BSEB Class 8th Political Science Ch 2.धर्मनिरपेक्षता और मौलिक अधिकार | Dharmnirpeksh Aur Maulik Adhikar Notes

BSEB Bihar Board Social Science Book Solutions Chapter 2. Dharmnirpeksh Aur Maulik Adhikar Notes Class 8th Solutions, Dharmnirpeksh Aur Maulik Adhikar MCQ Questions. 

Dharmnirpeksh Aur Maulik Adhikar MCQ

2.धर्मनिरपेक्षता और मौलिक अधिकार

पाठ के अंदर आए प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. क्या आपको लगता है कि हमारे देश में लोगों को अपने धर्म को मानने व उसका प्रसार करने की छूट दी गई है ? (पृ॰ 16 )

उत्तर – हाँ, मुझे लगता है कि हमारे देश में लोगों को अपने धर्म को मानने, उसके अनुसार आचरण करने और उसका प्रचार -प्रसार करने की छूट दी गई है।

(पृष्ठ  –17 )

प्रश्न 1. भारत में मुख्य तौर पर किन -किन धर्मों के लोग रहते हैं ?

उत्तर – भारत में मुख्य तौर पर हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई, बौद्ध और जैन तथा पारसी धर्म के लोग रहते हैं ।

प्रश्न 2. भारत के संविधान निर्माताओं के सामने कानून बनाते समय धर्म सम्बंधित क्या चुनौतियाँ थीं?

उत्तर – भारत के संविधान निर्माताओं के सामने ये चुनौतियाँ थीं कि इस धर्म बहुल देश में कैसा संविधान वनाया जाय कि सभी तुष्ट भाव से मिलजुलकर रहें । धर्म के नाम पर ही देश के टुकड़े हुए थे और लाखों लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी थी। करोड़ों को निर्धन और निराश्रय होकर अपनी जन्मभूमि छोड़नी पड़ी थी। उस अग्नि को भी शांत करना था। इन्हीं बातों को सोचकर भारत को धर्मनिरपेक्ष देश घोषित करना पड़ा था।

प्रश्न 3. भारत में लोगों के बीच किस तरह की भिन्नताएँ पाई जाती हैं?

उत्तर-भारत एक इतना बड़ा देश है कि यहाँ पर विभिन्न जलवायु के क्षेत्र पाये जाते हैं । जलवायु के अनुसार ही यहाँ के लोगों में भोजन, पहनावा और भाषा आदि की भिन्नताएँ पाई जाती हैं। क्षेत्रवार लोगों के भोजन, पहनावा और रहन -सहन में भिन्नता पाई जाती है। पंजाब और बंगाल के खान -पान में भारी भिन्नता है। साथ ही पहनावा में भी भिन्नता है I

(पृष्ठ  –18 )

प्रश्न 1. एक उदाहरण देकर धर्मनिरपेक्षता का मतलब समझाइए ।

उत्तर – धर्मनिरपेक्षता का मतलब है कि सभी धर्म के लोग परस्पर मिलजुलकर रहें। सबसे बड़ा उदाहरण तो यही है कि भारत में अनेक धर्म के लोग सदियों से मिल-जुलकर रहते आये हैं । भारत का पहला मस्जिद केरल के एक हिन्दू राजा ने बनवाया था ।

प्रश्न 2. एक सरकारी कार्यालय का स्वागत कक्ष किसी एक धर्म की तस्वीरों से सजाया गया है। क्या यह तथ्य धर्मनिरपेक्षता के किसी पहलू का उल्लंघन है ? कारण सहित समझाइए ।

उत्तर – किसी सरकारी कार्यालय के किसी भी भाग में किसी धर्म से सम्बद्ध तस्वीर का रखना सरासर धर्मनिरपेक्षता कानून की अवहेलना है । ऐसा जिसने किया होगा उस अधिकारी को सजा देनी पड़ेगी ।

प्रश्न 3. भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है । फिर भी यहाँ कुछ धर्मों के लोगों को विशेष रियायतें क्यों दी गई हैं?

उत्तर – यह सही है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और संविधान बनाने वालों ने भी यह ध्यान रखा कि यहाँ धर्मनिरपेक्ष और सबों में बराबरी बनी रहे । लेकिन हिन्दू धर्म में कुछ ऐसे दलित लोग थे जिन्हें सदियों से सताया जाते आया गया था । उनको बराबरी पर लाने के लिए मात्र 20 वर्षों के लिए आरक्षण की सुविधा दी गई, जो हनुमानजी की पूँछ की तरह बढ़ाते  – बढ़ाते अभी भी जारी है। हिन्दू धर्म के अलावा कोई ऐसा धर्म नहीं है, जिसमें गैरबराबरी हो । हिन्दू धर्म के अलावा सभी धर्मों में सभी लोगों को बराबर का हक है। उनमें न तो कोई नीचा है और न कोई ऊँचा । इसी कारण संविधान निर्माताओं ने आरक्षण में हिन्दू के अलावे किसी अन्य धर्म वालों को आरक्षण में नहीं रखा। लेकिन वोट लोलुप कुछ नेताओं ने O.B.C. के कोटे से काटकर कुछ प्रतिशत अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को आरक्षण देने का सगूफा छेड़ा है। इतना ही नहीं सरकारी पक्ष ने जहाँ 4.5% कोटा देने की बात कही तो कोई नेता 10% तो कोई 18% तक की बात उड़ाने लगा। अल्पसंख्यक का अर्थ केवल मुसलमान नहीं होता है, जबकि अल्पसंख्यक में सिक्ख, इसाई, पारसी, बौद्ध, जैन, यहूदी आदि अनेक धर्म आते हैं उस प्रतिशत में सभी को वाँटना पड़ेगा। लेकिन मुसलमान समझते हैं या उन्हें समझाया जाता है कि अल्पसंख्यक का अर्थ केवल मुसलमान ही होता है । संविधान निर्माताओं ने धर्म का आधार नहीं रखा और न अभी है। चाहे 4.5% हो या 10% या 18% यह सव हवा में है—कार्य रूप में नहीं। यह धोखा और पाखंड है।

Dharmnirpeksh Aur Maulik Adhikar MCQ

( पृष्ठ  –21 )

प्रश्न 1. समता के मौलिक अधिकार में समता के किन -किन बिन्दुओं को शामिल किया गया है ?

उत्तर – समता के मौलिक अधिकार में समता के निम्नलिखित विन्दुओं को शामिल किया गया है :

(क) धर्म, जाति या लिंग के आधार पर सभी समान हैं 1

(ख) खेल के मैदान, होटल, दुकान आदि स्थानों पर सभी बरावर समो

जाएँगे ।

(ग) रोजगार के अवसरों में सबको समान समझा जाएगा। (योग्यतानुसार) (घ) छुआछूत की वात को पूर्णतः गैर कानूनी माना गया है ।

प्रश्न 2. आप नीचे लिखी बातों में से कौन -कौन सी बातों को समता के अधिकार का हनन मानेंगे? चर्चा कीजिए ।

(क) आप किराए पर मकान लेना चाहते हैं और मकान मालिक आपकी जाति और धर्म जानना चाहते हैं ।

(ख) कुछ समुदायों को गाँव के भीतर नहीं बल्कि गाँव के बाहर घर बनाने को कहा जाता है ?

(ग) कुछ समुदाय के सदस्य कई पूजा स्थानों पर इसलिए नहीं जाते, क्योंकि उन्हें डर है कि उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाएगा या मारा -पीटा जाएगा।

उत्तर – तीनों विन्दु समता के अधिकार का हनन हैं ।

प्रश्न 3. मजदूरों के संगठन क्यों बनाये जाते हैं ?

उत्तर – मजदूरों के संगठन इसलिए बनाए जाते हैं ताकि मिल मालिक उनके साथ शोषण का व्यवहार नहीं करें। उनको उचित वेतन समय पर मिला करे ।

प्रश्न 4. लोग देश के विभिन्न भागों में जाकर क्यों रहना चाहते हैं ?

उत्तर – रोजगार के अवसर प्राप्त होने के कारण लोग देश के विभिन्न भागों में रहना चाहते हैं ।

प्रश्न 5. लोग वंधुआ मजदूर क्यों बनते हैं ?

उत्तर – कुछ लोगों को आर्थिक मजबूरी और महाजनों की मक्कारी के कारण लोग बंधुआ मजदूर बन जाते हैं । होता यह है कि अपनी किसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए कोई गरीब किसी महाजन से कर्ज लेता है महाजन मनमाना व्याज (चक्रवृद्धि) जोड़ते जाता है और इतनी रकम हो जाती है, जिसे कर्ज लेने वाला देने में असमर्थ हो जाता है तो उसे केवल भोजन देकर काम कराया जाता है । उसे दिन -रात महाजन के चंगुल में आजीवन फँसा रहना पड़ता है। यही है बंधुआ मजदूर बनने का कारण बौर मजबूरी ।,

प्रश्न 6. किन परिस्थितियों में किसी धार्मिक समुदाय की स्वतंत्रता पर सरकार कानून बनाकर रोक लगा सकती है ?

उत्तर—हिंसा की आशंका पर किसी धार्मिक समुदाय की स्वतंत्रता पर सरकार अस्थायी रोक लगा सकती है। इसके लिए मात्र जिलाधीश का आदेश ही काफी है। कानून बनाना आवश्यक नहीं, बल्कि सरकार कानून बना ही नहीं सकती ।

प्रश्न 7. गरीबी के कारण कम मजदूरी पर काम करने के लिए मजबूर होने और बेगार में क्या अंतर है ?

उत्तर – कम मजदूरी पर काम कराना मजदूर का शोषण है, जबकि बिना कुछ मजदूरी दिए काम कराना बेगारी है। ये दोनों का काम कोई बाहुबली लंठ ही कर सकता है । सामान्य व्यक्ति ऐसा करने का सोच भी नहीं सकता ।

Dharmnirpeksh Aur Maulik Adhikar MCQ

(पृष्ठ  –22 )

प्रश्न 1. संविधान में आरक्षण क्यों और किसके लिए रखा गया है ? क्या यह समानता के सिद्धांत के विरुद्ध नहीं है ? कारण सहित समझाइए ।

उत्तर – संविधान में आरक्षण उन लोगों के लिए रखा गया था जिन्हें सामाजिक तौर पर नीच समझा जाता था। उन्हें गाँव के बाहर झोपड़ी बनाकर रहना पड़ता था। उनसे बदन छू जाना धार्मिक पाप समझा जाता था । उन्हें मैला उठाना और जूठन खाना पड़ता था उन्हीं को संविधान में आरक्षण दिया गया। यह समानता के सिद्धांत के विरुद्ध नहीं है । शुरू में यह मात्र 20 वर्षों के लिए था लेकिन बार -बार उसे बढ़ाया जा रहा है, यही गलत है । अब बहुत हुआ। आरक्षण बन्द होना चाहिए। यदि देना ही है तो अब आर्थिक आधार बनाया जाय। केवल गरीबों को ही आरक्षण मिले, चाहे वे किसी जाति या किसी धर्म के हों।

प्रश्न 2. समता के ऐसे दो प्रावधानों के बारे में बताइए धर्मनिरपेक्षता के महत्व की झलक दिखती है।

उत्तर – किसी भी होटल में सबके साथ बैठकर भोजन करना तथा रेल गाड़ी में एक साथ अगल -बगल में बैठना —ये दो बातें ऐसी हैं, जिनमें धर्मनिरपेक्षता के महत्व की झलक दिखती है।

प्रश्न 1. नीचे लिखी तालिका को शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से पूरा करें ।

Bhartiya Samvidhan mcq questions

(पृष्ठ  –25 )

प्रश्न 1. अल्पसंख्यकों को अपनी संस्कृति व शिक्षा के प्रचार -प्रसार के लिए कौन -कौन से अधिकार दिए गए हैं?

उत्तर – अल्पसंख्यकों को संस्कृति के प्रसार -प्रचार के लिए छूट है कि अपने किसी धार्मिक इतिहास पर आधारित नाटक का मंचन कर सकते हैं, कोई सिनेमा बना सकते हैं और देख सकते हैं ।

अल्पसंख्यकों को धार्मिक स्वतंत्रता है कि वे अपने किसी धार्मिक अनुष्ठान कर सकते हैं। बिना हथियार जुलूस निकाल सकते हैं।

प्रश्न 2. अल्पसंख्यकों को दिए गए संस्कृति व शिक्षा के अधिकार से धर्मनिरपेक्षता कैसे मजबूत होगी? उदाहरण देकर समझाइए ।

उत्तर – अल्पसंख्यक अपना सांस्कृतिक विकास कर अपने समाज का उत्थान कर सकते हैं । सांस्कृतिक उत्थान से वे लोग आपसी एकता का प्रदर्शन कर अपनी एकता को बनाए रख सकते हैं। इसी प्रकार शिक्षा के अधिकार से उनको अपने विद्यालय खोलने, उन्हें संचालित करने और अपने नियमों के आधार पर संचालित करने का अधिकार है। इस प्रकार हम देखते हैं कि अल्पसंख्यकों को दिए गए संस्कृति व शिक्षा के अधिकार से धर्मनिरपेक्षता मजबूत होगी।

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. भारत में धर्मनिरपेक्षता की आवश्यकता क्यों है? अपने शब्दों में समझाइए ।

उत्तर – भारत में धर्मनिरपेक्षता की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि भारत एक वहुधार्मिक देश है । यहाँ हिन्दुओं के अलावा अनेक ऐसे धर्म हैं जो संख्या में अल्प हैं। चूँकि वे संख्या में कम हैं तो हो सकता है कि उनपर धार्मिक अत्याचार हो । वे निशंक होकर अपना धार्मिक व्यवहार कर सकें इसलिए यहाँ धर्मनिरपेक्षता अति आवश्यक है

प्रश्न 2. धर्मनिरपेक्षता में मुख्य रूप से कौन -कौन सी बातें शामिल हैं?

उत्तर – (क) धर्म के नाम पर किसी को दबाया नहीं जाएगा।

(ख) किसी भी धर्म का व्यक्ति किसी भी अन्य धर्म को अपना सकता है ।

(ग) सभी धर्म के लोगों को समानरूप से शिक्षा प्राप्ति का अधिकार है ।

(घ) राज्य की नजर में सभी धर्म समान हैं ।

(ङ) किसी भी धार्मिक प्रतीक को सरकारी कार्यालयों में नहीं रखा जाएगा 

प्रश्न 3. आपके विचार में भारत में धर्मनिरपेक्षता को लागू करने के लिए कौन -सा मौलिक अधिकार शामिल है और क्यों ?

उत्तर – मेरे विचार से धर्मनिरपेक्षता को लागू करने के लिए ‘धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार’ नामक मौलिक अधिकार शामिल हैं। वह इसलिए कि प्रत्येक नागरिक अपने धर्म के अनुसार आचरण कर सके । कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से कोई धर्म अपना सके । वह अपने धर्म के प्रचार -प्रसार के लिए स्वतंत्र रहे।

प्रश्न 4. अगर किसी धर्म के लोग मानते हैं कि नवजात शिशुओं की हत्या करना उनके धर्म का जरूरी हिस्सा है, तो सरकार को ऐसी परम्पराओं को रोकने के लिए दखल देना चाहिए कि नहीं ? कारण सहित समझाइए ।

उत्तर – हाँ, नवजात शिशुओं की हत्या को सरकार नहीं होने देगी, चाहे कोई कितना भी धर्म की दुहाई दे। ऐसे कुकर्म को रोकने के लिए सरकार को दखल देना ही चाहिए। नवजात की हत्या हो या बूढ़े और बीमार की हत्या हो, हत्या हत्या है । कोई भी धर्म इसकी इजाजत नहीं देता और सरकार तो और भी नहीं ।

प्रश्न 5. नीचे दिए गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

कई स्थानों पर हो रहे सांप्रदायिक दंगों के डर से एक गाँव की महिलाओं का समूह पुलिस थाने में गया। वे एक लिखित शिकायत दर्ज करवाना चाहती थीं और रहने के लिए एक सुरक्षित जगह या पुलिस की हिफाजत चाहती थीं। थानेदार जो कि दूसरे धार्मिक संप्रदाय का था, उन महिलाओं की प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखने से इंकार कर दिया। पुलिस ने उनको जरुरी सुरक्षा तक नहीं दी। दूसरे दिन दंगाई भीड़ ने इन महिलाओं के घरों को जला दिया ।

प्रश्न 1. थानेदार ने धर्मनिरपेक्षता के मूल्य का पालन किया है या नहीं? अपने शब्दों में लिखिए ।

उत्तर – यहाँ हम देखते हैं कि थानेदार ने धर्मनिरपेक्षता का पालन नहीं किया । थानेदार को तो पहले ‘प्राथमिक सूचना रिपोर्ट’ (F.I.R.) दर्ज करना चाहिए था और उन महिलाओं के मुहल्ले में सुरक्षा का प्रबंध करना चाहिए था ।

प्रश्न 2. गद्यांश में दी गई परिस्थिति में एक धर्मनिरपेक्ष राज्य को क्या करना चाहिए ।

उत्तर – धर्मनिरपेक्ष राज्य को चाहिए कि कोई भी अल्पसंख्यक वर्ग का व्यक्ति को डर है कि मुझे मार दिया जाएगा तो प्रशासन को तुरत सुरक्षा का प्रबंध करना चाहिए ।

प्रश्न 3. दंगे में महिलाओं का असुरक्षित महसूस करना किस बात की ओर इशारा करता है ?

उत्तर – दंगों में महिलाएँ अपने को इसलिए असुरक्षित महसूस करती हैं कि वे किसी से लड़ाई -झगड़ा नहीं कर सकतीं। दंगाई लोग गुंडे होते हैं, वे महिलाओं को किसी प्रकार भी तंग कर सकते हैं, छेड़ सकते हैं और यहाँ तक कि महिलाओं से बलात्कार तक कर सकते हैं। 1946 के दंगे में यह सब देखा भी गया है ।

कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. धर्मनिरपेक्षता क्या है ?

उत्तर – धर्म को राज्य से अलग रखने की अवधारणा को ‘धर्मनिरपेक्षता’ कहते हैं ।

प्रश्न 2. वह कौन -सा अहम कारण है, जिसके चलते लोकतांत्रिक समाजों में राज्य और धर्म को अलग -अलग रखना महत्त्वपूर्ण माना जाता है ?

उत्तर – बहुमत की निरंकुशता और उसके कारण मौलिक अधिकारों का हनन वह अहम कारण है, जिसके चलते लोकतांत्रिक समाजों में राज्य और धर्म को अलग -अलग रखना महत्वपूर्ण माना जाता है ।

प्रश्न 3. धार्मिक वर्चस्व को रोकने के लिए तीन राजकीय तरीके कौन -कौन हैं?

उत्तर – धार्मिक : वर्चस्व को रोकने के लिए तीन राजकीय तरीके निम्नलिखित हैं :

(i) पहला तरीका यह है कि राज्य स्वयं को धर्म से अलग रखे ।

(ii) दूसरा तरीका है अहस्तक्षेप की नीति को अपनाना ।

(iii) तीसरा तरीका हस्तक्षेप करने का भी है।

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