कोई अन्य द्रव लेते हैं और इसमें बारी-बारी से इन पदार्थों को डालकर परीक्षण करते हैं तथा उसका अवलोकन करते हैं। हम पाते हैं कि प्रायः ये सभी तेल में भी तैरते हैं या डूब जाते हैं ।
प्रश्न 9. एक छोटा पिन भी पानी में डूब जाता है, परन्तु लोहे का बना जहाज नहीं डूबता है । क्यों ? उत्तर — लोहे का बना छोटा पिन और जहाज अपनी विभिन्न आकृतियों के कारण डूब जाते हैं अथवा तैरते रहते हैं । लोहे के पिन द्वारा विस्थापित जल का भार पिन के भार से कम होता है, इसलिए पिन पानी में डूब जाता है, जबकि लोहे के बने जहाज द्वारा विस्थापित जल का भार जहाज के भार से ज्यादा होता है, इसलिए जहाज पानी पर तैरते रहता है । :
प्रश्न 10. हमें पदार्थों को समूह में रखने की आवश्यकता क्यों पड़ती है? उत्तर – दैनिक जीवन में हम प्रायः पदार्थों का समूहन अपनी सुविधा के लिए करते हैं। घर मे हम अपनी वस्तुओं का भंडारण सामान्यतः इस प्रकार करते हैं कि एक जैसी वस्तुएँ एक साथ रखी रहें। इस प्रकार की व्यवस्था द्वारा हम आसानी से उनका पत लगा सकते हैं। साथ ही, इस प्रकार समूहों में बाँटकर उनके गुणों का अध्ययन तथा इन गुणों में किसी भी पैटर्न का अवलोकन करना सुविधाजनक हो जाता है ।
अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : (1) जल में चीनी ………….. हैं। (2)…………. पदार्थ से होकर प्रकाश अंशतः पार करता है । (3) कुछ गैसें जल में …………… हैं। (4) कुछ पदार्थ ठंडे पानी में …………….और गरम पानी में ……………….घुलते हैं।
उत्तर : (1) विलेय, (2) पारभासी, (3) विलेय, (4) कम घूलते हैं; ज्यादा ।
प्रश्न 2. स्तंभ ‘अ‘ का स्तंभ ‘व‘ से सही मिलान कीजिए : स्तंभ ‘अ‘ स्तंभ ‘ब‘ (i) विलेय (क) नमक, चीनी (ii) अविलेय (ख) प्रायः धातु होते हैं (iii) घोलकं / विलायक (ग) ऑक्सीजन (iv) चमकवाले पदार्थ (घ) लोहा, रेत आदि (v) जल में विलीन गैस (ङ) जल
उत्तर : (i) (क), (ii) (घ), (iii) (ङ), (iv) (ख), (v) (ग) |
प्रश्न 3. निम्न वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : (i) वे पदार्थ जो आसानी से दबाये या खरांचे जा सकते हैं, ………. पदार्थ हैं । (कोमल/ कठोर) (ii) हमारे हाथ में तैलीय पेन्ट या अलकतरा लग जाता है, तो इसे हम ………….. से साफ करते हैं । (जल / केरोसीन तेल) (iii) वे पदार्थ जिनसे होकर वस्तुओं को देखा जा सकता है, ………….. कहलाते हैं । (पारदर्शी/अपारदर्शी) (iv) वे पदार्थ जिनसे होकर वस्तुओं को नहीं देखा जा सकता है, ……………. कहलाते हैं। (अपारदर्शी/पारदर्शी) (v) पानी पर तैरेनेवाली वस्तुएँ ………… तथा पानी में डूब जानेवाली वस्तुएँ ……….. होती हैं । (भारी/हल्की)
उत्तर : (i) कोमल, (ii) केरोसीन तेल, (iii) पारदर्शी, (iv) अपारदर्शी (v) हल्की; भारी ।
प्रश्न 4. सही विकल्प चुनिए : (i) निम्न में कोमल पदार्थ हैं : (क) साबुन (ख) रबर (ग) लकड़ी (घ) लोहा
(ii) निम्न पदार्थ में चमक नहीं होती हैं : (क) लोहा (ख) ताँबा (ग) सोना (घ) लकड़ी
(iii) निम्न में कौन-कौन से पदार्थ जल के अलावा भी घोलक हो सकता है : (क) तेल (ख) तारपीन का तेल (ग) केरोसीन तेल (घ) सरसों का तेल
(iv) वह घोल जिसमें घुल्य पदार्थ की और मात्रा घुलने की क्षमता नहीं होती, कहलाता है : (क) संतृप्त घोल (ख) असंतृप्त घोल (ग) हल्का घोल (घ) गाढां घोल
(v) वैसे पदार्थ जिनसे होकर वस्तुएँ या चीजें अस्पष्ट रूप से या धुंधली दिखाई देती हैं, कहलाते हैं : (क) पारदर्शी (ख) अपारदर्शी (ग) पारभासी (घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (i) (क), (ii) (घ), (iii) (क), (iv) (क), (v) → (ग) ।
प्रश्न 5. प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं के नाम लिखिए । उत्तर—आजकल प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं की भरमार हो गई है । प्रायः बाजार में खिलौने प्लास्टिक के बने ही मिलते हैं। घर में भी प्लास्टिक की अनेक वस्तु व्यवहार में आने लगी हैं। जैसे : प्लास्टिक से निर्मित — (क) खिलौने, (ख) बाल्टी, (ग) मग, (घ) बेसिन, (ङ) बच्चों के लिए बाथ टब, (च) कचरा एकत्र करने का लम्बा टब ।
प्रश्न 6. जल में तैरनेवाली तथा डूबनेवाली वस्तुओं का समूह बनाएँ । उत्तर :
प्रश्न 7. पारभासी, पारदर्शी एवं अपारदर्शी वस्तुओं में अंतर बतायें । उत्तर—पारभासी वस्तु से होकर देखने से सामने की वस्तुएँ अस्पष्ट तथा धुँधली दिखाई पड़ती है। जैसे— घिसा हुआ काँच, तेलहा कागज । पारदर्शी वस्तुओं से होकर देखने पर वस्तुएँ स्पष्ट दिखाई पड़ती हैं। जैसे- साप और प्लेन काँच, प्लास्टिक शीट । अपारदर्शी वस्तुओं को आँख के सामने रखने पर आगे कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता । जैसे— गत्ता, लकड़ी का तक्था ।
प्रश्न 8. विलेय एवं अविलेय से आप क्या समझते हैं ? उत्तर – विलेय से हम समझते हैं कि जो वस्तु किसी खास तरल में विलिन हो जाय उसे विलेय पदार्थ कहते हैं। जैसे जल में चीनी और नमक विलेय है। वैसे ही अलकतरा किरासन तेल में विलेय है। अविलेय से हमारी समझ बनती है कि कोई ठोस वस्तु किसी तरल में विलिन हो ही नहीं सकती वे अविलेय वस्तुएँ हैं । जैसे पत्थर का टुकड़ा न तो जल में विलेय और न तेल में ।
प्रश्न 9. संतृप्त घोल किसे कहते हैं ? उदाहरण दीजिए । उत्तर — जिस घोल में अपने घुल्य को घुलाने की क्षमता समाप्त हो जाती है उस घोल को संतृप्तं घोल कहते हैं
परियोजना क्रियाकलाप :
संकेत :छात्रों को स्वयं करना है ।
कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. लकड़ी से बनाई जाने वाली पाँच वस्तुओं के नाम लिखिए। उत्तर— लकड़ी से बनाई जाने वाली पाँच प्रमुख वस्तुएँ हैं : (i) कुर्सी, (ii) मेज, (iii) सन्दूक, (iv) किवाड़, (v) खिड़कियाँ ।
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से चमकदार पदार्थ का चयन कीजिए : काँच की प्याली, प्लास्टिक का खिलौना,स्टील का चम्मच,सूती कमीज ।
उत्तर – दी हुई वस्तुओं में केवल स्टील का चम्मच चमकदार वस्तु है । 1
प्रश्न 3. नीचे दिए गए कथन सत्य हैं अथवा असत्य । उनका उल्लेख कीजिए : (क) पत्थर पादरर्शी होता है जबकि काँच अपारदर्शी होता है। (असत्य) (ख) नोटबुक में द्युति होती है जबकि रबड़ में नहीं होती । (असत्य) (ग) चॉक जल में विलीन हो जाता है। (असत्य) (घ) लकड़ी का टुकड़ा जल पर तैरता है। (सत्य) (ङ) चीनी जल में विलीन नहीं होती। (असत्य) (च) तेल जल के साथ मिश्रणीय है। (असत्य) (छ) बालू (रेत) जल में निःसादित हो जाता है। (सत्य) (ज) सिरका जल में विलीन हो जाता है। (सत्य)
प्रश्न 4. नीचे कुछ वस्तुओं तथा पदार्थों के नाम दिए गए हैं : जल, बॉस्केटबॉल, संतरा, चीनी, ग्लोब, सेब तथा मिट्टी का घड़ा इनको निम्न प्रकार से समूहित कीजिए : (क) गोल आकृति तथा अन्य आकृतियाँ (ख) खाद्य वस्तु तथा अखाद्य वस्तु
उत्तर : गोल आकृति खाद्य वस्तु अखाद्य वस्तु बॉस्केटबॉल जल बॉस्केटबॉल संतरा, ग्लोब संतरा ग्लोब सेब चीनी मिट्टी का घड़ा मिट्टी का घड़ा सेब
प्रश्न 5. जल में तैरनेवाली जिन वस्तुओं को आप जानते हैं, उनकी सूची वनाइए । जाँच कीजिए और देखिए कि क्या वे तेल अथवा मिट्टी के तेल पर तैरती हैं ।
उत्तर—जल में तैर सकने वाली वस्तुओं की सूची (i) रबर या प्लास्टिक की गेन्द । (ii) कागज की नाव | (iii) चिड़ियों के पंख । (iv) दिया सलाई की तिली । (v) नाव । (vi) बैलून । (vii) लकड़ी । (viii) खाली बन्द बोतल | ये सभी वस्तुएँ तेल अथवा मिट्टी के तेल पर भी तैर सकती हैं ।
प्रश्न 6. निम्नलिखित समूहों में मेल न खाने वाली वस्तु ज्ञात कीजिए : (क) कुर्सी, पलंग, मेज, बच्चा, अलमारी । (ख) गुलाब, चमेली, नाव, गेंदा, कमल । (ग) ऐलुमीनियम, आयरन, ताँबा, चाँदी, रेत । (घ) चीनी, नमक, रेत, कॉपर सल्फेट अर्थात तूतिया ।
उत्तर—(क) बच्चा, (ख) नाव, (ग) रेत, (घ) रेत ।
प्रश्न 7. लकड़ी खुरदरी होती है । उसे चिकनी कैसे बनाते हैं? उत्तर – लकड़ी को सावधानी से चीरने के बाद भी वह खुरदरी ही रहती है। कारीगर उस समय रंदा चलाकर चिकना करता है । और भी अधिक चिकना करने के लिए रेगमाल से रगड़ते हैं और चिकना बनाते हैं ।
Bihar Board Class 6 Science तन्तु से वस्त्र तक (Tantu Se Vastra Tak Class 6th Science Solutions) Text Book Questions and Answers
3. तन्तु से वस्त्र तक
पाठ में आए कुछ प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. आखिर ये कपड़े आए कहाँ से? कैसे बनते हैं ये कपड़े ? उत्तर—ये कपड़े तन्तुओं (Fibres) से आए हैं, जो प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित कृत्रिम) होते हैं । ये कपड़े तागों (Threads) से बनते हैं, जिन्हें तन्तुओं से बनाया जाता है। तागों को एक साथ बुनने पर वस्त्र बनता है । कुरता – कमीज को सीना पड़ता है ।
प्रश्न 2. क्या सभी वस्त्र तागों से बनते हैं? उत्तर— हाँ, सभी वस्त्र तागों से बनते हैं ।
प्रश्न 3. दर्जी से विभिन्न प्रकार के वस्त्रों के टुकड़े लीजिए और उन्हें अपनी कॉपी पर चिपकाइए और उनके नीचे उनके धागे भी लगाइए। ये धागे किससे बनते हैं? उत्तर — धागे तन्तुओं से बनते हैं ।
प्रश्न 4. क्या सभी प्रकार के धागे तंतुओं से बनते हैं? उत्तर – हाँ, सभी प्रकार के धागे तंतुओं से बनते हैं ।
प्रश्न 5. सूती तंतु कैसे बनते हैं? उत्तर— सूती तंतु कपास से बनते हैं ।
प्रश्न 6. क्या आप भारत के कुछ ऐसे राज्य के नाम बता सकते हैं, जहाँ कपास की खेती की जाती है ? उत्तर—हाँ, भारत के अनेक राज्यों में कंपास की खेती होती है । जैसे : उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्णाटक । वैसे थोड़ा-बहुत हर प्रदेश में कपास उपजायी जाता है ।
प्रश्न 7. कंपास पौधे के किस भाग से बनती है ? उत्तर- कपास पौधे के फूल से बनती है ।
प्रश्न 8. क्या आप कपास से तागा बना सके ? उत्तर—हाँ, अभ्यास करने के बाद चरखा पर हम कपास से तागा बना सकते हैं । हम ही क्यों, कोई भी बना सकता है। गाँवों में लोग बनाते ही हैं ।
प्रश्न 9. क्या आपको सूती और रेशमी वस्त्रों की बुनाई में कोई समानता दिखाई देती हैं? उत्तर – हाँ, सूती और रेशमी वस्त्रों की बुनाई में समानताएँ हैं। दोनों के धागे समानान्तर ढंग से रखकर तथा अन्य धागों को समानाकार पट्टियों में एक धागे के ऊपर तथा उसके बगल वाले धागों के नीचे से गुजारे अथवा पिरोये जाएँ। इस प्रकार की प्रक्रिया को अनेक बार दुहराते हैं, तब सूती या रेशमी वस्त्र प्राप्त होते हैं ।
प्रश्न 10. कौन-कौन से कपड़े आप पहनते हैं? उत्तर – हम सूती, ऊनी, रेशमी, सिंथेटिक आदि कपड़े पहनते हैं ।
प्रश्न 11. क्या मौसम के अनुसार कपड़े बदलते हैं? उत्तर—हाँ, मौसम के अनुसार कपड़े बदलते हैं; गर्मी में सूती, रेशमी; जाड़े में ऊनी तथा वसंत ऋतु में रेशमी – सूती कपड़ों का उपयोग करते हैं
प्रश्न 12. क्या पहनने के अलावे कपड़े के और भी उपयोग हैं? उत्तर—हाँ, पहनने के अलावे कपड़ों को हम ओढ़ना तथा बिछावन आदि बनाने के उपयोग में लाते हैं ।
प्रश्न 13. क्या आपने ध्यान से देखा है कि स्वेटर किस प्रकार बुने जाते हैं? उत्तर—हाँ, स्वेटर एक धागे को दूसरे धागे से बाँधकर बुना जाता है। बँधाई में किसी एकल तागे का उपयोग वस्त्र के एक टुकड़े को बनाने में किया जाता है ।
प्रश्न 14. कैसे बनते हैं ये कपड़े ? उत्तर—ये कपड़े तागों की बुनाई एवं बँधाई की विधि से बनते हैं ।
प्रश्न 15. क्या आपने कभी किसी फटे हुए स्वेटर के किसी तागे को खींचकर देखा है ? जब आप ऐसा करते हैं, तब क्या होता है? उत्तर — ऐसा करने पर एकल धागा लगातार खिंचता चला आता है तथा वस्त्र उघड़ता जाता है ।
प्रश्न 16. क्या आपने कभी यह जानने का प्रयास किया है कि प्राचीन काल में लोग पहनने के लिए किस सामग्री का उपयोग करते थे? उत्तर – हाँ, प्राचीन काल में लोग प्रारम्भ में वृक्षों की छाल (वल्क), बड़ी-बड़ी पत्तियाँ अथवा जन्तुओं के चमड़े से अपने शरीर को ढँकते थे । कृपक समुदाय के गाँवों में बसना आरम्भ करने के पश्चात् लोग लताओं, जंतुओं की ऊन अथवा बालों को आपस में ऐंठन देकर लम्बी लड़ियाँ बनाकर तथा इन्हें बुनकर वस्त्र बनाने लगे ।
अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न 1. निम्नलिखित तन्तुओं का प्राकृतिक तथा संश्लिष्ट में वर्गीकृत कीजिए : नायलॉन, ऊन, रूई, रेशम, पॉलिएस्टर, पटसन उत्तर – प्रश्न में दिए गए तंतुओं का प्राकृतिक तथा संश्लिष्ट में निम्न प्रकार वर्गीकरण कर सकते हैं :
प्रश्न 2. नीचे दिए गए कथन सत्य हैं अथवा असत्य ? उलेख कीजिए : (क) तन्तुओं से धागा बनता है । (सत्य है) (ख) कताई वस्त्र निर्माण की एक प्रक्रिया है । (सत्य है) (ग) जूट नारियल का बाहरी आवरण होता है । (असत्य है) (घ) रूई से बिनौले (बीज) हटाने की प्रक्रिया को ओटना कहते हैं। (सत्य है) (ङ) धागों की बुनाई से वस्त्र का एक टुकड़ा बनता है । (असत्य है) (च) रेशम – तंतु किसी पादप के तने से प्राप्त होता है । (असत्य है) (छ) पॉलिएस्टर एक प्राकृतिक तंतु है । (असत्य है) नोट : (ग) सत्य यह है कि जूट पौधे का छाल (त्वचा) हैं। (ङ) सत्य यह है कि तागों की बुनाई से वस्त्र का थान बनता है । (च) सत्य यह है कि रेशम-तंतु एक जंतु के पेट से प्राप्त होता है (छ) सत्य यह है कि पॉलिएस्टर एक कृत्रिम तंतु है ।
प्रश्न 3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : (क) …………. और ……….. से पादप तंतु प्राप्त किए जाते हैं। (ख) ………… और ……….. जंतु से मिलने वाले तंतु हैं ।
उत्तर – (क) सूती तागा, जूट का रेशा (ख) ऊन, रेशम ।
प्रश्न 3. सही विकल्प को चुनिए :
(क) वैसे वस्त्र के तन्तु जो पौधों एवं जंतुओं से प्राप्त होते हैं, कहलाते हैं (i) प्राकृतिक तन्तु (ii) मानव निर्मित तन्तु (iii) प्राकृतिक एवं मानव निर्मितं तन्तु (iv) खनिज लवण
(ख) मानव निर्मित तन्तु हैं : (i) पॉलिस्टर (ii) नायलॉन (iii) एक्रिलिक (iv) उपर्युक्त सभी
(ग) बिहार के निम्न जिले में जूट अधिक उगाया जाता है (i) कटिहार (ii) मधेपुरा (iii) सहरसा (iv) उपर्युक्त सभी
(घ) रेशों से धागा बनाने की प्रक्रिया कहलाती हैं : (i) कताई (ii) बुनाई (iii) धुनाई (iv) रंगाई
(ङ) धागे से वस्त्र बनाने की विधियाँ हैं (i) बुनाई (ii) बँधाई (iii) बुनाई एवं बँधाई (iv) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 5. रूई तथा जूट (पटसन) पादप के किन भागों से प्राप्त होते हैं? उत्तर— रूई कपास नामक पादप के फूल से प्राप्त होता है। जूट (पटसन) सनई नामक पादप के छाल से प्राप्त होता है ।
प्रश्न 6. नारियल तंतु से बनने वाली दो वस्तुओं के नाम लिखिए । उत्तर – नारियल तंतु से बनने वाली दो वस्तुओं के नाम हैं । (i) रस्सी या थैला तथा (ii) ब्रश ( ह्वाईट वाशिंग के लिए) ।
प्रश्न 7. तंतुओं से धागा निर्मित करने की प्रक्रिया स्पष्ट कीजिए । उत्तर—रूई के तंतुओं से धागा निर्मित करने की प्रक्रिया है कि सबसे पहले रूई को धुनकर उसे पोला बना लिया जाता है । पोले से चॉक के दुगुने आकार की पीयुनी बनाते हैं। पीयुनी के एक छोर को अंगूठे और तर्जनी से पकड़कर चरखा के तकुए में फँसाते हैं। चरखा जिस गति से नचाया जाता है उसके कितने गुणा अधिक वेग से तकुआ नाचता है। इससे रूई में ऐंठन पड़ता है, जिससे धागा निर्मित होता है । इसमें कुछ अभ्यास और कुछ कारीगरी की आवश्यकता पड़ती है ।
प्रस्तावित परियोजनाएँ एवं क्रियाकलाप :
संकेत :छात्रों को स्वयं करना है। अपने माता-पिता या शिक्षक से सहायता सकते हैं।
कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. स्वेटर बनाने का ऊन कहाँ से प्राप्त होता है? उत्तर – स्वेटर बनाने का ऊन भेड़, ऊँट तथा बकरी आदि जन्तुओं से प्राप्त होता है। संश्लिष्ट ऊन, जो मानव निर्मित होते हैं, से भी स्वेटर बनाए जाते हैं ।
प्रश्न 2. बिहार में जूट (पटसन) कहाँ अधिक मात्रा में उगाया जाता है? उत्तर – बिहार के कटिहार, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, सुपौल तथा दरभंगा जिलों में जूट अधिक मात्रा में उगाया जाता है ।
प्रश्न 3. चरखा का उपयोग किस काम में किया जाता है ? उत्तर—चरखा का उपयोग हाथ से तागों की कताई के लिए किया जाता है । चरखा के उपयोग को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने स्वतंत्रता आंदोलन के एक पक्ष के रूप में लोकप्रियता प्रदान की थी।
प्रश्न 4. चटाई कैसे बनती है ? उत्तर – चटाई बनाने के लिए ताड़, खजूर, नारियल आदि की पत्तियाँ लेते हैं । ताड़ की पत्तियों के कठोर भाग को निकालकर पत्तियों को फाड़कर पतली-पतली पट्टियाँ बना लेते हैं । उन पट्टियों को समानान्तर ढंग से रखकर तथा अन्य पट्टियों को समानान्तर पट्टियों में एक पट्टी के ऊपर तथा उसके बगल वाली पट्टी के नीचे से गुजारते अथवा पिरोते हैं ।
प्रश्न 5. वस्त्र पहनने का चलन कब से आरम्भ हुआ ? शुरू में किन तंतुओं से वस्त्र बने ? उत्तर – वैसे तो प्राचीनकाल में मनुष्य नंगा ही रहता था। बाद में वह पेड़ों की पत्तियाँ, छाल और चमड़े से बदन को ढँकने लगा । सभ्यता के आगे बढ़ने पर वह वस्त्र बनाने और पहनने लगा। शुरू में पशुओं के बाल से वस्त्र बनता था। बाद में कपास के आविष्कार के बाद इससे तंतु बना और वस्त्र बुना गया । इस प्रकार हम देखते हैं कि शुरू में कपास के तंतु, ऊन के तंतु, फिर रेशम के तंतु से वस्त्र बनने लगा ।
प्रश्न 6. कपड़ा बुनने का कारखाना सर्वप्रथम कहाँ बना ? कारखाने से मनुष्य को क्या लाभ हुए ? उत्तर—कपड़ा बुनने का कारखाना सर्वप्रथम इंग्लैंड में बना । इससे मनुष्य को लाभ हुआ कि महीन से महीन कपड़ा कम मूल्य पर मिलने लगा । कारखाने में वैसी मशीनें लगीं, जिसे काफी महीन तंतु बनाए जा सकते थे। बुनते समय तेजी से मशीनों के चलने के बावजूद तंतु टूटते नहीं थे ।
प्रश्न 7. कपड़ा बुनने के कारखानों से भारत पर क्या प्रभाव पड़ा ? उत्तर— कपड़ा बुनने के कारखानों से भारत पर यह कुप्रभाव पड़ा कि यहाँ के गृह उद्योग चौपट हो गए। कारीगरों को मजदूर बनकर खेतों में काम करना पड़ा। देश का धन विदेश में जाने लगा। देश में गरीबी फैलने लगी ।
Bihar Board Class 6 Science भोजन में क्या-क्या हैं? (Bhojan Me Kya Kya Hai Class 6th Science Solutions) Text Book Questions and Answers
2. भोजन में क्या-क्या हैं?
पाठ में आए कुछ प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. अलग-अलग खाद्य पदार्थों में क्या होता है? उत्तर—अलग-अलग खाद्य पदार्थों में हमारे शरीर के लिए कुछ आवश्यक अवयव होते हैं, जिन्हें हम पोषक तत्व कहते हैं। जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज लवण आदि पोषक तत्व हैं ।
प्रश्न 2. विभिन्न पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी हैं? उत्तर—विभिन्न पोषक तत्व हमारे शरीर की वृद्धि, शक्ति, ऊर्जा, त्वचा, मसूड़े, हड्डियों आदि की मजबूती के लिए जरूरी हैं
प्रश्न 3. क्या कोई अन्य स्रोत हमोर शरीर को जल प्रदान करता है? उत्तर— हाँ, टमाटर, नींबू, कच्चे फल आदि के साथ-साथ दूध, चाय, पका भोजन आदि खाद्य पदार्थ हैं, जो हमारे शरीर को जल प्रदान करते हैं । इन्हीं अवयवों को जल का अन्य स्रोत कहते हैं ।
प्रश्न 4. क्या आप सोचते हैं कि प्रत्येक आयु वर्ग के लागों को एक ही प्रकार के आहार को आवश्यकता होती है ? उत्तर— नहीं, प्रत्येक आयु वर्ग के लोगों को एक ही प्रकार के आहार की आवश्यकता नहीं होती है। आयु के अनुसार आहारी अवयवों तथा मात्रा में अन्तर रखना पड़ता है ।
प्रश्न 5. क्या आप यह भी सोचते हैं कि हमारा संतुलित आहार हमारे शारीरिक कार्य पर निर्भर करता है? उत्तर – हाँ, हमारा संतुलित आहार हमारे शारीरिक कार्य पर निर्भर करता है । शारीरिक श्रम करने वाले को अधिक ऊर्जा वाला भोजन चाहिए, जबकि मानसिक श्रम करने वालों को कम ऊर्जा से भी काम चल सकता है ।
प्रश्न 6, क्या आप जानते हैं कि पकाते समय कुछ पोषक नष्ट हो जाते हैं ? उत्तर—हाँ, पकाते समय कुछ पोषक नष्ट हो जाते हैं; जैसे- विभिन्न विटामिन्स, मंड तथा अन्य पोषक तत्व आदि ।
प्रश्न 7. क्या यह उचित नहीं होगा कि हम अपने आहार में फल और कच्ची सब्जियों को सम्मिलित करें ? उत्तर- यह पूर्णतः उचित होगा कि हम अपने आहार में फल और कच्ची सब्ज़ियों को सम्मिलित करें । कच्ची सब्जियों में पत्तीदार सब्जी जैसे मूली की पत्ती, बन्दगोभी, पालक आदि का उपयोग हमारे लिए बहुत लाभदायक होगा ।
प्रश्न 8. भोजन में वसा, प्रोटीन, मंड, खनिज लवण और विटामिन होते हैं । यदि इनमें से कोई पोषक पदार्थ शरीर को बिल्कुल न मिले या सब पदार्थ कम मात्रा में मिलें तो क्या होगा ? उत्तर – इनमें से कोई पोषक पदार्थ शरीर को बिल्कुल न मिले या सब पदार्थ कम मात्रा में मिलें, तो शरीर विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रसित हो जायेगा। जिन बच्चों को संतुलित आहार नहीं मिलता है, उन्हें मरास्मस नामक रोग हो जाता है ।
प्रश्न 9. कम भोजन मिलने पर कौन-से पोषक पदार्थ ऐसे बच्चों को कम मात्रा में मिलते होंगे । उत्तर– कम भोजन मिलने पर प्रोटीन तथा कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम मिलती है, जिससे बच्चा काफी दुबल-पतला एवं कमजोर हो जाता है।
प्रश्न 10. क्या अपने गाँव में आपने कोई ऐसा बच्चा देखा है, जो रोग से या प्रोटीन की कमी से पीड़ित है । यदि देखे हों, तो पता लगाकर लिखें कि ऐसे बच्चे को दिन में क्या-क्या और कितना भोजन मिलता है ? उत्तर—हाँ, ऐसा बच्चा देखा है। इस प्रकार के बच्चे को दिन में केवल एक बार चावल, सब्जी या रोटी-प्याज-नमक आदि मिलता है । न कोई हरी सब्जी और ना ही कोई फल या दूध- अंडा आदि मिलते हैं । कभी-कभी मांस मिलता है, लेकिन वह भी बहुत कम मात्रा में । संतुलित भोजन के अभाव में ही बच्चा का ऐसा हाल हो गया होगा ।
प्रश्न 11. पीने का पानी ढँककर रखा जाता है । क्या आपने विचार किया है कि ऐसा क्यों किया जाता है ? उत्तर – पानी को खुला छोड़ देने से धूलकण के साथ-साथ सूक्ष्म जीवाणु जल में प्रवेश कर जा सकते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं ।
प्रश्न 12. यदि भोजन ढँककर नहीं रखेंगे, तो क्या होगा ? उत्तर—यदि भोजन ढँककर नहीं रखेंगे, तो उस पर धूलकण जम जाएँगे, मक्खियाँ, जो गंदे जगहों पर बैठकर अपने साथ सूक्ष्म जीवों को लाती हैं, भोजन पर बैठेंगी और उसे दूषित कर देंगी । दूषित भोजन खाने से आदमी बीमार पड़ सकता है ।
प्रश्न 13. क्या आप दो दिन पहले बने भात, दाल, रोटी, सब्जी आदि खाना पसंद करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों ? उत्तर—दो दिन पहले बने ये भोजन दुर्गंध देने लगते हैं, इनमें खटास आ जाती है, जिससे ये खाने योग्य नहीं रह जाते । इन्हें हम नहीं खा सकते क्योंकि खा लें तो निश्चित है कि बीमार पड़ जाएँगे ।
अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर
1. सही विकल्प को चुनें :
(क) आलू में उपस्थित होता है : (i) मंड (ii) प्रोटीन (iii) वसा (iv) खनिज लवण
(ख) घेघा रोग किसकी कमी से होता है? (i) विटामिन-सी (ii) कैल्सियम (iii) आयोडीन (iv) फॉस्फोरस
(ग) रुक्षांश के मुख्य स्रोत हैं : (i) चावल (ii) बेसन (iii) जल (iv) ताजे फल और सब्जियाँ
(घ) भोजन में मंड परीक्षण के दौरान टिंक्चर आयोडीन के हल्के घोल की कुछ बूँदें मिलाने पर खाद्य-पदार्थ का रंग बदल जाता है : (i) नीला (ii) काला (iii) नीला या काला (iv) इनमें से कोई नहीं
(ङ) ऊर्जा देने वाले पोषक तत्व कहलाते हैं : (i) वसा (ii) कार्बोहाइड्रेट (iii) वसा एवं कार्बोहाइड्रेट (iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (क) → (i), (ख) →(iii), (ग)→(iv), (घ)→(iii), (ङ)→(iii)।
प्रश्न 3. इनमें सही कथन को सही से अंकित कीजिए : (क) केवल चावल खाने से हम अपने शरीर की पोषक आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं । (ख) संतुलित आहार खाकर अभावजन्य रोगों की रोकथाम की जा सकती है । (ग) शरीर के लिए संतुलित आहार में नाना प्रकार के खाद्य पदार्थ होने चाहिए । (घ) शरीर को सभी पोषक तत्व उपलब्ध कराने के लिए केवल मांस पर्याप्त है ।
उत्तर — (क) (गलत), (ख), (सही), (ग) (सही), (घ) (गलत)
प्रश्न 4. दो ऐसे खाद्य पदार्थों के नाम लिखिए जिनमें निम्नलिखित पोषक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं : (क) बसा, (ख) मंड, (ग) आहारी रेशे, (घ) प्रोटीन ।
प्रश्न 5. निम्नलिखित के नाम लिखिए: (क) पोषक तत्त्व, जो मुख्य रूप से हमारे शरीर को ऊर्जा देते हैं (ख) पोषक तत्त्व, जो हमारे शरीर की वृद्धि और अनुरक्षण के लिए आवश्यक हैं। (ग) वह विटामिन, जो हमारी अच्छी दृष्टि के लिए आवश्यक है (घ) वह खनिज, जो अस्थियों के लिए आवश्यक है।
प्रश्न 6. हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्त्वों के नाम लिखिए । उत्तर – हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्त्व निम्नलिखित हैं (i) कार्बोहाइड्रेट, (ii) प्रोटीन, (iii) वसा (iv) रुक्षांश, (v) जल, (vi) विटामिन तथा (vii) खनिज लवण |
प्रश्न 7. कुपोषण से क्या समझते हैं? इससे कैसे बचा जा सकता है? उत्तर—भोजन में पर्याप्त पोषक पदार्थों का नहीं मिलना या भोजन का कम मिलना कुपोषण कहलाता है। कुपोषण से व्यक्ति बीमार-सा दिखने लगता है और अधिक दिनों तक उसे उचित भोजन नहीं मिले तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है । कुपोषण से बचने के उपाय – कुपोषण से बचने का उपाय है कि व्यक्ति कम- से-कम न्यूनतम भी पोषक पदार्थों का सेवन करता रहे। भोजन में व्यक्ति को थोड़ा-थोड़ा भी कार्बोहाइड्रेटए बसा, प्रोटीन तथा विभिन्न विटामिन युक्त भोजन मिलते रहना चाहिए। कुपोषण रोकने का यही एक तरीका है और इसी प्रकार कुपोषण से बचा जा सकता है ।
प्रस्तावित परियोजनाएँ एवं क्रियाकलाप :
संकेत : छात्रों को स्वयं करना है। अपने माता-पिता या शिक्षक से सहायता ले सकते हैं।
कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. खाने में यदि एक ही खाद्य पदार्थ से पके भोजन या बहुत कम भोजन करें, तो क्या हमें ताकत एवं स्फूर्ति मिल सकेगी ? उत्तर—नहीं, खाने में यदि हम एक ही खाद्य पदार्थ से पके भोजन या बहुत कम भोजन करें, तो हमें ताकत और स्फूर्ति नहीं मिल सकेगी। पोषक तत्त्वों के अभाव के कारण हम कमजोर होकर बीमारियों से ग्रसित हो जायेंगे ।
प्रश्न 2. आप कैसे जाँच करेंगे कि खाद्य पदार्थों में प्रोटीन है? उत्तर — इसके लिए हम खाद्य पदार्थ की अल्प मात्रा लेते हैं। खाद्य पदार्थ यदि ठोस होता है, तो उसका चूर्ण बना लेते हैं और उसकी थोड़ी मात्रा एक परखनली में लेते हैं और दस बूँद जल मिलाकर इसे अच्छी तरह हिलाते हैं । ड्रापर की सहायता से परखनली में दो बूँद कॉपर सल्फेट का घोल तथा दस बूँद कॉस्टिक सोडा का घोल डालतें हैं । कुछ देर बाद हम देखते हैं कि परखनली के पदार्थ का रंग बैंगनी हो गया है, जो खाद्य पदार्थ में प्रोटीन की उपस्थिति दर्शाता है।
Bihar Board Class 6 Science भोजन कहाँ से आता है? (Bhojan Kaha Se Aate Hai Class 6 Science Solutions) Text Book Questions and Answers
1. भोजन कहाँ से आता हैं?
अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न 1. क्या सभी जीव-जन्तु एक ही प्रकार का भोजन करते हैं? उत्तर— नहीं, सभी जीव-जन्तु एक ही प्रकार का भोजन नहीं करते हैं । “
प्रश्न 2. किन्हीं चार पौधों के नाम लिखिए तथा बताइए कि उनके कौन-से भाग का उपयोग भोजन में करते हैं? उत्तर—वे चार पौधे निम्नलिखित हैं जिनके विभिन्न भाग भोजन के रूप में उपयोग करते हैं : (i) मटर- साग, सब्जी, दाल तथा सत्तू । (ii) चना — सागं, सब्जी, दाल तथा सत्तू | (iii) सरसों— साग, दानों से तेल तथा मसाला । (iv) मकई–भुट्टा, भूँजा, भात, सत्तू तथा रोटी ।
प्रश्न 3. चार जन्तुओं के नाम लिखिए और उनसे प्राप्त उत्पादों को बताइए । उत्तर — (i) गाय, (ii) भैंस, (iii) बकरी, (iv) मुर्गी । (i) गाय — दूध, दही, घी, मक्खन, चमड़े से बने जूता-चप्पल एवं अन्य सामान । (ii) भैंस — दूध, घी, मक्खन, खोआ, पनीर, मिठाई, चमड़े से बने चूता-चप्पल एवं अन्य सामान । (iii) बकरी—दूध, मांस, चमड़ा । (iv) मुर्गी — मांस, अण्डा ।
प्रश्न 4. मिलान कीजिए :
कॉलम – 1 कॉलम – 2 (क) शाकाहारी (क) मांसाहारी जन्तु हैं (ख) शेर और बाघ (ख) जन्तु उत्पाद हैं । (ग) दूध, अण्डा, मांस (ग) मधुमक्खी के छत्ते से प्राप्त होता है। (घ) शहद (घ) पादप एवं पादप उत्पाद खाते हैं ।
उत्तर : कॉलम-1 कॉलम – 2 (क) शाकाहारी (क) पादप एवं पादप उत्पाद खाते हैं । (ख) शेर और बाघ (ख) मांसाहारी जन्तु हैं । (ग) दूध, अण्डा, मांस (ग) जन्तु उत्पाद हैं । (घ) शहद (घ) मधुमक्खी के छत्ते से प्राप्त होता है ।
उत्तर लिखने की दूसरी आसान विधि : उत्तर : (क) – (घ), (ख) – (क), (ग) – (ख), (घ) – (ग)। नोट : दोनों में से किसी विधि से उत्तर लिखने पर अंक बराबर ही मिलेंगे ।
प्रश्न 5. दिए गए रिक्त स्थानों की पूर्ति उपयुक्त शब्दों से कीजिए । (गन्ना, सर्वाहारी, ऊर्जा, शाकाहारी)
(क) हमें शक्कर …………….. से प्राप्त होता है । (ख) बंदर ……………. जन्तु है । (ग) भोजन से हमें ……………. मिलती है । (घ) मनुष्य एवं तिलचट्टा ………….. जन्तु हैं ।
प्रश्न 6. दिए गए शब्दों से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए : शाकाहारी, पादप, दूध, मांसाहारी
(क) बाघ एक …………. है, क्योंकि यह केवल मांस खाता है । (ख) हिरण केवल पादप-उत्पाद खाता है और इसलिए इसे ………….. कहते हैं। (ग) तोता केवल ……………. उत्पाद खाता है । (घ) जो ………………. हम पीते हैं, वह प्रायः गाय, भैंस या बकरी से प्राप्त होता है, इसलिए यह जंतु – उत्पाद है ।
प्रस्तावित परियोजनाएँ एवं क्रियाकलाप : संकेत :छात्र इन्हें स्वयं करें ।
कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. हमें भोजन की आवश्यकता क्यों होती है ? उत्तर—हमें भोजन की आवश्यकता जीने के लिए तथा ऊर्जा प्राप्त करने के लिए होती है।
प्रश्न 2. भोजन से हमें क्या-क्या मिलते हैं ? उत्तर— भोजन से हमें विटामिन, प्रोटीन, वसा, लवण, खनिज, आयरन, कैल्सियम आदि मिलते हैं । यदि एक शब्द में कहें तो भोजन से हमें ऊर्जा मिलती है ।
प्रश्न 3. भोजन के लिए दूसरे जीवों पर आश्रित जन्तुओं को क्या कहते हैं ? उत्तर—भोजन के लिए दूसरे जीवों पर आश्रित जन्तुओं को परजीवी कहा जाता है।
प्रश्न 4. क्या हमें सभी पौधों का उपयोग खाने के रूप में करना चाहिए ? उत्तर— नहीं, हमें सभी पौधों का उपयोग बिना सोचे-समझे खाने के रूप में उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये विषैले भी हो सकते हैं ।
प्रश्न 5. क्या फूल और मकरंद सदैव उपलब्ध होते हैं ? उत्तर – नहीं, फूल और मकरंद (मीठे रस) वर्ष के केवल कुछ महीनों में ही उपलब्ध होते हैं ।
प्रश्न 6. पौधे जल का उपयोग कहाँ से करते हैं? उत्तर—पौधे जल का उपयोग धरती के अंदर से अपने जड़ों द्वारा करते हैं।
प्रश्न 7. प्रकाश संश्लेषण की विधि क्या है ? उत्तर — पौधे सूर्य की रोशनी में अपनी हरी पत्तियों पर अपना भोजन जिस विधि से तैयार करते हैं, उसे ‘प्रकाश संश्लेषण’ की विधि कहते हैं ।
प्रश्न 8. कॉलम 1 में दिए गए खाद्य पदार्थ का मिलान कॉलम 2 से कीजिए । उत्तर :
इस लेख में बिहार बोर्ड कक्षा 10 विज्ञान के पाठ 15 ‘ प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन ( Prakritik sansadhan prabandhan class 10th solution in Hindi )’ को पढ़ेंगे।
16 प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन
पृष्ठ : 302 )
पाठ में दिए हुए प्रश्न तथा उनक उत्तर
प्रश्न 1. पर्यावरण मित्र बनने के लिए आप अपनी आदतों में कौन-से परिवर्तन ला सकते हैं ?
उत्तर—यदि हम तीन ‘R’ के प्रयोग के आधार पर काम करें तो पर्यावरण मित्र बन सकते हैं । इन तरीकों के लिए अपनी आदतों को बदलना होगा ।
प्रश्न 2. संसाधनों के दोहन के लिए कम अवधि के उद्देश्य की परियोजना के क्या लाभ हो सकते हैं ?
उत्तर— संसाधनों के दोहन के लिए कम अवधि के उद्देश्य की परियोजना से यह लाभ हो सकता है कि बिना उत्तरदायित्व के अधिकाधिक मुनाफ़ा प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 3. यह लाभ, लंबी अवधि को ध्यान में रखकर बनाई गई परियोजनाओं के लाभ से किस प्रकार भिन्न है ।
उत्तर :
कम अवधि के उद्देश्य की परियोजना
लंबी अवधि के उद्देश्य की परियोजना
(i) इससे हम अधिक-से-अधिक लाभ प्राप्त करते हैं ।
(ii) इस योजना के तहत भावी पीढ़ियों के लिए हमारा कोई उत्तरदायित्व ध्यान में नहीं होता है ।
(i) इससे संसाधनों के संपोषित विकास के लिए उपयोग करते हैं ।
(ii) इस योजना के तहत भावी पीढ़ियों के उपयोग के लिए भी संसाधनों को सुरक्षित रखना होता है
प्रश्न 4. क्या आपके विचार में संसाधनों का समान वितरण होना चाहिए ? संसाधनों के समान वितरण के विरुद्ध कौन-कौन-सी ताकतें कार्य कर सकती हैं ?
उत्तर – मेरे विचार में संसाधनों का समान वितरण होना चाहिए क्योंकि धरती हम सबकी है । इस पर रहनेवाले सभी प्राणियों का संसाधनों पर समान अधिकार है। संसाधनों का अर्थ उनका दोहन अथवा शोषण नहीं है । यदि कोई इन संसाधनों का अत्यधिक उपयोग कर रहा है तो इसका मतलब है कि इसकी कमी किसी को जरूर डझेलनी पड़ रही होगी । इससे पर्यावरण को काफी क्षति पहुँचती है । लेकिन मुट्ठी भर अमीर और शक्तिशाली लोग ही इसका लाभ उठाते हैं । वे इसका समान वितरण नहीं चाहते ।
( पृष्ठ: 306)
प्रश्न 1. हमें वन एवं वन्य जीवन का संरक्षण क्यों करना चाहिए ?
उत्तर—वन जैव विविधता के विशिष्ट स्थल हैं । जैव विविधता का एक आधार उस क्षेत्र में पाई जानेवाली विभिन्न स्पीशीज की संख्या है । परंतु जीवों के विभिन्न स्वरूप (जीवाणु, कवक, फर्न, पुष्पी, पादप, सूत्रकृमि, कीट, पक्षी, सरीसृप इत्यादि) भी महत्त्वपूर्ण हैं। वंशगत जैव विविधता को संरक्षित करने का प्रयास प्राकृतिक संरक्षण के मुख्य उद्देश्यों में से एक है। प्रयोगों तथा वस्तुस्थिति के अध्ययन से हमें पता चलता है कि विविधता के नष्ट होने से पारिस्थितिक स्थायित्व भी नष्ट हो सकता है ।.
प्रश्न 2. संरक्षण के लिए कुछ उपाय सुझाइए ।
उत्तर – वनों की प्राकृतिक छवि में मनुष्य का हस्तक्षेप बहुत अधिक है । हमें इस हस्तक्षेप की प्रकृति एवं सीमा को नियंत्रित करना होगा। वन संसाधनों का उपयोग इस प्रकार करना होगा जो पर्यावरण एवं विकास दोनों के हित में हो । अर्थात् जब पर्यावरण अथवा वन संरक्षित किये जाएँ, उनके सुनियोजित उपयोग का लाभ स्थानीय निवासियों को मिलना चाहिए । यह विकेंद्रीकरण की एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें आर्थिक विकास एवं पारिस्थितिक संरक्षण दोनों साथ-साथ चल सकते हैं। आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है ।
(पृष्ठ : 310 )
प्रश्न 1. अपने निवास क्षेत्र के आस-पास जल संग्रहण की परंपरागत पद्धति का पता लगाइए।
उत्तर— जल संग्रहण भारत की बहुत पुरानी संकल्पना है, जैसे— राजस्थान में खादिन, बड़े पात्र एवं नाड़ी, महाराष्ट्र के बंधारस एवं ताल; मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में बांधिस, बिहार में आहर तथा पइन, हिमाचल प्रदेश में कुल्ह, जम्मू के काँदी क्षेत्र में तालाब तथा तामिलनाडु में टैंक, केरल में सुरंगम, कर्नाटक में कट्टा इत्यादि । प्राचीन जल संग्रहण तथा जल परिवहन संरचनाएँ आज भी उपयोग में हैं । जल संग्रहण तकनीक स्थानीय होता है तथा इसका लाभ भी स्थानीय क्षेत्र को ही होता है । खादिन को ढोरा भी कहते हैं । यह पद्धति जमीन पर बहते हुए पानी को कृषि में उपयोग करने के लिए विकसित की गई थी। इसकी प्रमुख विशेषता यह कि इससे निचली पहाड़ी की ढलानों को लाभ हो । इसमें पानी को अधिक मात्रा में बाहर निकालकर फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देना है ।
प्रश्न 2. इस पद्धति की पेयजल व्यवस्था (पर्वतीय क्षेत्र, मैदानी क्षेत्र अथवा पठारी क्षेत्र) से तुलना कीजिए ।
उत्तर—पर्वतीय क्षेत्रों में जल संग्रहण और मैदानी क्षेत्रों (पठारी क्षेत्रों) में अंतर है। जैसे हिमाचल प्रदेश में करीब चार सौ वर्ष पहले नहर सिंचाई की व्यवस्था की गई थी, जिसे कुल्ह के नाम से जाना जाता था। नदियों में बहनेवाले पानी को छोटी-छोटी नालियों द्वारा पहाड़ी के निचले भांग तक पहुँचाया जाता था । इसका प्रबंधन गाँव के लोग खुद करते थे। कृषि के समय दूरस्थ गाँव को पानी दिया जाता था । कुल्ह की देख-रेख के लिए तथा प्रबंधन के लिए चार-पाँच लोग को रखते थे । उनके लिए वेतन की व्यवस्था करते थे। इससे लाभ केवल कृषि को ही नहीं था बल्कि इस जल का भूमि में अंतः स्रवण भी होता रहता था ।
प्रश्न 3. अपने क्षेत्र में जल के स्रोत का पता लगाइए। क्या इस स्रोत से प्राप्त जल उस क्षेत्र के सभी निवासियों को उपलब्ध है ।
उत्तर – हमारे क्षेत्र में जल का मुख्य स्रोत कुआँ तथा नगर-निगम द्वारा आपूर्ति जल है। गर्मी के दिनों में कभी-कभी भूमिगत जल का स्तर इतना नीचे चला जाता है कि पेयजल की कमी होने लगती है । इससे उस क्षेत्र के निवासियों को जल की उपलब्धता संभव नहीं हो पाती या कम हो पाती है ।
अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. अपने घर को पर्यावरण-मित्र बनाने के लिए आप उसमें कौन-कौन- से परिवर्तन सुझा सकते हैं ?
उत्तर—हम पर्यावरण को निम्नलिखित प्रभावी ढंग से सुरक्षित रख सकते हैं : (i) कम-से-कम वस्तुओं का उपयोग करना बिजली के पंखे तथा बल्ब का स्विच बंद करके विद्युत का अपव्यय को रोक सकते हैं तथा पानी टपकनेवाले नल की मरम्मत कराकर जल की बचत कर सकते हैं। (ii) प्लास्टिक, काँच तथा धातु की वस्तुओं को पुनःचक्रण करना । ऐसे पदार्थों के पुनःचक्रण द्वारा दूसरी उपयोगी वस्तुओं का निर्माण हो । (iii) वस्तु का बार-बार उपयोग करना प्रयुक्त कागज तथा लिफाफों को फेंकने के बजाय इसका पुनः उपयोग कर सकते हैं ।
प्रश्न 2. क्या आप अपने विद्यालय में कुछ परिवर्तन सुझा सकते हैं, जिनसे इसे पर्यानुकूलित बनाया जा सके ?
उत्तर—हम तीन R अर्थात् कम उपयोग करना, पुनःचक्रण तथा पुनः उपयोग को कर अपने विद्यालय को पर्यानुकूलित बना सकते हैं ।
लागू
प्रश्न 3. इस अध्याय में हमने देखा कि जव हम वन एवं वन्य जंतुओं की बात करते हैं तो चार मुख्य दावेदार सामने आते हैं । इनमें से किसे वन उत्पाद प्रबंधन हेतु निर्णय लेने के अधिकार दिए जा सकते हैं ? आप ऐसा क्यों सोचते हैं ?
उत्तर—जब हम वन एवं वन्य जंतुओं की बात करते हैं तो चार मुख्य दावेदार समाने आते हैं जैसे वन के अंदर एवं इसके निकट रहनेवाले लोग, सरकार का वन विभाग, उद्योगपति तथा वन्य जीवन एवं प्रकृतिप्रेमी । मेरे विचार में उत्पादों के प्रबंधन हेतु निर्णय लेने के अधिकार दिये जाने के लिए स्थानीय लोग सर्वाधिक उपयुक्त हैं। क्योंकि स्थानीय “लोग वन का संपोषित तरीके से उपयोग करते हैं । सदियों से ये स्थानीय लोग इन वनों का उपयोग करते आ रहे हैं । साथ ही इन्होंने ऐसी पद्धतियों का भी विकास किया है जिससे संपोपण होता है तथा आनेवाली पीढ़ियों के लिए उत्पाद बचे रहें । इनके अतिरिक्त गड़ेरियों द्वारा वनों के पारंपरिक उपयोग ने वन के पर्यावरण संतुलन को भी सुनिश्चित किया है। वनों के प्रबंधन से स्थानीय लोगों को दूर रखने का हानिकारक प्रभाव वन की क्षति के रूप में सामने आ सकता है । वास्तव में वन संसाधनों का उपयोग इस प्रकार करना होगा कि यह पर्यावरण एवं विकास दोनों के हित में हो तथा नियंत्रण का फायदा स्थानीय लोगों को मिले। यह विकेंद्रीकरण की एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें आर्थिक विकास तथा पारिस्थितक संरक्षण दोनों साथ-साथ चल सकते हैं ।
प्रश्न 4. अकेले व्यक्ति के रूप में आप निम्न के प्रबंधन में क्या योगदान दे सकते : (a) वन एवं वन्य जंतु (b) जल संसाधन (c) कोयला एवं पेट्रोलियम ?
उत्तर- (a) वन एवं वन्य जंतु — स्थानीय लोगों को यदि वनों से वंचित रखा जायगा तो वनों का प्रबंधन संभव नहीं है । इसका उदाहरण अराबारी वन क्षेत्र है, जहाँ एक बड़े क्षेत्र में वनों का पुनर्भरण संभव हो सका है। मैं लोगों की सक्रिय भागीदारी को सुनिश्चित करनर चाहूँगा मै संपोषित तरिको से संसाधन के समान वितरण पर जोर देना चाहूँगा ताकि इसका फायदा सिर्फ मुट्ठी भर अमिर एवं शक्तिशाली लोगो को ही प्रप्त न हो ।
(b) जल संसाधन — हम जाने-अनजाने पानी का खर्च बहुत अधिक करते हैं । इसे रोकना चाहिए । हमें अपनी आदतों को सुधारना चाहिए। इसके अलावा किसी जल संभर तकनीकी की सहायता से भी जल को संरक्षित किया जा सकता है।
(c) कोयला एवं पेट्रोलियम — अभी ऊर्जा का मुख्य स्रोत कोयला तथा पेट्रोलियम है । इन्हें हम कई तरीकों से बचा सकते हैं : (i) सौर उपकरणों का उपयोग करके । (ii) वाहनों की जगह पैदल तथा साइकिल द्वारा छोटी-छोटी दूरियाँ तय करके। (iii) बल्ब की जगह ट्यूबलाइट का उपयोग करके । (iv) अनावश्यक बल्ब तथा पंखों का स्विच बंद करके । (v) लिफ्ट के जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करके । (vi) वाहनों के टायरों में हवा का उपयुक्त दबाव बनाए रखकर । (vii) रेडलाइट पर रुकते ही गाड़ी को बंद करके ।
प्रश्न 5. अकेले व्यक्ति के रूप में आप विभिन्न प्राकृतिक उत्पादों की खपत कम करने के लिए क्या कर सकते हैं ?
उत्तर—अकेले व्यक्ति के रूप में विभिन्न प्राकृतिक उत्पादों की खपत कम करने के लिए निम्नलिखित तरीकों को अपनाऊँगा : (i) छोटी दूरियाँ तय करने के लिए वाहनों की जगह पैदल अथवा साइकिल का उपयोग करके पेट्रोल की बचत कर सकता हूँ । (ii) लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करके बिजली की बचत कर सकता हूँ । (iii) बल्ब की जगह ट्यूबलाइट का प्रयोग कर सकता हूँ । (iv) अनावश्यक बल्ब तथा पंखे बंद करके बिजली बचत कर सकता हूँ । (v) खाद्य पदार्थ को न फेंककर भोजन की बचत कर सकता हूँ । (vi) टपकनेवाले नलों की मरम्मत कराकर पानी की बचत कर सकता हूँ । (vii) जब गाड़ी रेडलाइट पर खड़ी हो उस समय गाड़ी बंद करके पेट्रोल की बचत कर सकता हूँ।
प्रश्न 6. निम्न से संबंधित ऐसे पाँच कार्य लिखिए जो आपने पिछले एक सप्ताह में किए हैं : (a) अपने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण । (b) अपने प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव को और बढ़ाया है ।
उत्तर : (a) अपने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण : (i) वाहन की जगह पैदल चलकर पेट्रोल बचाया है (ii) हमने टपकनेवाले नल की मरम्मत कराकर पानी बचाया है। (iii) लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करके बिजली बचायी (iv) अनावश्यक पंखे तथा बल्ब को बंद करके बिजली बचायी है। (v) खाली दवा की बोतलों को कुछ सामान रखकर उसका उपयोग किया है । (b) अपने प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव के और बढ़ाया है : (i) ‘ट्यूबलाइट के स्थान पर बल्ब का उपयोग किया। (ii) अपना भोजन फेंका । (iii) मैं तो सी गया लेकिन TV चलता रहा । (iv) हाथ धोते समय अधिक पानी खर्च किया । (v) कमरे को गर्म रखने के लिए हीटर का प्रयोग किया ।
प्रश्न 7. इस अध्याय में उठाई गई समस्याओं के आधार पर आप अपनी जीवन- शैली में क्या परिवर्तन लाना चाहेंगे जिससे हमारे संसाधनों के संपोषण को प्रोत्साहन मिल सके ?
उत्तर—हम अपनी जीवन शैली में तीन ‘R’ की संकल्पना को लागू करना चाहेंगे जिसका अर्थ होता है कम उपयोग करना, पुनःचक्रण तथा पुनः उपयोग। इससे हमारे संसाधनों के संपोषण को प्रोत्साहन मिलेगा ।
इस लेख में बिहार बोर्ड कक्षा 10 विज्ञान के पाठ 15 ‘ हमारा पर्यावरण( Hamara paryavaran class 10th solution in Hindi )’ को पढ़ेंगे।
15. हमारापर्यावरण
( पृष्ठ: 289 )
पाठ में दिए हुए प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. क्या कारण है कि कुछ पदार्थ जैव निम्नीकरणीय होते हैं और कुछ अजैव निम्नीकरणीय ?
उत्तर – पृथ्वी पर बहुत सारे पदार्थ हैं, जिनमें कुछ पदार्थों के ऊपर सूक्ष्म जीव प्रभावित होकर सरल पदार्थों में बदल देते हैं, जिन्हें जैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहते हैं । कुछ पदार्थों के ऊपर सूक्ष्म जीव का प्रभाव नहीं पड़ता है । वे अपघटित नहीं होते हैं । उन्हें अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहते हैं ।
प्रश्न 2. ऐसे दो तरीके सुझाइए जिनमें जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं ।
उत्तर—जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को दो तरीकों से प्रभावित करते हैं : (i) ये पदार्थ अपघटित होकर विषैले पदार्थ का निर्माण करते हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है । (ii) ये पदार्थ अपघटित होकर कुछ ऐसी हानिकारक गैसों का निर्माण करते हैं । इससे बहुत दुर्गन्ध फैलता है ।
प्रश्न 3. ऐसे दो तरीके बताइए जिनमें अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं ।
उत्तर — पहला तरीका यह है कि अजैव पदार्थ अपघटित नहीं होते हैं । ये लंबे समय तक पर्यावरण को प्रदूषित करते रहते हैं । दूसरा तरीका है कि अजैव पदार्थ से भूमि तथा प्रदूषित होता है। इस प्रकार अजैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं ।
(पृष्ठ : 294 )
प्रश्न 1. पोपी स्तर क्या है ? एक आहार श्रृंखला का उदाहरण दीजिए तथा इसमें विभिन्न पोपी स्तर बताइए ।
उत्तर—किसी खाद्य शृंखला के विभिन्न चरणों को पोपी स्तर कहते हैं । जैसे : घास – हिरण- शेर (बाघ) । इस आहार श्रृंखला में विभिन्न पोषी स्तर हैं : (i) पहला पोपी स्तर घास है जो उत्पादक कहलाता है । (ii) दूसरा पोपी स्तर हिरण है । यह शाकाहारी है । (iii) तीसरा पोपी स्तर शेर है । यह मांसाहारी है ।
प्रश्न 2. पारितंत्र में अपमार्जकों की क्या भूमिका है ?
उत्तर—अपमार्जक का प्रयोग कपड़ों की सफाई के लिए किया जाता है। जब इसका प्रयोग जैव निम्नीकरणीय पदार्थों पर करते हैं तो उन पदार्थों को यह सरल पदार्थों में तोड़ देता है । इस प्रकार यह वातावरण को संतुलित रखने का काम करता है ।
(पृष्ठ : 296 )
प्रश्न 1. ओजोन क्या है तथा यह किसी पारितंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है ?
उत्तर – ओजोन गैस का एक आवरण है जो पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेता है और उन्हें पृथ्वी पर नहीं पहुँचने देता। यह ऑक्सीजन के एक अणु ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बना होता है। इसका निर्माण ऑक्सीजन के तीन अणुओं की सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अभिक्रिया द्वारा बनती है । इस प्रकार यह पारितंत्र को नष्ट होने से बचाती है । कारण कि पराबैंगनी विकिरण हमारे लिए काफी हानिकारक है । यह विकिरण मानव में त्वचा का कैंसर उत्पन्न करती है।
प्रश्न 2. आप कचरा निपटान की समस्या कम करने में क्या योगदान कर सकते हैं ? किन्हीं दो तरीकों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर— (i) हमें अधिक-से-अधिक जैव निम्नीकरणीय पदार्थों का उपयोग करना चाहिए क्योंकि सरल तरीकों द्वारा इसे खाद में बदला जा सकता है । (ii) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों के अपशिष्टों को पुनःचक्रण के लिए फैक्ट्री में भेजवा देना चाहिए ।
अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. निम्न में से कौन-से समूहों में केवल जैव निम्नीकरणीय पदार्थ हैं : (a) घास, पुष्प तथा चमड़ा (b) घास, लकड़ी तथा प्लास्टिक (c) फलों के छिलके, केक एवं नींबू का रस (d) केक, लकड़ी एवं घास
उत्तर—(c) फलों के छिलके, केक एवं नींबू का रस ।
प्रश्न 2. निम्न से कौन आहार श्रृंखला का निर्माण करते हैं :
(a) घास, गेहूँ तथा आम (b) घास, बकरी तथा मानव
(c) बकरी, गाय तथा हाथी (d) घास, मछली तथा बकरी
उत्तर- (b) घास, बकरी तथा मानव ।
प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन पर्यावरण मित्र व्यवहार कहलाते हैं : (a) बाजार जाते समय सामान के लिए कपड़े का थैला ले जाना (b) कार्य समाप्त हो जाने पर लाइट तथा पंखे का स्विच बंद करना (c) माँ द्वारा तुम्हें स्कूटर से विद्यालय छोड़ने के बजाय विद्यालय तक पैदल जाना (d) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (d) उपर्युक्त सभी ।
प्रश्न 4. क्या होगा यदि हम एक पोपी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें (मार डालें) ?
उत्तर—खाद्य श्रृंखला के सभी पोषी स्तरों के जीव भोजन के लिए एक-दूसरे पर आश्रित रहते हैं । यदि एक पोपी स्तर के सभी जीवों को मार दिया जाएगा तो खाद्य- श्रृंखला नष्ट हो जायगी। उसके बादवाले जीव भोजन की कमी से परेशान हो जाएँगे । वे अन्य स्रोतों का सहारा लेने लगेंगे, जिससे पारितंत्र के बिगड़ने का खतरा उपस्थित हो जाएगा ।
प्रश्न 5. क्या किसी पोषी स्तर के सभी सदस्यों को हटाने का प्रभाव भिन्न-भिन्न पोषी स्तरों के लिए अलग-अलग होगा ? क्या किसी पोपी स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना संभव है ?
उत्तर— नहीं, किसी पोपी स्तर के सभी सदस्यों को हटाने का प्रभाव भिन्न-भिन्न पोपी स्तरों के लिये अलग-अलग नहीं होगा । यह सभी पर समान प्रभाव डालेगा । अतः, किसी पोपी स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किये बिना हटाना संभव नहीं है। इससे पारितंत्र में असंतुलन पैदा हो जायेगा ।
प्रश्न 6. जैविक आवर्धन (Biological magnification) क्या है ? क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैविक आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न-भिन्न होगा ?
उत्तर—हानिकारक रसायनों का भंडारण, उनका जैव शृंखला में प्रवेश तथा उच्च पोपी स्तरों में इनका सांद्रण जैविक आवर्धन (Biological Magnification) कहलाता है । इस आवर्धन का स्तर अलग-अलग पोषी स्तरों पर अलग-अलग होगा । जैसे :
डी.डी.टी. – जल – शैवाल – मछली
प्रश्न 7. हमारे द्वारा उत्पादित अजैव निम्नीकरणीय कचरे से कौन-सी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं ?
उत्तर—अजैव निम्नीकरणीय कचरे नष्ट नहीं होते हैं, जिस कारण बहुत-सी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। जैसे : (i) ये जल को प्रदूपित करते हैं जो पीने लायक नहीं रह जाता । (ii) ये नालियों में पानी के प्रवाह को रोकते हैं (iii) ये वायुमंडल को विषैला बनाते हैं । (iv) ये भूमि को प्रदूषित करते हैं जिससे भूमि किसी काम लायक नहीं रह जाती ।
प्रश्न 8. यदि हमारे द्वारा उत्पादित सारा कचरा जैव निम्नीकरणीय हो तो क्या इनका हमारे पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा ?
उत्तर – जैविक निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थ ज्यादा समय तक नहीं रहते हैं । कुछ तो वातावरण से प्रभावित होते हैं, लेकिन कम समय में ही इनका अपघटन हो जाता है। अपघटित पदार्थ को खाद में बदला जा सकता है, जो पौधों के लिए लाभदायक होगा।
प्रश्न 9. ओज़ोन परत की क्षति हमारे लिए चिंता का विषय क्यों है । इस क्षति को सीमित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं ?
उत्तर – सूर्य से आनेवाली पराबैंगनी किरणें जब पृथ्वी पर आयेंगी तो निम्नलिखित हानिकारक प्रभाव पड़ेगा : शरीर के त्वचा पर पड़ने से कैंसर रोग होगा । सूक्ष्म जीव तथा अपघटक मर जाएँगे । इससे पारितंत्र में असंतुलन उत्पन्न हो जाएगा। पौधों में वृद्धि दर कम हो जाएगी एवं पौधों के पिगमेंट नष्ट हो जाएँगे। इसलिए ओजोन परत की क्षति हमारे लिये चिंता का विपय है ।
ओजोन परत की क्षति कम करने का उपाय निम्नलिखित हो सकता है : (i) नाभिकीय विस्फोटों पर नियंत्रण रखना । (ii) सुपरसोनिक विमानों का कम-से-कम उपयोग करना । (iii) एरोसॉल तथा क्लोरोफ्लोरोकार्बन यौगिक का कम-से-कम उपयोग करना ।