Bihar Board Class 7 Science chapter 12 Amal char aur lavan अम्‍ल , क्षार और लवण

12. अम्‍ल , क्षार और लवण

अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

(i) अम्ल नीले लिटमस पत्र को ……. कर देता है ।

(ii) अम्ल का स्वाद……. और क्षार का स्वाद और …….. होता है ।

(iii) उदासीनीकरण अभिक्रिया में …….. बनते हैं ।

(iv) हल्दी पत्र पर खड़िया पाउडर घोल डालने से इसका रंग …….. हो जाता है

(v) नीला थोथा (कॉपर सल्फेट) एक …….. है ।

उत्तर : (i) लाल;    (ii) खट्टा, तीखा और नमकीन;    (iii) लवण, जल;   (iv) लाल;    (v) अभिक्रियाकारक ।

प्रश्न 2. अम्लों और क्षारकों के बीच अंतर बताइए ।

उत्तर अम्लों और क्षारकों के बीच निम्नलिखित अंतर हैं

(i) अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है, जबकि क्षारक लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है ।

(ii) अम्ल खाने में खट्टा होता है जबकि क्षारक नमकीन-सह-कड़वा होता है ।

(iii) अम्ल बहुत-से पदार्थों को घुला लेने की क्षमता रखता है जबकि क्षारक तेल एवं गन्धक को नहीं घुला सकता ।

प्रश्न 3. एक प्रयोगशाला में शिक्षक ने अम्ल और क्षार के 1.1 लीटर विलयन (घोल बनाकर रखे । अम्ल के विलयन की दस बूँदों से क्षार की दस बूँदों का उदासीनीकरण होता था । गलती से दोनों में से एक विलयन में पानी गिर गया । जब फिर से उदासीनीकरण किया गया तो अम्ल की 10 बूँदों के लिए क्षार 15 बूँदें लगीं। बतावें कि पानी किस घोल में गिर गया था और कितना पानी की गिरा होगा ?

उत्तर- क्षार के विलयन में पानी गिरा था। गिरे हुए पानी की मात्रा 50 प्रतिशत थी अर्थात् जितना विलयन था उसके आधा पानी उसमें गिर गया था ।

प्रश्न 4. ऐसा क्यों होता है :

जब आप अतिअम्लता से पीड़ित होते हैं, तो प्रतिअम्ल की गोली लेते हैं। (ii) जब चींटी काटती है, तो त्वचा पर कैलेमाइन का विलयन लगाया जाता है।

(iii) कारखाने के अपशिष्ट को नदियों में बहाने से पहले उसे उदासीन किया जाता है।

(iv) ताजमहल की सुन्दरता नष्ट होती जा रही है।

उत्तर :

(i) अतिअम्लता को दूर करने के लिए प्रतिअम्ल की गोली इसलिये ली जाती है क्योंकि इससे अतिअम्लता उदासीन हो जाती है और व्यक्ति को आराम पहुँचता है ।

(ii) जब चींटी काटती है तो त्वचा में अम्लीय द्रव फॉर्मिक अम्ल चला जाता है । इसमें त्वचा में जलन होती है और व्यक्ति पीड़ा महसूस करता है । उसे आराम पहुँचाने के लिए चींटी के काटे स्थान पर कैलेमाइ का विलयन लगाया जाता है जिससे फॉर्मिक अम्ल उदासीन हो जाय और व्यक्ति पीड़ामुक्त हो

जाय ।

(iii) कारखाने के अपशिष्ट को नदियों में बहाने के पहले उदासीन इसलिये कर दिया जाता है ताकि नदी जल विषाक्त नहीं होने पाए। जल-जीव मरें नहीं और नदी जल पीने योग्य बना रहे ।

(iv) ताजमहल की सुन्दरता इसलिये नष्ट होती जा रही है क्योंकि अम्लीय वर्षा उसे साल-दर-साल उसके रंग को मद्धिम करते जा रहा है। पृथ्वी पर कारखानों से निकले कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे-जैसे वायुमंडल के माध्यम से वर्षा जल में मिलते जाते हैं वैसे-वैसे कार्बोनिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल बनता जाता है । ऐसी ही अम्ल वर्षा के कारण ताजमहल की सुन्दरता कम होती जा रही है ।

प्रश्न 5. तीन बोतलों में अम्ल, क्षार और उदासीन विलयन दिये गये हैं । परन्तु इन बोतलों पर विलयन का नाम नहीं लिखा गया है । हल्दी पत्र द्वारा विलयन की पहचान कैसे करेंगे ?

उत्तरजिस बोतल में हल्दी पत्र डालने पर पत्र लाल हो जाय तो समझेंगे कि इस बोतल में क्षार विलयन है ।

जिस बोतल में हल्दी पत्र डालने पर हल्दी पत्र नीला हो जाय तो समझेंगे कि इस बोतल में अम्लीय विलयन है ।

जिस बोतल में हल्दी पत्र का रंग यथावत रहता है तो समझेंगे कि इस बोतल में उदासीन विलयन है ।

पुष्टि कैसे करेंगे ?

प्रश्न 8. क्या आसुत जल अम्लीय / क्षारकीय/ उदासीन होता है ? आप इसकी पुष्टि कैसे करेगें ?

उत्तरआसुत जल उदासीन होता है । इसकी पुष्टि के लिए इसमें हम लिटमस पत्र को डालेंगे तो इसके रंग में कोई परिवर्तन नहीं होगा ।

प्रश्न 9. नीले लिटमस पत्र को एक विलयन में डुबोया गया । यह नीला ही रहता है । विलयन की प्रकृति क्या है ? समझाइए ।

उत्तर— नीचे लिटमस पत्र को विलयन में डुबोने पर वह अपना रंग नहीं बदलता अर्थात् नीला ही रह जाता है, इससे स्पष्ट होता है कि दिया विलयन उदासीन है।

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. अम्लों और क्षारकों के बीच अंतर बताइए ।

उत्तर अम्लों और क्षारकों के बीच निम्नलिखित अंतर हैं :

(i) अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है, जबकि क्षारक लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है ।

(ii) अम्ल खाने में खट्टा होता है जबकि क्षारक नमकीन – सह – कड़वा होता है ।

(iii) अम्ल बहुत-से पदार्थों को घुला लेने की क्षमता रखता है जबकि क्षारक तेल एवं गन्धक को नहीं घुला सकता है

प्रश्न 2. अनेक घरेलू उत्पादों, जैसे खिड़की साफ़ करने के मार्जकों आदि में अमोनिया पाया जाता है। ये लाल लिटमस को नीला कर देते हैं । इनकी प्रकृति क्या है ?

उत्तर- इनकी प्रकृति क्षारकीय है ।

प्रश्न 3. उस स्रोत का नाम बताइए, जिससे लिटमस विलयन को प्राप्त किया जाता है । इस विलयन का क्या उपयोग है?

उत्तरहल्दी, गुड़हल की पंखुड़ियाँ, लाइकेन आदि ऐसे स्रोत हैं, जिनसे लिटमस विलयन प्राप्त किया जाता है, जिसका उपयोग सूचकों के रूप में किया जाता है। प्रश्न 6. निम्नलिखित कथन यदि सही हैं, तो (T) अथवा गलत हैं, लिखिए ।

Class 8th Hindi Notes & Solutions – click here
Watch Video on YouTube – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here
Class 8th Science Notes & Solutions – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here

Bihar Board Class 7 Science chapter 11 Reso se vastra tak रेशो में वस्‍त्र तक

11. रेशो में वस्‍त्र तक

अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. सही उत्तर पर सही  का निशान लगाइये :

1. जाड़े के दिनों में किस प्रकार के वस्त्र पहनते हैं ?

(a) सूती वस्त्र                        (b) रेशमी वस्त्र.

(c) ऊनी वस्त्र                         (d) नॉयलन वस्त्र

2. इनमें से कौन जन्तुओं से प्राप्त होते हैं ?

(a) सूती और ऊनी                             (b) ऊनी और रेशमी

(c) रेशमी और सूती                         (d) नॉयलन और सूती

3. रेशम प्राप्त करने के लिए रेशम कीटों का पालन करना कहलाता है :

(a) फ्लोरीकल्चर (पुष्पकृषि) –                            (b) सिल्वीकल्चर ( वनवर्धन)

(c) एपीकल्चर (मधुमक्खी पालन )                       (d) सेरीकल्चर (रेशमकीट पालन)

उत्तर : 1. ⇒ (c), 2.⇒ (b), 3.⇒(d).

4. बेमेल शब्द पर घेरा लगाएँ तथा चुनाव का कारण बताएँ :

 (a) अभिमार्जन, बालों की कटाई, रीलिंग

(b) भेड़, लामा, रेशम कीट

(c) तसर, अंगोरा, पश्मीना

(d) सूत, ऊन, रेशम

उत्तर  (a) रीलिंग। क्योंकि यह प्रक्रम रेशम का है और अन्य ऊन के लिये ।

(b) रेशम कीट । क्योंकि भेड़ और लामा ऊन से सम्बंधित हैं

(c) तसर । क्योंकि अंगोरा और पश्मीना ऊन हैं ।

(d) सूत। क्योंकि ऊन और रेशम जैविक हैं जबकि सूत पौधे से मिलता है।

प्रश्न 2. हम अलग-अलग ऋतु में अलग-अलग प्रकार के कपड़े क्यों पहनते हैं ?

उत्तर हम मौसम के अनुसार अलग-अलग प्रकार के कपड़े इसलिये पहनते हैं क्योंकि :

ऊन ताप का कुचालक होता है इसलिए जाड़े की ऋतु में हम ऊन का कपड़ा पहनते हैं ताकि शरीर का ताप बाहर न निकले और हमें ठंडा न लगे ।

गर्मी के दिनों में हम सूती वस्त्र पहनते हैं क्योंकि यह हल्का होता है और शरीर का ताप बाहर निकलते रहता है । यह पसीना को भी सोखता है।

रेशमी वस्त्र दोनों ऋतुओं में पहना जा सकता है। क्योंकि यह भी ताप का कुचालक होता है तथा हल्का होने से गर्मी में भी पहन सकते हैं

प्रश्न 3. ऊन प्रदान करने वाले जन्तुओं के शरीर पर बालों की मोटी परत क्यों होती है?

उत्तरऊन प्रदान करने वाले जन्तु अधिकतर ठंडे प्रदेशों में पाये जाते हैं। उनके शरीर पर बालों की मोटी परत इसलिए होती है ताकि वे ठंडी से बचे रह सकें। उनके बालों के बीच काफी हवा फँसी रहती है । अत:, उनके शरीर से ताप का निष्कासन नहीं हो पाता और वे ठंडा से बचे रहते हैं ।

प्रश्न 4. कोकून को एक सही समय पर पानी में उबालना क्यों जरूरी है ?

उत्तर कोकून को एक सही समय पर पानी में उबाला जाता है ताकि उनसे रेशम के रेशे आसानी से अलग हो जाएँ ।

प्रश्न 5. रेशम कीट के जीवन चक्र का एक रेखाचित्र बनाएँ ।

उत्तर- रेशम कीट के जीवन का चार अवस्थाएँ होती हैं :

(i) सर्वप्रथम मादा कीट अंडे देती हैं, जिनसे लार्वा निकलते हैं ।

(ii) लाव शहतूत के पत्ते खाते हैं और बड़े हो जाते हैं ।

(iii) लार्वा प्रोटीन निर्मित एक पदार्थ स्रावित करते हैं, जो कठोर होकर रेशा बन जाता है। लार्वा इन रेशों से पूरी तरह अपने को ढँक लेता है और अन्दर ही अन्दर परिवर्तित होते रहता है। यही आवरण कोकून कहलाता है ।

(iv) कीट के आगे का विकास कोकून के भीतर होता है । पूर्ण विकसित होने पर कोकून तोड़कर कीट बाहर आ जाता है और रेशम कीट का जीवन चक्र पूरा हो जाता है ।

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. अपने शरीर के बालों को स्पर्श कीजिए और लिखिए कि इनमें कौन- सा बाल मोटा और रुखा है और कौन-सा बाल मुलायम और चिकना लगता है ।

उत्तर – हमारे शरीर में सिर के बाल मोटे और रुखे लगते हैं और बाहों के बाल और चिकने महसूस होते हैं मुलायम

प्रश्न 2. अपने सहपाठियों के साथ इस विषय पर चर्चा कीजिए कि भेड़ों को पालना और फिर ऊन प्राप्त करने के लिए उनके बालों को उतारना उचित है?

उत्तरहाँ, पूर्णत: उचित है। भेड़ों को पालने से उनकी प्रजाति बनी रहती है और क्रमश: उनके नस्ल में सुधार होते जाता है । भेड़ों को पालकर उनका बाल उतार लेना भी उचित है। यदि उनके बालों को न उतारा जाय तो एक तो वे बेकार हो जाएँगे और दूसरे हमें ऊनी वस्त्रों की प्राप्ति नहीं हो सकेगी । ऊन के अलावे भेड़ों से मांस और की प्राप्ति भी होती है। अत:, भेड़ों को पालना और तत्संबंधी प्रक्रियाओं को करना पूर्णत: उचित है ।

प्रश्न 3. रेशम कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तररेशम अनेक प्रकार के होते हैं । जैसे— (i) मटका, (ii) तसर, (iii) ऐरी, (iv) मलबरी, (v) मूँगा, (vi) अंडी तथा (vii) कटिया रेशम ।

प्रश्न 4. रमेश को आश्चर्य होता है कि जब कोई उसके बालों को खींचता है, तो दर्द होता है, परंतु जब वह बाल कटवाता है, तब दर्द नहीं होता है । ऐसा क्यों ?

उत्तर – त्वचा की सबसे ऊपरवाली परत प्रायः मृत कोशिकाओं से बनी होती है । इसी कारण बाल कटवाने पर दर्द महसूस नहीं होता ।

प्रश्न 5. सर्दियों में सूती कपड़े हमें उतना गर्म क्यों नहीं रख पाते हैं, जितना ऊनी स्वेटर रखता है ?

उत्तरजाड़े में हम ऊनी कपड़ों का प्रयोग करते हैं क्योंकि वे ताप के कुचालक होते हैं। इस कारण वे शरीर से ताप को बाहर नहीं जाने देते और इस तरह गर्मी की अनुभूति बनी रहती है । सूती वस्त्रों में यह विशेषता नहीं होती, जिससे वे हमें उतना गर्म नहीं रख पाते हैं जितना ऊनी स्वेटर रखता है ।

प्रश्न 6. क्या कपास के धागे और रेशम के धागे की कताई और बुनाई एक ही प्रकार से की जाती है?

उत्तरनहीं, कपास के धागे और रेशम के धागे की कताई और बुनाई, एक जैसी नहीं होती । रेशम के धागे निकालने के लिए अभिमार्जन, छँटाई, कताई, रंगाई, सुलझाना आदि प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है । इसी कारण इन दोनों की कताई और बुनाई की विधियाँ अलग होती हैं ।

प्रश्न 7. निम्नलिखित में से किससे ऊन प्राप्त नहीं होती ?

(क) याक      (ख) ऊँट       (ग) बकरी         (घ) घने बालोंवाला कुत्ता

उत्तर—(घ) घने बालोंवाला कुत्ता ।

प्रश्न 8. निम्नलिखित शब्दों का क्या अर्थ है ?

(क) पालन    (ख) ऊन कटाई        (ग) रेशम कीट पालन

उत्तर—(क) पालन सर्दियों में भेड़ों को घरों के अंदर रखा जाता है और उन्हें पत्तियाँ, अनाज और सूखा चारा खिलाया जाता है । हमारे देश के अनेक भागों में भेड़ों को ऊन के लिए पाला जाता है । भेड़ों के पालने के इस प्रक्रम को ‘पालन’ कहते हैं ।

(ख) ऊन कटाई–भेड़ के बालों को त्वचा की पतली परत ऊपरी शरीर से ऊन उतार लेने की प्रक्रिया ऊन की कटाई कहलाती है ।

(ग) रेशम कीट पालन- रेशम प्राप्त करने के लिए रेशम के कीटों को पालना ‘रेशम कीट पालन’ कहलाता है ।

Class 8th Hindi Notes & Solutions – click here
Watch Video on YouTube – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here
Class 8th Science Notes & Solutions – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here

Bihar Board Class 7 Science chapter 2 Jantu me poshan जन्‍तुओ में पोषण

 

2. जन्‍तुओ में पोषण

अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. खाली स्थानों को भरिए :

(a) मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि …….. है।
(b) मनुष्य में भोजन का पाचन ……” में शुरू होकर …….. में पूरा होता है।
(c) आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं …… का नोव होता है जो भोजन पर क्रिया करते हैं।
(d) मनुष्य में पोषण के मुख्य चरण …….”, …… …………… और ……. हैं।
(e) अमीबा अपने भोजन को …….. की सहायता से ग्रहण करता है।

उत्तर-  (a) यकृत;   (b) मुँह, बड़ी आँत;   (c) पाचक रस;   (d) अंतर्ग्रहण, पाचन, अवशोषण, स्वांगीकरण, निष्कासन;   (e) खाद्यधानी ।

प्रश्न 2. सही विकल्प पर सही (/) का चिह्न लगाइए :

(a) कुतरने में सहायता करने वाला दाँत
(i) कृन्तक
(ii) रदनक
(iii) अग्रचर्वणक
(iv) चर्वणक

(b) लार, मंड (स्टार्च) को बदलता है .
(i) माल्टोज
(ii) ग्लूकोज
(iii) सेलुलोज
(iv) लैक्टोज

(c) पित्त रस का स्राव होता है . ..
(i) यकृत
(ii) अग्न्याशय
(iii) आमाशय
(iv) छोटी आँत

(d) वंसा का पूर्णरूपेण पाचन होता है
(i) आमाशय .
(ii) अग्न्याशय
(iii) बड़ी आँत
(iv) छोटी आँत

(e) जल का अवशोषण मुख्यत: होता है
(i) ग्रसिका
(ii) बड़ी आँत
(iii) छोटी आँत
(iv) आमाशय

उत्तर– : (a)-(i),   (b)-(ii),   (c)-(i),   (d)-(iv),   (e)-(ii).

प्रश्न 3. सत्य और असत्य कथनों को चिह्नित कीजिए :

(i) आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का, साव होता है।

(ii) पित्त रस से प्रोटीन का पाचन होता है।

(iii) प्रोटीन का पाचन मुख से आरंभ हो जाता है।

(iv) जुगाली करने वाले निगली हुई घास को पुन: अपने मुख में लाकर धीरे-धीरे चबाते हैं।

(v) छोटी आंत में श्लेष्मक स्रावित होता है।

उत्तर– : (i) सत्य,   (ii) सत्य,   (iii) असत्य,   (iv) सत्य,   (v) सत्य।

प्रश्न 4. कॉलम ‘A’ के कथनों को मिलान कॉलम ‘B’ से कीजिए :

         कॉलम ‘A’                                 कॉलम ‘B’

कार्बोहाइड्रेट                                  लार ग्रंथि

प्रोटीन                                           पित्ताशय

वसा                                              शर्करा

पित्तरस                                        अमीनो अम्ल

लार                                             वसा अम्ल एवं ग्लिसरौल

उत्तर : कार्बोहाइड्रेट                       शर्करा

प्रोटीन                                     अमीनो अम्ल

वसा                                          वसा अम्ल एवं ग्लिसरौल

पित्तरस                                     पित्ताशय

लार                                          लार ग्रंथि

प्रश्न 5. आहारनाल के किन भागों द्वारा ये कार्य होते हैं :

(i) भोजन का चबाना ……..

(ii) जीवाणु नष्ट होना …….

(iii) उपयोगी पदार्थों का अवशोषण ……..

(iv) मल का निकास ……….

उत्तर :  (i) मुख गुहिका,         (ii) उदर,        (iii) छोटी आँत,       (iv) बड़ी आँत ।

प्रश्न 6. एक शब्द में उत्तर दीजिए :

(i) मानव शरीर में पाया जानेवाला कठोरतम पदार्थ ……

(ii) पचे भोजन का अवशोषण करने वाली अंगुली जैसी संरचनाएँ …..

(iii) घास खाने वाले जन्तुओं में सेलुलोज पाचन का स्थान ……

(iv) अमीबा में भोजन पाचन का स्थान ….

(v) भोजन के अवयवों से उपयोगी पदार्थ संश्लेषण की प्रक्रिया ……..

उत्तर– : (i) दाँतों की ऊपरी परत ‘इनेमल’,   (ii) दीर्घरोम या रसांगुल (Villi),    (iii) रुमेन (Rumen),   (iv) खाद्यधानी,        (v) स्वांगीकरण।

प्रश्न 7. कारण बताइए :

(a) मनुष्य में सेलुलोज का पाचन नहीं होता है।

(b) अमीबा के खाद्यधानी में भोजन का पाचन होता है।

(c) वायुनली तथा भोजन नली का संबंध ग्रसनी से है फिर भी भोजन वायुनली में नहीं जाता है।

उत्तर प्रश्न में आए अंशों के कारण निम्नांकित हैं :

(a) मनुष्य में सेलुलोज का पाचन इस कारण नहीं होता है कि क्योंकि इसके आहारनाल में उन जीवाणुओं का अभाव होता है, जो सेलुलोस को पचाते हैं। ये जीवाणु केवल पशुओं के आहारनाल में होते हैं।

(b) अमीबा के खाद्यधानी में भोजन का पाचन इसलिए होता है क्योंकि उसमें खाद्यधानी के अतिरिक्त कोई पाचनतंत्र नहीं होता।

(c) वायुनली तथा भोजन नली का सम्बंध ग्रसनी से है, फिर भी भोजन वायुनली में इस कारण नहीं जाता क्योंकि वायुनली के ऊपर एक मांसल संरचना होती है, जिसे इपीग्लोटिस कहते हैं। यह वाल्व का काम करता है। जब हम भोजन ग्रहण करते हैं तो यह वाल्व वायुनली को ढंक लेता है, जिससे भोजन वायुनली में नहीं जाता।

प्रश्न 8. छोटी आंत में किन ग्रंथियों के नाव आते हैं। पाचन में उनकी क्या – भूमिका है?

उत्तर- छोटी आँत में यकृत, अग्न्याशय तथा छोटी आंत की दीवारों से स्राव आते – हैं। भोजन में इन नावों की भूमिका है कि यकृत से निकला पित्तरस वसा के पाचन में सहायता करते हैं, अग्न्याशय से निकला नाव अग्न्याशयिक रस प्रोटीन, कार्बोहार और वसा पर क्रिया करता है तथा छोटी आंत की दीवारों से नावित आँत्र रस आणि रूप में पचे हुए भोजन पर क्रिया कर उन्हें पूर्णत: पचा देता है। इस प्रकार हम देखने हैं कि इन ग्रंथियों से निकले नाव की भूमिका है कि ये सभी मिलकर भोजन को अच्छी तरह पचा देते हैं।

प्रश्न 9. ‘अमीबा में पोषण की प्रक्रिया मानव से भिन्न है।कैसे?

उत्तर- मानव में विकसित पाचन तंत्र होता है, जबकि अमीबा में पाचन तंत्र नहीं होता। मानव अपने भोजन को चबाता है लेकिन अमीबा को चबाने का न तो तंत्र है और न उसे चबाने की आवश्यकता पड़ती है। अमीबा अपना भोजन पादाभ से पकड़ता है और खाद्यधानी में उसी के द्वारा निकले नाव से उसी में पचा लेता है।

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. क्या हम केवल हरी सब्जियाँ/घास का भोजन कर जीवन-निर्वाह कर सकते हैं? चर्चा कीजिए।

उत्तर सब्जियाँ और घास का भोजन कर जीवन-निर्वाह करने के संबंध में विचार रखते हुए जैसा कि हम वाकिफ है, भोजन में रफेज के मुख्य स्रोत सलाद, साग-सब्जी, तनाओ सहित फल आदि रेशेदार वस्तुएँ हैं। ये पाचन में सहायता करते है तथा कब्ज दूर करते है। मक्के का भुट्टा, गेहूँ का दलिया भी अच्छा रफेज पदार्थ है। इनमें अन्य पोषक तत्त्व भी पाए जाते हैं। अत:, हम हरी सब्जियाँ/घास का भोजन कर जीवन-निर्वाह कर सकते हैं।

प्रश्न 2. किन परिस्थितियों में किसी रोगी को ग्लूकोस की ड्रिप लगाने की आवश्यकता होती है?

उत्तर- निम्नलिखित परिस्थितियों में किसी रोगी को ग्लूकोस की ड्रिप लगाने की आवश्यकता होती है :

(क) यदि रोगी मुँह द्वारा भोजन ग्रहण करने के योग्य नहीं हो।

(ख) यदि रोगी भोजन पचाने में असमर्थ हो ।

(ग) यदि रोगी को शीघ्र ऊर्जा की आवश्यकता हो।

(घ) यदि रोगी का रक्तस्राव अधिक मात्रा में हो चुका हो।

(ङ) यदि रोगी डिहाइड्रेशन के चपेट में आ गया हो।

प्रश्न 3. रोगी की अवस्था के सुधार में ग्लूकोस का क्या योगदान है?

उत्तर- रोगी की अवस्था में सुधार में ग्लूकोस का योगदान है कि यह उसे शीघ्र शक्ति प्रदान करता है। जल की कमी को दूर करता है । रक्त बनाने में मदद करता है।

प्रश्न 4. हमारे आहार में विटामिन की क्या आवश्यकता है ?

उत्तरविटामिन वैसे रासायनिक पदार्थ हैं, जो विभिन्न स्रोतों से हमारे शरीर में पहुँचकर हमें स्वस्थ रखने में सहायता करते हैं। विटामिन A, B, C, D इत्यादि अनेक प्रकार के होते हैं और अपना अलग-अलग उत्तरदायित्व निभाते हैं।

(i) विटामिन हमें विभिन्न रोगों से बचाते हैं।

(ii) शरीर के समुचित संचालन में इनका विशेष महत्त्व है।

प्रश्न 5. विटामिन प्राप्त करने के लिए हमें किन फलों एवं सब्जियों का नियमित उपयोग करना चाहिए?

उत्तर- विटामिन प्राप्त करने के लिए हमें फलों में केला, अमरूद, सेब, संतरा, कागजी नींबू और ऐसे ही अनेक फलों का सेवन करना चाहिए। सब्जियों में फूलगोभी, पत्तागोभी, लाल साग, पालक आदि विभिन्न मौसमी सब्जियों का उपयोग करना चाहिए।

Class 8th Hindi Notes & Solutions – click here
Watch Video on YouTube – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here
Class 8th Science Notes & Solutions – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here

Bihar Board Class 7 Science chapter 10 vidyut dhara aur uske prabhav विद्युत धारा और इसके प्रभाव

विद्युत धारा और इसके प्रभाव

अभ्यास: प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. विद्युत धारा के किन्हीं दो प्रभावों का उपयोग बताइए ।

उत्तर – विद्युत धारा के दो प्रभावों का उपयोग निम्नलिखित हैं :

(i) विद्युत धारा के प्रभाव का उपयोग कर हम प्रकाश प्राप्त करते हैं

(ii) विद्युत धारा के प्रभाव का उपयोग कर हम चुम्बक बना सकते हैं ।

प्रश्न 2. बैटरी और सेल में अंतर स्पष्ट कीजिए ।

उत्तरजब कई सेलों के ऋण टर्मिनल को धन टर्मिनल से संयोजित कर दिया जाता है, तब वे सेल बैटरी बन जाते हैं। लेकिन केवल एक अकेला सेल ‘सेल’ कहलाता है ।

प्रश्न 3. जब किसी सूई चुम्बक को विद्युत धारा प्रवाहित तार के समीप लाने पर वह उत्तर – दक्षिण की दिशा से विक्षेपित हो जाती है । क्यों ?

उत्तरतार में धारा प्रवाहित कर जैसे ही स्विच को ऑन किया जाता है कि तार में चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न हो जाता है। इसी कारण तार के निकट रखी चुम्बकीय सूई अपनी उत्तर-दक्षिण दिशा से अलग विक्षेपित हो जाती है ।

प्रश्न 4. विद्युत चुम्बक का प्रयोग कचरे के ढेर से किस प्रकार की वस्तुओं को अलग करने के लिये किया जाता है?

उत्तर – विद्युत चुम्बक का प्रयोग कचरे के ढेर से चुम्बकीय पदार्थों को अलग करने के लिये किया जाता है ।

प्रश्न 5. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

(क) विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित सुरक्षा युक्ति को ……. कहते हैं

(ख) दो या दो से अधिक सेलों के संयोजन को …….. कहते हैं ।

(ग) विद्युत सेल के प्रतीक में लम्बी रेखा, उसके ……… टर्मिनल को निरूपित करती है ।

(घ) जब किसी विद्युत हीटर के स्विच को ऑन किया जाता है तो उसका …….. तप्त होकर लाल हो जाता है ।

(ङ) बल्ब का …….. तप्त होकर प्रकाश देता है ।

उत्तर  (क) फ्यूज,   (ख) बैटरी,   (ग) धन,   (घ) एलिमेंट,  (ङ) फिलामेंट ।

प्रश्न 6. निम्नलिखित कथन सत्य / असत्य हैं :

(क) जब किसी फ्यूज से निश्चित सीमा से अधिक विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो वह पिघलकर टूट या जल जाता है।   -सत्य है

(ख) विद्युत चुम्बक चुम्बकीय पदार्थ को आकर्षित करते हैं ।  -सत्य है

(ग) सुई चुम्बक विद्युत प्रवाहित तार के निकट लाने पर विक्षेपित नहीं होती ।  -असत्य है

(सत्य यह होगा कि विक्षेपित होती है ।)

(घ) सी. एफ. एल. में अपेक्षाकृत कम विद्युत ऊर्जा खर्च होती है । – सत्य

परियोजना कार्य 

विद्युत फ्यूजों का चित्र बनाइए और इसकी कार्यप्रणाली की चर्चा अपने साथियों साथ कीजिए ।

संकेत : यह छात्रों को स्वयं करना है ।

Class 8th Hindi Notes & Solutions – click here
Watch Video on YouTube – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here
Class 8th Science Notes & Solutions – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here

Bihar Board Class 7 Science chapter 9 Gande jal ka niptan गंदे जल का निपटान

गंदे जल का निपटान

अभ्यास: प्रश्न और उनके उत्तर

सही विकल्प चुनें :

(1) अपशिष्ट जल है :

(i) पीने योग्य                      (ii) स्नान योग्य

(iii) दूषित जल                   (iv) भोजन बनाने योग्य

(2) विश्व जल दिवस मनाया जाता है :

(i) 22 जनवरी को                    (ii) 22 फरवरी को

(iii) 22 मार्च को                      (iv) 22 अप्रैल को

(3) दूषित जल से होने वाली बीमारी नही होती है :

(i) पेचिश                            (ii) पीलिया

(iii) खुजली                         (iv) कैंसर

(4) पीलिया रोग का कारण है :

(i) दूषित जल का व्यवहार                (ii) गंदे कपड़े पहनना

(iii) गरिष्ठ भोजन करना                    (iv) इनमें से कोई नहीं

(5) चापाकल या कुएँ के पास जलजमाव से पेयजल होता है :

(i) स्वच्छ                                   (ii) दूषित

(iii) स्वच्छ एवं दूषित                     (iv) इनमें से कोई नहीं

उत्तर : (1) → (iii), (2)→(iii), (3) → (iv), (4) → (i), (5) → (ii).

  1. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :

(1) हैजा एक ………जनित बीमारी है ।

(2) बायो गैस का उपयोग ……… के स्रोत के रूप में किया जाता है ।.

(3) वाहित मल घर, स्कूल, होटल, अस्पताल आदि से उपयोग के बाद बहनेवाला …….. जल होता है ।

(4) वाहित मल एक जटिल मिश्रण है जिसमें निलंबित ठोस, मृतजीवी और रोगवाहक जीवाणु, कार्बनिक और ……….  अशुद्धियाँ पाई जाती है

(5) पाँच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण है, ………..बीमारियाँ |

उत्तर- (1) दूषित जल,       (2) ईंधन,         (3) अपशिष्ट,               (4) अकार्बनिक,      (5) जलजनित ।

  1. सही वक्तव्य के सामने सही (/) एवं गलत वक्तव्य के सामने गलत (x) का चिह्न लगावें :

(1) संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2005-15 की अवधि को ‘जीवन के लिए जल’ पर कार्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय दशक’ के रूप में घोषित किया है ।

(2) हैजा और टायफाइड वायरस के कारण होने वाले रोग हैं ।

(3) जलजनित रोगों के प्रमुख कारण दूषित जल है ।

(4) बायोगैस संयंत्र मानव मल निबटान की वैकल्पिक व्यवस्था है ।

(5) कचरा प्रबंधन हेतु प्रत्येक व्यक्ति को एक जागरूक नागरिक की भूमिका निभानी चाहिए ।

उत्तर(1), (3), (4), (5) सही हैं। केवल (2) गलत है ।

  1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए :

प्रश्न 1. अपशिष्ट जल से आप क्या समझते हैं?

उत्तरवाहित मल, घर, स्कूल, होटल, अस्पताल से उपयोग के बाद बहने वाला जल अपशिष्ट जल कहलाता है ।

प्रश्न 2. वाहित मल क्या है? उसमें कौन-कौन-सी अशुद्धियाँ होती हैं?

उत्तरवाहित मल एक जटिल मिश्रण होता है ।

इसमें निम्नलिखित अशुद्धियाँ होती हैं:

(i) कार्बनिक अशुद्धियाँ मानव मल-मूत्र, जैविक अपशिष्ट, तेल, फल और सब्जी का कचरा ।

(ii) अकार्बनिक अशुद्धियाँ – नाइट्रेट, फॉस्फेट, धातुएँ आदि ।

(iii) जीवाणु – हैजा और टायफाइड आदि रोग उत्पन्न करने वाले जीवाणु ।

(iv) अन्य सूक्ष्म जीव – पेचिश और पीलिया आदि रोग उत्पन्न करने वाले जलजनित सूक्ष्मजीव ।

प्रश्न 3. जलजनित बीमारी क्या हैं? इनसे होनेवाली किन्हीं तीन बीमारियों के नाम एवं उनके लक्षण बताइए ।

उत्तरदूषित जल के उपयोग से होने वाली बीमारियाँ जलजनित बीमारियाँ कहलाती हैं । दूषित जल से होने वाली तीन बीमारियाँ और उनके लक्षण निम्नांकित हैं :

(i) पेचिश पेचिश का लक्षण है कि पेट में मरोड़ के साथ बार-बार दस्त होता है ।

(ii) हैजा – हैजा का लक्षण है कि बार-बार कै और दस्त होता है ।

(iii) पीलिया – पीलिया का लक्षण है कि आँखें पीली पड़ जाती है। पेशाब का रंग भी पीला हो जाता है। हाथ के नाखून भी पीले दिखाई देने लगते हैं ।

प्रश्न 4. बायोगैस क्या है? इसका क्या लाभ है?

उत्तर—–मानव मल या पशुओं के गोबर को टंकीनुमा एक संयंत्र में एकत्र करने पर उनसे एक गैस का निर्माण होने लगता है, जिसे ‘बायोगैस’ कहते हैं ।

बायोगैस का लाभ है कि इस गैस का उपयोग ऊर्जा प्राप्ति के लिये किया जाता इस गैस का प्रकाश तथा रसोई गैस के रूप में भी है । उपयोग किया जाता है । अतः, इससे किरासन तेल तथा जलावन की लकड़ी की बचत हो जाती है । यह ध्यान रखना है कि इस गैस से प्रकाश प्राप्त करने के लिए मेंटल का उपयोग होता है, बल्ब का नहीं ।

प्रश्न 5. एक जागरूक नागरिक के रूप में हम कचरा एवं गंदे जल के प्रबंधन में क्या योगदान दे सकते हैं?

उत्तरएक जागरूक नागरिक के रूप में हम क़चरा और गंदे जल के निपटान की व्यवस्था करेंगे । यदि नगरपालिका या ग्राम पंचायत द्वारा उनके प्रबंधन की व्यवस्था हो रही है तो हम उसमें अपनी सक्रिय भूमिका निभायेंगे। कचरा को इधर-उधर नहीं फैलने देंगे । नाली को जाम होने से रोकेंगे । अपने घर और मुहल्ले की सफाई पर तो हम ध्यान देंगे ही औरों से भी निवेदन करेंगे कि वे भी वैसा ही करें । सार्वजनिक स्थानों की सफाई पर विशेष जोर देंगे । अपने मुहल्ले के लोगों को प्लास्टिक की थैलियाँ उपयोग करने से रोकने का प्रयास करेंगे। कूड़े को कूड़ेदान में ही डालेंगे और डालने को कहेंगे ।

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. स्वच्छता और रोग के बीच संबंध को समझाइए |

उत्तर सरकार ने स्वच्छता के कुछ निश्चित मानक निर्धारित किए हैं; लेकिन दुर्भाग्य से इनको सख्ती से लागू नहीं किया जाता । हम सभी सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता बनाए रखने में योगदान कर सकते हैं स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ पर्यावरण का होना अत्यंत आवश्यक है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुद्ध जल, शुद्ध वायु, संतुलित और पौष्टिक आहार जरूरी है । ये सब हमें तभी मिल सकते हैं जब हम अपना पर्यावरण स्वच्छ रखें ।

आज हमारा पर्यावरण इतना दूषित हो चुका है कि हम इसके कारण तरह-तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण है अपशिष्ट पदार्थों की अधिकता । खुले में शौच करने से दुर्गंध फैलने के साथ-साथ बीमारियाँ जैसे पीलिया, हैजा, डायरिया फैलने की आशंका भी बनी रहती है । कूड़े-करकट के रूप में फेंके गए प्लास्टिक एवं पॉलिथीन आदि सड़ते नहीं और भूमि के अंदर लंबे समय तक इनके पड़े रहने से जल, वायु और भूमि तीनों दूषित होते रहते हैं ।

प्रश्न 2. जल को रोगाणुनाशित ( रोगाणुमुक्त) करने के लिए उपयोग किए जानेवाले दो रसायनों के नाम बताइए ।

उत्तर(i) क्लोरीन तथा (ii) ब्लीचिंग पाउडर ।

प्रश्न 3. अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र में शलाका छन्नों के कार्यों को समझाइए |

उत्तर— (i) शलाका छन्नों (बार स्क्रीन) का प्रमुख कार्य है कि इनसे होकर अपशिष्ट जल को गुजारा जाता है। (ii) जल में उपस्थित कपड़ों के टुकड़े, डंडियाँ, डिब्बे, प्लास्टिक के पैकेट, नैपकिन आदि जैसे बड़े साइज के संदूषक आसानी से अलग हो जाते हैं । ऐसे संदूषक पदार्थों को एकत्रित करने के पश्चात उनका समुचित निस्तारण एवं निपटान कर दिया जाता है ।

Class 8th Hindi Notes & Solutions – click here
Watch Video on YouTube – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here
Class 8th Science Notes & Solutions – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here

Bihar Board Class 7 Science chapter 8 Gati awam samay गति एवं समय

गति एवं समय

अभ्यास: प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. निम्नलिखित में कौन-सा सरलरेखीय गति का उदाहरण है ?

(क) झूले (सीसॉ) में बच्चे की गति                      (ख) विद्युत पंखे की गति

(ग) सीधे पुल पर रेलगाड़ी की गति                       (घ) विद्युत घंटी के हथौड़े की गति

प्रश्न 2. निम्नलिखित में कौन-सा वर्तुल गति का उदाहरण है ?

(क) सीधी सड़क पर चलती मोटरगाड़ी की गति

(ख) सरल लोलक की गति

(ग) सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की गति

(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं

प्रश्न 3. चाल का मूल मात्रक है :

(क) किलोमीटर/मिनट                  (ख) मीटर / मिनट

(ग) मीटर / सेकेंड                         (घ) किलोमीटर / घंटा

प्रश्न 4. कोई बस 60 किलोमीटर / प्रतिघंटा की चाल से 45 मिनट चलती है

बस द्वारा तय की गई दूरी क्या होगी ?

(क) 30 किलोमीटर                        (ख) 60 किलोमीटर

(ग) 45 किलोमीटर                         (घ) 15 किलोमीटर

उत्तर— 1. (ग),     2. (ग)   3. (घ)    4. (ग)

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. निम्नलिखित गतियों का वर्गीकरण सरल रेखा के अनुदिश, वर्तुल तथा दोलन गति में कीजिए:

(क) दौड़ते समय आपके हाथों की गति

(ख) सीधी सड़क पर गाड़ी को खींचते घोड़े की गति

(ग) ‘मैरी गो राउंड’ झूले में बच्चे की गति

(घ) ‘सीसॉ’ झूले पर बच्चे की गति

(च) विद्युत घंटी के हथौड़े की गति

(छ) सीधे पुल पर रेलगाड़ी की गति

उत्तर (क) दोलन गति,   (ख) सरल रेखा के अनुदिश गति,    (ग) वर्तुल गति,     (घ) दोलन गति,           (च) दोलन गति,     (छ) सरल रेखा के अनुदिश गति ।

प्रश्न 2. निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही नहीं है ?

(क) समय का मूल मात्रक सेकंड है ।

(ख) प्रत्येक वस्तु नियत चाल से गति करती है ।

(ग) दो शहरों के बीच की दूरियाँ किलोमीटर में मापी जाती हैं ।

(घ) किसी दिए गए लोलक का आवर्तकाल नियत नहीं होता ।

(च) रेलगाड़ी की चाल m/h में व्यक्त की जाती है ।

उत्तर- (ख) एवं (च) सही नहीं हैं ।

Class 8th Hindi Notes & Solutions – click here
Watch Video on YouTube – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here
Class 8th Science Notes & Solutions – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here

Bihar Board Class 7 Science chapter 7 Hava Aandhi Toofan हवा , आँधी , तूफान

7. हवा , आँधी , तूफान

अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. सही विकल्प का चुनाव करें :

(i) पवन दिशा सूचक का उपयोग किया जाता है :

(a) पवन की दिशा जानने के लिए                     (b) पवन की गति जानने के लिए

(c) वायु दाब जानने के लिए                             (d) पवन ताप जानने के लिए

(ii) आँधी आने पर :

(a) बाहर घूमना चाहिए                                 (b) किसी पेड़ के नीचे बैठना चाहिए

(c) छत पर चढ़ना चाहिए                               (d) किसी घर के अन्दर छुपना चाहिए

(iii) पवन वेग मापी मापता है

(a) पवन ताप                    (b) वायु दाब                (c) पवन वेग             (d) पवन दिशा

उत्तर : (i)→(a), (ii)→(d), (iii)→(c).

प्रश्न 2. इनके उत्तर लिखें :

(a) आप यह कैसे कह सकते हैं कि हवा गर्म होने पर फैलती है?

उत्तरजब हम बैलून को एक नली में बाँध कर गर्म पानी में डुबोते हैं, तब बैलून फूल जाता है । हवा गर्म होकर फैलती है तथा अपने साथ बैलून को भी फूला देती है। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि हवा गर्म होकर फैलती है ।

(b) एक गतिविधि बतायें जिससे पता चले कि वायु दाब डालती है ।

उत्तरजब हम भरी बाल्टी को कुएँ में पानी के अंदर डुबोते हैं तो वह हल्की महसूस होती है और जब पानी की सतह से ऊपर बाल्टी को खींचते हैं तो हमें काफी भारी महसूस होता है। इससे प्रमाणित होता है कि हवा बाल्टी के ऊपर दबाव डाल रही है ।

(c) तेज हवाएँ उस क्षेत्र की वायु दाब कम कर देती हैं। कैसे ?

उत्तर तेज हवाएँ क्षेत्र विशेष की हवा को अपने साथ उड़ा ले जाती हैं। इस कारण वहाँ रिक्त स्थान बन जाता है। रिक्त स्थान बनने से वहाँ का वायुदाब भी कम हो जाता है ।

(d) आँधी से कमजोर छप्पर क्यों उड़ जाते हैं?

उत्तरआँधी से कमजोर छप्पर इसलिये उड़ जाते हैं क्योंकि आँधी में हवा किसी प्रकार घर में प्रवेश कर जाती है और फिर वहाँ से निकलना चाहती है । लेकिन निकलने का कोई उपयुक्त स्थान नहीं रहने के कारण वह छप्पर को ही अपने साथ उड़ा ले जाती है । तीव्र गति से बहती हवा में अपार शक्ति होती है ।

(e) चक्रवात से बचने के क्या-क्या उपाय हो सकते हैं?

उत्तर – चक्रवात से बचने के निम्नलिखित उपाय हो सकते हैं :

  1. चक्रवात पूर्वानुमान की सूचना त्वरित संचार माध्यमों के द्वारा दी जाए ।
  2. सूचना को नजरअंदाज नहीं किया जाए ।
  3. एक-दूसरे का सहयोग किया जाए ।
  4. विभिन्न संचार माध्यमों से प्रसारित होने वाली सूचनओं को ध्यान से सुनें तथा उन पर अमल करें ।

संकेत : परियोजना कार्य छात्रों को स्वयं करना है।

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. निम्नलिखित वक्तव्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

(क) पवन ………. वायु है ।

(ख) पवन पृथ्वी के………… तापन के कारण उत्पन्न होता हैं ।

(ग) पृथ्वी की सतह के निकट……… वायु ऊपर उठती है, जबकि वायु नीचे आती है

(घ) वायु ………. दाब के क्षेत्र से ……… दाब के क्षेत्र की ओर गति करती है ।

उत्तर  (क) गतिशील,    (ख) असमान,     (ग) गर्म, ठंडी,       (घ) उच्च, निम्न ।

प्रश्न 2. समझाइए कि कपड़े के बैनरों और धातु की चादर से बने विज्ञापन- पट्टों में छिद्र क्यों किए जाते हैं ।

उत्तर कपड़े के बैनर एवं धातु की चादर से बने विज्ञापन – पट्टों में छिद्र इसलिए किए जाते हैं ताकि हवा आर-पार होती रहे । इससे कपड़े के बैनर तथा धातु की चादर फटने एवं टूटने से बचे रहेंगे ।

प्रश्न 3. यदि आपके गाँव अथवा शहर में चक्रवात आ जाए तो आप अपने पड़ोसियों की सहायता कैसे करेंगे ?

उत्तरआप अपने पड़ोसियों को सुरक्षित जगहों तक पहुँचा देंगे। उनके लिए खाने- पीने की सामग्री की व्यवस्था कर देंगे ताकि समस्या का समाधान हो सके और लोगों को कोई असुविधा नहीं हो ।

Class 8th Hindi Notes & Solutions – click here
Watch Video on YouTube – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here
Class 8th Science Notes & Solutions – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here

Bihar Board Class 7 Science chapter 6 paudho me poshan पौधों में पोषण

Class 7th Science Text Book Solutions

6. पौधों में पोषण

अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. सही उत्तर पर सही () का चिह्न लगाइए :

(a) हरे पौधे, जो अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, कहलाते हैं

(i) विषमपोषी            (ii) परपोषी           (iii) मृतोपजीवी           (iv) स्वपोषी

(b) अमरबेल उदाहरण है :

(i) स्वपोषी                (ii) परपोषी           (iii) परजीवी              (iv) मृतजीवी

(c) पौधों का रसोईघर है :

(i) तना                  (ii) जड़                     (iii) पत्ती                     (iv) फूल

(d) कीटभक्षी पौधा है :

(i) गुलाब              (ii) मटर                     (iii) घटपर्णी                   (iv) अमरबेल

उत्तर : (a)→ (iv), (b)→(iii), (c)→ (iii), (d) → (iii).

प्रश्न 2. निम्न कथनों में सत्य / असत्य कथनों का चयन कीजिये :

(a) प्रकाशसंश्लेषण में सौर ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में रूपान्तरण होता है।

(b) जड़ें कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करने में मदद करती हैं।

(c) कार्बोहाइड्रेट और ऑक्सीजन प्रकाशसंश्लेषण के उत्पाद हैं।

(d) सभी जीव अपने पोषण के लिए हरे पौधों पर निर्भर करते हैं

उत्तर : (a), (c) और (d) सत्य हैं । (b) असत्य ।

(सत्य है कि पत्तियाँ कार्बन डाइऑक्सइड को ग्रहण में मदद करती हैं।)

प्रश्न 3. कॉलम ‘A’ के शब्दों का मिलान कॉलम ‘B’ से कीजिए :

          कॉलम ‘A’                                            कॉलम ‘B

(i) नाइट्रोजन                                    (i) कार्बन डाइऑक्साइड

(ii) रंध                                           (ii) विषमपोषी

(iii) क्लोरोफिल                               (iii) मृतजीवी

(iv) मशरूम                                   (iv) पत्ती

(v) जन्तु                                         (v) जीवाणु

उत्तर :

          कालम ‘A’                                       कॉलम ‘B’

(i) नाइट्रोजन                                       (i) जीवाणु

(ii) रंध                                                (ii) पत्ती

(iii) क्लोरोफिल                                 (iii) कार्बन डाइऑक्साइड

(iv) मशरूम                                    (iv) मृतजीवी

(v) जन्तु                                       (v) विषमपोषी

प्रश्न 4. निम्नलिखित कथनों के लिए एक शब्द बताएँ :

(i) पत्तियों में पाया जानेवाला हरा वर्णक :  

उत्तर – क्लोरोफिल या पर्णहरित ।

(ii) जो अपने पोषण के लिए दूसरे पौधों एवं जीवों पर निर्भर करते हैं

उत्तरपरजीवी ।

(iii) ऐसा संबंध जिसने दो जीव आपस में एक-दूसरे से सहयोग करते हैं :

उत्तरसहजीवी ।

प्रश्न 5. जीवों को पोषण की आवश्यकता क्यों होती है ?

उत्तरजीवों को जैविक क्रियाओं की पूर्ति करने के लिए पोषण की आवश्यकता होती है । पोषण द्वारा ऊर्जा प्राप्त कर वे शरीर की वृद्धि करते हैं। कोशिकाओं एवं ऊतकों के टूट-फूट की मरम्मत करने के लिए भी पोषण की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 6. हरे पौधों में खाद्य – संश्लेषण प्रक्रिया का वर्णन कीजिए ।

उत्तर – हरे पौधे बाहर से भोजन के कच्चे पदार्थों का शोषण करते हैं। पानी तथा अकार्बनिक लवण भूमि से और कार्बन डाइऑक्साइड हवा से प्राप्त करते है। पर्णहरित तथा सूर्य के प्रकाश की सहायता से मुख्यतया पत्ती में कार्बनिक खाद्य पदार्थ तैयार करते हैं । हरे पौधों में इसी प्रकार से खाद्य का संश्लेषण होता है।

प्रश्न 7. कैसे प्रदर्शित करेंगे कि प्रकाशसंश्लेषण के लिये सूर्य का प्रकार अनिवार्य है?

उत्तर-प्रकाशसंश्लेषण के लिये क्लोरोफिल, सूर्य का प्रकाश, कार्बन डाइऑक्साट और जल की आवश्यकता होती है। हरी पत्ती वाले पौधे को यदि बन्द कमरे में रख दिया जाय तो वहाँ पौधे को क्लोरोफिल, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल तो मिलेंगे लेकिन सूर्य का प्रकाश नहीं मिलेगा। फल होगा कि कुछ दिनों में पत्तियाँ पीली पड़ जाएँगी और पौधा मर जाएगा। इससे सिद्ध होता है कि प्रकाशसंश्लेषण के लिये अन्य पदार्थो के साथ ही सूर्य का प्रकाश भी मिलना चाहिए। यह अनिवार्य है।

प्रश्न 8. परिभाषित करें :

(i) प्रकाशसंश्लेषण,    (ii) सहजीवी संबंध,    (iii) परजीवी,     (iv) मृतजीवी ।  

उत्तरप्रश्न में दिये गये शब्दों की परिभाषाएँ निम्नांकित हैं :

(i) प्रकाशसंश्लेषण क्लोरोफिल, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल का उपयोग कर सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पौधे अपना भोजन बनाते है। इसी प्रक्रम को ‘प्रकाशसंश्लेषण’ कहते हैं।

(ii) सहजीवी सम्बन्ध- कभी-कभी दो जीव साथ-साथ रहते हैं । वे आपस में आवास के साथ ही भोजन भी बाँटते हैं। लाइकेन में शैवाल और कवक के बीच सम्बंध ऐसा ही सम्बंध है। ये एक-दूसरे को लाभ पहुंचाते हैं। इसी प्रकार के सम्बंध को ‘सहजीवी सम्बंध’ कहते है।

(iii) परजीवी- अमरबेल जैसे पौधे जो अन्य पौधों से अपना भोजन प्राप्त करते है, ‘परजीवी’ कहलाते हैं। इससे केवल अमरबेल को ही लाभ होता है और जिस पौधे से परजीवी भोजन प्राप्त करते हैं, उन्हें हानि होती है।

(iv) मृतजीवी कुकुरमुत्ता, गोबरछत्ता, जो कवक या फंजाई कहलाते हैं, मैं न क्लोरोफिल होता है और न भोजन बनाने की कोई सुव्यवस्थित प्रणाली होती है। ये मृत या सड़ी-गली वस्तुओं में एक विशेष प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन प्राप्त करते हैं। इन्हीं को ‘मृतजीवी’ कहा जाता है।

प्रश्न 9. मिट्टी में पोषक तत्त्वों की पुन:पूर्ति कैसे होती है?

उत्तर- खेतों में बोये गये पौधे मिट्टी से खनिज लवण और पोषक तत्त्वों का अवशोषण करते हैं। जैसे-जैसे ये वृद्धि करते हैं, वैसे-वैसे इनको उन तत्त्वों की आवश्यकता बढ़ती जाती है और मिट्टी में इन पोषक तत्त्वों की मात्रा घटती जाती है। इन पोषक तत्त्वों को पूरा करने के लिए खेतों में खाद या उर्वरक देना पड़ता है। खेत म जिस तत्त्व की कमी होती है, उसी तत्त्व का उर्वरक दिया जाता है। इस प्रकार मिट में पोषक तत्त्वों की पुन:पूर्ति हो जाती है।

प्रश्न 10. कारण बताइये :

(i) लाइकन कवक और शैवाल के बीच लाभप्रद एवं सहयोगी सम्बध होता हैा

उत्तर-लाइकेन में शैवाल और कवक साथ-साथ रहते हैं । शैवाल में क्‍लोरोफिल होता है, जिससे वह अपना भोजन स्वयं बना लेता है । कवक है। बदले में वह शैवाल को जल, पोषक तत्त्व और रहने का स्‍थान उपलब्‍ध करता हैा इसी कारण कहा जाता है कि लाइकेन में कवक और शैवाल के बीच परस्पर लाभप्रद एवं सहयोगी सम्बंध होता है ।

(ii) सूर्य सभी जीवों के लिये ऊर्जा का शाश्वत स्रोत है।

उत्तरसभी जीव प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भोजन के लिये पौधों द्वारा बनाये भोजन पर निर्भर करते हैं । शाकाहारी जीव जहाँ भोजन के लिये पौधों पर निर्भर करते हैं वहीं मांसाहारी जीव शाकाहारियों को खाते हैं । सर्वहारी जीव पौधों और जंतुओं दोनों पर निर्भर करते हैं । हम देखते हैं कि सभी ऊर्जा के लिये पौधों पर निर्भर करते हैं और पौधे अपनी ऊर्जा के लिए सूर्य की ऊर्जा पर निर्भर करते हैं । इसी कारण कहा गया है कि सूर्य सभी जीवों के लिये ऊर्जा का शाश्वत स्रोत है ।

(iii) पत्तियाँ पौधों के रसोईघर हैं ।

उत्तर जिस प्रकार हमारे रसोईघर में चावल, दाल, सब्जी, आटा आदि कच्ची सामग्रियाँ होती हैं और उनसे हम अपना भोजन तैयार करते हैं उसी प्रकार पौधों को भी भोजन बनाने के लिए कच्ची सामग्री जल, कार्बन डाइऑक्साइड, खनिज लवण, क्लोरोफिल का उपयोग कर सूर्य की ऊर्जा का उपयोग कर पत्तियों में अपना भोजन तैयार करते हैं । इसी कारण पत्तियों को पौधों का रसोईघर कहते हैं ।

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. आप पत्ती में मंड (स्टार्च) की उपस्थिति का परीक्षण कैसे करेंगे ?

उत्तरपत्ती में मंड (स्टार्च) की उपस्थिति के परीक्षण के लिए आयोडीन का बोल इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि हम जानते हैं कि स्टार्च (जो रंगहीन होता है) आयोडीन के घोल में गाढ़े नीले रंग में बदल जाता है ।

जब क्लोरोफिलविहीन पत्ती को आयोडीन के घोल से भरे पेट्रीडिश में डालते हैं तब पत्ती गाढे नीले रंग की हो जाती है ।

निष्कर्ष : पत्ती को आयोडीन घोल में डालने पर वह गाढ़े नीले रंग की हो जाती है । इससे प्रमाणित होता है कि पत्ती में स्टार्च मौजूद है।

सही विकल्प चुनिए :

प्रश्न 2. पादप के किस भाग द्वारा प्रकाशसंश्लेषण हेतु वायु से कार्बन डाइऑक्साइड ली जाती है?

(क) मूल रोम       (ख) रंध               (ग) पर्णशिराएँ                (घ) बाह्यदल

उत्तर : (ख) रंध्र ।

प्रश्न 3. वायुमंडल से मुख्यत: जिस भाग द्वारा पादप कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त करते हैं, वह है :

(क) जड़              (ख) तना              (ग) पुष्प                       (घ) पत्तियाँ

उत्तर : (घ) पत्तियाँ ।

Class 8th Hindi Notes & Solutions – click here
Watch Video on YouTube – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here
Class 8th Science Notes & Solutions – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here

प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन | Prakritik Sansadhan ka Prabandhan 10th Class Notes

इस पोस्‍ट में हमलोग कक्षा 10 विज्ञान के पाठ 15 हमारा पर्यावरण (Prakritik Sansadhan ka Prabandhan 10th Class Notes) के सभी टॉपिकों के बारे में अध्‍ययन करेंगे।

Prakritik Sansadhan ka Prabandhan 10th Class

16. प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन

हमारे चारों ओर की भूमि, जल और वायु से मिलकर बना यह पर्यावरण, हमें प्रकृति से विरासत में मिला है जिसे सहेज कर रखना हम सबों का दायित्व है। अनेक राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय नियम व कानून पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए बने हैं। अनेक राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय संस्थाएँ भी हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रखने में कार्यरत हैं। जैसे- क्योटो प्रोटोकॉल तथा उत्सर्जन मानदंड

क्योटो प्रोटोकॉल- 1997 में जपान के क्योटो शहर में भूमंडलीय ताप वृद्धि रोकने के लिए एक अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में विश्व के 141 देशों ने भाग लिया। इस क्योटो प्रोटोकॉल के अनुसार सभी औद्योगिक देशों को 2008 से 2012 तक के पाँच वर्षों की अवधि में 6 प्रमुख ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के स्तर में 1990 के स्तर से कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उत्सर्जन संबंधी मानदंड
वाहनों से उत्सर्जित धुएँ में कार्बन मोनोक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन तथा अन्य हानिकारक पदार्थ होते हैं। 1988 में इन प्रदूषकों को नियंत्रित करने हेतु सर्वप्रथम यूरोप में उत्सर्जन संबंधी मानदंड (यूरो-Ι, यूरो-ΙΙ) लागू किया गया।
इसी प्रकार, भारत में भी वाहनों की भारी संख्या और अधिक यातायात के कारण बढ़ते प्रदुषण को कम करने के लिए उत्सर्जन संबंधी मानदंड को सख्त कर लागू कर दिया जाता है। 2005 में भारत में स्टेज- ΙΙ लागू किया गया।

Prakritik Sansadhan ka Prabandhan 10th Class Notes in Hindi

गंगा कार्यान्वयन योजना
गंगा कार्यान्वयन योजना की घोषणा 1986 में हुई थी जिसके लिए 300 करोड़ रुपयों से भी अधिक का प्रावधान था और ऋषिकेश से कालकाता तक गंगा नदी को स्वच्छ बनाने की योजना थी।

वन का महत्त्व- वनों का निम्नलिखित महत्व है।
1. वन पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ मनुष्यों की मूल आवश्यकताओं, जैसे आवास निर्माण सामग्री, ईंधन, जल तथा भोजन का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप् से आपूर्ति करता है।
2. पेड़-पौधों की जड़े मिट्टी के कणों को बाँधकर रखती हैं, जिससे तेज वर्षा तथा वायु के झोकों से होनेवाला भूमि अपरदन रूकता है। वन मिट्टी के कटाव को रोकने में सहायक होता है।
3. यहां जल चक्र के पूर्ण होने में वनो का महत्वपूर्ण योगदान है।
4. वनो द्वारा वर्षा की मात्रा में वृद्धि होती है
5. वनो द्वारा वातावरण के तप में कमी आती है
6. वनो के ह्रास से कई प्रकार के प्रजातिया लुप्त हो जाती है
7. वनो से हमें दुर्लभ औसधियाॅं, पौधे, रेजिन, रबर, तेल आदि मिलते है।
8. वनों से पशुओं के लिए चारा उपलब्ध होता है।
9. वनों में पेड़ों से गिरने वाले वाले पत्ते मिटटी में सड़कर ह्युमस उत्पन्न करते है जिससे मिट्टी की उर्वरा सकती बढ़ती है।

Prakritik Sansadhan ka Prabandhan 10th Class Notes in Hindi

वन प्रबंधन के प्रयास
भारत सरकार ने राष्ट्रीय वन निति बनाकर वैन संरक्षण के प्रयास किये हैं
1 . बचे हुए वन क्षेत्रों का संरक्षण
2 . वनों की कटाई को विवेक पूर्ण बनाना
3. बंजर तथा परती भूमि पर सघन वृक्षारोपण के कायर्क्रम का संचालन
4. जनता में जागरूकता पैदा कर वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करना
5. ग्रामीण क्षेत्रो में बायोगैस संयंत्र लगाने को प्रोत्साहन जिसमेंं जलावन के लकड़ी के लिए पेड़ों की कटाई पर रोक लग सके।
6. रसोई गैस के कनेक्शन उपलब्ध कराना। बांधों के तटबंधों तथा आसपास के क्षेत्र को वनाच्छादित बनाना।
7. सवयंसेवी संस्थानों को प्रोत्साहन आदि।

टिहरी बांध परियोजना- टिहरी बांध का निर्माण उत्तराखंड के टिहरी जिले के भगीरथी तथा भिलंगना नदियों के संगम के निचे गंगा नदी पर किया गया है।

टिहरी बांध निर्माण का उद्देश्य –
1. बिजली का उत्पादन
2. पशिचमी उत्तर प्रदेश के 2 लाख 70 हजार हेक्टेअर भूमि की सिचाई
3. दिल्ली महानगर को जल की आपूर्ति

सौर्य ऊर्जा- सूर्य ऊर्जा का निरंतर स्रोत है सूर्य की उष्मा एवं प्रकाश से प्रचुर मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है तथा सौर ऊर्जा से विभिन्न प्रकार प्रकार के उपयोगी कार्य किये जाते है। जैसे –
1. सौर कुकर से खाद्य पदार्थो को पकने में
2. सौर्य जल ऊष्मक से जल गर्म करने में
3. सौर्य शक्ति यंत्रण से विधुत ऊर्जा का उत्पादन करने में

Prakritik Sansadhan ka Prabandhan 10th Class Notes in Hindi

पवन ऊर्जा- पवन ऊर्जा का उपयोग नाव चलने में किया जाता है। पवन ऊर्जा का उपयोग कई औद्योगिक कार्यो के लिए भी किया जाता है। डेनमार्क को पवनों का देश कहा जाता है। भारत विश्‍व का पॉंचवा पवन उत्‍पादक देश है। 

पवन ऊर्जा का उपयोग –
1. अनाज के पिसाई के लिए पवन चक्की
2. जल पम्प चलाने के लिए पवन चक्की

Class 10th Science – Click here
Class 10th all chapter Notes – Click here
YouTube – Click here

Bihar Board Class 7 Science chapter 5 Padarth ke rasayanik parivartan पदार्थ में रासायनि‍क परिवर्तन

Class 7th Science Text Book Solutions

5.पदार्थ में रासायनि‍क परिवर्तन

अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों में रिक्त स्थानों को भरिए :

(क) …… गैस सुलगती हुई दियासलाई के जलने में मदद देती है ।

(ख) …… परिवर्तन में, नए पदार्थ का निर्माण होता है ।

(ग) खाने के सोडे का रासायनिक नाम …….. है ।

(घ) जब कार्बन डाइऑक्साइड को चूने के पानी में प्रवाहित किया जाता है, तो यह …… के बनने के कारण दुधिया हो जाता है ।

उत्तर (क) ऑक्सीजन, (ख) रासायनिक, (ग) सोडियम बाइकार्बोनेट, (घ) कैल्सियम कार्बोनिट ।

प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रक्रिया के अंतर्गत होनेवाले परिवर्तन को भौतिक अथवा रासायनिक परिवर्तन के रूप में वर्गीकृत कीजिए :

(क) चॉक को चॉक-चूर्ण में बदलना

(ख) मोम का पिघलना

(ग) भोजन का पंचना

(a) प्रकाशसंश्लेषण

(च) ऐलुमिनियम के टुकड़े को पीटकर उसका पतला पत्र (फॉइल) बनाना

(छ) जल में शक्कर को बोलना

(ज) कोयले को जलाना

(झ) रवाकरण द्वारा शुद्ध पदार्थ प्राप्त करना ।

उत्तर : (क), (ख), (च) और (झ) भौतिक परिवर्तन हैं।

(ग), (च), (छ) और (ज) रासायनिक परिवर्तन हैं ।

प्रश्न 3. बताइए कि निम्नलिखित कथन सत्य हैं अथवा असत्य । यदि कथन असत्य हो तो, उसे सही करके लिखिए ।

(क) लकड़ी के लठ्ठे को टुकड़ों में काटना एक रासायनिक परिवर्तन है ।

उत्तरसत्य है (क्योंकि उसे पुनः पहलेवाले रूप में नहीं लाया जा सकता ।)

(ख) पत्तियों से खाद का बनना एक भौतिक परिवर्तन है ।

उत्तर- असत्य है । यह एक रासायनिक परिवर्तन है क्योंकि पत्तियों को पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता।

(ग) जस्ता लेपित लोहे के पाइपों में आसानी से जंग नहीं लगती है ।

उत्तर सत्य है । क्योंकि जस्ता के लेप के कारण ऑक्सीजन एवं जल की प्रतिक्रिया से लोहे का बचाव हो जाता है।

(घ) मैग्नीशियम के फीते को मोमबत्ती की लौ के पास ले जाने पर यह चमकदार श्वेत प्रकाश के साथ जलने लगती है ।

उत्तर सत्य है ।

(च) मैग्नीशियम ऑक्साइड का जलीय विलयन अम्लीय होता है ।

उत्तर-असत्य है । सत्य है कि मैग्नीशियम ऑक्साइड का जलीय विलयन क्षारीय होता है ।

प्रश्न 4. क्या होता है जब :

(क) सिरका में इनो डालते हैं ।

(ख) नीला थोथा के विलयन में ब्लेड डालते हैं ।

(ग) लोहे के तवा को नमीयुक्त वायु में रखते हैं ।

(घ) पोटैशियम परमैंगनेट को गर्म करते हैं।

उत्तर : (क) बुलबुले निकलते हैं ।

(ख) ब्लेड का रंग ताँबे के रंग में बदल जाता है ।

(ग) तवा पर जंग लग जाता है ।

(घ) तब ऑक्सीजन बनता है ।

प्रश्न 5. भौतिक परिवर्तन और रासायनिक परिवर्तन में अंतर बताइए । प्रत्येक के लिये एक-एक उदाहरण दीजिए ।

उत्तरभौतिक परिवर्तन में पदार्थों के भौतिक गुणों में कुछ परिवर्तन तो होते हैं, लेकिन इन परिवर्तनों में कोई नया पदार्थ नहीं बनता । जैसे :

फिटकरी से उसके रवा बनाना ।

रासायनिक परिवर्तन से एक पदार्थ से काई नया पदार्थ बन जाता है । जैसे : दूध से दही का जमना ।

प्रश्न 6. जंग लगने के लिये आवश्यक कारक कौन-कौन से हैं?

उत्तरजंग लगने के लिये आवश्यक कारक हैं :

(क) जल या जलवाष्प तथा (ख) ऑक्सीजन या हवा |

प्रश्न 7. जंग लगने से कैसे रोका जा सकता है ?

उत्तरजंग लगने से रोकने के लिये निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं :

(i) यशद् लेपन अर्थात जिंक की परत चढ़ाना ।

(ii) पैट करना तथा

(iii) ग्रीज लगाना ।

प्रश्न 8. कार्बन डाइऑक्साइड गैस कैसे उत्पन्न होती है ? किन्हीं तीन विधियों का वर्णन कीजिए ।

उत्तरकार्बन डाइऑक्साइड गैस निम्नलिखित विधियों द्वारा उत्पन्न होती है :

(i) किसी बंद पात्र में यदि चारकोल को जलाया जाय तो उसके जलने के बाद पात्र में कार्बन डाइऑक्साइड गैस बची रह जाएगी ।

(ii) यदि किसी छोटे बन्द कमरे में अधिक लोग एकत्र हो जायें तो कुछ समय व्यतीत होने पर कमरे में कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न हो जाएगी।

(iii) सूक्ष्म जीवों द्वारा किण्वन की प्रक्रिया होने पर कार्बन डाइऑक्साइड गैस बन जाती है ।

प्रश्न 9. रवाकरण से क्या समझते हैं? कॉपर सल्फेट (तुतिया) का रवा कैसे प्राप्त किया जाता है ?

उत्तर नमक, फिटकरी आदि से शुद्ध और साफ नमक या फिटकरी प्राप्त करने की प्रक्रिया को रवाकरण कहते हैं। इसके लिए वस्तु- विशेष को पानी में घोल कर घोल को गर्म कर पानी को वाप्प बनाकर उड़ा देने तक बचा पदार्थ ‘रवा’ होता है

कॉपर सल्फेट (तुतिया) का रवा बनाना – किसी बीकर में लगभग एक कप जल लीजिए और उसमें तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की कुछ बूँदें मिलाइए। जल को गर्म कीजिए । जब जल उबलना आरंभ कर दे तो इसमें धीरे-धीरे कॉपर सल्फेट का चूर्ण निरंतर चलाते हुए मिलाते जाइए। कॉपर सल्फेट का चूर्ण मिलाना तब तक जारी रखिए. जब तक कि उसमें और कॉपर सल्फेट घोलना संभव न हो। विलयन को फिल्टर पेपर की सहायता से छान लीजिए। इसे ठंडा होने दीजिए। जब विलयन ठंडा हो रहा हो, तो उसे हिला-डुलाकर या किसी अन्य प्रकार से न छेड़िये । कुछ समय बाद विलयन को देखिए । अब आप कॉपर सल्फेट के रवे प्राप्त कर लेंगे ।

प्रश्न 10. ऑक्सीजन गैस बनाने की विधि का वर्णन करें तथा इसके गुणों को बताएँ ।

उत्तरएक शीशी को पानी से पूरा भर लेंगे और उसके मुँह को अँगूठे से दबाकर उल्टा कर लेंगे। उसी अवस्था में उसे पानी से भरे एक बेसिन में उल्टा खड़ा डुबाकर अँगूठा हटा लेंगे। अँगूठा हटाने पर शीशी का लगभग आधा पानी बेसिन में गिर जाएगा ।

एक दूसरी शीशी लेंगे जिसे स्टैंड में तिरछे कस देंगे । इस शीशी में पोटैशियम परमैंगनेट डाल देंगे । इस शीशी में छेद किया हुआ काग लगा देंगे। काग में चित्रानुसार रबर का पाइप घुसा देंगे। पाइप का दूसरा छोर बेसिन में उल्टी रखी शीशी में डाल देंगे । अब पोटैशियम परमैंगनेट वाली शीशी को मोमबत्ती जलाकर गर्म करेंगे। गर्म करते ही पोटैशियम परमैंगनेट से ऑक्सीजन गैस निकलने लगेगी और पानी को धकेलकर बेसिन वाली शीशी मे एकत्र होने लगेगी। पूरा पोटैशियम परमैंगनेट के जल जाने पर बेसिन वाली शीशी में पानी के अन्दर ही काग लगाकर बाहर निकाल लेंगे। उस शीशी में ऑक्सीजन गैस एकत्र हो जाएगी ।

प्रश्न 11. यूरिया के रवे कैसे प्राप्त किया जा सकते हैं? वर्णन करें ।

उत्तर- संकेत : इसी पृष्ठ पर प्रश्नोत्तर 9 का दूसरा भाग देखें। जिस विधि से कॉपर सल्फेट के रवे प्राप्त किये जाते हैं, उसी विधि से यूरिया के रवे भी प्राप्त किये जा सकते हैं।

प्रश्न 12. समझाइए कि रेगिस्तानी क्षेत्रों की अपेक्षा समुद्रतटीय क्षेत्रों में लोहे की वस्तुओं में जंग अधिक क्यों लगती है ?

उत्तर – रेगिस्तानी क्षेत्रों की हवा शुष्क होती है एवं वहाँ ऑक्सीजन की मात्रा कम रहती है। इसके विपरीत समुद्रतटीय क्षेत्रों में जलवाष्प की मात्रा काफी होती है और हवा में नमी के कारण ऑक्सीजन की मात्रा भी अधिकता से पाई जाती है, इसी कारण रेगिस्तानी क्षेत्रों की अपेक्षा समुद्रतटीय क्षेत्रों में लोहे की वस्तुओं में जंग अधिक लगती है।

प्रश्न 13. आप यह कैसे दिखाएँगे कि दही का जमना एक रासायनिक परिवर्तन है ?

उत्तर – दूध से दही जमाते हैं। यदि हम चाहें भी तो किसी प्रकार पुनः उससे दूध नहीं बना सकते। इससे स्पष्ट कि दही का जमना एक रासायनिक परिवर्तन है ।

क्रियाकलाप एवं परियोजना कार्य :

प्रश्न 1. ऐसे पदार्थों की सूची बनाइए। जिनका रवाकरण किया जा सकता है । उन सभी पदार्थों का रवाकरण बनाकर अपने अभ्यास पुस्तिका में लिखिए ।

उत्तर तूतिया, नमक, फिटकरी, यूरिया आदि के रवाकरण किया जा सकता है । शेष कार्य छात्र स्वयं करें, कारण कि यह परियोजना कार्य है ।

प्रश्न 2. ऐसे परिवर्तनों की सूची बनाइए जो हानिकारक हो । वर्णन कीजिये कि ये परिवर्तन क्यों हानिकारक हैं ।

उत्तरजंग लगना और भोजन का सड़ना दोनों परिवर्तन हानिकारक हैं ।

जंग लगना इसलिए हानिकारक है क्योंकि लोहे का क्षय होता है और वह वस्तु काम के लायक नहीं रह जाती। दूसरी हानि यह है कि यदि जंग लगी लोहे की वस्तुओं से शरीर कहीं कट- छील जाय तो टेटनस रोग के होने की आशंका रहती है ।

भोजन का सड़ना इस अर्थ में हानिकारक है क्योंकि यदि भूखा व्यक्ति खा ले तो वह बीमार पड़ सकता है । विश्व खाद्य वस्तुओं की कमी से बेहाल है । अत:, भोजन सड़कर बर्बाद हो जाता है, किसी काम का नहीं रहता । हर हालत में भोजन को सड़ने से बचाना चाहिए ।

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. जब नींबू के रस में खाने का सोडा मिलाया जाता है, तो बुलबुले बनते हैं और गैस निकलती है । यह किस प्रकार का परिवर्तन है ? समझाइए ।

उत्तर यह एक रासायनिक परिवर्तन है क्योंकि खानेवाला सोडा जब नींबू के साथ अभिक्रिया करता है, तो कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनती है । इसके फलस्वरूप एक प्रकार का लवण निर्मुक्त होता है ।

प्रश्न 2. जब कोई मोमबत्ती जलती है, तो भौतिक और रासायनिक परिवर्तन दोनों होते हैं। इन परिवर्तनों की पहचान कीजिए। ऐसे ही किसी ज्ञात प्रक्रम का एक और उदाहरण दीजिए, जिसमें भौतिक और रासायनिक दोनों परिवर्तन होते हैं ।

उत्तर मोमबत्ती के जलने में रासायनिक और भौतिक दोनों परिवर्तन साथ-साथ चलते रहते हैं। पहले मोमबत्ती का मोम पिघलता है और बाद में जलता है । मोम का पिघलना एक भौतिक परिवर्तन है, कारण कि पिघले मोम को प्राप्त कर पुनः ठोस मोम बनाया जा सकता है। मोम पिघलकर जल जाता है । वह धुआँ देता है और कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है, जिससे हम पुनः मोम प्राप्त नहीं कर सकते हैं । इससे सिद्ध होता है कि यह रासायनिक परिवर्तन है ।

इसी प्रकार का दूसरा उदाहरण हम दे सकते हैं, जिसमें रासायनिक और भौतिक परिवर्तन साथ-साथ होते हैं । वह है टॉर्च का जलना। टॉर्च के जलने पर बल्ब में तो परिवर्तन नहीं होता किन्तु सेल में रासायनिक परिवर्तन होते रहता है। अत:, बल्ब का जलना भौतिक परिवर्तन है तथा बैटरी का क्षय होते जाना रासायनिक परिवर्तन है ।

प्रश्न 3. समझाइए कि लकड़ी के जलने और उसे छोटे टुकड़ों में काटने को दो भिन्न प्रकार के परिवर्तन क्यों माना जाता है ।

उत्तर अध्याय के अनुसार रासायनिक परिवर्तन वह है जिसमें वस्तुओं की अवस्था में सदा के लिए परिवर्तन होना निश्चित है । जलना और कटना वस्तुओं में दो तरह के परिवर्तन दर्शाए गए हैं, लेकिन दोनों परिवर्तन पुनः परिवर्तित कर पूर्व की स्थिति में नहीं लाये जा सकते हैं । अतः, दोनों प्रकार के परिवर्तन रासायनिक परिवर्तन ही हैं । लेकिन लकड़ी के टुकड़ों को एक हद तक भौतिक परिवर्तन कह सकते हैं, क्योंकि वे टुकड़ों में बँट कर भी लकड़ी ही बने रहते हैं, राख नहीं बनते ।

प्रश्न 4. फिटकरी के क्रिस्टल बनाइए ।

उत्तर – एक बीकर लीजिए और उसमें चार-पाँच चम्मच पानी डालिए और उसे गर्म कीजिए । गर्म करने के पूर्व उसमें कुछ बूँदें तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की डाल दीजिए। जब जल उबलने लगे तो उसमें फिटकरी के चूर्ण डालिए। चूर्ण तब तक डालिए जब तक उसमें और चूर्ण नहीं डाला जा सके । अब विलयन को ठंडा होने दीजिए। ठंडा होने पर आपको फिटकरी के क्रिस्टल प्राप्त हो जाएँगे ।

Class 8th Hindi Notes & Solutions – click here
Watch Video on YouTube – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here
Class 8th Science Notes & Solutions – click here
Class 8th Sanskrit Notes & Solutions – click here