इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 7 हिन्दी के कहानी पाठ चार ‘ Dani per ( दानी पेड़ )’ के सारांश को पढ़ेंगे।
4 दानी पेड़
पाठ का सारांश-प्रस्तुत पाठ ‘दानी पेड़ में एक पेड़ के त्याग एवं महानता का वर्णन किया गया है। पेड़ अपना सब कुछ खो चुकने के बाद भी खश है क्योंकि उसने जीवन का सही उपयोग किया है, जबकि सख-भोगी मानव जीवन के अन्तिम पड़ाव तक दुःखी ही रहता है। कहानी में इसी मर्म को उद्घाटित किया गया है।
एक पेड़ था। वह एक छोटे लड़के को बहुत प्यार करता था। लड़का भी नित्य उस पेड़ के पास आता। फूलों की माला बनाता, उसका फल खाता, उसकी डालियों से झूलता और थक जाने पर उसी पेड़ की छाया में सो जाता था । लड़के की इन क्रीड़ाओं से पेड़ काफी खुश रहता था।
लड़का जवान हो गया। वह अब पेड़ पर खेलने नहीं आता। फलत: पेड़ दु:खी रहने लगा। एक दिन लड़का उस पेड़ के पास आया तो उसे देखकर पेड़ खुश हो गया। लड़के ने पेड़ से कुछ पैसे की याचना की तो पेड़ ने कहा- “तुम मेरे फल तोड़ लो और उन्हें बाजार में बेच दो। इससे तुम्हें पैसे मिल जाएँगे।” Dani per class 7 Saransh in Hindi
पेड़ काफी खुश था, क्योंकि उसने लड़के की जरूरत पूरी की थी। कई साल के बाद लड़का फिर उस पेड़ के पास आया। उसने कहा-मेरी शादी होने वाली है, इसलिए मझे घर की जरूरत है। पेड़ ने घर के लिए अपनी डालियाँ काटकर ले जाने को कहा। युवक सभी शाखाओं को काटकर ले गया। पेड़ का मात्र तना बचा रह गया था, फिर भी वह खुश था।
लड़का पुन: उस पेड़ के पास तब आया, जब वह अधेड़ उम्र का आदमी बन गया था। उसे मछली पकड़ने के लिए एक नाव की जरूरत थी। उसने पेड़ से एक नाव की याचना की तो पेड़ ने अपना तना उसे नाव बनाने के लिए दे दिया। पेड़ लूंठ बचा था, फिर भी वह काफी खुश था, क्योंकि उसने अपने शरीर को दूसरों के उपकार में अर्पित कर दिया था।
इस प्रकार कई साल बीत गए । एक दिन एक बूढ़ा आदमी उस के लूंठ के पास आया, जिसे ढूंठ ने पहचान लिया कि यह वही छोटा लड़का है। पेड़ उसे देखकर बहुत खुश हुआ। इसी खुशी के आवेग में उसने कहा-बेटा, मैं तुम्हें कुछ देना चाहता था, किंतु मैं तो अब ढूंठ हूँ। बूढ़े ने कहा-मैं बहुत थक गया हूँ। मुझे आराम के लिए कुछ जगह चाहिए। पेड़ ने उसे अपनी लूंठ पर आराम करने की सलाह दी। बूढ़ा वहीं शांतिपूर्वक आराम करने लगा। पेड़ अब भी बहुत खुश था।
तात्पर्य यह कि महापुरुष अपना सर्वस्व त्याग करने के बाद भी पेड़ की भाँति खश ही रहते हैं। जबकि स्वार्थी व्यक्ति जीवनपर्यन्त अशांत एवं असंतुष्ट रहते हैं। Dani per class 7 Saransh in Hindi
Read more- Click here
Watch Video – Click here
मैं एक शिक्षक हूं