इस लेख में बिहार बोर्ड कक्षा 9 इतिहास के पाठ 3 ‘फ्रांस की क्रांति (France ki kranti class 9th History Notes)’ के नोट्स को पढ़ेंगे।
3. फ्रांस की क्रांति
लघु उत्तरीय प्रश्न:
1. फ्रांस की क्रांति के राजनैतिक कारण क्या थे?
उत्तर-(1) निरंकुश एवं आयोग्य शासन
(2) 175 वर्षो तक संसद की एक भी बैठक नहीं बुलाई गई
(3) स्वायत शासन का अभाव
(4) मेरी अंन्तोयनेत का प्रभाव जो बहुत फिजुलखर्ची थी
(5) सप्तवर्षीय युद्ध में अमेरिकीयों की मदद में काफी खर्च हुआ जो इसकी पूर्ति के लिए किसानो पर अधिक कर लगाया गया जिसका भारी विद्रोह हुआ।
2. फ्रांस की क्रांति के सामाजिक कारण क्या थे?
उत्तर-फ्रांस का समाज तीन भागो में बटा था प्रथम एस्टेट में पादरी लोग दूसरे एस्टेट में कुलीन इन लोगों को राजा का समर्थन प्राप्त थ। तिसरे वर्ग में आम लोग छोटे किसान नौकर एवं मजदूर जिसकी स्थिति अन्यंत दयनीय थी इनलोगों को राजनैतिक अधिकार प्राप्त नहीं था समाजिक असमानता भी मौजूद थी। इसमें किसानों की स्थिति अन्यंत दयनीय थी।
3. फ्रांस की क्रांति के आर्थिक कारणों पर प्रकाश डालें।
उत्तर- (1) पूँजीपतियों द्वारा असामान कर वसुलते थे
(2) किसान ,मजदूर इन लोगो पर भूमिकर , धार्मिक कर और अन्य समांती कर का बोझ था।
(3) बेरोजगारी की समस्या का सामान किसान, मजदूर को करना पड़ता था और राजकोष के घाटे के लिए उनपर कई प्रकार के कर लगाया जाता था।
(4) गिल्ड की पाबन्दी, शहरो के व्यापार सम्बंधित नीयम, प्रान्तीय आयात कर सामन्तवादी और व्यापार पर कर लगाए गऐ थे और मेरी अंतोयानेत की फिजुलखर्जी आर्थिक व्यवस्था में बाधा उत्तपन की।
France ki kranti class 9th History Notes
4. फ्रांस की क्रांति के बौद्धिक कारणों का उल्लेख करें।
उत्तर-फ्रांस की क्रांति यह एक मध्यवर्गीय क्रांति थी जिसमें मध्यम वर्ग के सभी लोग सामील थे। मध्यम वर्ग के लोग ने बौद्धिक आंदोलन का सुरूआत की जिसमें प्रमुख मंटेस्वयू वाल्टेयर और रूसो विधायिका कार्यपालिका तथा न्यापालिका को अलग रखने की बात कही गई वाल्टेयर ने चर्च के समाज और राजतंत्र के दोषी को दुर किया। उसने जनता के समर्थन में काम किया रूसो पूर्ण परिर्वतन का समर्थन था क्वेजनो एवं तुंगो ने आर्थिक शोषन और मुक्त व्यापार का समर्थन था।
5. लैटर्स-डी-कैचेट” से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-जनता के समर्थन में बोलने की इजाजत नहीं थी भाषण लेखन विचार की अभिव्यक्ति धार्मिक स्वत्रंता पर प्रतिबंध था राजा के द्वारा कही गई बात को कान्नु माना जाता था कैथोलिक धर्म वहाँ का राज धर्म था इस कारण प्रोटेस्टेंट धर्म वाले लोग को सताया जाता था राजा या तो स्वयं उनके आदमीयों से किसी को भी बिना कारण बताए गिरफ्तार कर लीया जाता था ऐसे ही वारंट को फ्रांस में लेटर्स-डी-कैचेट कहा जाता था।
6. अमेरिका के स्वत्रंता संग्राम का फ्रांसीसी क्रांति पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-अमेरिका के स्वत्रंता संग्राम में फ्रांसीसी के सैनिक ने भी इंग्लैंड के विरूद्ध और अमेरिक की ओर से युद्ध किया था इसके बाद जब फ्रांसीसी सैनिक फ्रांस लौटे तो उनके मन में भी स्वत्रंता का भाव था इसने भी स्वत्रंता प्राप्ति के लिए राजा के विरूद्ध आमलोगो को भड़काने लगे। स्वत्रंता प्राप्त करने का प्रयास करने लगे। अमेरिका के गणतांत्रिक शासन व्यवस्था फ्रांस के लिए प्रेणना स्त्रोत रहा और राजा के लिए शासन संभालना कठिन हो गया फ्रांस की क्रांति पर अमेरिका स्वत्रंता संग्राम का काफी प्रभाव पड़ा।
7. मानव एवं नागरिक अधिकार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-मानव का अर्थ- विश्व की कोई भी व्यक्ति हो नागरिक- देश में रहने वाले राज्य सदस्य को नागरिक कहा जाता है। 27 अगस्त 1789 में फ्रांस के नेशनल अधीनियम के द्वारा व्यक्तिगत स्वत्रंता और अपने विचार प्रकट करने सभा बुलाना और अपने इच्छा अनुसार धर्म मानने का अधिकार दिया गया प्रेस स्वत्रंता हो गया बिना वारेंट को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता हैं एक निश्चित कर लगाया गया और निजि सम्पति रखने का अधिकार दिया गया।
8. फ्रांस की क्रांति की इंग्लैंड पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-फ्रांस की क्रांति से इंग्लैंड बहुत ही प्रभावित हुआ फ्रांस की क्रांति के बाद इंग्लैड की जनता समांती व्यवस्था का विरोध करने लगी। जिसके कारण वहाँ 1832 ई. संसदीय सुधार अधीनियम पारित करना पड़ा और इस नियम के तहत जमीदारों की जमींदारी समाप्त कर दीया गया यह जनता के लिए एक सुधार का नया मार्ग सावित हुआ और आगे चल कर इंग्लैंड में हुऐ औद्योगीक क्रांति में महत्वपूर्ण योगदान दीया।
9. फ्रांस की क्रांति ने इटली को कैसे प्रभावित किया कैसे?
उत्तर-इटली कई भागों में बँटा हुआ था क्रांति के बाद नेपोलियन ने सेना का गठन किया जिसमें इटली के सभी भागों के सेना थे और पड़ोसी देशो पर हमला करने लगा जीते गऐ देशो को इटली में मिलाने लगा सेना में इटली के सभी भाग के सैनिक थे इससे आपसी सहयोग मिला और इटली को एकजूट करने में सहायता मिली इटली राज्य की स्थापना हुई और राष्ट्रीय एकता का विकास हुआ और आगे चलकर इटली के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ।
10. फ्रांस की क्रांति से जर्मनी कैसे प्रभावित हुआ?
उत्तर-फ्रांस की क्रांति के समय जर्मनी 300 छोटे-बड़े राज्यों में बटा था नेपोलियन का विजय अभियानों के द्वारा उसे 38 राज्यों में समेट लिया था क्रांति की क्रांति के बाद वहाँ स्वत्रंता की भावना का विकास हुआ फ्रांस की देखा-देखी राष्ट्रीय भावना का विकास हुआ और राष्ट्रीय विकास की भावना मजबूत होते ही जर्मनी का एकीकरण करना आसान हो गया।
France ki kranti class 9th History Notes
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:
1. फ्रांस की क्रांति के क्या कारण थे?
उत्तर-फ्रांस की क्रांति के निम्नलिखित कारण थे।
राजनैतिक कारण लुई 17 फ्रांस का शासक था जोा बहुत निरकुंश फिजुलखर्च तथा आयोग्य शासक था उनकी पत्नी मेरी अंन्योनेत वह भी फीजुलखर्च थी और उसने अपने के लिए शासन कार्य में दखल देने लगी लुई 16 को गरीब जनता की सुख- दुख की कोई चिन्ता नहीं थी समाजीक कारण-फ्रांसीसी समाज तीन भागों में बटाँ था पहले एस्टेट में पादरी लोग दूसरे एस्टेट में कुलीन लोग थे जिसमें अधिक लोग को राजा का समर्थ प्राप्त था तिसरे एस्टेट में मध्यम वर्ग मजदूर, किसान लोग थे जिसमें कृष्को और मजदूरो की स्थिति अन्यंत दयनीय थी आर्थिक कारण – लुई 14 और उनकी पत्नी बहुत ही फिजुलखर्च थे विदेशी युद्ध में फसने से फ्रांस की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी ठेकेदार किसानो से मनमानी कर वसुलता था जिससे किसानों में अंषतोस पैदा हो गया। सैनिक कारण- इसमें तृतीय स्टेट के लोगो को सैनिक में भर्ति किया जाता था और इन्हें पहली पंक्ति में रखा जाता था इन कठोर नियम और खराब भोजन के कारण सैनिक असंतुस्ट थे आर्थिक और समाजिक के कारण सेना असंतुष्ट थे।
व्यक्तीगत एवं धार्मिक कारण– फ्रांस की जनता को किसी प्रकार की स्वत्रंता नहीं थी लिखने बोलने और प्रेस पर प्रतिबंध लगा था जबकि प्रोटेस्टेट को सताया जाता था बिना कारण के गिरफ्तार किया जाता था।
बौद्धिक कारण – इनमें प्रमुख मांटेस्क्यू वाले और रूसो जैसे बुद्धिजीवियों ने राजा और राजतंत्र के विरोध जनता को भड़काने का काम किया इन विद्धवानों ने राजतंत्र के दोषो को दुर किया।
2. फ्रांस की क्रांति के परिणामों का उल्लेख करें।
उत्तर-फ्रांस की क्रांति के निम्नलिखित परिणाम है:-
(1) पुरातन व्यवस्था का अन्त- फ्रांस की क्रांति के पहले से चलती आ रही व्यवस्था का अंत हो गया आधूनिक व्यवस्था स्थापना हुआ जिसमें स्वत्रंता सामानता तथा बंधुत्व को प्रोत्साहित किया गया
(2) धर्म निरपेक्ष राज्य की स्थापना- जिसमें किसी धर्म को राज्य की धर्म न बनाकर जनता को धार्मिक स्वत्रंता प्रदान किया गया
(3) सामाजवाद का आरंभ- फ्रांस की क्रांति ने समाजवादी प्रवृतियों को बल दिया।
(4) जनतंत्र की स्थापना तथा व्यक्ती की महता- फ्रांस की क्रांति ने राजा के दैवित अधिकारो को समाप्त कर राजतंत्र की स्थापना किया गया नेशनल एसेम्बली के द्वारा व्यक्ति को मौलिक अधिकार दिया गया
(5) वाणिज्य व्यापार में वृद्धि- फ्रांसीसी क्रांति के बाद व्यापार पर कर समाप्त कर दिया गया जिसे व्यापार का विकास हुआ
(6) दास प्रथा का उनमूलन तथा शिक्षा का प्रचार- क्रांति के बाद दास मुक्ति कानुन पारित किया गया जिसमें दास प्रथा उन्मुलित हो गई क्रांति के पहले शिक्षा का प्रबंध पर चर्चा के आर्थो में था क्रांति के बाद इसकी जिम्मेदारी सरकार पर आ गई।
(7) महिलाओं को सुविधाओं की प्राप्ति – फ्रांसीसी क्रांति में महिलाओं ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी क्रांति के बाद महीलाओं के राजनीतिक अधिकार की माँग कि गई बहुत सघर्ष के बाद 1946 ई. में महिलाओं को मतदान करने की अनुमति प्राप्त हुई
3. फ्रांस की क्रांति एक मध्यम वर्गीय क्रांति थी कैसे?
उत्तर-राज्य के सभी पदो पर कुलीन और पादरी थे कुलीन वर्ग के लोग मध्यम वर्ग के लोग के साथ अन्याचार करते थे मध्यम वर्ग के लोगो को राजा के द्वारा कोई राजनैतिक समर्थन प्राप्त नहीं था इसलिए मध्यम वर्ग ने फ्रांस की क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका का निभाई जिसकी वजह से फ्रांस की क्रांति एक मध्यमवर्गीय क्रांति थी।
4. फ्रांस की क्रांति में वहाँ के दार्शिनिको का क्या योगदान था?
उत्तर-फ्रांस की क्रांति में वहाँ के दार्शिनिको का अध्म योगदान था दार्शिनिक में ही शिक्षक, वर्ग, बुद्धिजीवी वर्ग, विचारक और लेखक आते है। जिसमें प्रमुख दार्शिनिक मांटेस्क्यू वाल्टेयर और रूसो इन लोगो ने अपने लेखो के माध्यम से राजतंत्र चर्च एवं कुलीन वर्ग के खिलाफ जन को जागरूक किया और उनका ध्यान राजनीतिक आर्थिक और सामाजिक समस्याओं की ओ आर्कसित किया फ्रांसी क्रांति में वहाँ के दार्शनिको का महत्वपूर्ण योगदान था।
5. फ्रांस की क्रांति की देनो का उल्लेख करें।
उत्तर-फ्रांस की क्रांति की पहली देन तो यह है कि विश्व भर में राजतंत्र का अंत हो गया इसके साथ-साथ चर्च और पादरियों का अधिकार समाप्त हो गया धर्म निरपेक्ष राज्य की सुरूआत हुई और मानव अधिकार को स्वीकारा गया व्यक्तियों को विचार व्यक्त करने की स्वंतत्रता दी गई नागरिकों को धार्मिक स्वत्रंता प्राप्त हुई इस स्वत्रंता के तहत किसी भी देश का नागरीक कोई धर्म मान सकता है। प्रेस की स्वत्रंता मिली अब राज्य की किसी व्यक्ति को बिना कारण बताए गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। समांत वाद का अंत किया गया और प्राचीन व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया इसके साथ स्वत्रंता समानता और बंधुत्व को प्रोत्साहित किया गया जिसे लोगो में एकता की भावना जगा।
France ki kranti class 9th History Notes
6. फ्रांस की क्रांति ने यूरोपीय देशो को किस तरह प्रभावित किया।
उत्तर-फ्रांस की क्रांति यूरोप की राजनीतिक में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई फ्रांस कि क्रांति ने पूरे यूरोप में राष्ट्रवाद के भावना का उदय किया इस क्रांति ने यूरोपीय देशो में स्वत्रंता की ललक कायम की और अन्य देश भी राजशाही से मुक्ति के लिए संघर्ष करने लगे। इसे यूरोपीय देशो में राजसाही और निरकुंशता के खिलाफ विद्रोह होने लगा यूरोप के सभी देशो में अपनी-अपनी स्वत्रंता चाहने लगे और राजतंत्र का स्थापना पुरे यूरोप में होने लगा राजतंत्र को समाप्त कर दिया गया।
7. फ्रांस की क्रांति एक युगान्तकारी घटना थी इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर– सन् 1789 की फ्रांसीसी क्रांति के फलस्वरूप एक युग का अंत हुआ और एक न्यू युग का आरंभ हुआ यह क्रांति एक युगांतकारी घटना मानी जाती है। इस क्रांति ने फ्रांस में राजतंत्र को खत्म कर प्रजातंत्रीय शासन की स्थापना किया गया समाजिक व्यवस्था में बदलाव आए। स्वतंत्रता समानता एवं वधुत्व जैसे न्यू विचारों का प्रसार हुआ लोगो को व्यक्तिगत स्वतंत्रता प्राप्त हुई यूरोप भर में पुरानी रीतियों को समाप्त कर दिया गया। फ्रांसीसी क्रांति के फलस्वरूप पूनर्जागरण की सुरूआत हुई सभी देशो में राष्ट्रवादी क्रांति होने लगी ये क्रांतिया सामंतवाद और निरकुंश शासन के विरूद्ध हुई फ्रांस की क्रांति ने आंतक के राज्य को समाप्त कर दिया प्राचीन व्यवस्थाओं का अंत धर्मनिरपेक्ष राज्य को स्थापना होने लगी समाजावाद को मानने का सभी देशो के नकल करने लगे वाणिज्य व्यापार में वृद्धि दास प्रथा समाप्त हुई शिक्षा को बढ़ावा दिया गया महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला।
8. फ्रांस की क्रांति के लिए लुई 14 किस तरह उत्तरदायी था।
उत्तर-फ्रांस की क्रांति के लिए लुई 14 तो उत्तरदायी था ही साथ ही उसके पहले के भी राजा फ्रांस की क्रांति के लिए जिम्मेदार थे जिस समय लुई 14 गद्दी पर बैठा उस समय फ्रांस की प्रतिष्ठा बड़ी-चढ़ी थी लुई 14 का शासनकाल घोर निरकुंश था लुई 14 के समय से राज्य की पुरी शक्ति राजा के हाथ में रहने लगी इस बात का पता इससे चलता है कि उसका कहना था मैं ही राज्य हूँ। फिर ऐसी बात भी नहीं है कि उसके समय में कोई विद्रोह नहीं हुए उसी समय से राज्य की पुरी शक्ति राजा के हाथ में रहने लगी और वह एक योग्य शासक था इसलिए विद्रोह को दबाने में सक्षम हो जाता था उसके समय में निरकुंशता तो था हो साथ ही 175 वर्षो तक वहाँ संसदीय संस्था स्टेट्स जेनरल की बैठक नहीं हुई थी उसके समय में सभी न्यायीक पदो पर कुलीन वर्ग के लोग थे लुई 14 का विवाह ऑस्ट्रेलिया की राजकुमारी मेरी अन्योनेत के साथ हुआ था जो बहुत ही फीजुलखर्ची रानी थी और दरबार और सरकारी पदो से अपने आदमियों को भर दिया गया और उनपर वह अपना शनाव व्यय करती थी उसे राजा की कोई प्रवाह नहीं थी जिसे राज्य में धन की कमी हो गई उसकी पूर्ति के लिए जनता पर थोपा गया जिसे क्रांति आरंभ हो गया इस प्रकार प्रगंस की क्रांति के लिए लुई 14 पुरी तरह से जिम्मेदार है ।
9. फ्रांस की क्रांति में जैकोबिन दल की क्या भूमिका थी?
उत्तर-फ्रांस की नेशनल एसेम्बली ने संविधान का प्रारूप तैयार किया। जिसमें शक्ति पृथक करण के सिद्धांत को अपनाया गया। इस प्रकार फ्रांस में राजतंत्र की स्थापना की गई थी इसे लुई 14 मान भी लिया लेकिन मिराज्यों की मृत्यु के बाद विद्रोह आरंभ हो गया। अप्रैल 1792 में युद्ध कि घोषणा कर दी इस युद्ध से जनता को कठिनाई पहुची उस समय तक नागरीको को वोट देने का अधिकार नहीं था एसेम्बली का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से हुआ था ऐ ही बाते आलोचना का विषय बन गई आलोचकों में जैकोबिन क्लब के सदस्य प्रमुख थे इसमें तृतीय वर्ग के लोग सामिल थे जैकोबिन क्लब का नेता रॉब्सिन था रॉब्सिन वांतपथी विचारधारा का था इसने महगाँई के खिलाफ आंदोलन शुरू किये इसने अंत तक का राज्य स्थापित किया वोट देने का अधिकार दे दिया राजा और रानी दो पर मुकदमा चलाया गया उन्हें फाँसी दे दी गई फ्रांस की क्रांति में जैकोबिन दल की अहम भूमिका थी
10. नेशनल ऐसेम्बली और नेशनल कावेंशन ने फ्रांस में कौन-कौन से सुधार कानुन पारित किये?
उत्तर-14 जुलाई 1789 को क्रांतिकारीयों ने कांशग्रह बैस्टिल जेल का फाटक तोड़कर बंदियों को छुड़ा लिए यह राजतंत्र की समाप्ती के रूप में देखा गया इसे लुई 14 ने भी मान लिया वह अब नाम मात्रा का राजा बना रहा और नेशनल ऐसेम्बली में क्रांतिकारियों का वर्चस्व बढ़ गया एसेम्बली फ्रांस के लिए नए नियम बनाने लगी इस ऐसेम्बली ने मानव और नागरीक अधिकारको स्वीकारा गया जिसमें जनता अपनी मन के अनुसार धर्म मान सकती है व्यक्तिगत स्वंतत्रता और प्रेष को भी स्वतंत्र कर दिया गया धर्मनिरपेक्ष राज्य को स्थापना और बिना कारण बताए लोगो को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता था लोगो को जमीन को बीना मुअवजा दिए सरकार जमीन नहीं ले सकती समंप्ती रखने का अधिकार दिया गया नेशनल एस्मबली ने संविधान तैयार किया जिसमें शक्ती प्रथकरण के सिद्धांत को अपनाया गया इसका चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से कराया जाता था राष्सपियर ने इसका नाम बदल कर नेशनल कन्वेशन कर दी इसी कानुन के द्वाव राजा रानी को कासी दिया गया उसने फ्रेच को राष्ट्र भाषा घोसित किया गया भेजने की प्रथा समाप्त कर दी नेशनल कन्वेशन कानुन बनान लगे
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