2. जन्तुओ में पोषण
अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न 1. खाली स्थानों को भरिए :
(a) मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि …….. है।
(b) मनुष्य में भोजन का पाचन ……” में शुरू होकर …….. में पूरा होता है।
(c) आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं …… का नोव होता है जो भोजन पर क्रिया करते हैं।
(d) मनुष्य में पोषण के मुख्य चरण …….”, …… …………… और ……. हैं।
(e) अमीबा अपने भोजन को …….. की सहायता से ग्रहण करता है।
उत्तर- (a) यकृत; (b) मुँह, बड़ी आँत; (c) पाचक रस; (d) अंतर्ग्रहण, पाचन, अवशोषण, स्वांगीकरण, निष्कासन; (e) खाद्यधानी ।
प्रश्न 2. सही विकल्प पर सही (/) का चिह्न लगाइए :
(a) कुतरने में सहायता करने वाला दाँत
(i) कृन्तक
(ii) रदनक
(iii) अग्रचर्वणक
(iv) चर्वणक
(b) लार, मंड (स्टार्च) को बदलता है .
(i) माल्टोज
(ii) ग्लूकोज
(iii) सेलुलोज
(iv) लैक्टोज
(c) पित्त रस का स्राव होता है . ..
(i) यकृत
(ii) अग्न्याशय
(iii) आमाशय
(iv) छोटी आँत
(d) वंसा का पूर्णरूपेण पाचन होता है
(i) आमाशय .
(ii) अग्न्याशय
(iii) बड़ी आँत
(iv) छोटी आँत
(e) जल का अवशोषण मुख्यत: होता है
(i) ग्रसिका
(ii) बड़ी आँत
(iii) छोटी आँत
(iv) आमाशय
उत्तर– : (a)-(i), (b)-(ii), (c)-(i), (d)-(iv), (e)-(ii).
प्रश्न 3. सत्य और असत्य कथनों को चिह्नित कीजिए :
(i) आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का, साव होता है।
(ii) पित्त रस से प्रोटीन का पाचन होता है।
(iii) प्रोटीन का पाचन मुख से आरंभ हो जाता है।
(iv) जुगाली करने वाले निगली हुई घास को पुन: अपने मुख में लाकर धीरे-धीरे चबाते हैं।
(v) छोटी आंत में श्लेष्मक स्रावित होता है।
उत्तर– : (i) सत्य, (ii) सत्य, (iii) असत्य, (iv) सत्य, (v) सत्य।
प्रश्न 4. कॉलम ‘A’ के कथनों को मिलान कॉलम ‘B’ से कीजिए :
कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’
कार्बोहाइड्रेट लार ग्रंथि
प्रोटीन पित्ताशय
वसा शर्करा
पित्तरस अमीनो अम्ल
लार वसा अम्ल एवं ग्लिसरौल
उत्तर : कार्बोहाइड्रेट शर्करा
प्रोटीन अमीनो अम्ल
वसा वसा अम्ल एवं ग्लिसरौल
पित्तरस पित्ताशय
लार लार ग्रंथि
प्रश्न 5. आहारनाल के किन भागों द्वारा ये कार्य होते हैं :
(i) भोजन का चबाना ……..
(ii) जीवाणु नष्ट होना …….
(iii) उपयोगी पदार्थों का अवशोषण ……..
(iv) मल का निकास ……….
उत्तर : (i) मुख गुहिका, (ii) उदर, (iii) छोटी आँत, (iv) बड़ी आँत ।
प्रश्न 6. एक शब्द में उत्तर दीजिए :
(i) मानव शरीर में पाया जानेवाला कठोरतम पदार्थ ……
(ii) पचे भोजन का अवशोषण करने वाली अंगुली जैसी संरचनाएँ …..
(iii) घास खाने वाले जन्तुओं में सेलुलोज पाचन का स्थान ……
(iv) अमीबा में भोजन पाचन का स्थान ….
(v) भोजन के अवयवों से उपयोगी पदार्थ संश्लेषण की प्रक्रिया ……..
उत्तर– : (i) दाँतों की ऊपरी परत ‘इनेमल’, (ii) दीर्घरोम या रसांगुल (Villi), (iii) रुमेन (Rumen), (iv) खाद्यधानी, (v) स्वांगीकरण।
प्रश्न 7. कारण बताइए :
(a) मनुष्य में सेलुलोज का पाचन नहीं होता है।
(b) अमीबा के खाद्यधानी में भोजन का पाचन होता है।
(c) वायुनली तथा भोजन नली का संबंध ग्रसनी से है फिर भी भोजन वायुनली में नहीं जाता है।
उत्तर— प्रश्न में आए अंशों के कारण निम्नांकित हैं :
(a) मनुष्य में सेलुलोज का पाचन इस कारण नहीं होता है कि क्योंकि इसके आहारनाल में उन जीवाणुओं का अभाव होता है, जो सेलुलोस को पचाते हैं। ये जीवाणु केवल पशुओं के आहारनाल में होते हैं।
(b) अमीबा के खाद्यधानी में भोजन का पाचन इसलिए होता है क्योंकि उसमें खाद्यधानी के अतिरिक्त कोई पाचनतंत्र नहीं होता।
(c) वायुनली तथा भोजन नली का सम्बंध ग्रसनी से है, फिर भी भोजन वायुनली में इस कारण नहीं जाता क्योंकि वायुनली के ऊपर एक मांसल संरचना होती है, जिसे इपीग्लोटिस कहते हैं। यह वाल्व का काम करता है। जब हम भोजन ग्रहण करते हैं तो यह वाल्व वायुनली को ढंक लेता है, जिससे भोजन वायुनली में नहीं जाता।
प्रश्न 8. छोटी आंत में किन ग्रंथियों के नाव आते हैं। पाचन में उनकी क्या – भूमिका है?
उत्तर- छोटी आँत में यकृत, अग्न्याशय तथा छोटी आंत की दीवारों से स्राव आते – हैं। भोजन में इन नावों की भूमिका है कि यकृत से निकला पित्तरस वसा के पाचन में सहायता करते हैं, अग्न्याशय से निकला नाव अग्न्याशयिक रस प्रोटीन, कार्बोहार और वसा पर क्रिया करता है तथा छोटी आंत की दीवारों से नावित आँत्र रस आणि रूप में पचे हुए भोजन पर क्रिया कर उन्हें पूर्णत: पचा देता है। इस प्रकार हम देखने हैं कि इन ग्रंथियों से निकले नाव की भूमिका है कि ये सभी मिलकर भोजन को अच्छी तरह पचा देते हैं।
प्रश्न 9. ‘अमीबा में पोषण की प्रक्रिया मानव से भिन्न है।‘ कैसे?
उत्तर- मानव में विकसित पाचन तंत्र होता है, जबकि अमीबा में पाचन तंत्र नहीं होता। मानव अपने भोजन को चबाता है लेकिन अमीबा को चबाने का न तो तंत्र है और न उसे चबाने की आवश्यकता पड़ती है। अमीबा अपना भोजन पादाभ से पकड़ता है और खाद्यधानी में उसी के द्वारा निकले नाव से उसी में पचा लेता है।
कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. क्या हम केवल हरी सब्जियाँ/घास का भोजन कर जीवन-निर्वाह कर सकते हैं? चर्चा कीजिए।
उत्तर– सब्जियाँ और घास का भोजन कर जीवन-निर्वाह करने के संबंध में विचार रखते हुए जैसा कि हम वाकिफ है, भोजन में रफेज के मुख्य स्रोत सलाद, साग-सब्जी, तनाओ सहित फल आदि रेशेदार वस्तुएँ हैं। ये पाचन में सहायता करते है तथा कब्ज दूर करते है। मक्के का भुट्टा, गेहूँ का दलिया भी अच्छा रफेज पदार्थ है। इनमें अन्य पोषक तत्त्व भी पाए जाते हैं। अत:, हम हरी सब्जियाँ/घास का भोजन कर जीवन-निर्वाह कर सकते हैं।
प्रश्न 2. किन परिस्थितियों में किसी रोगी को ग्लूकोस की ड्रिप लगाने की आवश्यकता होती है?
उत्तर- निम्नलिखित परिस्थितियों में किसी रोगी को ग्लूकोस की ड्रिप लगाने की आवश्यकता होती है :
(क) यदि रोगी मुँह द्वारा भोजन ग्रहण करने के योग्य नहीं हो।
(ख) यदि रोगी भोजन पचाने में असमर्थ हो ।
(ग) यदि रोगी को शीघ्र ऊर्जा की आवश्यकता हो।
(घ) यदि रोगी का रक्तस्राव अधिक मात्रा में हो चुका हो।
(ङ) यदि रोगी डिहाइड्रेशन के चपेट में आ गया हो।
प्रश्न 3. रोगी की अवस्था के सुधार में ग्लूकोस का क्या योगदान है?
उत्तर- रोगी की अवस्था में सुधार में ग्लूकोस का योगदान है कि यह उसे शीघ्र शक्ति प्रदान करता है। जल की कमी को दूर करता है । रक्त बनाने में मदद करता है।
प्रश्न 4. हमारे आहार में विटामिन की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर— विटामिन वैसे रासायनिक पदार्थ हैं, जो विभिन्न स्रोतों से हमारे शरीर में पहुँचकर हमें स्वस्थ रखने में सहायता करते हैं। विटामिन A, B, C, D इत्यादि अनेक प्रकार के होते हैं और अपना अलग-अलग उत्तरदायित्व निभाते हैं।
(i) विटामिन हमें विभिन्न रोगों से बचाते हैं।
(ii) शरीर के समुचित संचालन में इनका विशेष महत्त्व है।
प्रश्न 5. विटामिन प्राप्त करने के लिए हमें किन फलों एवं सब्जियों का नियमित उपयोग करना चाहिए?
उत्तर- विटामिन प्राप्त करने के लिए हमें फलों में केला, अमरूद, सेब, संतरा, कागजी नींबू और ऐसे ही अनेक फलों का सेवन करना चाहिए। सब्जियों में फूलगोभी, पत्तागोभी, लाल साग, पालक आदि विभिन्न मौसमी सब्जियों का उपयोग करना चाहिए।
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