Bihar Board Class 7 Science chapter 4 Jalvayu aur anukul जलवायु और अनुकूलन

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4.जलवायु और अनुकूलन

अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. इन कथनों को पढ़ें और सही उत्तर दें :

(i) इनमें से कौन मौसम के घटक नहीं हैं :

(a) पवन         (b) तापमान          (c) आर्द्रता           (d) पहाड

(ii) उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में पाया जाने वाला जन्तु है :

(a) ध्रुवीय भालू           (b) पैंग्विन           (c) रेनडियर       (d) कस्तूरी मृग

(iii) ध्रुवीय क्षेत्र में पाये जाने वाले जन्तु  हैं :

(a) टूकन पक्षी              (b) हाथी              (c) लायन टेल्ड लंगूर                  (d) ध्रुवीय भालू

(iv) वैसे जन्तु जिनके शरीर पर बालों (फर) की दो मोटी परतें होती हैं वे पाये जाते हैं :

(a) उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में       (b) रेगिस्तान में        (c) ध्रुवीय क्षेत्र में         (d) इनमें से कोई नहीं

उत्तर : (i) → (d), (ii) → (d), (iii) → (d),  (iv) → (c).

प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

(i) दीर्घ अवधि के मौसम का औसत ……कहलाता हैा

(ii) वर्ष भर सूर्योदय और सूर्यास्त के…….. में परिवर्तन होता हैा

(iii) तापमान आर्द्रता आदि …… के घटक हैा

उत्तर(i) जलवायु, (ii) समय, (iii) मौसम |

प्रश्न 3. उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में रहनेवाला हाथी किस प्रकार अनुकूलित है ?

उत्तरहाथी अनेक प्रकार से वर्षा वनों की परिस्थितियों के लिए अनुकूलित हो गए हैं। अपनी सूँड़ का उपयोग ये नाक के रूप में करते हैं। लंबी सूँड़ के कारण इनकी सूँघने की शक्ति बहुत अच्छी होती है । हाथी द्वारा सूँड़ का उपयोग भोजन को तोड़ने, उठाने और उन्हें मुँह में डालने के लिए किया जाता है । इनके बाह्य दाँत वास्तव में रूपांतरित दाँत होते हैं । इन दाँतों से हाथी अपनी पसंद के वृक्षों की छाल को आसानी से छील सकते हैं । अत:, भोजन के लिए स्पर्धा के बावजूद हाथी आसानी से अपना भोजन जुटाने में समर्थ होता है । हाथी के लंबे बड़े कान बहुत हल्की ध्वनि को भी सुनने में सहायक होते हैं। वर्षावनों की गर्म और आर्द्र जलवायु में हाथी को ठंडा रखने में भी उनके कान सहायक होते हैं ।

प्रश्न 4. मौसम और जलवायु में से किसमें तेज़ी से परिवर्तन होता है ?

उत्तर – मौसम और जलवायु में से मौसम में तेजी से परिवर्तन होता है ।

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. उन घटकों के नाम बताइए, जो किसी स्थान के मौसम को निर्धारित करते हैं ।

उत्तर – किसी स्थान पर तापमान, आर्द्रता, वर्षा, वायु वेग आदि के संदर्भ में वायुमंडल की प्रतिदिन की परिस्थिति उस स्थान का मौसम कहलाती है। तापमान, आर्द्रता आदि अन्य कारक मौसम के घटक कहलाते हैं ।

प्रश्न 2. दिन में किस समय ताप के अधिकतम और न्यूनतम होने की संभावना होती है?

उत्तरदिन का अधिकतम तापमान सामान्यतः अपराह्न (दोपहर बाद) में रहता है जबकि न्यूनतम तापमान प्रात: काल (भोर) में होने की संभावना होती है ।

प्रश्न 3. उष्णकटिबंधीय वर्षावन जंतुओं की विशाल जनसंख्या को आवास प्रदान करते हैं । यह समझाइए कि ऐसा क्यों है ।

उत्तर – निम्नलिखित कारणों से उष्णकटिबंधीय वर्षावन जंतुओं की विशाल संख्या को आवास प्रदान करते हैं :

(i) उष्णकटिबंधीय क्षेत्र पृथ्वी के ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ की गरम जलवायवीय परिस्थितियाँ होती है । (ii) अनुकूलन जलवायवीय परिस्थतियों के कारण उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में पादपों और जंतुओं की विशाल जनसंख्या पाई जाती है। (iii) उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में जंतुओं का इस प्रकार अनुकूलन होता है कि उन्हें अन्य प्रकार के जंतुओं से भिन्न भोजन और आश्रय की आवश्यकता नहीं होती। इससे उनमें परस्पर कम-से-कम स्पर्धा होती है ।

प्रश्न 4. उदाहरण सहित समझाइए कि किसी विशेष जलवायवीय परिस्थिति में कुछ विशिष्ट जंतु ही जीवनयापन करते क्यों पाए जाते हैं ।

उत्तरचूँकि जंतुओं की संख्या अधिक होती है, अत: उनमें भोजन और आश्रय के लिए अधिक प्रतिस्पर्धा होती है । अनेक जंतु वृक्षों पर रहने के लिए अनुकूलित होते हैं। लाल नेत्रों वाले मेढक के पैर के तलवे चिपचिपे होते हैं जो उन्हें उन वृक्षों पर चढ़ने में सहायता करते हैं, जिनपर वे रहते हैं । वृक्षों पर रहने में सहायता के लिए बंदरों की लंबी पूँछ होती है, जो शाखाओं को पकड़ने में सहायक होती है । इनके हाथ-पैर ऐसे होते हैं जिनसे ये आसानी से शाखाओं को थामे रहते हैं। टूकन नामक पक्षी की लंबी चोंच होती है, जिसकी सहायता से वह ऐसी शाखाओं में लगे फलों तक पहुँच सकता है, जो बहुत कमजोर होती हैं और उसका भार नहीं सह सकतीं ।

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Bihar Board Class 7th Science Solutions Notes | कक्षा 7 के विज्ञान का हल

दिया गया हल लेटेस्‍ट BSEB (Bihar Board) पाठ्यक्रम पर आधारित है। इसमें कक्षा 7 विज्ञान Bihar Board Class 7th Science Solutions के सभी पाठों के हल जानेंगे। इस हल को पढ़ने से आपका कन्‍सेप्‍ट क्लियर हो जाएगा।

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कक्षा 7 के विज्ञान के हल हमारे एक्‍सपर्ट के द्वारा तैयार किया गया है। इसमें त्रुटी की संभावना बहुत ही कम है। नीचे दिया गया हल को पढ़ने के बाद परीक्षा में आप और बेहतर कर सकते हैं। विज्ञान में काफी अच्‍छा मार्क्‍स आ सकता है। विज्ञान में अच्‍छा मार्क्‍स लाने के लिए इस पोस्‍ट पर नियमित विजिट करें। बहुत से बच्‍चों को विज्ञान से डर लगता है। प्रत्‍येक पाठ का हल इतना आसान भाषा में तैयार किया गया है कि कमजोर से कमजोर छात्र भी इसे पढ़कर समझ सकता है।

यह नोट्स NCERT तथा SCERT बिहार पाठ्यक्रम पर पूर्ण रूप से आ‍धारित है। इस पोस्‍ट में बिहार बोर्ड कक्षा 7 विज्ञान के प्रत्‍येक पाठ के हल का हिन्‍दी व्‍याख्‍या किया गया है, जो बोर्ड परीक्षा की दृष्टि से काफी महत्‍वपूर्ण है। इस पोस्‍ट के प्रत्‍येक पाठ को पढ़कर विज्ञान के परीक्षा में उच्‍च स्‍कोर प्राप्‍त कर सकते है। इस पोस्‍ट के व्‍याख्‍या पढ़ने से आपका सारा कन्‍सेप्‍ट क्लियर हो जाएगा। सभी पाठ बोर्ड परीक्षा की दृष्टि से बनाया गया है।  पाठ को आसानी से समझ कर उसके प्रत्‍येक प्रश्‍नों का उत्तर दे सकते हैं। जिस पाठ को पढ़ना है, उस पर क्लिक करने से उस पाठ का हल खुल जाएगा। जहाँ उस पाठ के प्रत्‍येक पंक्ति का व्‍याख्‍या पढ़ सकते हैं। 

बिहार बोर्ड कक्षा 7 विज्ञान का हल

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BSEB Bihar Board Class 7th Science Book Solutions विज्ञान

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मुझे आशा है कि आप को Class 7 Science (विज्ञान) के सभी पाठ के व्‍याख्‍या को पढ़कर अच्‍छा लगा होगा। इसको पढ़ने के पश्‍चात् आप निश्चित ही अच्‍छा स्‍कोर करेंगें।  इन सभी पाठ को बहुत ही अच्‍छा तरीका से आसान भाषा में तैयार किया गया है ताकि आप सभी को आसानी से समझ में आए। इसमें कक्षा 7 विज्ञान के सभी चैप्‍टर के प्रत्‍येक पंक्ति का व्‍याख्‍या को सरल भाषा में लिखा गया है। यदि आप बिहार बोर्ड कक्षा 7 से संबंधित किसी भी पाठ के बारे में जानना चाहते हैं, तो नीचे कमेन्‍ट बॉक्‍स में क्लिक कर पूछ सकते हैं। यदि आप और विषय के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो भी हमें कमेंट बॉक्‍स में बता सकते हैं। अगर आपका कोई सुझाव हो, तो मैं आपके सुझाव का सम्‍मान करेंगे। आपका बहुत-बहुत धन्‍यवाद। Bihar Board Class 7th Science Solutions

Bihar Board Class 7 Science chapter 3 Ushma ऊष्मा

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3.ऊष्मा

अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. ऊष्माचालक तथा ऊष्मारोधी में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- ऊष्माचालक पदार्थ अपने से होकर ऊष्मा स्थानांतरित करने देते हैं। ऊष्मा चालक के उदाहरण हैं लोहा, ताँबा, ऐलुमिनियम आदि । ठीक इसके विपरीत ऊष्मारोधी पदार्थ अपने से होकर ऊष्मा का स्थानांतरण नहीं करने देते। ऊष्मारोधी के उदाहरण हैं प्लास्टिक, लकड़ी, आदि ।

प्रश्न 2. डॉक्टरी थर्मामीटर एवं प्रयोगशाला थर्मामीटर के कार्य एवं बनाकर को बताइए।

उत्तरडॉक्टरी थर्मामीटर से व्यक्तियों का तापमान मापा जाता है। इसी आवश्यकता तब पड़ती है जब व्यक्ति बुखार से पीड़ित रहता है। डॉक्टरी थर्मामीटर लगभग 7-8 सेमी लम्बी खोखली समान व्यास की काँच की नली होती है। इसके एक सिरे पर एक बल्ब रहता है। बल्ब में पारा भरा रहता है। ताप प्राप्त होने पर पारा फैलकर बल्ब के बहत महीन छेद से होकर नली में वहाँ तक फैल जाता है, जितना कि शरीर का तापमान रहता है। सामान्यत: डॉक्टरी थर्मामीटर फारेनहाइट (0°F) इकाई में होते हैं। इसमें 90°F से 108°F तक के निशान बने होते हैं। इसका पारा ताप प्राप्त होने पर फैल तो जाता है, लेकिन अपने आप पुन: धुंडी में वापस नहीं आता। इसके लिए उसे हाथ में लेकर झटका से झाड़ा जाता है ।

प्रयोगशाला थर्मामीटर भी काँच की खोखली नली का ही बना होता है। इसमें सेल्सियस पैमाने पर अंक अंकित होते हैं। इससे किसी वस्तु या वातावरण का ताप मापा जाता है। इसमें ताप प्राप्त होते ही पारा फैलता है और तापमान बताता है। तप्त वस्तुओं से निकालने के बाद पारा स्वयं गिरकर 0°C पर आ जाता है। इसे झाड़ना नहीं पड़ता। .

प्रश्न 3. सर्दियों में एक मोटे कपड़े की अपेक्षा उसी मोटाई के कई परतों वाला वस्त्र अधिक गर्मी प्रदान करता है । क्यों ?  

उत्तरकारण यह है कि कई परतों वाला वस्त्र ताप का कुचालक हो जाता है। परत-दर-परतों के मध्य वायु की पतली-पतली परतें बन जाती हैं। अत:, सर्दियों में एक मोटे कपड़े की अपेक्षा कई परतों वाला वस्त्र अधिक गर्मी प्रदान करता है ।

प्रश्न 4. गर्म जलवायु वाली जगहों पर घरों को उजले रंग से रंगने की सलाह क्यों दी जाती है?

उत्तर– गर्म जलावयु वाली जगहों पर घरों को उजले रंग से रंगने की सलाह इस कारण दी जाती है क्योंकि उजला रंग बहुत कम मात्रा में ऊष्मा का अवशोषण करता है, जिससे घर अधिक गर्म नहीं हो पाता और घर ठंडा रहता है।

प्रश्न 5. कॉलम से कॉलम के शब्दों का मिलान कीजिए :

       कालम ‘क’                                                           कॉलम ‘ख’

(i) गहरे रंग के कपड़े पसंद करते हैं                       (अ) दिन में

(ii) समुद्री समीर बहने का समय                             (आ) सर्दी में

(iii) हल्के रंग के कपड़े पहनने का समय                (इ) रात में

(iv) स्थलीय समीर चलने का समय                          (ई) गर्मियों में

उत्तर : (i)→(आ), (ii)→(अ), (iii)→(ई), (iv)→(इ) ।

प्रश्न 6. सही विकल्प पर सही (/) का चिह्न लगाइए :

(i) एक लीटर जल, जिसका तापमान 0°C हो तथा एक लीटर जल जिसका तापमान 40°C हो, को आपस में मिला दें तो पूर जल का तापमान होगा :

(क) 10°C से कम ,                        (ख) 40°C से अधिक

(ग) 10°C से 40°C के बीच            (घ) इनमें से कोई नहीं

(ii) बर्फ में लकड़ी का चम्मच डाला जाय तो :

(क) चालन के कारण दूसरा सिरा ठंडा हो जाएगा

(ख) चालन के कारण गर्म हो जाएगा

(ग) कुचालक होने के कारण कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा

(घ) सुचालक होने के कारण ठंडा हो जाएगा

(iii) 20°C ताप पर गर्म जल में 20°C ताप पर गर्म लोहे की छड़ को डालने से :

(क) छड़ का तापमान बढ़ जाएगा                    (ख) पानी का ताप बढ़ जाएगा

(ग) दोनों का ताप बढ़ जाएगा                         (घ) कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा

उत्तर : (i)→(ग), (ii)→(ग), (iii)→(घ) .

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. ऊष्माचालक तथा ऊष्मारोधी, प्रत्येक के दो-दो उदाहरण दीजिए ।

उत्तर : ऊष्माचालक के दो उदाहरण : ताँबा, लोहा ।

ऊष्मारोधी के दो उदाहरण : प्लास्टिक, लकड़ी ।

प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

(क) कोई वस्तु कितनी गरम है इसकी जानकारी ……. द्वारा प्राप्त होती है।

(ख) उबलते हुए पानी का ताप ……. तापमापी से नहीं मापा जा सकता।

(ग) ताप को डिग्री ……. में मापते हैं।

(घ) बिना किसी माध्यम द्वारा ऊष्मा स्थानांतरण के प्रक्रम को ……. कहते हैं।

(च) स्टील की एक ठंडी चम्मच गर्म दूध के प्याले में रखी गई है। यह अपने दूसरे सिरे तक ऊष्मा का स्थानांतरण …..: प्रक्रम द्वारा करेगी ।

(छ) हल्के रंग के वस्त्रों की अपेक्षा … रंग के वस्त्र ऊष्मा का अधिक अवशोषण करते हैं।

उत्तर-   (क) तापमापी,   (ख) डॉक्टरी,   (ग) सेल्सियस,   (घ) विकिरण,   (च) चालन, ।   (छ) गहरे ।

प्रश्न 3. स्टेनलेस इस्पात की कड़ाही में प्राय: कॉपर (ताँबे) की तली लगाई जाती है। इसका कारण हो सकता है:

(क) ताँबे की तली कड़ाही को अधिक टिकाऊ बना देती है ।

(ख) ऐसी कड़ाही देखने में सुंदर लगती है ।

(ग) स्टेनलेस इस्पात की अपेक्षा ताँबा ऊष्मा का अच्छा चालक है ।

(घ) स्टेनलेस इस्पात की अपेक्षा ताँबे को साफ करना अधिक आसान है ।

उत्तर- (ग) स्टेनलेस इस्पात की अपेक्षा ताँबा ऊष्मा का अच्छा चालक है ।

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Bihar Board Class 7 Science chapter 1 Jal Aur Jangal (जल और जंगल)

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1.जल और जंगल

अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. निम्नलिखित कथन सत्य हैं अथवा असत्य?

(क) वर्षा जल का चरम स्रोत है।

(ख) नदियों का जल खेतों में सिंचाई का एकमात्र साधन है।

(ग) जल की कमी की समस्या का सामना केवल ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी करते हैं।

उत्तर- (क) सत्य (ख) असत्य (ग) असत्य ।

प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

(क) भौमजल प्राप्त करने के लिए …….. तथा …….. का उपयोग होता है।

(ख) जल की तीन अवस्थाएँ …….. , …….. और …….. हैं।

(ग) भूमि की जल धारण करनेवाली परत …….. कहलाती है। .

उत्तर(क) कुओं, हैंडपंपों, (ख) ठोस, द्रव, गैस, (ग) जलभर।

प्रश्न 3. समझाइए के भौमजल की पुन:पूर्ति किस प्रकार होती है?

उत्तरभौमजल की पुन:पूर्ति वर्षाजल के लवण द्वारा हो जाती है। वर्षा के अलावा कोई भी अन्य साधन नहीं है, जिससे भौमजल की पुन:पूर्ति हो सके। वर्षा का जल जमीन की दरारों से होकर भूमि के अन्दर एकत्र हो जाता है।

प्रश्न 4. भौमजल स्तर के नीचे गिरने के लिए उत्तरदायी कारकों को समझाइए।

उत्तर- भौमजल स्तर को नीचे गिरने के उत्तरदायी कारक हैं उद्योगों का बढ़ना । रासायनिक उर्वरकों के अधिक उपयोग के कारण भी अधिक सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। जनसंख्या की वृद्धि से भी जल का उपयोग बढ़ा है। सेप्टिक शौचालय से भी जल की खपत बढ़ी है। पहले जहाँ एक लोटा जल से ही व्यक्ति शौच से निपट लेता था, वहीं सेप्टिक शौचालय में प्रति व्यक्ति कम-से-कम एक बड़ी बाल्टी जल की आवश्यकता पड़ती है। इस प्रकार के जल की खपत की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता।

प्रश्न 5. कम-से-कम जल का उपयोग करते हुए बगीचे लगाने तथा रखरखाव के लिए आप क्या कदम उठाएँगे?

उत्तर किसी बगीचे का रखरखाव हेतु बड़ी मात्रा में जल की आवश्यकता होती है। इसके लिए प्राय: भौमजल का उपयोग किया जाता है। वर्षा के रूप में जो जल हमें प्राप्त होता है, मेंढ़ बनाकर पानी को रोका जा सकता है। अपने बगीचे में जल का उपयोग मितव्ययिता से करेंगे। यदि बहुत-बहुत वर्षों तक वर्षा न हो तो हम भौम-जल का उपयोग करेंगे। लेकिन उस तरह नहीं, जिस तरह गेहूँ के खेत या चाय के बागाना में करते हैं। चूँकि बगीचे में पेड़ दूर-दूर रहते हैं अत: घड़े में पानी भर कर हर पेड़ की जड़ के पास उसे गिराएँगे। पेड़ के चारों और मेंड़ बना देंगे ताकि जल बर्बाद न हो। इस प्रकार हम भौमजल का सदुपयोग करेंगे। ध्यान रहे कि पेड़-पौधे भी भौम-जल को नीचे जाने से रोकते हैं।

प्रश्न 6. ऐसे सात उत्पादों के नाम बताएँ जो हम वनों से प्राप्त करते हैं।

उत्तरवनों से प्राप्त होने वाले उत्पाद निम्नलिखित हैं :

(i) गोंद,   (ii) लाह,    (iii) मधु,     (iv) औषधीय जड़ी-बूटियाँ,    (v) रेशम के कीड़े,   (vi) पत्तल बनाने के लिए पत्ते,   (vii) कागज बनाने के लिए वृक्ष और बाँस,   (viii) धूप,    (ix) चंदन तथा (x) मसाले।।

प्रश्न 7. वनों में कुछ भी व्यर्थ नहीं होता है, क्यों? समझाइये।

उत्तर ह्यूमस की उपस्थिति यह सुनिश्चित करती है कि मृत पादपों और जन्तुओं के पोषक तत्त्व मृदा में निर्मुक्त होते रहते हैं। वहाँ से ये पोषक तत्त्व पुन: सजीव पादपों । के मूलों द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। मृत जंतु, गिद्धों, कौओं, गीदड़ों और कीटों का भोजन बन जाते हैं। इस प्रकार पोषक तत्त्वों का चक्र चलता रहा है, जिससे वन में कुछ भी व्यर्थ नहीं होता. है।

प्रश्न 8. अपघटक किसे कहते हैं?  ये वन एवं जीवों की वृद्धि में किस प्रकार सहायक हैं?

उत्तर पादपों और जंतुओं के मृत शरीर को ह्यूमस में परिवर्तित करनेवाले सूक्ष्मजीव अपघटक कहलाते हैं।

जीवाणु कवक तथा फफूंदी ये दो अपघटक के नाम हो सकते हैं। वनों में ये मृत पादपों और जंतुओं के पोषक तत्त्व मृदा में निर्मुक्त करते रहते हैं। इसके बाद पोषक तत्त्व पुन: सजीव पादपों के मूलों द्वारा अवशोषित कर लिए जाते । वन में कुछ भी व्यर्थ नहीं जाता है। मृत जंतु, गिद्धों, कौओं, गीदड़ों और कीटों का भोजन बन जाते हैं और इस प्रकार वनों में पोषक तत्त्वों का चक्र चलता रहता है।

प्रश्न 9. ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन बनाए रखने में वनों के योगदान को समझाइए।

उत्तरपादप प्रकाशसंश्लेषण के प्रक्रम द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन निर्मुक्त करते हैं। इस प्रकार वे वायुमंडल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के संतुलन को बनाए रखने में वे अपना योगदान देते हैं।

प्रश्न 10. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

(क) कीट, मधुमक्खियाँ और पक्षी, पुष्पी पादपों की …… मे सहायता करते हैं।

(ख) वन शुद्ध करते हैं …..’ और …… को।

(ग) वन में क्षयमान पत्तियाँ और जंतु …… को समृद्ध करते हैं।

(घ) सूक्ष्मजीवों द्वारा मृत पादपों पर क्रिया से …… बनता है।

उत्तर- (क) परागण, (ख) जल; हवा, (ग) पोषक तत्त्व, (घ) ह्यूमस ।

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. महिलाओं को अनेक घरेलू कार्य करने पड़ते हैं। यदि उन्हें जल भी भरकर लाना पड़े, तो उनके काम का बोझ और बढ़ जाता है।

उत्तर- निकट में जल उपलब्ध नहीं रहने के कारण महिलाओं को दूर-दूर से जल लाना पड़ता है। सरकार और जनता को इसकी चिंता करनी चाहिए। ऐसा प्रबंध किया जाना चाहिए कि जल निकट में ही उपलब्ध हो जाय । वर्षा जल का संचयन भी एक उपाय हो सकता है।

प्रश्न 2. किसी गली में पचास घर हैं, जिनके लिए दस नलकूप (ट्यूबवेल) लगाए गए हैं। भौमजल स्तर पर इसका दीर्घावधि प्रभाव क्या होगा?

उत्तर- गली में यदि पचास घर हैं और उनके लिए दस नलकूप लगाए गए हैं तो भौमजल स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन बहुत वर्षों तक यदि वर्षा न हो तो भौमजल कुप्रभावित हो सकता है। तब हम कह सकते हैं कि दीर्घावधि में यह प्रभाव पड़ सकता है कि भौमजल बहुत नीचे चला जायगा।

प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन-सा कारक जल की कमी के लिए उत्तरदायी नहीं है?

(क) औद्योगीकरण में वृद्धि                          (ख) बढ़ती जनसंख्या

(ग) अत्यधिक वर्षा                                   (घ) जल संसाधनों का कुप्रबंधन

उत्तर (ग) अत्यधिक वर्षा ।

प्रश्न 4. सही विकल्प का चयन कीजिए:

(क) विश्व की सभी झीलों और नदियों में जल की कुल मात्रा नियत (स्थिर) रहती है।

(ख) भूमिगत जल की कुल मात्रा नियत रहती है।

(ग) विश्व के समुद्रों और महासागरों में जल की कुल मात्रा नियत है।

(घ) विश्व में जल की कुल मात्रा नियत है।

उत्तर- (घ) विश्व में जल की कुल मात्रा नियत है।

प्रश्न 5. समझाइए कि वन में रहनेवाले जंतु किस प्रकार वनों की वृद्धि करने और पुनर्जनन में सहायक होते हैं।

उत्तर- जंतुओ की लीद वनों की वृद्धि में प्राकृतिक और मुफ्तिया खाद का काम करती है। लीद के ढेर पर अनेक ग और कैटरपिलर (लार्वा) पनपते रहते हैं तथा अनेक नवोद्भिद भी अंकुरित होते रहते है। ये नवोद्भिद कुछ शाको और झाड़ियों में भी मिलते है। जंतु भी कुछ पादपों के बीजों का प्रकीर्णित करते हैं। इस प्रकार जंतु वनों में पादपों की वृद्धि करने और उनके पुनर्जनन में सहायक होते हैं । वृक्षों की क्षयमान पत्तियाँ नवोद्भिदों को उगने के पोषक तत्त्व प्रदान करती हैं।

प्रश्न 7. समझाइए कि वन, बाढ़ की रोकथाम किस प्रकार करते हैं?

उत्तर- वृक्षों की उपस्थिति के कारण मृदा का अपरदन नहीं हो पाता। वृक्ष मृदा जल को बहने से रोकते हैं, जिससे बाढ़ भी आने से रुकती है। वन न सिर्फ बाढ़ों को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं; बल्कि नदियों में जल प्रवाह को बनाए रखने में भी सहायक होते हैं, जिससे जल की सतत् आपूर्ति बनी रहती है। वृक्षों तथा अन्य पौधों की जड़े सामान्यत: मृदा को एक साथ बाँधे रखती हैं । इस प्रकार वन मृदा के अपरदन तथा बाढ़ों की रोकथाम करते हैं ।

प्रश्न 8. हमें अपने से दूर स्थित वनों से संबंधित परिस्थितियों और मुद्दों के विषय में चिंतित होने की क्यों आवश्यकता है?

उत्तरक्योकि वनों का पुनर्जनन नहीं हो पा रहा है और वह पालतू पशुओं द्वारा अत्यधिक चराई और वृक्षों की अंधाधुंध कटाई के कारण लुप्त होने के कगार पर आते जा रहे हैं। यदि हम वनों और पर्यावरण को संरक्षित रखने के साथ-साथ विकास कार्य करें तभी हमारी चिंता दूर हो सकती है, नहीं तो ग्लोबल वार्मिंग जैसी घटनाएँ घट सकती हैं। इसी कारण अपने से दूर स्थित वनों से संबंधित परिस्थितियों और मुद्दों के विषय में चिंतित होते हैं।

प्रश्न 9. समझाइए कि वनों में विभिन्न प्रकार के जंतुओं और पादपों के होने की आवश्यकता क्यों है?

उत्तरवन विभिन्न पादपों, जंतुओं और सूक्ष्मजीवों से मिलकर बना एक तंत्र है। वनों की सबसे ऊपरी परत वृक्ष शिखर बनाते हैं, जिसके नीचे झाड़ियों द्वारा घासों की परत होती है। शाक जैसी वनस्पतियाँ सबसे नीचे की परत बनाती हैं। वनों में वनस्पतियों की विभिन्न परत जंतुओं, पक्षियों और कीटों को भोजन प्रदान करती हैं। वन वन्य पशुओं को आश्रय प्रदान करते हैं। अपघटक वन में उगनेवाले पादपों के लिए पोषक तत्त्वों की आपूर्ति को बनाए रखने में सहायक होते हैं । इस प्रकार हम देखते हैं कि वनों में विभिन्न प्रकार के जंतुओं और पादपों का सदैव बने रहना नितांत आवश्यक है।

प्रश्न 10. सूक्ष्मजीवों द्वारा मृत पादपों पर क्रिया करने से बननेवाले एक उत्पाद का नाम है:

(i) बालू            (ii) मशरूम           (iii) ह्यूमस               (iv) काष्ठ

उत्तर- (iii) ह्यूमस ।

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हमारा पर्यावरण कक्षा 10 विज्ञान | Hamara Paryavaran Class 10th Science in Hindi

इस पोस्‍ट में हमलोग कक्षा 10 विज्ञान के पाठ 15 हमारा पर्यावरण (Hamara Paryavaran Class 10th Science in Hindi) के सभी टॉपिकों के बारे में अध्‍ययन करेंगे।

Hamara Paryavaran Class 10th Science

15. हमारा पर्यावरण

किसी जीव के चारों ओर फैली हुई भौतिक या अजैव और जैव कारकों से निर्मित दुनिया जिसमें वह निवास करता है एवं जिससे वह प्रभावित होता है, उसे उसका पर्यावरण या वातावरण कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर पौधे, जानवर और अन्य मानव किसी मनुष्य के पर्यावरण का जैविक हिस्सा है।

पारिस्थितिक तंत्र- जीवमंडल के विभिन्न घटक तथा उसके बीच ऊर्जा और पदार्थ का आदान-प्रदान सभी एक साथ मिलकर पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करते हैं।

Hamara Paryavaran Class 10th Science in Hindi

एक पारिस्थितिक तंत्र के निम्नांकित दो मुख्य अवयव होते हैं।
1. अजैव अवयव- जिसमें जीवन नहीं है यानी निर्जीव है।
2. जैव अवयव- जो जीवित है यानी सजीव है।

अजैव अवयव को तीन वर्गों में बाँटा गया है-
1. भौतिक वातावरण-इसमें मृदा, जल तथा वायु सम्मिलित हैं।
2. पोषण-इसके अंतर्गत विभिन्न अकार्बनिक एवं कार्बनिक पदार्थ आते हैं।
3. जलवायु- सूर्य की रोशनी, तापक्रम, आर्द्रता, दाब इत्यादि मिलकर जलवायु का निर्माण करते हैं।

जैव अवयव को तीन वर्गों में बाँटा गया है-
1. उत्पादक- जैसे हरे पौधे, जो भोजन का संश्लेषण करते हैं।
2. उपभोक्ता- जो पौधों और उनके विभिन्न उत्पादों कोखाते हैं।
3. अपघटनकर्ता- ये मृत उत्पादक तथा उपभोक्ताओं का अपघटन करते हैं तथा इससे उत्पन्न पोषणों और गैसों को फिर वातावरण में छोड़ देते हैं।

उत्पादक- जिनमें प्रकाशसंश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाने की क्षमता होती है, उसे उत्पादक कहते हैं। जैसे- हरे पौधे।
एक पारिस्थितिक तंत्र में हरे पौधे की उपस्थिति क्यों अनिवार्य है?

एक पारिस्थितिक तंत्र में हरे पौधे की उपस्थिति इसलिए अनिवार्य है क्योंकि ये निम्नलिखित कार्यों का संपादन करते हैं-
1. ये पारिस्थितिक तंत्र में रहनेवाले जीवों के प्रकार का निर्धारण करते हैं।
2. ये सौर-ऊर्जा, जो समस्त जीवों के लिए ऊर्जा का मूल स्त्रोत है, को ग्रहण करने में समर्थ है।
3. ये मिट्टी से प्रमुख तŸवों को अवशोषित करने में समर्थ है।
4. ये वायुमंडल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के बीच संतुलन बनाए रखते हैं।

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उपभोक्ता- ऐसे जीव जो अपने पोषण के लिए पूर्णरूप से उत्पादकों पर निर्भर रहते हैं, उपभोक्ता कहलाते हैं। सभी जंतु उपभोक्ता की श्रेणी में आते हैं।
1. प्राथमिक उपभोक्ता- ऐसे उपभोक्ता जो पोषण के लिए प्रत्यक्ष रूप से उत्पादक, अर्थात हरे पौधे को खाते हैं, प्राथमिक उपभोक्ता कहलाते हैं। जैसे- गाय, भैंस, बकरी, हिरण, खरगोश आदि।
2. द्वितीयक उपभोक्ता- कुछ जंतु; जैसे शेर, बाघ, कुछ पक्षी, सर्प, मेढ़क, मांसाहारी होते हैं तथा वे शाकाहारी प्राथमिक उपभोक्ता को खाते हैं, द्वितीयक उपभोक्ता कहलाते हैं।
3. तृतीयक उपभोक्ता- सर्प जब मेढ़क (द्वितीयक उपभोक्ता) को खाता है तब वह तृतीय श्रेणी के उपभोक्ता(तृतीयक उभोक्ता) कहलाता है। जैसे- बाघ, शेर, चीता, गिद्ध आदि।

अपघटनकर्ता या अपमार्जक- पौधों और जंतुओं (उत्पादक और उपभोक्ता) के मृत शरीर तथा जंतुओं के वर्ज्य पदार्थों का जीवाणुओं और कवकों के द्वारा अपघटन किया जाता है। अतः जीवाणु और कवक अपघटनकर्ता या अपमार्जक कहलाते हैं।

आहार शृंखला- एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का एकपथीय प्रवाह उसमें स्थित शृंखलाबद्ध तरीके से जुड़े जीवों के द्वारा होता है। जीवों की इस शृंखला को आहार शृंखला कहते हैं।
कुछ सामान्य आहार शृंखला निम्नलिखित हैं-
घास → ग्रासहॉपर → मेढ़क → सर्प → गिद्ध
शैवाल → छोटे जंतु → छोटी मछली → बड़ी मछली → मांसाहारी पक्षी
घास → हिरण → बाघ

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अपशिष्ट- प्रतिदिन अपने कार्यकलापों से उत्पन्न अनावश्यक पदार्थों को हम जहाँ-तहाँ फेंक देते हैं। इन्हीं अनावश्यक पदार्थों को अपशिष्ट कहते हैं।
इन अपशिष्ट पदार्थों को दो समूहों में बाँटा जा सकता है-1. जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट और 2. अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट
1. जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट- ऐसे अवांछित पदार्थ, जिन्हें जैविक अपघटन के द्वारा पुनः उपयोग में आनेवाले पदार्थों में बदल दिया जाता है, जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट कहलाते हैं। जैसे- जंतुओं के मल-मूत्र, कृषि द्वारा उत्पन्न अपशिष्ट, कागज, कपास से निर्मित कपड़े, जंतुओं और पेड़-पौधों के मृत शरीर आदि।
2. अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट-प्रदूषण के ऐसे कारक जिनका जैविक अपघटन नहीं हो पाता है तथा जो अपने स्वरूप को हमेशा बनाए रखते हैं, अर्थात प्राकृतिक विधियों द्वारा नष्ट नहीं होते हैं, अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट कहलाते हैं। जैसे- कीटनाशक एवं पीड़कनाशक, शीशा, ऐलुमिनियम, प्लैस्टिक आदि।

आजोन परत एवं ओजोन अवक्षय
ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से बना ओजोन का एक स्तर वायुमंडल से 15ाउ से लेकर लगभग 50ाउ ऊँचाईवाले क्षेत्र के बीच पाया जाता है। यह सूर्य के प्रकाश में उपस्थित हानिकारक पराबैंगनी किरणों का अवशोषण कर लेता है जो मनुष्य में त्वचा-कैंसर, मोतियाबिंद तथा अनेक प्रकार के उत्परिवर्तन को जन्म देती है।
1980 के बाद ओजोन स्तर में तीव्रता से गिरावट आई है। अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन के स्तर में इतनी कमी आई है कि इसे ओजोन छिद्र की संज्ञा दी गई है। ओजोन छिद्र का मुख्य कारण क्लारोफ्लोरोकार्बन का व्यापक उपयोग का होना है।
क्लारोफ्लोरोकार्बन का व्यापक उपयोग एयरकंडीशनों, रेफ्रिजरेटरों, शीतलकों, जेट इंजनों, अग्निशामक उपकरणों आदि में होता है।

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महत्‍वपूर्ण स्‍मरणीय तथ्‍य-

  • हरे पौधे उत्पादक कहलाते हैं।
  • पारिस्थितिकी तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय होता है।
  • ओजोन परत वायुमंडल के ऊपरी सतह में पाया जाता है।
  • ओजोन परत हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से पृथ्वी को सुरक्षा प्रदान करती है।
  • प्रकृति में पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत सूर्य है।
  • डी० डी० टी० जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ है।
  • ओजोन के एक अणु में तीन परमाणु होते हैं।
  • ग्लोबल वार्मिंग के लिए ब्व्2 उŸारदायी गैस है।

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BSEB Class 9th Science Solutions Chapter 15 खाध संसाधनों में सुधार

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प्रश्न 1. फसल उत्पादन की एक विधि का वर्णन कीजिए, जिससे अधिक पैदावार प्राप्त हो सके।

उत्तर फसल उत्पादन की एक विधि फसल चक्रण विधि है, जिसमें अधिक पैदावार की प्राप्ति होती है। इस विधि में फसल को अदल-बदल कर बोया जाता है। यदि एक साल में अनाज फसल लगाया गया तो दूसरे वर्ष दलहन फसल लगाई जाती है। इससे खेत की उपज शक्ति कायम रहती है और पैदावार में गिरावट नहीं होने पाती। फसल-चक्रण विधि में उर्वरक की भी अधिक आवश्यकता नहीं पड़ती है। केवल खाद से ही काम चल जाता है।

प्रश्न 2. खेतों में खाद तथा उर्वरक का उपयोग क्यों करते हैं ?

उत्तर- चूँकि खाद और उर्वरक फसल के प्रमुख कृत्रिम पोषक तत्व हैं। अत : उपज बढ़ाने की गरज से खेतों में खाद तथा उर्वरक का उपयोग करते हैं।

प्रश्न 3. अन्तराफसलीकरण तथा फसल-चक्र के क्या लाभ हैं?

उत्तर- अन्तराफसलीकरण को अपनाने से खेत में अवस्थित पोषकों का अधिकतम उपयोग हो जाता है। कारण कि हर कतार वाले अलग-अलग पोषकों का अलग-अलग मात्रा में उपयोग करते हैं। इससे किसान को लाभ प्राप्त हो जाता है।

फसल-चक्रण से लाभ यह है कि खेल की उपज-शक्ति बनी रहती है। फसल को अदलबदल कर बोते रहने से विभिन्न प्रकार की फसलें प्राप्त होती रहती है। अनाज फसलों के बाद दलहन या दलहन के बाद तेलहन बोने से किसान लाभ में रहते हैं। ..

प्रश्न 4. आनुसंशिक फेर-बदल क्या है? कृषि प्रणालियों में ये कैसे उपयोगी हैा

उत्तर- आनशिक फेर-बदल से तात्पर्य है संकरण द्वारा दो गुणों वाले वीजों को एक तीसरी ऐच्छिक किस्म को पैदा किया जाता है।

कषि प्रणाली में आनवंशिक फेर-बदल अर्थात संकरण की विधि काफी उपयोगी है। इस विधि को अपनाकर अधिक उपज वाले बीजों का इजाद किया गया है और हमारे ने इसका लाभ भी उठाया है। इसी प्रकार पशु तथा कुक्कुटों में भी संकरण कराकर पनि गुणों वाले दुधारू पशु तथा अधिक अंडा या मांस देने वाले कुक्कुटों का विकास हुआ है। (मिश्रित कृषि)

प्रश्न 5. भंडार गृहों (गोदामों) में अनाज की हानि कैसे होती है ?

उत्तर- भंडार गृहों (गोदामों) में अनेक पीड़कों द्वारा अनाज को अन्दर-ही-अन्दर खोखला बनया दिया जाता है, जिससे वे उपयोग के लायक नहीं रहते। उन पीड़कों के नाम हैं : (i) कृतक. (ii) कवक. (iii) चिंचड़ी तथा (iv) जीवाणु। ये जैव कारक हैं। अजैव कारकों में नमी तथा ताप हैं जो भंडार गृहों में अनाज की हानि पहुँचाते हैं । वास्तव में गोदाम में एक निश्चित तापमान का बना रहना आवश्यक है। उसी प्रकार ही नमी की भी एक सीमा होती है।

प्रश्न 6. किसानों के लिए पशुपालन प्रणालियाँ केसे लाभदायक हैं ?

उत्तर- किसानों के लिए पशुपालन प्रणालियाँ इसलिए लाभदायक हैं, कारण कि चाहे जो भी प्रणाली अपनाएँ. किसान को लाभ ही लाभ हैं। किसान अन्नोत्पादन के अलावा आय का एक अन्य जरिया प्राप्त हो जाता है। घर के बच्चों-बूढ़ों को दूध और घी आदि भी प्राप्त हो जाते हैं। पशुओं की संतति भी आगे गाय या बैल बनकर किसान की सेवा करते हैं। खेतों के लिए खाद भी उपलब्ध हो जाता है। इस प्रकार किसानों को लाभ-ही-लाभ रहता है।

प्रश्न 7. पशुपालन के क्या लाभ हैं?

उत्तर पशुपालन के अनेक लाभ हैं : दूध, दही, घी, मांस, चमड़ा आदि की प्राप्ति होती है। अब तो अधिक गाय, भैंस तथा बकरियों को एक साथ पाल कर बड़े-बड़े डेयरी भी चलाए जा रहे हैं। शहरों में वहीं से दूध की आपूर्ति होती है।

प्रश्न 8. उत्पादन बढ़ाने के लिए कुक्कुटपालन, मत्स्यपालन तथा मधुमक्खी पालन में समानताएँ क्या हैं ?

उत्तर- उत्पादन बढ़ाने के लिए कक्कुट पालन, मत्स्यपालन तथा मधुमक्खी पालन में समानता है कि तीनों से संकरण विधि अपनाकर चयनित किस्म के उत्पाद प्राप्त करते हैं। तीनों ही के उत्पादन में कोई विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं है। कोई विशेष पूँजी भी नहीं लगानी पड़ती। यदि आवश्यकता पड़ती है तो बैंक पूँजी का प्रबंध कर देता है। .

प्रश्न 9. प्रग्रहण मत्स्यन, मेरीकल्चर तथा जलसंवर्धन में क्या अंतर है ?

उत्तर- प्रग्रहण मत्यन, मेरीकल्चर तथा जल संवर्धन में निम्नलिखित अन्तर हैं :

प्रग्रहण मत्स्यन अंत:स्थलीय क्षेत्रों के तालाबों, धान के खेतों, गढ़ो या नदियों में मछली पकड़ने को प्रग्रहण मत्स्यन कहते हैं।

मेरीकल्चर- समुद्र में मछलियों की संख्या बढ़ाने हेतु किए गए उपायों और वहाँ से मछल पकड़ने को मेरी कल्चर कहते हैं।

जलसंवर्धन- अंत:स्थलीय क्षेत्रों से जो भी मछलियाँ पकडी जाती हैं वे उन क्षेत्रों में है अधिक मिलती हैं जहाँ जल संवर्धन कर जल को एकत्र किया जाता है या जल को बचाक’ रखा जाता है।

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BSEB Class 9th Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक संपदा

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प्रश्न 1. जीवन के लिए वायुमंडल क्यों आवश्यक है ?

उत्तर जीवन के लिए वायुमंडल इसलिए आवश्यक है क्योंकि वायुमंडल ही पृथ्वी पर तापमान को संतुलित बनाए रखता है। ज़ाड़ा, गर्मी और बरसात जैसे मौसम वायुमंडल के कारण ही संभव हो पाते हैं। वायुमंडल ही वह कारक हे, जिससे पृथ्वी पर न तो अचानक ताप में वृद्धि हो पाती है और न अचानक तापमान नीचे गिर पाता है। वायुमंडल पृथ्वीवासियों के जीवन का कवच है।

प्रश्न 2. जीवन के लिए जल क्यों अनिवार्य है ?

उत्तर- कोशिकीय जीवों के अन्त:कोशिकीय कार्य जल के माध्यम से ही पूर्ण हो पाते हैं। इस कार्य के लिए जन्तु और पादप दोनों को जल की आवश्यकता पड़ती है। मनुष्य या पशु जल को पीकर अपनी आवश्यकता की पूर्ति कर लेते हैं, लेकिन पादप अपनी जड़ों द्वारा जल को खींचकर पूरे धड़ और पत्तियों तक पहुँचाते हैं। यदि शरीर में जल की कमी हो जाय तो वह व्यक्ति मर भी सकता है। इसी कारण अस्पतालों में नसों द्वारा पानी चढ़ाकर जल की आपूर्ति की जाती है और जीवन को बचाया जाता है।

प्रश्न 3. जीवित प्राणी मृदा पर कैसे निर्भर हैं? क्या जल में रहने वाले जीव संपदा के रूप में मृदा से पूरी तरह स्वतंत्र है?

उत्तर जीवित प्राणी मृदा पर इस प्रकार निर्भर है कि सभी को भोजन की आवश्यकता है और भोजन का एकमात्र साधन है वनसति । मृदा के विना वनस्पति की कल्पना भी नहीं की जा सकती। मांसाहारी जीव भी शाकाहारी जीवों को खाते हैं। इस प्रकार मृदा नहीं रहे तो वनस्पति नहीं रहेगी, वनस्पति नहीं रहेगी तो शाकाहारियों का जीवन असंभव हो जाएगा और शाकाहारी जीव नही रहें तो मांसाहारी भी भूखों मर जायें। इस प्रकार हम देखते हैं कि अन्न हो या फल या मांस सभी मृदा पर ही निर्भर हैं।

जल-जीव सम्पदा मृदा से पूरी तरह स्वतंत्र नहीं हैं। उन्हें भी जो भोजन प्राप्त होता है वह सब मृदा से सम्बद्ध रहता है। सागर की तलहटी में जो घासें पाई जाती हैं और जिन्हें मछलियाँ खाती हैं, वे मृदा से संबंधित हैं। नदियों द्वारा सागर में पहुँचे जल में अनेक सूक्ष्म पोषकतत्व होते हैं, जो जलजीवों के आहार हैं। कई अन्य कारणों से भी जल-जीव संपदा मृदा पर आधारित हैा

प्रश्न 4. आपने टेलीविज़न पर और समाचार-पत्र में मौसम-संबंधी रिपोर्ट को देखा होगा। आप क्या सोचते हैं कि हम मौसम के पूर्वानुमान में सक्षम हैं?

उत्तर वायु की दिशा, दशा, दाब, ताप और गति को देखकर मौसम का पूर्वानुमान किया जाता है। तापमान भी इस कार्य में सहायक बनता है। आज जो वैज्ञानिक इसी कार्य में लगे रहते हैं और अनुमान की घोषणा करते हैं—कभी-कभी गलत भी साबित हो जाता है। यह सोचना कि मौसम के पूर्वानुमान में मनुष्य पूर्णत: सक्षम है, सही नहीं है। हाँ; इतना ही कह सकते हैं कि इस कार्य के लिए मनुष्य बहुत हद तक सक्षम है।

प्रश्न 5. हम जानते हैं कि बहुत-सी मानवीय गतिविधियाँ वायु, जल एवं मृदा के प्रदूषणस्तर को बढ़ा रहे हैं। क्या आप सोचते हैं कि इन गतिविधियों को कुछ विशेष क्षेत्रों में सीमित कर देने से प्रदूषण के स्तर को घटाने में सहायता मिलेगी?

उत्तर- नहीं, यह सम्भव नहीं है कि मानवीय गतिविधियाँ को कुछ खास क्षेत्र या क्षेत्र विशेष में सीमित कर देने से प्रदूषण के स्तर को घटाने में सहायता मिलेगी। इसका कारण यह है कि वायु और जल एक स्थान पर स्थिर रहने वाले नहीं हैं। ये सदा बहते रहते हैं। नदियों के , जल के अतिरिक्त भौम जल भी अन्दर-ही-अन्दर अपना स्थान बदलते रहता है। अत: जल और वायु पर मनुष्य का कोई नियंत्रण नहीं है। हाँ, इतना अवश्य है कि यदि हम जंगल आदि में वृद्धि करके वायु प्रदूषण को कम करें तो इसका कुछ प्रभाव अन्य स्थानों पर भी पड़ सकता है। मृदा वर्षा जल से प्रभावित होती है। आजकल अम्लीय वर्षा आम बात हो गई है। अत: वर्षा से सर्वत्र की मृदा प्रदूषित होगी ही। अत : किसी क्षेत्र विशेष में मानवीय गतिविधियों को सीमित कर देने से यह सम्भव नहीं की प्रदूषण का स्तर घट जायगा।

प्रश्न 6. वायु, मृदा तथा जलीय स्रोत की गुणवत्ता को जंगल कैसे प्रभावित करते हैं ?

उत्तर- वायु, मृदा तथा जलीय स्रोतों की गुणवत्ता को जंगल अपनी विशेष प्रक्रियाओं द्वारा प्रभावित करते हैं। विवरण निम्नांकित हैं :

(i) वायु– जंगलों के वृक्ष वायु में ऑक्सीजन-कार्बन डाइऑक्साइड को संतुलित रखने का काम करते हैं। इस प्रकार वे वायु की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं।

(ii) मृदा– जंगल मृदा अपरदन को रोकते हैं। जिस क्षेत्र में जितना ही अधिक जंगल होगे, उस क्षेत्र में उतनी ही कम मृदा का अपरदन होगा।

(iii) जलीय स्रोत– जंगल के वृक्ष अपनी जड़ों से जल को सोखते रहते हैं। इस प्रक्रम द्वारा भौम जल स्तर नीचे नहीं भागने पाता । वृक्षों के पत्ते अपने द्वारा जल को हवा में फैलाते हैं, जिससे ठंडा होकर वादल आकर्षित होते हैं और वर्षा होती है। इस प्रकार जंगल जलीय स्रोतों को भी प्रभावित करते हैं।

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BSEB Class 9th Science Solutions Chapter 13 हम बिमार क्‍येा होते है

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प्रश्न 1. पिछले एक वर्ष में आप कितनी बार बीमार हुए ? बीमारी क्या थी? (a) इन बीमारियों को हटाने के लिए आप अपनी दिनचर्या में क्या परिवर्तन करेंगे? (b) इन बीमारियों से बचने के लिए आप अपने पास-पड़ोस में क्या परिवर्तन करना चाहेंगे?

उत्तर मैं पिछले एक वर्ष में तीन बार बीमार पड़ा। बीमारी निम्नलिखित थीं : (i) जुकाम-खाँसी, (ii) पेचिश तथा (iii) फ्लू बुखार |

(a) आदत में परिवर्तन: (i) शरीर और वस्त्रों की सफाई। (ii) मच्छरों की वृद्धि पर रोकना। (iii) कीटनाशक का छिड़काव । (iv) संतुलित आहार तथा शुद्ध पेय जल का उपयोग |

(b) वातावरण में परिवर्तन : (i) कूड़ा-कर्कट का उचित निबटान, (ii) पानी को एकत्र होने से रोकना । (iii) जल-जमाव स्थानों को कूड़े से भर देना, (iv) सामूहिक सफाई पर ध्यान देना।

प्रश्न 2. डॉक्टर/नर्स/स्वास्थ्य कर्मचारी अन्य व्यक्तियों की अपेक्षा रोगियों के संपर्क में अधिक रहते हैं। पता कीजिए कि वे अपने-आपको बीमार होने से कैसे बचाते हैं ?

उत्तरडॉक्टर/नर्स या स्वास्थ्य कर्मचारी अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक रोगियों के सम्पर्क में रहते हैं। अपनी सुरक्षा के लिए कुछ सावधानी बरतते हैं—(i) मरीज देखने के बाद वे हाथों को सफाई करते हैं। (ii) रोगी की जाँच के वक्त वे मास्क का उपयोग करते हैं। (iii) रोगो के शारीरिक संपर्क से बचते हैं। (v) रोगी के साथ लैंगिक सम्पर्क से बचते हैं। (vi) रोगी के साथ अधिक उठना-बैठना तथा खाने से दूर रहते हैं। (vii) वे पुष्टिकारक आहार लेते हैं।

प्रश्न 3. अपने पास-पड़ोस में एक सर्वेक्षण कीजिए तया पता लगाइए कि सामान्यत. कौन-सी तीन बीमारियाँ होती हैं? इन बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए अपने स्थानीय प्रशासन को कोई तीन सुझाव दीजिए।

उत्तरसर्वेक्षण के आधार पर हमें ज्ञात हुआ कि यहाँ तीन सामान्य रोग होते हैं :

(i) पेचिश, (ii) मलेरिया, (iii) वायरल बुखार या पीलिया।

इन बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए अपने स्थानीय प्रशासन को हम निम्नलिखित तीन सुझाव देगे :

(i) अगल-बगल के वातावरण एवं पड़ोस को साफ सुथरा रखा जाय। (ii) नालियों तथा सोवर को हमेशा सफाई होती रहे। (iii) मच्छरों को नष्ट करने के उपाय हों।

प्रश्न 4. एक बच्चा अपनी बीमारी के विषय में कुछ नहीं बता पा रहा है। हम कैसे पता करेंगे कि : (a) बच्चा बीमार है? (b) उसे कौन-सी बीमारी है ?

उत्तरबच्चे की डॉक्टरी जाँच कराएँगे। रक्त चाप की जाँच कराएँगे। मूत्र, मल तथा रक्त की जाँच कराएंगे। इससे रोग पकड़ में आ जाएगा और हम समझ जाएँगे कि बच्चा किस बीमारी से पीड़ित है।  

प्रश्न 5. निम्नलिखित किन परिस्थितियों में कोई व्यक्ति पुनः बीमार हो सकता है, और क्यों?

(a) जब वह मेलरिया से ठीक हो रहा है।

(b) वह मलेरिया से ठीक हो चुका है और वह चेचक के रोगी की सेवा कर रहा है।

(c) मलेरिया से ठीक होने के बाद चार दिन उपवास करता है और चेचक के रोगी की सेवा कर रहा है?

 उत्तर– प्रश्न में पूछे गए (c) कारण से व्यक्ति पुन : बीमार पड़ सकता है। कारण कि एक तो मलेरिया रोग से वह अभी-अभी मुक्त हुआ है। इससे उसमें कमजोरी तो बढ़ी ही होगी। दूसरे वह चार दिनों में उपवास पर भी है। इससे वह और भी कमजोर हो गया रहेगा। ऐसी स्थिति में उसके शरीर में रोग-निवारक क्षमता भी समाप्त हो चुकी होगी। अब यदि वह चेचक से ग्रस्त रोगी की सेवा करेगा तो उसके सम्पर्क से बह निश्चय ही पुन : बीमार पड़ जाएगा। इस बार व मलेरिया नहीं, बल्कि चेचक का शिकार होगा।

प्रश्न 6. निम्नलिखित में से किन परिस्थितियों में आप बीमार हो सकते हैं, और क्या।

(a) जब आपकी परीक्षा का समय है?

(b) जब आप बस तया रेलगाड़ी में दो दिन तक यात्रा कर चुके हैं ?

(c) जब आप का मित्र खसरा से पीड़ित है।

उत्तर- हम (c) कारण से बीमार हो सकते हैं। कारण कि खसरा रोग हवा द्वारा फौलाने वाला रोग है। अत: मित्र खसरा से पीडित है और हम उसके सम्पर्क में आते हैं तो निश्‍चय ही हम  भी खसरा रोग से पीड़ित हो जाएंगे।   

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BSEB Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवो में विविधाता

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प्रश्न 1. जीवों के वर्गीकरण से क्या लाभ है ?

उत्तर- जीवों के वर्गीकरण से निम्नांकित लाभ हैं :

(क) भिन्न-भिन्न प्रकार के जन्तुओं का अध्ययन सुगम  बनता है।

(ख) सभी प्रकार के जीवों को एक बार में ही जान लेते हैं।

(ग) सभी जीवों के बीच आपसी सम्बंध का पता चलता है।

(घ) यह अन्य जैविक विज्ञान के विकास में मदद करता है।

प्रश्न 2. वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण के लिए दो लक्षणों में से आप किस लक्षण का चयन करेंगे ?

उत्तर वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण हेतु दिए दो लक्षणों में से हम पहले लक्षण का चयन ‘करेगे। कारण कि पहला लक्षण ऐसे गुणों पर आश्रित होते हैं जो आगे आने वाली वेराइटी को निर्धारित करते हैं।

प्रश्न 3. जीवों के पाँच जगत में वर्गीकरण के आधार की व्याख्या कीजिए।

उत्तर- जीवों के पाँच जगत हैं : (i) मोनेरा, (ii) प्रोटिस्टा, (iii) फँजाई, (iv) प्लांटी तथा (v) एनिमेलिया इनकी व्याख्या निम्नांकित है :

(i) मोनेरा- मोनेरो वर्ग के जीव न तो संगठित होते हैं और न इनमें कोशिकांग होता है। ये बहुकोशिक भी नहीं होते। इनमें से कुछ जीव में कोशिकाभित्ति रहती है और कुछ में नहीं रहती। ये स्वपोषी और विषमपोषी दोनों होते हैं। उदाहरण हैं: (a) सायनोवैक्टीरिया तथा (b) माइकोप्लाज्जा।

(ii) प्रोटिस्टा-प्रोटिस्टा एककोशिक जीव होते हैं । गमन के लिए इनमें सिलिया विकसित रहती है। ये स्वयंपोपी भी होते हैं और विषमपोषी भी। उदाहरणार्थ: (a) डाइएटम तथा (b) प्रोटोजोआ प्रोटिस्टा वर्ग के जीव है।

(iii) फँजाई- फँजाई विषमपोषी जीव होते हैं। ये सड़े-गले पदार्थों से अपना पोषण प्राप्त करते हैं। इस कारण इन्हें मृतजीवी भी कहा जाता है। वास्तव में ये हैं तो एककोशिक, लेकिन आगे चलकर ये बहुकोशिक भी हो जाते हैं। इनमें कोशिकाभित्ति पाई जाती है। (a) यीस्ट और (b) मशरूम इसके उदाहरण हो सकते हैं।

(iv) प्लांटी- प्लांटी जीव कोशिका भित्ति वाले बहुकोशिक जीव होते हैं। ये स्वयंपोषी. हैं। ये प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना पोषण स्वयं कर लेते हैं। अपनी जड़ों द्वारा जल और खनिज भी प्राप्त करते हैं। सभी पौधों को प्लांटी वर्ग में ही रखा गया।

(v) एनिमेलिया- एनिमेलिया वर्ग में ऐसे बहुकोशिक जीव आते हैं, जिनमें कोशिका भित्ति नहीं पायी जाती। इस वर्ग के जीव विषमपोषी होते हैं। इन्हें यूकैरियोटी जीव भी कहा जा सकता है।

प्रश्न 4. पादप जगत के प्रमुख वर्ग कौन है ? इस वर्गीकरण का क्या आधार है?

उत्तरपादप जगत के प्रमुख वर्ग निम्नांकित हैं :

(क) थैलोफाइटा, (ख) बायोफाइटा, (ग) टैरीडोफाइटा, (घ) जिम्नोस्पर्म तथा (ङ) एन्जियोस्पर्म।

वर्गीकरण के आधार :

(क) पौधे में सष्ट अवयव हैं या नहीं हैं।

(ख) क्या पौधे में स्पष्ट अलग ऊतक हैं जो जल तथा भोजन का स्थानान्तरण करते हैं?

(ग) क्या पौधे में वीज है या नहीं है?

(घ) क्या बीज फल से ढंके हैं या नहीं?

प्रश्न 5. जन्तुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अंतर क्या है ?

उत्तर- जन्तु और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अंतर निम्नांकित हैं :

(क) स्पष्ट अवयवों की मौजूदगी

(ख) स्पष्ट स्थानान्तरण ऊतक

(ग) बीज पैदा करने की योग्यता

(घ) बीज फलों से आच्छादित हैं या नहीं

इन बिन्दुओं के अनुसार जन्तुओं को समूहों में नहीं बाँटा जा सकता। जीव शारीरिक बनावट के आधार पर बँटे होते हैं।

प्रश्न 6. वर्टीब्रेटा (कशेरुक प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बाँटने के आधार की व्याख्या कीजिए।

उत्तरवर्टीब्रटा (कशेरुक प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बाँटने के आधार की व्याख्या निम्नलिखित रूप में हो सकती है :

कशेरुक प्राणियों में वास्तविक मेरुदंड और अंत:कंकाल पाए जाते हैं। इसी कारण इन प्राणियों में पेशियों का वितरण असमान ढंग से रहता है। इनके ऊतकों तथा अंगों में जटिल विभेदन पाया जाता है। सभी कशेरुक प्राणियों में नोटोकॉर्ड, मेरुरज्जु, त्रिकोरिक शरीर, युग्मित क्लोम थैली, रक्त से परिपूर्ण देहगुहा पाई जाती है। इन्हीं लक्षणों के आधार पर वटविटा (कशेरुक प्राणी) को पाँच वर्गों में विभाजित किया गया है।

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BSEB Class 9th Science Solutions Chapter 6 ऊतक

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प्रश्न 1. ऊतक को परिभाषित करें।

उत्तर- कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं। इनका निर्माण तो समान रूप से होता है, लेकिन काम अलग-अलग है।

प्रश्न 2. कितने प्रकार के तत्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं ? उनके नाम बताएँ।

उत्तर- चार प्रकार के तत्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं, उनके नाम हैं :

(क) वाहिनिका  (ख) वाहिका  (ग) दारू मृदूतक तथा  (घ) दारू दृढ़ ऊतक।

प्रश्न 3. पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं ?

उत्तर सामान्यतया सरल ऊतक एक ही कोशिका से निर्मित होते हैं, जो एकसमान कार्य करते हैं। जटिल ऊतक अनेक प्रकार की कोशिकाओं से निर्मित होते हैं तथा अनेक प्रकार के जटिल कार्यों को सम्पन्न करते हैं।

प्रश्न 4. रन्ध्र के क्या कार्य हैं?

उत्तर- (i) रन्ध्र गैसों का आदान-प्रदान करते हैं, (ii) ये वाष्पोत्सर्जन द्वारा भाप के रूप में आवश्यकता से अधिक जल को बाहर निकाल देते हैं।

प्रश्न 5. कार्डिक (हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है ?

उत्तर- कार्डिक पेशी विना रुके लगातार सिकुड़ने और फैलने का कार्य करती रहती है और खून को शरीर में प्रसारित करने का कार्य करती है।

प्रश्न 6. निम्नलिखित के नाम लिखें :

(a) ऊतक जो मुँह के भीतरी स्तर का निर्माण करता है।

(b) ऊतक जो मनुष्य में पेशियों को अस्थि से जोड़ता है।

(c) ऊतक जो पौधों में भोजन का संवहन करता है।

(d) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय करता है।

(e) तरल आघात्री सहित संयोजी ऊतक।

(f) मस्तिष्क में स्थित ऊतक।

उत्तर : (a) एपीथीलियम ऊतक, (b) पेशी ऊतक, (c) संवहन ऊतक, (d) वसामय ऊतक, (e) संयोजी ऊतक, (f) तंत्रिका ऊतक।

प्रश्न 7. पैरेन्काइमा ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते हैं।

उत्तरपैरेन्काइमा ऊतक तना, डाली और पत्ती में स्थित होते हैं।

प्रश्न 8. पौधों में एपिडर्मिस की क्या भूमिका है ?

उत्तर- पौधों में एपिडर्मिस वाहरी त्वचा के बिना भीतरी कोशिकीय स्थान में लगातार परत का निर्माण करता है। यह पौधों में प्राय: सभी भागों को सुरक्षा प्रदान करता है।

प्रश्न 9. छाल (कॉर्क) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है?

उत्तर छाल (कार्क) वृक्ष की आयु बढ़ाने का काम करता हैं। यह वृक्षों को बाहरी खतरों से सुरक्षा प्रदान करता है। जल की हानि को रोकता है। इसमें कोशिकाएँ प्रायः मृत पायी जाती हैं, जो बिना जगह घोड़े लगातार परत बनाने का कार्य करती हैं। इस प्रकार छाल वृक्षों को सुरक्षा कवच के रूप में काम करता है।

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