इस लेख में बिहार बोर्ड कक्षा 10 विज्ञान के पाठ 4 ‘ कार्बन एवं उसके यौगिक (Carbon Evam Uske Yogik in Hindi solution )’ को पढ़ेंगे।
4. कार्बन एवं उसके यौगिक
पाठ में दिए गए प्रश्नो के उत्तर
(पृष्ठ: 68)
प्रश्न 1. CO2 सुत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रोन बिंदु संरचना क्या होगी ?
उत्तर – CO2 इलेक्ट्रोन बिंदु संरचना निम्नलिखित है:
प्रश्न 2. सल्फर के आठ परमाणुओं से बने सल्फर के अणु के इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगी ? (संकेत: सल्फर के आठ प्रमाणु एक अँगूठी के रूप में आपस में जुडे होते है।)
उत्तर – SO2
(पृष्ठ : 76 )
प्रश्न 1. प्रन्टेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवी का चित्रण कर सकते हैं ?
उत्तर – प्रन्टेन के लिए हम तीन संरचनात्मक समावयवी का चित्रण कर सकते है।
प्रश्न 2. कार्बन के दो गुणधर्म कौन से है जिनके कारण हमरे चारो ओर कार्बन यौगिको कि विशाल संख्या दिखाई देती है?
उत्तर – कार्बन यौगिको के विशाल संख्या के दो कारण है जो निम्नलिखित है: कार्बन प्रमाणुओं की श्रृंखला तथा कार्बन परमाणु की चार सयोजकता । इस गुण के कारण कार्बन परमाणु सीधी शाखित तथा चक्रिय श्रृंखलाएँ बनाता है चार संयोजकता के कारण कार्बन अपने प्रमाणुओ के साथ एकल बंधन द्विबन्धन तथा त्रि बन्धन बनाते है। इन्ही दो कारणो से कार्बन बहुत अधिक संख्या में यौगिको का निर्माण करता है, जिसके कारण हमारे चारो ओर कार्बन यौगिको विशाल संख्या दिखाई देती है।
प्रश्न 3. साइक्लोपेन्टन का सुत्र तथा इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होंगे ?
उत्तर – साइक्लोपेन्टेन का सुत्र C5 H10 होता है और बिंदु संरचना नीचे है:
(पृष्ठ : 79 )
प्रश्न 1. एथनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं ?
उत्तर – एथेनॉइक अम्ल में एथेनॉल की अपेक्षा ऑक्सीजन के एक परमाणु अधिक तथा हाइड्रोजन के दो परमाणु कम होते हैं । जिस अभिक्रिया में ऑक्सीजन की वृद्धि और हाइड्रोजन की कमी होती है उस रासायनिक अभिक्रिया को ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते हैं । इसी कारण एथनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते हैं ।
प्रश्न 2. ऑक्सीजन तथा एथाइन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है । क्या आप बता सकते हैं कि एथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता ?
उत्तर – चूँकि वायु में निष्क्रिय गैसें तथा नाइट्रोजन गैस होती हैं, जिसके कारण एथाइन के दहन में ऑक्सीजन की अधिकता के कारण दहन ठीक से नहीं होती । इसी कारण एथाइन के दहन के लिए वायु का उपयोग नहीं किया जाता है ।
प्रश्न 1. प्रयोग द्वारा आप ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में कैसे अंतर कर सकते है?
ऐल्कोहॉल
कार्बोक्सिलिक
जब एल्कोहॉल तथा सोडियम कार्बोनेट की अभिक्रिया करने पर कोई गैस नही नकलती है।
एथेनॉइक अम्ल की सोडियम कार्बोनेट से अभिक्रिया करने पर CO2 गैस देता है। जो चुने के पानी को दुधिया कर देता है।
प्रश्न 2. ऑक्सीकारक क्या है ?
उत्तर— ऑक्सीकारक वह प्रक्रम है जो स्वयं अपघटित होकर दूसरे को ऑक्सीकृत करता है उदाहरण: KMnO4 , SO4, आदि ऑक्सीकारक हैं ।
प्रश्न 1. क्या आप डिटरजेंट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है अथवा नहीं ?
उत्तर— नहीं, चूँकि डिटरजेंट कठोर तथा मृदु दोनों के साथ अधिक झाग देता अतः उसका उपयोग कर हम नहीं बता सकते कि जल कठोर है अथवा नहीं।
प्रश्न 2. लोग विभिन्न प्रकार से कपड़े धोते हैं । सामान्यत: साबुन लगाने के बाद लोग कपड़े को पत्थर पर पटंकते हैं, डंडे से पीटते हैं, बुश से रगड़ते हैं या वाशिंग मशीन में कपड़े रगड़े जाते हैं । कपड़ा साफ़ करने के लिए उसे रगड़ने की क्यों आवश्यकता होती है ?
उत्तर – साबुन से कपड़े धोकर साफ करते वक्त रगड़ना अथवा पटकना जरूरी है, क्योंकि जल का Mg तथा Ca के लवणों के साथ साबुन से प्रतिक्रिया करके अघुलनशील पदार्थ दही के समान अवक्षेप बनाता है जो कपड़ों के साथ चिपका रहता है । यह रगड़ने से ही कपड़े से अलग हो पाता है ।
प्रश्न 1. एथेन का आण्विक सूत्र : है । इसमें :
(a) 6 सहसंयोजक आबंध हैं (b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं (c) 8 सहसंयोजक आबंध हैं (d) 9 सहसंयोजक आबंध हैं
उत्तर—(b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं ।
Carbon Evam Uske Yogik in Hindi solution
प्रश्न 2. ब्यूटेनोन चतुर्कार्बन यौगिक है जिसका प्रकार्यात्मक समूह है :
प्रश्न 3. खाना बनाते समय यदि बरतन की तली बाहर से काली हो रही हैइसका मतलब है कि :
(a) भोजन पूरी तरह नहीं पका है (b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा (c) ईंधन आर्द्र है (d) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है
उत्तर- (b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है ।
प्रश्न 4. CH3Cl में आबंध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबंध प्रकृत समझाइए ।
उत्तर – CH3Cl कि आबंध संरचना है: इस संरचना में तीन हाइड्रोंजन परमाणु कार्बन से सहसंयोजक बंधन द्वरा जुडे कार्बन तथा क्लारीन के बिच भी सहसंयोजक आबंधन है लेकिन कार्बन की अपेक्षा क्लारिन के अधिक ऋणात्म है, इसलिए यह एक ध्रवीय सहसंयोजक बंधन बनाता है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित के इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना बनाए :
(a) एथेनॉल अम्ल (b) H2S (c) प्रोपेनॉन (d) F2
प्रश्न 6. भौतिक एवं रसायनिक गुणधर्मो के आधार पर एथेनॉल एवं एथेनॉइक अम्ल में आप कैसे अंरेगे ?
उत्तर – भौतिक गुण में अंतर
एथेनॉल अम्ल
एथेनॉइक अम्ल
(i) इसका एक विशेष प्रकार का गन्ध हाता है। (ii) इसका क्वथनांक 351 K होता है। (iii) इसका गलनांक 156 k हाता है।
(i) इसका गन्ध सिरके के समान होता है। (ii) इसा क्वथनांक 391 K होता है । (iii) इसका गलनांक 290 K होता है।
प्रश्न 7. जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है ? क्या एथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में भी मिसेल का निर्माण होगा ?
उत्तर – साबुन के अणु के दो गुणधर्म होते हैं— एक जो जल में विलेय हैं उसे जलरागी कहते हैं और दूसरा, जो हाइड्रोकॉर्बन में विलेय होता है उसे जलविरागी कहते हैं । जब साबुन जल की सतह पर होता है तब उसके अणु अपने को इस प्रकार व्यवस्थित कर लेते हैं कि इसका आयनिक सिरा जल के अन्दर होता है। इसके विपरीत हाइड्रोकार्बन पूँछ जल के बाहर होती है । जल के अन्दर इन अणुओं की एक विशेष व्यवस्था होती है, जिससे इसका हाइड्रोकार्बन सिरा जल के बाहर बना होता है। अणुओं का बड़ा गुच्छा बनने के कारण ऐसा होता है, जिसमें जलविरागी पूँछ गच्छेद के आंतरिक हिस्से में होता है जबकि उसका आयनिक सिरा गुच्छे की सतह पर होता है । इस संरचना को मिसेल कहते हैं। एथेनॉल एक अध्रुवीय विलायक है, इसलिए इसमें जलरागी भाग के लिए आकर्षण भी नहीं होता । इस कारण एथेनॉल में साबुन घोलने पर मिसेल नहीं बनाता है ।
प्रश्न 8. कार्बन एवं उसके यौगिको का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोंगों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है?
उत्तर – चुँकी कार्बन और इसके यौगिक अधिक उष्मा देता है इनका प्रज्वलन ताप भी समान्य होता है इनके रख रखाव में भी सुविधा होती है। इनके दहन को नियन्त्रित किया जा सकता है इसलिए कार्बन और उसके यौगिको का उपयोग ईधन के रूप में किया जाता है
प्रश्न 9. मक्खन एवं खाना बनानेवाले तेल के बिच रसायनिक अंतर समझाने के लिए एक परिक्षण बताइए ।
उत्तर :
मक्खन संतृप्त हाइड्रोकार्बन
खाद्य तेल असंतृप्त हाइड्रोकार्बन
जब मक्खन का गर्म करके उसमे थोडा ब्रोमीन जल डालते है तो उसका रंग नही उडता है । इससे पता चलता है की मक्खन संतृप्त है ।
जब खाद्य तेल में थोडा ब्रोमीन जल डालते है तो थोडा समय के बाद ब्रोमीन जल का रंग उड जाता है । इससे पता चलता है कि खाद्य तेल असंतृप्त यौगिक है।
प्रश्न 15. साबुल कि सफई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए ।
उत्तर – साबुन के एक अणु में दो भाग होते है । एक भाग हाइड्रोकार्बन का है और दुसरा भाग –COONa समुह का है । हाइड्रोकार्बन जल विकर्षक होते है। कपडे का मैल साबुन का अणु के हाइड्रोकार्बन से चिपक जाते है । –COONa भाग जो जल से चिपक जाता है, कपडे कि सतह से मैल को दुर कर देता है। इससे कपडा साफ हो जाता है । साबुन को जल में घोलने पर यह मिसेल्स का निर्माण करता है, जिसमें साबुन का अणु त्रिज्यक रूप में व्यवस्थित हा जाते है । साबुन हाइड्रोकार्बन वाल भाग केन्द्र की ओर और दुसरा भाग जो जल आकर्षक हाता है वह बाहर की ओर होता है । साबुन से भीगे हुए कपडे की सतह पर उपस्थित मैल के कणों को ये मिसेल्स घेरकर खीच लेते है।
इस लेख में बिहार बोर्ड कक्षा 10 विज्ञान के पाठ 3 ‘ धातु एवं अधातु (Dhatu aur Adhatu solution in Hindi)’ के पढ़ेंगे।
3. धातु एवं अधातु
पाठ के अन्दर आए हुए प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो (i) कमरे के ताप पर द्रव होती है । (ii) चाकू से आसानी से काटी जा सकती है। (iii) ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है। (iv) ऊष्पा की कुचालकं होती है।
उत्तर — (i) पारा, (ii) सोडियम, (iii) चाँदी, (iv) ऐस्टेटीन ।
प्रश्न 2. आघातवर्ध्य तथा तन्य का अर्थ बताइए । उत्तर—धातुओं का वह गुण, जिसके कारण हथौड़े से पीटकर उन्हें चदरे के रूप में बदला जा सके ‘आघातवर्ध्य’ कहलाता है । जैसे सोना, चाँदी, ऐलुमिनियम, कॉपर इत्यादि। धातुओं का वह गुण जिसके कारण उनको तार के रूप में बनाया जा सके, ‘तन्य’ कहा जाता है । जैसे- सोना, चाँदी, ऐलुमिनियम, कॉपर ।
(पृष्ठ : 51 )
प्रश्न 1. सोडियम को किरोसिन में डुबो कर क्यों रखा जाता है ? उत्तर—चूँकि सोडियम साधारण तापमान पर जल तथा ऑक्सीजन के साथ तीव्र गति से प्रतिक्रिया करता है, लेकिन यह किरोसिन के साथ किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं करता है, इसलिए सोडियम को किरोसिन में डुबो कर रखा जाता है।
प्रश्न 2. इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए : (i) भाप के साथ आयरन । (ii) जल के साथ कैल्सियम तथा पोटैशियम ।
उत्तर : (i) 2 Fe + 3H2O → Fe2O3 + 3H2 (ii) Ca + 2H2O → Ca (OH)2 + H2 2K + 2H2O → 2KOH + H2 +
प्रश्न 4. अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो कौन–सी गैस निकलती है ? आयरन के साथ तनु H2SO की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए ।
उत्तर– धातु के लवण के साथ हाइड्रोजन गैस निकलती है। Fe + H2 → FeSO4+ H2
प्रश्न 5. जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से क्या होता है ? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिए ।
उत्तर –जिंक को Fe (II) सल्फेट के विलयन में डालने से जिंक, आयरन II सल्फेट से आयरन को विस्थापित कर देता है । क्योंकि Zn, Fe से ज्यादा क्रियाशील है ।
Zn + FeSO4 → ZnS+ Fe
( पृष्ठ : 54 )
प्रश्न 1. आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है ?
उत्तर —आयनिक यौगिक का रूप ठोस तथा कठोर होता है । इस अवस्था में आयनों के बीच का आकर्षण बल काफी मजबूत होता है । जब इन्हें द्रवों (घुलनशील पदार्थ) में डाला जाता है तो इनके बीच आकर्षण बल कम हो जाता है. अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है । इस आधार पर हम कह सकते हैं कि आयनिक यौगिकों का द्रवणांक उच्च होता है ।
( पृष्ठ : 59 )
प्रश्न 1. निम्न पदों की परिभाषा दीजिए : (i) खनिज(ii) अयस्क(iii) गैंग उत्तर– (i) खनिज – पृथ्वी की भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाये जानेवाले तत्वोंअथवा यौगिकों को खनिज कहते हैं।
(ii) अयस्क –—कुछ स्थानों पर खनिजों में कोई विशेष धातु अत्यधिक मात्रा में पाई जाती हैं, जिनसे कम खर्च तथा आसानी से धातुएँ प्राप्त की जाती हैं, उन खनिजों को अयस्क कहते हैं ।
(iii) गैंग – खनिजों या अयस्कों में जो मिट्टी तथा रेत जैसी कई अशुद्धियाँ मिली हुई होती हैं, वे गैंग कहलाती हैं ।
प्रश्न 2. दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं। उत्तर – सोना और प्लैटिनम धातु प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती है।
प्रश्न 3. धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है ? उत्तर—धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए कार्बन द्वारा अपचयन के रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है ।
( पृष्ठ : 61 )
प्रश्न 1. कौन सी धातुएँ आसानी से संक्षारित नहीं होती हैं और क्यों ? उत्तर—सोना तथा चाँदी आसानी से संक्षारित नहीं होती हैं क्योंकि इन धातुओं की सक्रियता बहुत ही कम होती है
प्रश्न 2. मिश्रधातु (मिश्रातु) क्या होते हैं ? (पाठ्यपुस्तक में ‘मिश्रधातु’ की जगह ‘मिश्रातु’ का प्रयोग हुआ है ।) उत्तर—दो अथवा दो से अधिक धातुओं के मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं । ताँबा और जस्ते की मिश्रधातु पीतल, टिन तथा ताम्र की मिश्रधातु काँसा । शुद्ध धातुओं की अपेक्षा उनकी मिश्रधातु की विद्युत चालकता तथा गलनांक कम होते हैं
अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. निम्न में कौन सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदिर्शत करता है :
(a) NaCl विलयन एवं कॉपर धातु (b) MgCl, विलयन एवं ऐलुमिनियम धातु (c) FeSO, विलयन एवं सिल्वर धातु (d) AgNO, विलयन एवं कॉपर धातु
उत्तर— (d) AgNO, विलयन एवं कॉपर धातु ।
प्रश्न 2. लोहे के फ्राईंग पैन (frying pan) को जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौन–सी विधि उपयुक्त है : (a) ग्रीज लगाकर (b) पेंट लगाकर (c) जिंक की परत चढ़ाकर (d) ऊपर के सभी
उत्तर– (c) जिंक की परत चढ़ाकर ।
प्रश्न 3. कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है । यह यौगिक जल में विलेय है । यह तत्व क्या हो सकता है ?
(a) कैल्सियम (b) कार्बन (c) सिलिकन (d) लोहा
उत्तर—(a) कैल्सियम ।
प्रश्न 4. खाद्य पदार्थ के डिब्बों पर जिंक की बजाय टिन का लेप होता है क्योंकि (a) टिन की अपेक्षा जिंक महँगा है (b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है (c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है (d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है
उत्तर – (c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है।
प्रश्न 5. आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है : (a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप विभेद कैसे कर सकते हैं ? (b) धातुओं एवं अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिताओं का आकलन कीजिए ।
उत्तर- (a) सर्वप्रथम एक परिपथ बनाया जाता है । जब स्विच ऑन करते हैं तो बल्ब जलने लगता है । इससे ज्ञात होता है कि यह नमूना एक धातु है । धातुओं पर हथौड़ा से चोट करने पर उनमें से विशेष ध्वनि उत्पन्न होती है ।
(b) यह नियम धातु और अधातु की जाँच के लिए काफी उपयोगी है । लेकिन एक अपवाद है कि मैफाइट अधातु होते हुए भी धातु के समान चालक है ।
प्रश्न 6. उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं ? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों का उदाहरण दीजिए ।
उत्तर – जो ऑक्साइड अम्ल तथा क्षार दोनों से अभिक्रिया करके लवण तथा जल का निर्माण करता है उन्हें उभयधर्मी ऑक्साइड कहते हैं । ऐसे ऑक्साइड अम्लीय तथा क्षारीय दोनों जैसा गुण रखते हैं। जिंक ऑक्साइड (ZnO) तथा ऐलुमिनियम ऑक्साइड (AI,O3) उभयधर्मी ऑक्साइड के उदाहरण हैं ।
प्रश्न 7. दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगे तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं ।
उत्तर – (i) मैग्नीशियम तथा (ii) सोडियम आदि हाइड्रोजन विस्थापित करनेवाली धातुएँ हैं ।
(i) सोना तथा (ii) कॉपर आदि हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करनेवाली धातुएँ हैं।
प्रश्न 8. लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताइए ।
उत्तर – लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके :
(i)पेंटिंग –जंग से बचाने के लिए लोहा के वस्तुओं पर पेंट किया जाता है।
(ii) जिंक लेपन – जंग से बचाने के लिए लोहा की वस्तुओं पर जिंक की परतचढ़ाई जाती है।
प्रश्न 9. ऑक्सीजन से संयुक्त होकर अधातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं ?
उत्तर –ऑक्सीजन से संयुक्त होकर अधातुएँ क्षारीय तथा उभयधर्मी ऑक्साइड बनाती हैं
प्रश्न 10. कारण बताइए : (a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है । (b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को किरोसिन तेल के अंदर संग्रहीत किया जाता है । (c) ऐलुमिनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनानेवाले बरतन बनाने के लिए किया जाता है । (d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनिट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है ।
उत्तर :
(a) प्लैटिनम, सोना तथा चाँदी आदि धातुओं की अभिक्रियाशीलता बहुत कम है, इसलिए ये संक्षारित नहीं होती हैं और उनकी चमक अधिक होती है और अधिक दिनों तक कायम रहती हैं । इन्हीं कारणों से इनके आभूषण बनाये जाते हैं । (b) चूँकि Na, K तथा Li बहुत ही अधिक अभिक्रियाशील हैं इसलिए ये जल तथा O, से जल्द ही अभिक्रिया करके अपने ऑक्साइड बनाते हैं। इनको खुली हवा में रखने से ही इनमें आग पकड़ लेती है । इस कारण इन्हें किरोसिन तेल के अन्दर डुबोकर संग्रहित किया जाता है ।
(c) ऐलुमिनियम ऊष्मा का सुचालक होता है और साथ ही यह संक्षारित भी नहीं होता । इसी कारण ऐलुमिनियम के बर्तन में खाना बनाया जाता है ।
(d) चूँकि अपचयन से पहले धातु को सल्फाइड तथा कार्बोनिट को धातु ऑक्साइड मेंबदला जाता है क्योंकि उसके ऑक्साइड से धातु प्राप्त करना ज्यादा आसान होता है।
प्रश्न 11. आपने ताँबे के मलीन बरतन को नींबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा । ये खट्टे पदार्थ बरतन को साफ करने में क्यों प्रभावी हैं ?
उत्तर—चूँकि ताँबा स्वयं अम्लों से प्रतिक्रिया नहीं करता है लेकिन ताँबा के ऑक्साइड अम्लों से प्रतिक्रिया (अभिक्रिया) करता है । इसलिए ताँबा को अम्लीय पदार्थों जैसे नीलू या इमली के रस से साफ किया जाता है ।
प्रश्न 12. रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद कीजिए ।
उत्तर – रासायनिक गुणधर्म के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद :
(i) अम्लीय गुण – धातु अम्ल से प्रतिक्रिया करके क्षारीय ऑक्साइड का निर्माण करता है जबकि अधातु अम्ल से प्रतिक्रिया करके अम्लीय ऑक्साइड का निर्माण करता है । (ii) जल के साथ प्रतिक्रिया – धातु जल के साथ प्रतिक्रिया करता है जबकि अधातु नहीं करता है । जैसे : K + H2O KOH + H2 (iii) धातुएँ धनात्मक आयन का निर्माण करती हैं : Nat, K+, Ca+2; जबकि अधातुएँ ऋणात्मक आयन का निर्माण करती हैं : CI, N 3 – इत्यादि ।
प्रश्न 13. एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता है । उसने पुराने एवं मलीन सोने के आभूषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढोंग रचाया। कोई संदेह किए बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती है जिसे वह एक विशेष विलयन में डाल देता है। कंगन नए की तरह चमकने लगते हैं लेकिन उनका वजन अत्यंत कम हो जाता है । वह महिला बहुत दुखी होती है तथा तर्क–वितर्क के पश्चात उस व्यक्ति को झुकना पड़ता है। एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं ।
उत्तर—हाँ, उस विलयन का नाम ऐक्वारेजिया विलयन है। उस विलयन में सोने का आभूषण जैसे ही डाला जाता है कि वह सोना को अपने में घुलाने लगता है। ऊपर से सोना के घुल जाने के कारण आभूषण की चमक तो बढ़ जाती है, लेकिन वजन में कमी आ जाती है। जो सोना विलयन में घुल जाता है, उसे सुनार रासायनिक प्रक्रिया द्वारा पुनः ठोस सोना प्राप्त कर लेता है । अतः, आभूषणधारियों को चाहिए की आभूषणों की सफाई घर पर ही करें और सुनार को सफाई के लिए न दें ।
प्रश्न 14. गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का उपयोग होता है परंतु इस्पात (लोहे की मिश्रातु) का नहीं । इसका कारण बताइए ।
उत्तर—चूँकि ताँबा के साथ जल अभिक्रिया नहीं करता है जबकि गर्म लोहा उबलता पानी से प्रतिक्रिया करता है तथा शीघ्र ही संक्षारित हो जाता है । इस कारण गर्म हुआ जल का टैंक इस्पात का न बनाकर ताँबा का बनाया जाता है ।
प्रश्न 2. आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है ?
उत्तर —आयनिक यौगिक का रूप ठोस तथा कठोर होता है । इस अवस्था में आयनों के बीच का आकर्षण बल काफी मजबूत होता है । जब इन्हें द्रवों (घुलनशील पदार्थ) में डाला जाता है तो इनके बीच आकर्षण बल कम हो जाता है. अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है । इस आधार पर हम कह सकते हैं कि आयनिक यौगिकों का द्रवणांक उच्च होता है ।
( पृष्ठ : 59 )
प्रश्न 1. निम्न पदों की परिभाषा दीजिए :
(i) खनिज (ii) अयस्क (iii) गैंग
उत्तर- (i) खनिज – पृथ्वी की भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाये जानेवाले तत्वोंअथवा यौगिकों को खनिज कहते हैं।
(ii) अयस्क –—कुछ स्थानों पर खनिजों में कोई विशेष धातु अत्यधिक मात्रा में पाई जाती हैं, जिनसे कम खर्च तथा आसानी से धातुएँ प्राप्त की जाती हैं, उन खनिजों को अयस्क कहते हैं ।
(iii) गैंग – खनिजों या अयस्कों में जो मिट्टी तथा रेत जैसी कई अशुद्धियाँ मिली हुई होती हैं, वे गैंग कहलाती हैं ।
प्रश्न 2. दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं।
उत्तर – सोना और प्लैटिनम धातु प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती है।
प्रश्न 3. धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर—धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए कार्बन द्वारा अपचयन के रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है ।
( पृष्ठ : 61 )
प्रश्न 1. जिंक, मैग्नीशियम एवं कॉपर क धात्विक ऑक्साइडो को निम्न धातुओ के साथ गर्म किया जाता है।
धातु
जिंक
मैग्नीशियम
कॉपर
जिंक ऑक्साइड
मैग्नीशियम ऑक्साइड
कॉपर ऑक्साइड
किस स्थिति में विस्थापन घटित होगी ? रिक्त स्थानो में हाँ या नही लिखे ।
धातु
जिंक
मैग्नीशियम
कॉपर
जिंक ऑक्साइड
मैग्नीशियम ऑक्साइड
कॉपर ऑक्साइड
नही
नही
हाँ
हाँ
नही
नही
नही
नही
हाँ
प्रश्न 1. कौन सी धातुएँ आसानी से संक्षारित नहीं होती हैं और क्यों ?
उत्तर—सोना तथा चाँदी आसानी से संक्षारित नहीं होती हैं क्योंकि इन धातुओं की सक्रियता बहुत ही कम होती है
प्रश्न 2. मिश्रधातु (मिश्रातु) क्या होते हैं ? (पाठ्यपुस्तक में ‘मिश्रधातु’ की जगह ‘मिश्रातु’ का प्रयोग हुआ है ।)
उत्तर—दो अथवा दो से अधिक धातुओं के मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं । ताँबा और जस्ते की मिश्रधातु पीतल, टिन तथा ताम्र की मिश्रधातु काँसा । शुद्ध धातुओं की अपेक्षा उनकी मिश्रधातु की विद्युत चालकता तथा गलनांक कम होते हैं
अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. निम्न में कौन सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदिर्शत करता है :
प्रश्न 2. लोहे के फ्राईंग पैन (frying pan) को जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौन-सी विधि उपयुक्त है :
(a) ग्रीज लगाकर (b) पेंट लगाकर (c) जिंक की परत चढ़ाकर (d) ऊपर के सभी
उत्तर- (c) जिंक की परत चढ़ाकर ।
प्रश्न 3. कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है । यह यौगिक जल में विलेय है । यह तत्व क्या हो सकता है ?
(a) कैल्सियम (b) कार्बन (c) सिलिकन (d) लोहा
उत्तर—(a) कैल्सियम ।
प्रश्न 4. खाद्य पदार्थ के डिब्बों पर जिंक की बजाय टिन का लेप होता है क्योंकि
(a) टिन की अपेक्षा जिंक महँगा है (b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है (c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है (d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है
उत्तर – (c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है।
प्रश्न 5. आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है : (a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप विभेद कैसे कर सकते हैं ? (b) धातुओं एवं अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिताओं का आकलन कीजिए ।
उत्तर- (a) सर्वप्रथम एक परिपथ बनाया जाता है । जब स्विच ऑन करते हैं तो बल्ब जलने लगता है । इससे ज्ञात होता है कि यह नमूना एक धातु है । धातुओं पर हथौड़ा से चोट करने पर उनमें से विशेष ध्वनि उत्पन्न होती है । (b) यह नियम धातु और अधातु की जाँच के लिए काफी उपयोगी है । लेकिन एक अपवाद है कि मैफाइट अधातु होते हुए भी धातु के समान चालक है ।
प्रश्न 6. उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं ? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों का उदाहरण दीजिए ।
उत्तर – जो ऑक्साइड अम्ल तथा क्षार दोनों से अभिक्रिया करके लवण तथा जल का निर्माण करता है उन्हें उभयधर्मी ऑक्साइड कहते हैं । ऐसे ऑक्साइड अम्लीय तथा क्षारीय दोनों जैसा गुण रखते हैं। जिंक ऑक्साइड (ZnO) तथा ऐलुमिनियम ऑक्साइड (AI2O3, ) उभयधर्मी ऑक्साइड के उदाहरण हैं ।
प्रश्न 7. दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगे तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं ।
उत्तर – (i) मैग्नीशियम तथा (ii) सोडियम आदि हाइड्रोजन विस्थापित करनेवाली धातुएँ हैं । (i) सोना तथा (ii) कॉपर आदि हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करनेवाली धातुएँ हैं।
प्रश्न 8. लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताइए ।
उत्तर – लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके : (i) पेंटिंग –जंग से बचाने के लिए लोहा के वस्तुओं पर पेंट किया जाता है। (ii) जिंक लेपन – जंग से बचाने के लिए लोहा की वस्तुओं पर जिंक की परतचढ़ाई जाती है।
प्रश्न 9. ऑक्सीजन से संयुक्त होकर अधातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं ?
उत्तर –ऑक्सीजन से संयुक्त होकर अधातुएँ क्षारीय तथा उभयधर्मी ऑक्साइड बनाती हैं
प्रश्न 10. कारण बताइए : (a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है । (b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को किरोसिन तेल के अंदर संग्रहीत किया जाता है । (c) ऐलुमिनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनानेवाले बरतन बनाने के लिए किया जाता है । (d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनिट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है ।
उत्तर :
(a) प्लैटिनम, सोना तथा चाँदी आदि धातुओं की अभिक्रियाशीलता बहुत कम है, इसलिए ये संक्षारित नहीं होती हैं और उनकी चमक अधिक होती है और अधिक दिनों तक कायम रहती हैं । इन्हीं कारणों से इनके आभूषण बनाये जाते हैं । (b) चूँकि Na, K तथा Li बहुत ही अधिक अभिक्रियाशील हैं इसलिए ये जल तथा O2, से जल्द ही अभिक्रिया करके अपने ऑक्साइड बनाते हैं। इनको खुली हवा में रखने से ही इनमें आग पकड़ लेती है । इस कारण इन्हें किरोसिन तेल के अन्दर डुबोकर संग्रहित किया जाता है । (c) ऐलुमिनियम ऊष्मा का सुचालक होता है और साथ ही यह संक्षारित भी नहीं होता । इसी कारण ऐलुमिनियम के बर्तन में खाना बनाया जाता है । (d) चूँकि अपचयन से पहले धातु को सल्फाइड तथा कार्बोनिट को धातु ऑक्साइड मेंबदला जाता है क्योंकि उसके ऑक्साइड से धातु प्राप्त करना ज्यादा आसान होता है।
प्रश्न 11. आपने ताँबे के मलीन बरतन को नींबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा । ये खट्टे पदार्थ बरतन को साफ करने में क्यों प्रभावी हैं ?
उत्तर—चूँकि ताँबा स्वयं अम्लों से प्रतिक्रिया नहीं करता है लेकिन ताँबा के ऑक्साइड अम्लों से प्रतिक्रिया (अभिक्रिया) करता है । इसलिए ताँबा को अम्लीय पदार्थों जैसे नीलू या इमली के रस से साफ किया जाता है ।
प्रश्न 12. रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद कीजिए ।
उत्तर – रासायनिक गुणधर्म के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद :
(i) अम्लीय गुण – धातु अम्ल से प्रतिक्रिया करके क्षारीय ऑक्साइड का निर्माण करता है जबकि अधातु अम्ल से प्रतिक्रिया करके अम्लीय ऑक्साइड का निर्माण करता है ।
(ii) जल के साथ प्रतिक्रिया – धातु जल के साथ प्रतिक्रिया करता है जबकि अधातु नहीं करता है । जैसे : K + H2OKOH + H2
(iii) धातुएँ धनात्मक आयन का निर्माण करती हैं : Na+, K +, Ca+2; जबकि अधातुएँ ऋणात्मक आयन का निर्माण करती हैं : CI–, N 3- इत्यादि ।
प्रश्न 13. एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता है । उसने पुराने एवं मलीन सोने के आभूषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढोंग रचाया। कोई संदेह किए बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती है जिसे वह एक विशेष विलयन में डाल देता है। कंगन नए की तरह चमकने लगते हैं लेकिन उनका वजन अत्यंत कम हो जाता है । वह महिला बहुत दुखी होती है तथा तर्क-वितर्क के पश्चात उस व्यक्ति को झुकना पड़ता है। एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं ।
उत्तर—हाँ, उस विलयन का नाम ऐक्वारेजिया विलयन है। उस विलयन में सोने का आभूषण जैसे ही डाला जाता है कि वह सोना को अपने में घुलाने लगता है। ऊपर से सोना के घुल जाने के कारण आभूषण की चमक तो बढ़ जाती है, लेकिन वजन में कमी आ जाती है। जो सोना विलयन में घुल जाता है, उसे सुनार रासायनिक प्रक्रिया द्वारा पुनः ठोस सोना प्राप्त कर लेता है । अतः, आभूषणधारियों को चाहिए की आभूषणों की सफाई घर पर ही करें और सुनार को सफाई के लिए न दें ।
प्रश्न 14. गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का उपयोग होता है परंतु इस्पात (लोहे की मिश्रातु) का नहीं । इसका कारण बताइए ।
उत्तर—चूँकि ताँबा के साथ जल अभिक्रिया नहीं करता है जबकि गर्म लोहा उबलता पानी से प्रतिक्रिया करता है तथा शीघ्र ही संक्षारित हो जाता है । इस कारण गर्म हुआ जल का टैंक इस्पात का न बनाकर ताँबा का बनाया जाता है ।
इस लेख में बिहार बोर्ड कक्षा 10 विज्ञान के पाठ 2 ‘ अम्ल, क्षारक एवं लवण (Amal char lavan class 10th solution in Hindi)’ को पढ़ेंगे।
2. अम्ल, क्षारक एवं लवण
(पृष्ठ : 20 )
पाठ के अन्दर दिए गए प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न 1. आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है । यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखें गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे ?
उत्तर- सर्वप्रथम प्रत्येक परखनली में लाल लिटमस पत्र डाला जाता है । जिस परखनली के विलयन में लिटमस का रंग नीला हो जाता है । स्पष्टतः वह विलयन क्षारीय पोरगा । शेष दो बची हुई परखनलियों में एक में आसवित जल है तथा एक में अम्लीय विलयन है। क्योंकि इन दोनों में लिटमस पत्र का रंग लाल ही रहता है। फिर उसके बाद पहचान किए हुए परखनली से क्षारीय विलयन को बाहर निकालते हैं । अब इन परखनलियों में शेष बची हुई परखनलियों में से किसी एक के विलयन को डालते हैं तो दो प्रकार की बातें सामने आती हैं : पहला में लिटमस पत्र पुनः लाल हो जाता है इससे पता चलता है कि इस परखनली में अम्लीय विलयन है, जबकि अन्तिम परखनली में आसवित जल है ।
(पृष्ठ : 24 )
प्रश्न 1. पीपल एवं ताँबे के बरतनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए ?
उत्तर – हम जानते हैं कि दही तथा खट्टे पदार्थों में अम्ल पाया जाता है जो धातु के साथ प्रतिक्रिया करके लवण तथा हाइड्रोजन गैस का निर्माण करता है । जब पीतल एवं ताँबे के बरतन में दही जैसे खट्टे पदार्थ रखे जाते हैं, तो उससे प्रतिक्रिया करके संक्षारित कर देता है और कॉपर ऑक्साइड उत्पन्न करता है ।
प्रश्न 2. धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यत: कौन-सी गैस निकलती है ? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए । इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे ?
उत्तर— धातु के साथ जब अम्ल अभिक्रिया करता है तो हाइड्रोजन गैस निकलती है। जैसे एक परखनली में लगभग 5 mL तनु सल्फ्यूरिक अम्ल लिया जाता है । फिर उसमें दानेदार जिंक के टुकड़ों को डाला जाता है । प्रवाह नली को परखनली में कसकर बन्द कर दिया जाता है, ताकि निर्मित गैस साबुन के विलयन से होकर गुजरे । निर्मित गैस से भरे हुए साबुन के बुलबुले विलयन से बाहर निकलते हैं जब जलती हुई मोमबत्ती को गैस वाले बुलबुले के पास ले जाते हैं तो देखते हैं उपस्थित गैस फट फट की आवाज साथ जलने लगती है । इससे पता चलता है कि जिंक तथा सल्फ्यूरिक अम्ल अभिक्रिया के बाद ‘बाद हाइड्रोजन गैस उत्सर्जित करता है ।
प्रश्न 3. कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है । यदि उत्पन्न यौगिकों में से एक कैल्सियम क्लोराइड है, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए ।
(पृष्ठ : 27 )
प्रश्न 1. HCI, HNO, आदि जलीय लयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों – प्रदर्शित करते हैं, जबकि एल्कोहॉल एवं नकोज़ जैसे यौगिकों के विलयनों में प्रदर्शित करते हैं, जबकि एल्कोहॉल एवं नकोज़ जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं ?
उत्तर – चूँकि उपयुक्त जलीय विलयन में H+ आयन पाये जाते हैं जो जल में अपघटित होकर अलग हो जाते हैं । इससे अम्लीय गुण का पता चलता है । ऐल्कोहॉल तथा ग्लूकोज के विलयनों में H+ आयन विघटित नहीं होता। इसलिए इनके विलयन में अम्लीयता गुण नहीं प्रदर्शित होते हैं ।
प्रश्न 2. अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है ?
उत्तर—चूँकि अम्ल का जल विघटित होकर आयनों का निर्माण करता है। इस कारण यह विद्युत का चालन करता है ।
प्रश्न 3. शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है ? उत्तर—शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को नहीं बदलती है क्योंकि शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस विघटित होकर H+ आयन नहीं देती है । इसलिए यह अम्लीय गुण को नहीं दर्शाती है।
प्रश्न 4. अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशासित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में ? उत्तर—हम जानते हैं कि अम्ल बहुत ही खतरनाक पदार्थ होता है । जब जल में अम्ल को मिलाते हैं तो काफी ऊष्मा उत्पन्न होती है । इसलिए अम्ल को हमेशा धीरे- धीरे तथा जल को लगातार हिलाते हुए जल में मिलाना चाहिए । सान्द्र अम्ल में जल को मिलाने पर उत्पन्न हुई ऊष्मा के कारण मिश्रण छलक कर गिर सकता है, जिससे व्यक्ति जल सकता है । अतः जल में सान्द्र नाइट्रिक अम्ल अथवा सल्फ्यूरिक अम्ल को मिलाते समय अत्यधिक सावधानी वरतनी चाहिए ।
प्रश्न 5. अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है ? उत्तर—हाइड्रोनियम आयन की सान्द्रता कम हो जाती है ।
प्रश्न 6. जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है ? उत्तर— हाइड्रॉक्सिल (OH) समूह की सान्द्रता बढ़ जाती है ।
( पृष्ठ : 31 ).
प्रश्न 1. आपके पास दो विलयन ‘A’ एवं ‘B’ हैं । विलयन ‘A’ के pH का मान 6 है एवं विलयन ‘B’ के pH का मान 8 है । किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक है ? इनमें से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय ? उत्तर—विलयन A में pH का मान 6 है। इसलिए इसके हाइड्रोजन आयन आयन का सान्द्रण अधिक है। चूँकि विलयन B में pH का मान 8 है जो क्षारकीय गुण दर्शाता है
प्रश्न 2. आयन की सांद्रता का विलयन को प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर—जैसे-जैसे H+ आयन की न्द्रिता बढ़ती जाती है वैसे-वैसे विलयन का अम्लीय गुण अधिक होता जाता है
प्रश्न 3. क्या क्षारकीय विलयन में आयन होते हैं ? अगर हाँ, तो ये क्षारकीय क्यों होते हैं ?
उत्तर—हाँ, क्षारकीय विलयन में हाइड्रोजन आयन (H+) होते हैं। चूँकि ये जल ये जाते हैं, अतः क्षारकीय होते हैं ।
प्रश्न 4. कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक (कैल्सियम कार्बोनिट) का उपयोग करेगा ? उत्तर—खेत की मिट्टी जब अम्लीय हो जाती है तब किसान उस मिट्टी को उदासीन बनाने के लिए प्रश्न में दिए गए किसी क्षारक का उपयोग कर सकते हैं ।
(पृष्ठ : 36 )
प्रश्न 1. यौगिक का प्रचलित नाम क्या है ? उत्तर—यौगिक का प्रचलित नाम विरंजक चूर्ण है ।
प्रश्न 2. उस पदार्थ का नाम बताइए, जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है । उत्तर—उस पदार्थ का नाम बुझा हुआ चूना है, जो क्लोरीन से क्रिया. कर विरंजक चूर्ण बनाता है ।
प्रश्न 3. कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग करते हैं ? उत्तर—कठोर जल को मृदु बनाने के लिए सोडियम कार्बोनिट का उपयोग करते हैं ।
प्रश्न 4. सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनिट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा ? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए । उत्तर—सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनिट को गर्म करने पर सोडियम कार्बोनिट के साथ- साथ जल तथा ऑक्सीजन बनते हैं । अभिक्रिया का समीकरण निम्नलिखित है :
Amal char lavan class 10th solution in Hindi
अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभवत: क्या होगा ? (a) 1 (b) 4 (c) 5 (d) 10
उत्तर- (d) 10
प्रश्न 2. कोई विलयन अंडे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न करता है जो गैस चूने के पानी को दूधिया कर देती है । इस विलयन में क्या होगा ? (a) NaCl (b) HCl (c) LiCl (d) KCl
उत्तर—(b) HCl
प्रश्न 3. NaOH का 10ml विलयन, HCI के 8 mL विलयन से पूर्णतः उदासीन हो जाता है। यदि हम NaOH के उसी विलयन को 20 mL लें तो इसे उदासीन करने के लिए HCI के उसी विलयन की कितनी मात्रा की आवश्यकताहोगी ? (a) 4mL (b) 8mL (c) 12 mL (d) 16 mL
उत्तर – (d) 16 mL
प्रश्न 4. अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोगहोता है ? (a) एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक) (b) ऐनालजेसिक (पीड़ाहारी) (c) ऐन्टैसिड (d) एंटीसेप्टिक (प्रतिरोधी)
उत्तर- (c) ऐन्टैसिड
प्रश्न 5. निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द ‘समीकरण‘ लिखिए तथा उसके बाद संतुलित समीकरण लिखिए : (a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है । (b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है (c) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है। (d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है ।
प्रश्न 6. ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होते हैं लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है। एक क्रियाकलाप द्वारा इसे साबित कीजिए ।
उत्तर—इस क्रियाकलाप को करने के लिए पृष्ठ 27 पर के चित्र जैसे उपकरणों को सजाया जाता है । जब बीकर में ग्लूकोज का विलयन डालते हैं तथा उस विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं तो बल्ब नहीं जलता है । इससे पता चलता है कि ग्लूकोज का विलयन आयनो में नहीं टूटता है। इसलिए ग्लूकोज अम्ल नहीं है । फिर उसमें ऐल्कोहॉल को डाला जाता है तो यह भी आयनों में विभाजित नहीं होता है। इसलिए इससे भी बल्ब नहीं जलता है । अतः यह भी अम्ल नहीं है ।
Amal char lavan class 10th solution in Hindi
प्रश्न 7. आसवित जल विद्युत् का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा का जल होता है ?
उत्तर—चूँकि आसवित जल आयनों में नहीं टूटता है, इसलिए ऐसा जल विद्युत का कुचालक है। वर्षा जल में C, गैस तथा अन्य अशुद्धियाँ मिली हुई रहती हैं, इसलिए यह कार्बोनिक अम्ल बनाती हैं। ये जल में मिलकर अम्लों में विभाजित हो जाती हैं ।
प्रश्न 8. जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है ?
उत्तर- जल की अनुपस्थिति में अम्ल विघटित नहीं होता है । इस कारण यह अम्लीय गुण नहीं दर्शाता है ।
प्रश्न 9. परखनली ‘A’ एवं ‘B’ में समान लंबाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए । परखनली ‘A’ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCI) तथा परखनली ‘B’ में ऐसिटिक अम्ल (C, COOH) डालिए । किस परखनली में अधिक तेज़ी से बुदबुदाहट होगी तथा क्यों ?
उत्तर- हम जानते हैं कि हाइड्रोक्लोरिक अम्ल काफी शक्तिशाली अम्ल हैं। इस कारण यह अधिक विघटित होता है, क्योंकि इसमें खट्टापन नहीं होता। इसलिए परखनली A में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होती है ।
प्रश्न 10. ताजे दूध के pH का मान 6 होता है । दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा ? अपना उत्तर समझाइए |
उत्तर – ताजे दूध के pH का मान 6 होता है, क्योंकि इसमें खट्टापन नहीं होता । जब यह दही बन जाता है तो इसमें खट्टापन आ जाता है, जिसके कारण इसका pH मान 6 से कम हो जाता है ।
प्रश्न 11. एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है । (a) ताजा दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है ? (b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है ?
उत्तर—(a) ताजे दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय बना देता है क्योंकि बेकिंग सोडा दूध में मिलाया जाता है जो क्षारीय होता है । (b) चूँकि इस दूध से दही बनने के लिए तापमान लगभग 30°C से अधिक (अम्लीय परिस्थिति) और साथ ही एन्जाइम की आवश्यकता पड़ती है । इसलिए क्षारीय दूध से दही बनने में अधिक समय लगता है ।
प्रश्न 12. प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बरतन में क्यों रखा जाना चाहिए ? इसकी व्याख्या कीजिए ।
उत्तर – हम जानते हैं कि प्लास्टर ऑफ पेरिस जल को अवशोषित कर कठोर जिप्सम का निर्माण करता है । इस कारण प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बरतन में रखा जाता है, ताकि वह कठोर न हो तथा बर्बाद होने से बच जाचा |
प्रश्न 13. उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है ? दो उदाहरण दीजिए ।
उत्तर—वैसी अभिक्रिया, जिसमें अम्ल और क्षार प्रतिक्रिया करके लवण तथा जल का निर्माण करता है उदासीनीकरण अभिक्रिया है ।
प्रश्न 14. उदासीनीकरण अभिक्रिया है ? दो उदहारण दीजीए।
उत्तर – वैसी अभिक्रिया, जिसमें अम्ल और क्षार प्रतिक्रिया करके लवण तथा जल का निर्माण करता है उदासीनीकरण अभिक्रिया है।
प्रश्न 15. धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो-दो प्रमुख उपयोग बताइए
उत्तर—धोने के सोडा का उपयोग: (i) इसका उपयोग घरों में सूती कपड़ों की साफ-सफाई के लिए होता है । (ii) इसका उपयोग काँच, साबुन तथा कागज उद्योगों में किया जाता है ।
बेकिंग सोडा का उपयोग (i) इसका उपयोग सोडा–अम्ल बनाने तथा अग्निशामक में किया जाता (ii) इसका उपयोग पावरोटी तथा केक बनाने में किया जाता है
इस लेख में बिहार बोर्ड कक्षा 10 विज्ञान के पाठ 1 ‘ रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण (Rasayanik abhikriya avam samikaran class 10th solution in Hindi)’ के पढ़ेंगे।
1. रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
पाठ के अन्दर दिए गए प्रशन और उनके उत्तर
प्रश्न 1. वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है ?
उत्तर – मैग्नीशियम रिबन को रेगमाल से रगडकर साफ कर देने से मैग्नीशियम रिबन वायु में तीव्र गति से जलता हैा
प्रश्न 2. निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए संतुलित समीकरण लिखिए : (i) हाइड्रोजन + क्लोरीन → हाइड्रोजन + क्लाराइड (ii) बेरियम क्लोराइड + ऐलुमीनियम सल्फेट → बेरियम सल्फट + एलमुनियम क्लोराइड (iii) सोडियम + जल → सोडियम हाइड्रॅाक्साइड + होइड्रोजन
प्रश्न 3. निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए उनकि अवस्था के संकेतो के साथ संतुलित रसायनिक समीकरण लिखिए : (i) जल में बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फेट के विलियन अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा अघुलनशील बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनाते है। (ii) साडियम हाइड्रोक्साइड का विलियन (जल में) हाइड्रोक्साइड का विलयन (जल में) स अभिक्रिया करके साडियम क्लोराइड का विलयन तथा जल बनाते है।
(पृष्ठ : 11)
प्रश्न 1. किसी पदार्थ ‘x’ क विलियन का उपयोग सफेदी करने के लिए होता है। (i) पदार्थ का नाम तथा इसका सुत्र लिखिए (ii) ऊपर (i) में लिखे पदार्थ ‘x’ की जल के साथ अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर : (i) पदार्थ ‘X’ का नाम कैल्सियम ऑक्साइड तथा इसका सूत्र CaO है।
(ii) CaO (s) + O (I) + Ca(OH) बिना बुझा हुआ चूना बुझा हुआ चूना या कली चूना या भूरकी चूना
प्रश्न 2. क्रियाकलाप 1.7 में एक परखनली में एकत्रित गैस की मात्रा दूसरी से दोगुनी क्यों है? उस गैस का नाम बताइए ।
उत्तर—चूँकि जल का निर्माण हाइड्रोजन के दो परमाणु तथा ऑक्सीजन के एक परमाणु से हुआ है, इसलिए एक परखनली में एकत्रित गैस की मात्रा दूसरी से दोगुनी हैं । पहली गैस का नाम हाइड्रोजन गैस तथा दूसरी गैस का नाम ऑक्सीजन गैस है
(पृष्ठ : 15 )
प्रश्न 1. जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है ?
उत्तर—चूँकि इस अभिक्रिया में आयरन, कॉपर की अपेक्षा अधिक क्रियाशील तत्व है । इस कारण वे कॉपर को उसके यौगिक से विस्थापित कर देते हैं । इसलिए लोहे की कील का रंग भूरा हो जाता है और कॉपर सल्फेट के विलयन का नीला रंग हल्का हो जाता है ।
प्रश्न 2. क्रियाकलाप 1.10 से भिन्न द्विविस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए ।
उत्तर- जब सिल्वर नाइट्रेट के विलयन में सोडियम क्लोराइड का विलयन डाला जाता है तो सिल्वर क्लोराइड का उजला अवक्षेप बनता है ।
प्रश्न 3. निम्नलिखित अभिक्रियाओं में उपचियत तथा अपचयित पदार्थों की पहचान कीजिए :
अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. नीचे दी गयी अभिक्रिया के संबंध में कौन-सा कथन असत्य है ?
2PbO (s) + C (s) → 2 Pb (s) + CO2 (g)
(a) सीसा अपचयित हो रहा है । (b) कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है । (c) कार्बन उपचयित हो रहा है। (d) लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है ।
(i) (a) एवं (b) (ii) (a) एवं (c) (iii) (a), (b) एवं (c) (d) सभी
उत्तर— (i) (a) एवं (b)
ऊपर दी गयी अभिक्रिया किस प्रकार की है ? (a) संयोजन अभिक्रिया (b) द्विविस्थापन अभिक्रियां (c) वियोजन अभिक्रिया (d) विस्थापन अभिक्रिया
उत्तर- (d) विस्थापन
प्रश्न 3. लौह-चूर्ण पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने से क्या होता है ? सही उत्तर पर निशान लगाइए ।
(a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है । (b) क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रॉक्साइड बनता है। (c) कोई अभिक्रिया नहीं होती है । (d) आयरन लवण एवं जल बनता है ।
उत्तर—(a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है ।
प्रश्न 4. संतुलित रासायनिक समीकरण क्या है ? रासायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर – जिस समीकरण में भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या दोनों तरफ समान हो, उसे उस रासायनिक समीकरण को संतुलित रासायनिक समीकरण कहा जाता है । इसे संतुलित करना इसलिए आवश्यक है, क्योंकि उससे समीकरण की वास्तविक जानकारी प्राप्त होती है और साथ ही अभिकारकों तथा उत्पादों की वास्तविक संख्या की भी जानकारी प्राप्त हो जाती है ।
प्रश्न 5. निम्न कथनों को रासायनिक समीकरण के रूप में परिवर्तित कर उन्हें संतुलित कीजिए : (a) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से संयोग करके अमोनिया बनाता है । (b) हाइड्रोजन सल्फ़ाइड गैस का वायु में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइऑक्साइड बनता है । (c) ऐलुमिनियम सल्फ़ेट के साथ अभिक्रिया कर बेरियम क्लोराइड, ऐलुमिनियम क्लोराइड एवं बेरियम सल्फ़ेट का अवक्षेप देता है । (d) पोटैशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस देती है ।
प्रश्न 6. निम्न रासायनिक समीकरणों को संतुलित कीजिए :
Rasayanik abhikriya avam samikaran class 10th solution in Hindi
प्रश्न 7. निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए: (a) कैल्शियम हाइड्रोक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड कैल्शियम कार्बोनेट + जल (b) जिंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट + सिल्वर (c) ऐलुमिनियम + कॉपर क्लोराइड → ऐलुमिनियम क्लोराइड + कॉपर (d) बेरियम क्लोराइड + पोटैशियम सल्फ़ेट बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड
प्रश्न 8. निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए एवं प्रत्येक अभिक्रिया का प्रकार बताइए : (a) पोटैशियम ब्रोमाइड (aq) + बेरियम आयोडाइड (aq) → पोटैशियम आयोडाइड (aq) + बेरियम ब्रोमाइड (s) (b) जिंक कार्बोनेट (s) → जिंक ऑक्साइड (s) + कार्बन डाइऑक्साइड (g) (c) हाइड्रोजन (g) + क्लोरीन (g) → हाइड्रोजन क्लोराइड (g). (d) मैग्नीशियम (s) + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (aq) → मैग्नीशियम क्लोराइड (aq) + हाइड्रोजन (g)
प्रश्न 9. ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रिया का क्या अर्थ है ? उदाहरण दीजिए ।
उत्तर— जिस अभिक्रिया में ऊष्मा का उत्पादन होता है उसे ‘ऊष्माक्षेपी’ अभिक्रिया कहते हैं। जैसे : प्राकृतिक गैस का जलना ।
प्रश्न 10. श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते हैं ? वर्णन कीजिए ।
उत्तर—हमें जीवित रहने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा भोजन से प्राप्त होती है। हम साँस लेते हैं तो ऑक्सीजन द्वारा खाद्य पदार्थ अर्थात् भोजन उपचयित हो जाता है। इस प्रक्रिया में ऊर्जा मुक्त होती है । इसीलिए श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहतें हैं ।
प्रश्न 11. वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत क्यों कहाजाता है ? इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए । उत्तर—वह अभिक्रिया जिनमें एकल अभिकर्मक टूट कर छोटे-छोटे उत्पाद प्रदान करते हैं वह वियोजन अभिक्रिया है
वे अभिक्रियाएँ, जिनमें दो या दो से अधिक तत्व या यौगिक संयोग करके एकल ( नये) उत्पाद का निर्माण करती हैं, को संयोयक अभिक्रिया कहलाते हैं । जैसे :
(i) तथा (ii) अभिक्रियाएँ समान हैं किन्तु विपरीत हैं । (i) में वियोजन हो रहा है जबकि (ii) में संयोजन हो रहा है ।
प्रश्न 12. उन वियोजन अभिक्रियाओं के एक–एक समीकरण लिखिए जिनमें ऊष्मा, प्रकाश एवं विद्युत के रूप में ऊर्जा प्रदान की जाती है ।
प्रश्न 13. विस्थापन एवं द्विविस्थापन अभिक्रियाओं में क्या अंतर है ? इन अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए । उत्तर : विस्थापन एवं द्विविस्थापन अभिक्रियाओं में निम्नलिखित अंतर हैं :
प्रश्न 14. एक भूरे रंग का चमकदार तत्त्व ‘X’ को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर वह काले रंग का हो जाता है । इस तत्व ‘X’ एवं उस काले रंग के यौगिक का नाम बताइए । उत्तर – भूरे रंग का चमकदार तत्व X को कॉपर कहते हैं, जो हवा में गर्म होकर कॉपर ऑक्साइड (CuO) का निर्माण करता है । यह काले रंग का होता है ।
प्रश्न 15. लोहे की वस्तुओं को हम पेंट क्यों करते हैं?
उत्तर — लोहे की वस्तुओं को जंग लगने से बचाने के लिए उस पर पेंट करते हैं । पेंट करने से लोहे की वस्तुओं की सतह से नमी या हवा के बीच का सम्पर्क टूट जाता है, जिससे जंग नहीं पकड़ता ।
प्रश्न 16. तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है ?
उत्तर—चूँकि तेल तथा वसायुक्त पदार्थ हवा के सम्पर्क में आते हैं तो ये उपचयित होकर खराब गन्ध देने लगते हैं। उनके गन्ध के साथ-साथ उनका स्वाद भी बदल जाता । इस कारण तेल तथा वसायुक्त खाद्य पदार्थ को नाइट्रोजन से युक्त किया जाता है, जिससे वे खराब नहीं होने पाएँ ।
प्रश्न 17. निम्नलिखित पदों का वर्णन कीजिए तथा प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए : (a) संक्षारण, (b) विकृतगंधिता
उत्तर- (a) संक्षारण— जब कोई वस्तु (धातु) अपने आस-पास में प्राप्त अम्ल, आर्द्रता आदि के सम्पर्क में आती है तब ये संक्षारित होती हैं और इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं ।
चाँदी के ऊपर काली परत तथा ताँबे के ऊपर हरी परत चढ़ना संक्षारण है । संक्षारण के निम्नलिखित आवश्यक शर्त हैं (i) नमी अथवा आर्द्रता की उपस्थिति तथा (ii) हवा की उपस्थिति
(b) विकृतगंधिता—चूँकि वसायुक्त अथवा तैलीय खाद्य सामग्रियाँ जब लम्बे समय तक रखी जाती हैं, तब वे उपचयित होकर उनके गन्ध तथा स्वाद बदल जाते हैं । इस प्रक्रिया को विकृतगंधिता कहा जाता है । वायुरोधी बर्तनों में खाद्य सामग्री रखने से उपचयन की गति धीमी पड़ जाती है । इसलिए चिप्स बनानेवाले चिप्स की थैली में से ऑक्सीजन हटाकर उसमें हाइड्रोजन जैसे कम सक्रिय गैस भर देते हैं, ताकि चिप्स का उपचयन न हो सके ।
Rasayanik abhikriya avam samikaran class 10th solution in Hindi
प्रश्न C. सही उत्तर के सामने ( ) एवं गलत उत्तर के सामने (x) का चिह्न लगाएँ :
(i) हमारा हृदय चार कक्षों में बँटा होता है ।
(ii) गुर्दे की आकृति गेंद जैसी होती है ।
(iii) स्पंज एवं हाइड्रा जैसे जन्तुओं में रक्त नहीं पाया जाता है ।
(iv) धमनियाँ ऑक्सीजन समृद्ध होती हैं ।
(v) शिराएँ कार्बन डाइऑक्साइड विहीन होती हैं 1
उत्तर : (i), (iii) और (iv) सही हैं । (ii) और (v) गलत हैं ।
(ii) सही यह है कि गुर्दे की आकृति सेम के आकार जैसी होती है।
(v) सही यह है कि शिराएँ कार्बन डाइऑक्साइड युक्त होती हैं।
प्रश्न D. मिलान कीजिए :
‘क‘ ‘ख‘
(i) धमनी एवं शिरा (i) यूरिया, लवण
(ii) अपशिष्ट पदार्थ (ii) रक्त को छानने की विधि
(iii) स्टेथोस्कोप (iii) रक्त परिसंचरण तंत्र के जनक
(iv) डायलासिस (iv) धड़कन मापक यंत्र
(v) विलियम हार्वे (v) रक्त वाहिनियाँ
‘क‘ ‘ख‘
(i) धमनी एवं शिरा (v) रक्त वाहिनियाँ
(ii) अपशिष्ट पदार्थ (i) यूरिया, लवण
(iii) स्टेथोस्कोप (iv) धड़कन मापक यंत्र
(iv) डायलासिस (ii) रक्त को छानने की विधि
(v) विलियम हार्वे (iii) रक्त परिसंचरण तंत्र के जनक
प्रश्न E. निम्न प्रश्नों के उत्तर लगभग 50 से 100 शब्दों में दीजिए :
प्रश्न (i) धमनी किसे कहते हैं? इसका क्या कार्य है ? बताएँ ।
उत्तर- हृदय में ऑक्सीजन समृद्ध रक्त को लेकर सम्पूर्ण शरीर में पहुँचाने वाले तंत्र को धमनी कहते हैं। इसका फैलाव सम्पूर्ण शरीर में एक जाल-सा है । यह दोहरी है । एक तो ऑक्सीजन समृद्ध रक्त को हृदय से ले जाने वाली धमनी और दूसरी सम्पूर्ण शरीर में रक्त पहुँचाकर पुन: हृदय में लाने वाली शिराएँ ।
धमनी का प्रमुख काम यही है कि हृदय से ऑक्सीजन युक्त रक्त को शरीर के सभी अंगों तक उसकी आवश्यकतानुसार पहुँचाना और फिर उसे हृदय तक पहुँचा देना। इस प्रक्रिया से शरीर स्वस्थ रहता है और सभी अंग सुचारु रूप से कार्य करते रहते हैं
प्रश्न (ii) शिरा को परिभाषित कीजिए एवं यह धमनी से कैसे भिन्न है?
उत्तर—शिरा हृदय से कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रक्त को ग्रहण कर फेफड़े तक पहुँचाने वाली रक्तवाहिनी है ।
शिरा धमनी से इस प्रकार भिन्न है कि धमनी जहाँ सम्पूर्ण शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुँचाने वाली रक्तवाहिनी है, वहीं शिरा हृदय से कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रक्त को हृदय से लेकर फेफड़े तक पहुँचाती है। धमनी लाभदायक रक्त का संचार करती है तो शिरा दूषित रक्त को शरीर से बाहर निकालने का काम करती है ।
प्रश्न (iii) गुर्दे का मुख्य कार्य बताइए ।
उत्तर – गुर्दे का मुख्य कार्य यह है कि रक्त के हानिकारक पदार्थों को उससे अलग कर देना। जब रक्त दोनों गुर्दों में पहुँचता है तो इसमें उपयोग एवं हानिकारक दोनों ही प्रकार के पदार्थ होते हैं । उपयोगी पदार्थों को रक्त में पुनः अवशोषित कर लिया जाता है। जल में घुले हुए अपशिष्ट पदार्थ मूत्र के रूप में अलग हो जाते हैं। गुर्दो से मूत्र – वाहिनयों से होता हुआ मूत्र मूत्राशय (पैशाब की थैली) में जमा हो जाता है । वहाँ से मूत्र एक नली होकर मूत्र मार्ग द्वारा शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि गुर्दे का मुख्य कार्य रक्त को छानना है
प्रश्न (iv) अपशिष्ट पदार्थ क्या है? इन्हें हमारे शरीर से बाहर निकालने वाले उत्सर्जन अंगों के नाम बताइए ।
उत्तर- भोजन और पानी जो हम खाते और पीते हैं, उनमें केवल विशिष्ट पदार्थ ही नहीं बनते हैं, कुछ अपशिष्ट पदार्थ भी बनते हैं । उन्हीं हानिकारक पदार्थों को अपशिष्ट पदार्थ कहते हैं ।
अपशिष्ट पदार्थों को हमारे शरीर से बाहर निकालने वाले उत्सर्जन अंगों के नाम निम्नांकित हैं
(i) गुर्दे, (ii) मूत्राशय, (iii) मूत्र – मार्ग, (iv) श्वेद ग्रंथि तथा (v) त्वचा |
(उत्तर पाठ के अनुसार है ।)
प्रश्न (v) हृदय-स्पंद (Heart Beat) से आप क्या समझते हैं? एक स्वस्थ व्यक्ति में हृदय स्पंद की संख्या बताइए ।
उत्तर— हृदय जितनी बार धड़कता है, उस धड़कन को हृदय स्पन्दन कहते हैं । एक स्वस्थ व्यक्ति में हृदय-स्पन्दन की संख्या प्रति मिनट 72 बार है ।
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प्रश्न 3. पौधों में अलैंगिक जनन की विधियों की चर्चा करें |
उत्तर— अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियाँ निम्नलिखित हैं :
(1) विखंडन – जीव पूर्ण रूप से विकसित हो जाता है तब यह दो भागों में विभाजित हो जाता है । पहले केन्द्रक का विभाजन होता है और उसके बाद कोशिकाद्रव्य का विखंडन द्वारा जब दो जीव बनते हैं तो उसे द्विखंडन कहते हैं, जैसे- अमीबा ।
(2) मुकुलन – यीस्ट जैसे जीवों के शरीर पर उभार की तरह संरचना बनती है जिसे मुकुल (bud) कहते हैं। शरीर का केन्द्रक दो भागों में विभाजित हो जाता है और उनमें एक केन्द्रक मुकुल में आ जाता है। मुकुल पैतृक जीव से अलग होकर वृद्धि करता ‘है और पूर्ण विभाजित जीव बनता है ।
(3) खंडन — इस विधि में जीव दो या अधिक खंडों में टूट जाते हैं और खंड वृद्धि करके पूर्ण विकसित जीव बन जाते हैं। उदाहरण : स्पाइरोगाइरा ।
(4) बीजाणु द्वारा – बीजाणु कोशिका की विरामी अवस्था है, जिसमें प्रतिकूल परिस्थिति में कोशिका की रक्षा के लिए उसके चारों ओर एक मोटी भित्ति बन जाती है। अनुकूल परिस्थिति में मोटी भित्ति टूट जाती है और जीवाणु सामान्य विधि से जनन करता है और वृद्धि करके पूर्ण विकसित जीव बन जाता है। उदाहरण : म्यूकर, फर्न, मॉस ।
प्रश्न 4. बीजों के बनने के लिए लैंगिक जनन आवश्यक है। क्यों?
उत्तर- बीज के बनने के लिये लैंगिक जनन इसलिये आवश्यक है क्योंकि वर्तिकाम पर चिपकते ही परागकण में अंकुर निकलता है और पराग नलिका (Pollen tube) का निर्माण करता है। यह स्त्री केसर के वर्तिका से होते हुए बीजाण्ड (orenle ) तक जाता है। इसी नली से पराग नर युग्मक (male gamete) के रूप में बीजाण्ड (मादा युग्मक) से मिलता है। मिलन की इस क्रिया को निषेचन (Fertilization) कहते हैं । निषेचन के फलस्वरूप युग्मनज भ्रूण में विकसित होने लगता है। भ्रूण विकसित होकर बीज बनते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि बीज बनने के लिये लैंगिक जनन आवश्यक है।
प्रश्न 5. बीजों के प्रकीर्णन से क्या समझते हैं? ये किस प्रकार होते हैं?
उत्तर—बीज किसी माध्यम से वातावरण में फैलकर जमीन पर गिर जाते हैं, इसी प्रक्रम को प्रकीर्णन कहते हैं । ये ही बीज अंकुरित होकर पौधा बन जाते हैं ।
प्रकृति में पादप के फलों और बीजों का प्रकीर्णन पवन, जल और जंतुओं द्वारा होता है। सहजन (ड्रमस्टिक) तथा द्विफल (Mapil) जैसे पादप के पंखयुक्त बीज, घासों, के हल्के बीज अथवा मदार के रोमयुक्त बीज और सूरजमुखी के रोममुक्त फल पवन के साथ उड़कर सुदूर स्थानों तक चले जाते हैं। कुछ बीज जल द्वारा प्रकीर्णित होते हैं । ऐसे बीजों अथवा फल के आवरण स्पंजी अथवा तंतुमय होते हैं, ताकि वे जल में तैरते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकें। उदाहरण: नारियल । कुछ बीज जंतुओं द्वारा प्रकीर्णित होते हैं, विशेष रूप से काँटेदार बीज, जिनमें हुक जैसी संरचनाएँ होती हैं। ऐसे बीज जंतुओं के शरीर से चिपक जाते हैं और दूरस्थ स्थानों तक चले जाते हैं । इनके उदाहरण यूरेना एवं जैन्थियम हैं ।
कुछ पौधों के फल झटके के साथ फट जाते हैं, जिससे उनके अंदर स्थित बीज प्रकीर्णित हो जाते हैं। बीज जनक पादप से दूर जाकर गिरते हैं। एरंड और बाल्सन में ऐसा ही होता है ।
प्रश्न 8. जिन पौधों में कायिक प्रवर्धन होता है उनकी एक सूची बनाएँ ।
प्रश्न 9. यदि पौधों में बीजों का निर्माण न हो तो क्या होगा ? चर्चा करें ।
उत्तर- यदि पौधों में बीजों का निर्माण न हो तो उन बीज वाले पौधों की संततियों को हम पुनः नहीं देख पाएँगे। वे केवल कायिक प्रवर्धन वाले पौधे ही पृथ्वी पर बच जाएँगे। कुछ सब्जियों और फलों तथा गन्ना को ही हम पृथ्वी पर देख पाएँगे । अनाज वाले वे पौधे तो दिखाई ही नहीं देंगे जो बीजों द्वारा ही उपजते हैं। जैसे : धान, गेहूँ, मक्का, अरहर, मसूर, चना, तिल, सरसों, तीसी, बाजरा, मडुआ आदि खाद्यान्न, तथा तेलहन से हम महरूम हो जाएँगे ।
संकेत : परियोजना कार्य को छात्र स्वयं करें।
कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. पादपों में लैंगिक जनन के प्रक्रम को समझाइए ।
उत्तर—पादप में जनन अंग पुष्प होते हैं। पुंकेसर नर जनन अंग और स्त्रीकेसर मादा जनन अंग होता है। नर और मादा एकलिंगी पुष्प में दोनों एक ही पादप पर उपस्थित हो सकते हैं अथवा भिन्न पादपों पर पाए जा सकते हैं।
परागकोश में परागकण होते हैं जो नर युग्मकों को बनाते हैं । स्त्रीकेसर में वर्तिकाम, वर्तिका और अंडाशय होते हैं। अंडाशय में एक या अधिक बीजांड होते हैं । मादा युग्मक अथवा अंड का निर्माण बीजांड में होता है । लैंगिक जनन में मादा और नर युग्मकों में युग्मन से युग्मनज बनता है
युग्मनज भ्रूण में विकसित होता है । निषेचन के बाद अंडाशय फल के रूप में विकसित हो जाता है, जबकि पुष्प के अन्य भाग मुरझाकर गिर जाते हैं । परिपक्व हो जाने पर बीजांड से बीज विकसित होते हैं । इस प्रकार पादपों में लैंगिक जनन का प्रक्रम चलते रहता है ।
प्रश्न 2. अलैंगिक और लैंगिक जनन के बीच प्रमुख अंतर बताइए ।
1. अलैंगिक जनन–अलैंगिक जनन में अकेला जीव ही अपनी संतति पैदा करता है। इस प्रक्रिया में नर तथा मादा युग्मकों का निर्माण नहीं होता । अलैंगिक जनन की कई विधियाँ हैं। जैसे— विखंडन, खंडन बीजाणुओं द्वारा कायिक प्रवर्धन आदि ।
2. लैंगिक जनन–यह जंतुओं तथा पौधों में होता है। इसमें नर तथा मादा युग्मक भाग लेते हैं। नर युग्मक शुक्राणु तथा मादा युग्मक अंडाणु होता है । जंतुओं में जनन वृषण तथा अंडाशय से होते हैं। पौधों में परागकण पुमंग में तथा अंडाणु बीजांड में बनता है। नर-मादा युग्मक का सम्मिलन ही निषेचन है । निषेचन के बाद युग्मनज से पूर्ण जीव का निर्माण होता है ।,
प्रश्न 3. पुष्पों में निषेचन का प्रक्रम किस प्रकार संपन्न होता है ?
उत्तर– पुष्पों में निषेचन का प्रक्रम नर युग्मक और मादा युग्मक के संगलन के फलस्वरूप होता है। परागकण वर्तिकाम पर पहुँचने के बाद उसके द्वारा स्रावित पोषक तत्त्वों को अवशोषित कर वृद्धि करता है । वर्तिकाम द्वारा स्रावित रसायन के प्रभाव से परागकण से एक नली अंकुरित होती है जिसे परागनलिका कहते हैं। यह परागनलिका बढ़कर लंबी हो जाती है और वर्तिका से होते हुए बीजांड में प्रवेश करती है। बीजांड के अंत में पहुँच यह मुड़कर बीजांड द्वार में प्रवेश कर अंततः भ्रूणकोश के भीतर पहुँच जाता है। भ्रूणकोश चारों तरफ से एक पतली झिल्ली से घिरा होता है । तब परागनलिका के अन्य सिरे द्वारा स्रावित स्राव भ्रूणकोष की झिल्ली को गला कर फाड़ देता है और परागनलिका फिर उसमें आसानी से प्रवेश कर जाती
परागनलिका के अग्र सिरे पर स्थित जनन केन्द्रक शुक्राणु केन्द्रकों में विभाजित हो जाता है। अब परागनलिका का अग्रसिरा फट जाता है और दोनों शुक्राणु केन्द्रक भ्रूणकोश के भीतर मुक्त हो जाते हैं । परागनलिका विघटित हो जाती है, जिससे शुक्राणु केन्द्रकों का भ्रूणकोश के भीतर जाने का रास्ता साफ हो जाता है । दो शुक्राणु केन्द्रकों में एक-एक भ्रूणकोश में बीजांड के समीप स्थित अंडाणु से संगलित होकर निषेचित अंडाणु बनाता है
प्रश्न 4. कॉलम ‘A’ में दिए गए शब्दों का कॉलम ‘B’ में दिए गए जीवों से मिलान कीजिए:
(ख) नर और मादा युग्मक के युग्मन का प्रक्रम कहलाता है :
(i) निषेचन (ii) परागण (iii) जनन (iv) बीज निर्माण
उत्तर — (i) निषेचन ।
(ग) परिपक्व होने पर अंडाशय विकसित हो जाता है :
(i) बीज में (ii) पुंकेसर में (iii) स्त्रीकेसर में (iv) फल में
उत्तर – (iv) फल में ।
(घ) बीजाणु उत्पन्न करनेवाला एक पादप जीव हैं:
(i) गुलाब (ii) डबलरोटी का फफूँद (iii) आलू (iv) अदरक
उत्तर – (ii) डबलरोटी का फफूँद ।
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प्रश्न 2. अपना नाम अंग्रेजी भाषा में लिखकर उसका प्रतिबिम्ब समतल दर्पण में देखकर पता लगाएँ कि किन अक्षरों का प्रतिबिम्ब समान तथा किनका प्रतिबिम्ब भिन्न है ?
उत्तर—मेरा नाम RAMESHWAR है । इसका प्रतिबिम्ब समतल दर्पण में देखने पर M, H, W तथा A का प्रतिबिम्ब समान बनता है, शेष सभी अक्षर उल्टे दिखाई देते हैं ।
प्रश्न 3. उत्तल तथा अवतल दर्पण का उपयोग लिखिए |
उत्तर—उत्तल दर्पण का उपयोग अपने पीछे की गाड़ियों को देखने के लिए । अवतल दर्पण का उपयोग— डॉक्टरों द्वारा आँख, नाक, गला के परीक्षण में ।
प्रश्न 5. वास्तविक प्रतिबिम्ब किस बनता है । प्रकार का दर्पण बना सकता है?
उत्तर— वास्तविक प्रतिबिम्ब अवतल दर्पण बना सकता है ।
प्रश्न 6. आभासी प्रतिबिम्ब किसे कहते हैं? उदाहरण द्वारा बताएँ ।
उत्तर – किसी बिंदु से आनेवाली प्रकाश की किरणें परावर्तन के बाद जिस बिंदु पर मिलती हुई मालूम पड़ती हैं वह बिंदु पहले बिंदु का आभासी प्रतिबिंब कहलाता है । आभासी प्रतिबिंब परदे पर नहीं बन सकता। यह अवतल दर्पण में बनता है । आभासी प्रतिबिंब बनने की निम्नलिखित स्थितियाँ होती हैं :
(i) दर्पण के बीच में, (ii) अनंत पर, (iii) दर्पण तथा लेंस के बीच में ।
प्रश्न 7. समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब की विशेषता लिखिए ।
उत्तर—समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब — सीधा, समान आकार का दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है, जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रहती है ।
प्रश्न 8. कॉलम A में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम B के एक अथवा अधिक सही कथनों से कीजिए:
कॉलम A कॉलम B
(क) समतल दर्पण (i) उल्टा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बना सकता है ।
(ख) उत्तल दर्पण (ii) सीधा तथा वस्तु के आकार का प्रतिबिम्ब बनाता है ।
(ग) अवतल दर्पण (iii) सीधा तथा वस्तु के आकार से छोटा प्रतिबिम्ब बनाता है ।
(घ) अवतल दर्पण (iv) दाँतों का आवर्धित प्रतिबिम्ब बनाता है जिसके कारण दंत चिकित्सक इसका उपयोग करते हैं ।
(च) उत्तल लेंस (v) आवर्धक लेंस की भाँति कार्य करता है ।
प्रश्न 1. निम्नलिखित वक्तव्य ‘सत्य’ हैं ‘ अथवा ‘असत्य’ :
(क) हम उत्तल दर्पण से आवर्धित तथा सीधा प्रतिबिंब प्राप्त कर सकते हैं। उत्तर— ‘असत्य’ है
(ख) अवतल लेंस सदैव आभासी प्रतिबिंब बनाता है । उत्तर— ‘असत्य’ है ।
(ग) अवतल दर्पण से हम वास्तविक, आवर्धित तथा उलटा प्रतिबिंब प्राप्त कर सकते हैं । उत्तर— ‘असत्य’ है ।
(घ) अवतल दर्पण सदैव वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है । उत्तर- ‘असत्य’ है ।
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प्रश्न 1. सही उत्तर पर सही का निशान ( / ) लगावें :
(क) अन्त: श्वसन के समय, पसलियाँ :
(i) बाहर की ओर गति करती हैं
(ii) नीचे की ओर गति करती हैं
(iii) ऊपर और बाहर की ओर गति करती हैं
(iv) गति बिल्कुल नहीं करती हैं
(ख) उच्छवसन के समय, पसलियाँ
(i) नीचे और अन्दर की ओर गति करती हैं
(ii) नीचे की ओर गति करती हैं
(iii) ऊपर की ओर गति करती हैं,
(iv) बाहर की ओर गति करती है
(ग) मछली में श्वसन के लिए अंग हैं :
(i) फेफड़ा (ii) नाइट्रोजन
(iii) श्वास रन्ध्र (iv) कार्बन डाइऑक्साइड
(घ) श्वसन के फलस्वरूप गैस निकलती है.
(i) हाइड्रोजन
(ii) त्वचा
(iii) ऑक्सीजन
(iv) गलफड़ा
उत्तर : (क)→(iii), (ख)⇒(i), (ग)→ (iv), (घ)→(iv)
प्रश्न 2. कॉलम ‘A’ के शब्दों को कॉलम ‘B’ के शब्दों से मिलान करें :
कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’
1. रन्ध्र 1. मछली
2. फेफड़ा 2. पौधे
3. गलफड़ा 3. केंचुआ
4. त्वचा 4. मनुष्य
उत्तर :
‘कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’
1.रन्ध्र 1. पौधे
2. फेफड़ा 2. मनुष्य
3. गलफड़ा 3. मछली
4. त्वचा 4. केंचुआ
प्रश्न 3. रिक्त स्थानों को भरें :
(i) अन्त: श्वसन में …….. गैस प्रयुक्त होता है तथा उच्छश्वसन में ……… विमुक्त होता है
(ii) कार्बन डाइऑक्साइड चूने के पानी को …….. कर देता हैा
(iii) ऑक्सीजन की उपस्थिति में होने वाली श्वसन ……….. कहलाती है ।
(iv) अनॉक्सी श्वसन ………. की अनुपस्थिति में होता है ।
उत्तर : (i) ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड ; (ii) दूधिया ; (iii) ऑक्सीश्वसन, (iv) ऑक्सीजन ।
प्रश्न 4. श्वसन कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर – श्वसन दो प्रकार के होते हैं : (क) अंत: श्वसन तथा (ख) उच्छ्वसन । वायु को ग्रहण करने की क्रिया अंतःश्वसन एवं छोड़ने की क्रिया उच्छ्वसन कहलाती है ।
प्रश्न 5. अनॉक्सी श्वसन क्या है ?
उत्तर— ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लूकोज का अपघटन अनॉक्सी श्वसन कहलाता है । इस क्रिया के फलस्वरूप अल्कोहल, कार्बन डाइऑक्साइड तथा ऊर्जा प्राप्त होते हैं। ग्लूकोज अल्कोहल + कार्बन डाइऑक्साइड + ऊर्जा ।
प्रश्न 6. श्वसन की क्रिया में ऑक्सीजन का महत्त्व बताएँ ।
उत्तर— श्वसन की क्रिया में ऑक्सीजन का महत्त्व यह है कि श्वसन शरीर की कोशिकाओं में उपलब्ध ग्लूकोज अणुओं का रासायनिक अपघटन ऑक्सीजन की उपस्थिति में ही होता है, जिससे हमें ऊर्जा मिलती है ।
प्रश्न 7. अंतःश्वसन तथा उच्छवसन में क्या अंतर है ?
उत्तर—अंतःश्वसन तथा उच्छवसन में अंतर यह है कि हम अंतःश्वसन में ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं । इस समय पसलियाँ ऊपर और बाहर की ओर गति करती है तथा डायाफ्राम नीचे की ओर गति करता है । इससे फेफड़े में ऑक्सीजन गैस प्रवेश कर जाती है। जब हम उच्छवसन करते हैं तो पसलियाँ नीचे अन्दर की ओर आ जाती है जबकि डायाफ्राम ऊपर अपने पहले की स्थिति में आ जाता है तब कार्बन डाइऑक्साइड गैस बाहर निकल जाती है। यह प्रक्रिया जीवन भर जारी रहती है ।
प्रश्न 10. अपने परिवार के सदस्यों की श्वसन दर मापें और उनमें अंतर के कारणों का पता लगाएँ ।
उत्तर- संकेत: यह परियोजना कार्य है। छात्र स्वयं करें। सबकी श्वसन दर समान नहीं होती। आयु, बीमारी, थके हुए हालत में आदि अनेक कारण हैं, जिससे श्वसन दर कम-वेश हो सकती है।
प्रश्न 11. यदि धरती से पौधों को समाप्त कर दिया जाय तो क्या होगा ?
उत्तर—यदि धरती से पौधों को समाप्त कर दिया जाय तो कार्बन डाइऑक्साइड की वातावरण में अधिकता हो जाएगी। धरती पर तापमान बढ़ जायेगा । हमें श्वास में लेने के लिये ऑक्सीजन गैस नहीं मिलेगी। इससे हम बेमौत मर जाएँगे ।
दूसरी बात यह होगी कि पहाड़ों तथा ध्रुवों पर के बर्फ पिघलकर समुद्र की सतह बढ़ा देंगी। समुद्रों में इतना पानी बढ़ जाएगा कि पूरी पृथ्वी उसी में समा जाएगी और जल प्रलय की स्थित उत्पन्न हो जाएगी ।
प्रश्न 12. रात्रि में पौधों के निकट नहीं सोना चाहिए । क्यों ?
उत्तर—दिन में पौधे कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग कर प्रकाशसंश्लेषण करते हैं तथा ऑक्सीजन मुक्त करते हैं। यह प्रक्रम केवल सूर्य के प्रकाश में ही सम्भव रात में सूर्य का प्रकाश नहीं रहता इससे प्रकाशसंश्लेषण नहीं हो पाता, जिससे कार्बन है डाइऑक्साइड पौधे के पास ही जमा रहते हैं। दूसरी बात यह है कि पौधे रात्रि में कार्बन डाइऑक्साइड का मुक्तिकरण जारी रखते हैं। इसी कारण स्वास्थ्य की रक्षा के लिये रात्रि में पौधों के निकट नहीं सोना चाहिए ।
कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. कोई धावक दौड़ समाप्त होने पर सामान्य से अधिक तेजी से गहरी साँसें क्यों लेता है ?
उत्तर – जब किसी व्यक्ति को अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है, तो वह तेजी से श्वसन करने लगता है। इसके परिणामस्वरूप उसकी कोशिकाओं को अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है ।
इसी कारण दौड़ समाप्त होने पर धावक को सामान्य से अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, जिस कारण वह तेजी से गहरी साँसें लेता है ।
प्रश्न 3. जब हम अत्यधिक धूल भरी वायु में साँस लेते हैं, तो हमें छींक क्यों आ जाती है ?
उत्तर—जब हम अंत:श्वसन करते हैं, तो धूल के कण हमारी नासागुहा में उपस्थित रोमों में फँस जाते हैं। कभी-कभी ऐसे कण नासागुहा के पार चले जाते हैं, तब ये गुहा की कोमल परत को उत्तेजित करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप हमें छींक आती है। छींकने से अवांछित कण वायु के साथ बाहर निकल आते हैं ।
प्रश्न 4. तीन परखनलियाँ लीजिए । प्रत्येक को 3/4 भाग तक जल से भर लीजिए। इन्हें A, B तथा C द्वारा चिह्नित कीजिए । परखनली A में एक घोंघा रखिए । परखनली B में कोई जलीय पादप रखिए और C में एक घोंघा और पादप दोनों को रखिए । किस परखनली में कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता सबसे अधिक होगी ?
उत्तर—परखनली C में कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता सबसे अधिक होगी । प्रश्न 5. सही उत्तर पर (/) का निशान लगाइए :
(क) तिलचट्टों के शरीर में वायु प्रवेश करती है, उनके :
(i) फेफड़ों द्वारा (ii) क्लोमों द्वारा
(iii) श्वास रंधों द्वारा (iv) त्वचा द्वारा
उत्तर – (iii) श्वास रंधों द्वारा ।
(ख) अत्यधिक व्यायाम करते समय हमारी टाँगों में जिस पदार्थ के संचयन के कारण ऐंठन होती है, वह है :
(i) कार्बन डाइऑक्साइड (ii) लैक्टिक अम्ल
(iii) ऐल्कोहॉल (iv) जल
उत्तर- (ii) लैक्टिक अम्ल ।
(ग) किसी सामान्य वयस्क व्यक्ति की विश्राम -अवस्था में औसत श्वसन दर होती है :
(i) 9-12 प्रति मिनट (ii) 15 – 18 प्रति मिनट
(iii) 21-24 प्रति मिनट (iv) 30-33 प्रति मिनट
उत्तर – (ii) 15-18 प्रति मिनट ।
(घ) उच्छ्वसन के समय, पसलियाँ :
(i) बाहर की ओर गति करती हैं ।
(ii) नीचे की ओर गति करती हैं ।
(iii) ऊपर की ओर गति करती हैं ।
(iv) बिल्कुल गति नहीं करती हैं ।
उत्तर-(ii) नीचे की ओर गति करती हैं।
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(i) पौधों में जल एवं खनिज पदार्थों का अवशोषण …….. के द्वारा होता है
(ii) जल एवं खनिज पदार्थों का संवहन …….. उत्तक द्वारा होता है
(iii) पौधों में भोजन के संवहन के लिए ……. नामक उत्तक होते हैं ।
(iv) वाष्प के रूप में पत्तियों से जल का उत्सर्जित होना …….. कहलाता है।
उत्तर : (i) मूल रोम, (ii) जाइलम, (iii) फ्लोएम, (iv) वाष्पोत्सर्जन ।
प्रश्न 2. पौधों में पदार्थों का संवहन क्यों होता है?
उत्तर—पौधों में पदार्थों का संवहन इसलिए होता है ताकि पौधे जीवित रह सकें और हरे-भरे बने रहें ।
प्रश्न 3. जाइलम तथा फ्लोएम उतकों के क्या कार्य हैं?
उत्तर—जाइलम तथा फ्लोएम उतकों के कार्य निम्नांकित हैं :
जाइलम उत्तक के कार्य- जाइलम उतक जड़ों से जल और खनिज पौधों के तनों तथा पत्तियों तक पहुँचाने का कार्य करता है ।
फ्लोएम उतक के कार्य– पत्तियों द्वारा बनाया भोजन पूरे पौधे में पहुँचाने का कार्य फ्लोएम उतक करते हैं ।
प्रश्न 4. वाष्पोत्सर्जन से क्या समझते हैं? क्या पौधों में यह क्रिया जरूरी है?
उत्तर— जड़ों द्वारा अवशोषित जल का कुछ भाग पौधों द्वारा जैव क्रियाओं के लिये उपयोग होता है। कुछ भाग का उपयोग नहीं हो पाता । यह अतिरिक्त जल पत्तियों के रंभी द्वारा वाष्प के रूप में उत्सर्जित कर दिया जाता है। इसी प्रक्रम को वाष्पोत्सर्जन कहते हैं। पौधों में यह क्रिया इसलिये जरूरी है क्योंकि आवश्यकता से अधिक जल पौधों से बाहर निकाल दिया जाता है। यदि ऐसा न हो तो पौधे कुप्रभावित हो सकते हैं।
प्रश्न 5. एक प्रयोग द्वारा बताइए कि पौधे जल का संवहन कैसे करते हैं ।
उत्तर—पौधे में जल का संवहन दर्शाने के लिए हम निम्न क्रियाएँ करते हैं
चरण 1. सर्वप्रथम जड़ सहित एक पौधा उखाड़ते हैं । सावधानी यह बरतते हैं कि जड़े टूटने नहीं पाएँ ।
चरण 2. काँच का एक गिलास लेते हैं और उसमें पानी भर कर रंग मिला देते हैं ।
चरण 3. अब पौधे की जड़ों को धोकर साफ कर लेते हैं और गिलास में डूबा देते हैं ।
चरण 4. चार-पाँच घंटों के बाद पौधे को गिलास से निकालते हैं ।
चरण 5. पौधे के तनों को ब्लेड से अनुप्रस्थ और अनुदैर्ध्य काटकर उसका अवलोकन करतें हैं ।
चरण 6. दोनों काटों में हम पाते हैं कि वहाँ रंग के धब्बे दिखाई देते हैं । ये रंग के धब्बे संवहन द्वारा ही पहुँचे होते हैं ।
कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. कॉलम A में दी गई संरचनाओं का कॉलम B में दिए गए प्रक्रमों से मिलान कीजिए ।
प्रश्न 3. रंध्र क्या है ? रंधों के दो कार्य बताइए ।
उत्तर—पत्तियों में एक विशेष प्रकार के छोटे-छोटे छिद्र पाये जाते हैं जिन्हें रंध्र कहते हैं।
(i) रंधों के द्वारा पादप कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
(ii) पौधे अपना श्वसन तथा वाष्पोत्सर्जन रंधों द्वारा ही करते हैं
प्रश्न 4. क्या वाष्पोत्सर्जन पादपों में कोई उपयोगी कार्य करता है?
उत्तर— पादपों में वाष्पोत्सर्जन निश्चय ही एक उपयोगी कार्य करता है । कारण कि व आवश्यकता से अधिकं जल पत्तियों की छिद्रों के द्वारा वायुमंडल में निकाल देते हैं । वाष्पोत्सर्जन के अभाव में यह कार्य नहीं होगा और इसका कुप्रभाव पादपों पर पड़ेगा ।
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III. किस प्रकार की मिट्टी में अतः स्रवण दर सबसे अधिक होता है ?
(क) चिकनी मिट्टी (ख) दोमट मिट्टी
(ग) बलुई मिट्टी (घ) चिकनी एवं दोमट दोनों
उत्तर : (I)→ (ख), (II) → (ग), (III) (ग).
प्रश्न 2. मिट्टी का निर्माण किस प्रकार होता है ? समझाइए ।
उत्तर – चट्टानें मौसम के तत्त्वों – तापमान, वर्षा आदि के द्वारा अपक्षयित (टूट-फूट ) हो जाती है और कंकड़, रेत तथा दूसरे प्रकार के महीन कणों में बदल जाती हैं। धरातल यदि समतल हुआ तो ये पदार्थ (कण) वहीं रहते हैं। इनमें एक लम्बी अवधि तक रासायनिक, भौतिक और जैविक क्रियाएँ होती रहती है । इन प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद चट्टानों से मिट्टी का निर्माण होता है ।
प्रश्न 3. जल धारण करने की क्षमता से आपका क्या अभिप्राय है ? अंत: स्रवण दर तथा जल धारण करने की क्षमता में क्या अन्तर है ?
उत्तर—जल धारण करने की क्षमता से हमारा अभिप्राय है कि कौन मिट्टी कितना जल अपने में समेट कर रख सकती है। जिस मिट्टी में जल धारण करने की क्षमता अधिक होती है, उसे सिंचाई की कम आवश्यकता होती है और उस मिट्टी में हर तरह की फसल उपजाई जा सकती है।
अंत:स्रवण तथा जल धारण करने की क्षमता में अंतर—अंत:स्रवण से जहाँ है । दूसरी ओर जो मिट्टी जल को अपने में रोके रखती है, उस खेत में सिंचाई की जल मिट्टी के अन्दर चला जाता है। ऐसे खेतों में अधिक सिंचाई की आवश्यकता पड़ती कम आवश्यकता पड़ती है या पड़ती ही नहीं। अंत:स्रवण तथा जल धारण क्षमता दोनों दो बातें हैं, दो अवस्थाएँ हैं ।
प्रश्न 6. समझाइए कि मिट्टी प्रदूषण और मिट्टी अपरदन को किस प्रकाररोका जा सकता है ।
उत्तर – मिट्टी प्रदूषण रोकने के उपाय :
(i) मृदा में प्लास्टिक के टुकड़े या पॉलिथीन नहीं मिलने चाहिए ।
(ii) रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम-से-कम करना चाहिए ।
(iii) पीड़कनाशी दवाओं का उपयोग भी कम-से-कम हो ।
मिट्टी अपरदन को रोकने के उपाय :
(i) खेत को कभी खाली नहीं छोड़ा जाना चाहिए ।
(ii) खेत के चारों ओर मजबूत मेंड़ बनाना चाहिए ताकि वर्षाजल के साथ खेत की मिट्टी बहकर अन्यत्र नहीं जाने पाये ।
(iii) पहाड़ी खेतों में चराई के कारण भी मिट्टी का अपरदन होता है। पशुओं के खुर से मिट्टी उखड़ जाती है और वर्षा में बह जाती है ।
कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. क्या आप बता सकते हैं कि किस प्रकार की मृदा बर्तन, खिलौने और मूर्तियाँ आदि बनाने के लिए सबसे उपयुक्त होती है ?
उत्तर—–बर्तन, खिलौने और मूर्तियाँ आदि बनाने के लिए काली तथा चिकनी मृदा सबसे उपयुक्त होती है। यदि काली मृदा चिकनी नहीं हो तो उचित प्रक्रम द्वारा उसमें से कंकड़, बालू, खर- पात को हटाकर उसे चिकनी बना लिया जाता है 1
प्रश्न 2.धानरोपण के लिए किस प्रकार की मृदा सबसे उपयुक्त होगी? ऐसी मृदा, जिसकी अंत:स्रवण दर अधिक हो अथवा जिसमें यह दर कम हो ?
उत्तर—धानरोपण के लिए वह मृदा सबसे अधिक उपयुक्त होगी, जिसमें अंत: स्रवण की दर सबसे कम हो ।
प्रश्न 3. क्या खेत की मिट्टी का उपयोग खिलौनों को बनाने में किया जा
सकता है ?
उत्तर— नहीं, सभी खेत की मिट्टी का उपयोग खिलौने बनाने के लिए नहीं हो सकता । इसके लिए चिकनी मिट्टी की आवश्यकता होती है। जमीन की आठ-दस फुट गहराई से निकाली गई मिट्टी खिलौना बनाने के लिए अच्छी होती है । उस मिट्टी से बर्तन भी बनाए जा सकते हैं।
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