इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान के पाठ 2. ग्रामीण जीवन-यापन के स्वरूप (Gramin Jivan Yapan Ke Swarup Class 6th Solutions)के सभी टॉपिकों के बारे में अध्ययन करेंगे।
2. ग्रामीण जीवन-यापन के स्वरूप
पाठ के अन्दर आये प्रश्न तथा उनके उत्तर
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प्रश्न 1. एक मध्यम किसान परिवार को आमतौर पर आजीविका चलाने हेतु कितनी भूमि की आवश्यकता होती है, शिक्षक के साथ चर्चा करें ।
उत्तर – एक मध्यम किसान परिवारा को आमतौर पर आजीविका चलाने हेतु न्यूनतम 5 एकड़ जो 8 विघा के करीब होता है, भूमि की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 2. मध्यम किसान दूसरे के खेतों में काम क्यों करते हैं?
उत्तर—मध्यम किसानों को दूसरों के खेतों में इसलिये काम करना पड़ता है क्योंकि अपनी भूमि की आय से उनके परिवार का खर्च पूरा नहीं पड़ पाता ।
प्रश्न 3. ललन की पारिवारिक आय में वृद्धि होने के अन्य तीन स्रोत बताएँ ।
उत्तर – ललन की पारिवारिक आय में वृद्धि होने के अन्य तीन स्रोत निम्नलिखित हो सकते हैं :
(i) मुर्गी फार्म चलाना, (ii) गाय और भैंस पालना तथा (iii) निकट के शहर में मजदूरी करने जाना ।
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प्रश्न 1. सीमान्त किसान कृषि कार्य के अलावे कौन-कौन से कार्य करते हैं, सूची बनाइये ।
उत्तर – सीमान्त किसान कृषि कार्य के अलावा निम्नलिखित कार्य करता है
(i) चांवल मिलों में मजदूरी करना, (ii) दूसरों के खेतों में काम करना, दूध बेचना (iii) गाय-भैंस पालना है और डेयरी में
प्रश्न 2. कृपाशंकर जैसे किसानों को खाद-बीज के लिये कर्ज कहाँ-कहाँ से मिल जाता है ? इस कर्ज को कब और कैसे वापस करना होता है ?
उत्तर—कृपाशंकर जैसे किसानों को खाद-बीज के लिये कर्ज महाजनों तथा साहूकारों के यहाँ से मिल जाता है। फसल कटते ही उसे औने-पौने भाव पर बेचकर महाजन या साहूकारों को कर्ज वापस कर देना पड़ता है। यदि वे देर करेंगे तो ब्याज की रकम बढ़ जाती है ।
प्रश्न 3. कृपाशंकर को डेयरी में दूध बेचने से कितनी आय प्राप्त होती होगी ? अनुमान लगाएँ ।
उत्तर – हमारा अनुमान है कि कृपाशंकर को डेयरी में दूध बेचने से खर्च – बर्च काटकर लगभग दस हजार रुपया प्रतिवर्ष आय प्राप्त हो जाती होगी ।
प्रश्न 4. मध्यम किसान और कृपाशंकर के काम में क्या क्या अन्तर है ?
उत्तर – मध्यम किसान और कृपाशंकर के काम में यह अंतर है कि मध्यम किसान को दूसरों के खेत में काम नहीं करना पड़ता, जबकि कृपाशंकर को ऐसा करना पड़ता है । मध्यम किसान जहाँ मुर्गी पालन करता है वहीं कृपाशंकर गाय- भैंस पालता है । कुल मिला-जुलाकर दोनों सदैव आर्थिक तंगी में रहा करते हैं ।
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प्रश्न 1. सीमान्त किसान, मध्यम किसान, बड़ा किसान जरूरत पड़ने पर कर्ज कहाँ से लेते हैं?
उत्तर – सीमान्त किसान और मध्यम किसान जरूरत पड़ने पर ग्रामीण महाजन या साहूकारों से कर्ज प्राप्त करते हैं, जिन पर अधिक ब्याज दर देना पड़ता बड़े किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये बैंकों से पर्याप्त ऋण मिल जाता है, जिनका ब्याज दर सरकारी दर पर अर्थात कम होता है ।
प्रश्न 2. आप अपने अनुभव से बताइए कि आप के यहाँ बड़े जोतदार किसान खेती के अलावे क्या-क्या करते हैं ?
उत्तर –हमारे यहाँ के बड़े जोतदार किसान खेती के अलावे चावल की मिल चलाते हैं और अतिरिक्त आय प्राप्त करते हैं। मध्यम किसान उन्हीं चावल मिलों में काम करते हैं और चावल की खरीद बिक्री में मध्यस्थता कर कुछ आय प्राप्त कर लेते हैं । ये मुर्गी पालन भी करते हैं। सीमान्त किसान अतिरिक्त आय के लिए दूसरों के खेत में काम करते हैं और गाय-भैंस पालकर डेयरी के हाथ दूध बेचते हैं।
प्रश्न 3. एक बड़े किसान और सीमान्त किसान के खेती के कार्य के तरीकों में क्या अन्तर हैं ?
उत्तर – एक बड़ा किसान खेती में आधुनिक उपकरणों का उपयोग करता है, जिस कारण कम मजदूरों की आवश्यकता पड़ती है। कृषि उपकरण खरीदने के लिए भले ही वह बैंक से ऋण लेता है, लेकिन खाद, बीज, कीटनाशक के लिये उसे कर्ज की आवश्यकता नहीं पड़ती। ठीक इसके विपरीत सीमान्त किसान को सभी काम परम्परागत तरीके से करना पड़ता है। उसे हल-बैल और कुदाल से कृषि कार्य करनी पड़ती है। वह मजदूर नहीं रख सकता अतः अपने घर के सदस्यों के साथ स्वयं खेत में काम करता है। खाद-बीज आदि के लिए महाजन या साहूकारों से अधिक ब्याजदर पर कर्ज लेता है। कर्ज को पूरा करने के लिए उसे दूसरों के खेत में मजदूरी करनी पड़ती है।
प्रश्न 4. एक बड़े किसान उत्पादित अनाज को क्या करते हैं, शिक्षक के साथ चर्चा करें ।
उत्तर— एक बड़ा किसान उत्पादित अनाज को तुरंत नहीं बेचकर अपने घर में एकत्र कर रख लेते हैं । जब भाव ऊँचा होता है तब उसे बेचते हैं । इस प्रकार वे अधिक लाभ में रहते हैं ।
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प्रश्न 1. कृषक मजदूर एवं सीमान्त किसान में क्या समानता और अंतर है ?
उत्तर – कृषक मजदूर एवं सीमान्त किसान में यह समानता है कि दोनों को दूसरों के खेत में काम करना पड़ता है, मजदूरी करनी पड़ती है । अंतर यह है कि कृषक मजदूर को थोड़ी भी कृषि भूमि नहीं होती, वहीं सीमान्त किसान को कुछ- न कुछ भूमि होती है।
प्रश्न 2. आमतौर पर कृषक मजदूर को कर्ज कहाँ से और कैसे प्राप्त होता है?
उत्तर – आमतौर पर कृषक मजदूर को कर्ज गाँव के महाजनों से मिलता है । उन्हें इसके लिए ऊँची ब्याज दर पर भुगतान करना पड़ता है ।
प्रश्न 3. पशु पालने का क्या कारण है ?
उत्तर – पशु पालने का कारण है कि उनके दूध बेचकर आय प्राप्त की जाती है। बैल और भैंसा इसलिए पाले जाते हैं क्योंकि इनसे हलवाही का काम लिया जाता है और ये गाड़ी में जोते जाते हैं ।
प्रश्न 4. कृषक मजदूरों को किन-किन महीनों में काम नहीं मिलता है? अपनी कक्षा के चार-पाँच सहपाठियों की टोली बनाकर सर्वेक्षण कीजिए।
‘संकेत : यह परियोजना कार्य है। छात्रों को स्वयं करना है ।.
अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न 1. आपके गाँव में किन-किन फसलों की खेती की जाती है ? सूची बनाइए ।
उत्तर—मेरे गाँव में निम्नलिखित फसलों की खेती की जाती है
(i) धान, (ii) मडुआ, (iii) मकई, (iv) गेहूँ, (v) तीसी, (vi) सरसों, (v) तीसी, (vi) मटर, (vii) चना, (viii) अरहर, (ix) उड़द, (x) मसूर इत्यादि ।
प्रश्न 2. मध्यम किसान खेती के काम के लिए किन-किन माध्यमों से धन उपलब्ध करते हैं ?
उत्तर—मध्यम किसानों के पास खेती के लिए धन उपलब्ध करने के कोई अधिक माध्यम नहीं होते। बस गाँव के महाजन या साहूकार ही हैं, जो इन्हें अधिक ब्याज दर पर खेती के लिए धन उपलब्ध कराते हैं ।
प्रश्न 3. आमतौर पर आपके गाँव में एक किसान परिवार की खेती से गुजारा करने के लिए कितनी एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है, जिससे उन्हें या उनके परिवार के सदस्यों को दूसरों के यहाँ मजदूरी नहीं करना पड़े ?
उत्तर – आमतौर पर हमारे गाँव में एक किसान परिवार के पास 30-40 एकड़ जमीन रहे तो उसके परिवार के किसी सदस्य को दूसरों के यहाँ मजदूरी नहीं करनी पड़ेगी। वैसे यदि परिवार छोटा हो तो 15 एकड़ से भी काम चल सकता है । प्रश्न 4. महाजन या साहूकार के यहाँ कर्ज़ की ब्याज दर ऊँची क्यों होती है ?
उत्तर—महाजन या साहूकार इस बात को जानते हैं कि कर्ज लेने वाला कहीं कर्ज नहीं मिलने की स्थिति में ही हमारे पास आया है। इस प्रकार कर्ज लेने वाले की मजबूरी का लाभ उठाते हुए वह ब्याज की दर ऊँची लेता है । यह महाजनों की हैवानियम कहा जाएगा ।
प्रश्न 5. एक व्यक्ति को अमूमन एक वर्ष में कितने समय कृषक मजदूर के रूप में काम मिलता है एवं बाकी दिनों में वह आजीविका संबंधी कौन- कौन सा कार्य करता है ?
उत्तर —अनुमान है कि एक व्यक्ति को एक वर्ष में कृषक मजदूर के रूप में लगभग छः महीने ही काम मिलता है, वह भी लगातार नहीं । इन बाकी दिनों में वह निकट के शहर में जाकर रोजदारी या ठेकेदारी पर काम करता है । कुछ मजदूर तो दूर-दराज के राज्यों तक में चल जाते हैं और रिक्शा भी खींच लेते हैं। बच्चे कहीं चाय की दूकान पर काम करते हैं और पत्नी घर-घर में चौका- बर्तन करती हैं ।
प्रश्न 6. संतोष और प्रमोद के परिवारों में क्या अंतर है ?
उत्तर- संतोष और प्रमोद के परिवारों मे यह अन्तर है कि संतोष का परिवार एक कृषक-मजदूर परिवार है, जबकि प्रमोद एक बड़ा किसान है। उसके पास 15 एकड़ कृषि भूमि है, जबकि संतोष के पास कुछ भी कृषि भूमि नहीं है । वह और उसके परिवार के सदस्य दूसरों के खेत में मजदूरी करते हैं, जबकि प्रमोद दूसरों से अपने खेत में मजदूरी करवाता है ।
प्रश्न 7. गैर कृषि कार्य के अन्तर्गत आपके गाँव के लोग कौन-कौन से कार्य करते हैं?
उत्तर — गैर कृषि कार्य के अंतर्गत मेरे गाँव में निम्नलिखित कार्य होते हैं :
कारीगरी के कार्य, जैसे बढ़ईगिरी, लोहारगिरी, राजमिस्त्री, दर्जी, मिट्टी के बर्तन, खिलौना, दीपक, ईंट, टोकरी, सूप, दौरा, दौरी बनाकर लोग अपनी आजीविका चलाते हैं । कुछ बुनकर परिवार भी हैं जो कपड़ा, कम्बल, लोई, चादर, जरी और गोटा लगाने का काम करते हैं । सायकिल मरम्मत, राशन या किराने की दुकान चलाने वाले भी हैं । कुछ लोग शिक्षक, कर्मचारी, आँगनबाड़ी सेविका, डॉक्टर, नर्स, डाकिया के रूप में कार्य करते हैं ।
प्रश्न 8. गैर कृषि कार्य किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित उत्तर दें ।
उत्तर—कृषि कार्य से अलग करनेवाले कार्य को गैर कृषि कार्य कहते हैं । कारीगरी के कार्य, जैसे बढ़ईगिरी, लोहारगिरी, राजमिस्त्री, दर्जी, मिट्टी के बर्तन, खिलौना, दीपक, ईंट, टोकरी, सूप, दौरा, दौरी बनाकर लोग अपनी आजीविका चलाते हैं। कुछ बुनकर परिवार भी हैं जो कपड़ा, कम्बल, लोई, चादर, ‘जरी और गोटा लगाने का काम करते हैं । सायकिल मरम्मत, राशन या किराने की दुकान चलाने वाले भी हैं । कुछ लोग शिक्षक, कर्मचारी, आँगनबाड़ी सेविका, डॉक्टर, नर्स, डाकिया के रूप में कार्य करते हैं ।
प्रश्न 9. आप बड़ा होकर जीवन-यापन संबंधी कौन से कार्य करना चाहते हैं और क्यों ?
उत्तर – यदि मेरे पास पुश्तैनी कृषि भूमि होगी तब तो मैं कृषक बनना ही चाहूँगा क्यों कि कामों में कृषि को उत्तम माना गया है।
उत्तम खेती मध्यम बान,
नीच चाकरी भीख निदान ।
कृषि भूमि नहीं रहने की स्थिति में कुझे जो भी काम मिलेगा, उसे सहर्ष करूँगा । कारण कि मेरी दृष्टि में कोई भी काम छोटा नहीं होता। लेकिन वह काम मेरी योग्यता के अनुरूप हो तो अच्छा ।
प्रश्न 10. आपने पाठ में अलग-अलग किसानों के बारे में जाना । खाली स्थानों पर उनकी स्थितियों के बारे में भरें ।
उत्तर :
कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. ग्रामीण जीवन के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर— ग्रामीण जीवन के बारे में हम जानते हैं कि वहाँ के लोग एक-दूसरे का सहयोग कर अपना जीवन यापन करते हैं । वहाँ रामजीवन जैसे बड़े जोतदार हैं तो हरिहर जैसे छोटे जोतदार भी हैं। प्रभावती की तरह खेतीहर मज़दूरों की भी कमी नहीं है। खेती में सालों भर काम नहीं मिलने के कारण ये बाहर मजदूरी करने चले जाते हैं। महिलाएँ पशुपालन कर आय अर्जित करती हैं । ये खेतों में मजदूरी करते हुए अपने घर के भी काम कर लेती हैं और पशुओं को चारा-पानी भी दे देती हैं। पशुओं की देखभाल में ये मर्दों का हाथ बटाती है। धनी गरीब सब मिलजुल कर रहते हैं ।
प्रश्न 2. सीमान्त और बड़ा जोतदार में क्या अंतर है?
उत्तर — सीमान्त और बड़ा जोतदार में अंतर यह है कि सीमान्त जोतदार के पास अधिकतम दो-ढाई एकड़ जमीन रहती है जबकि बड़े जोतदार के पास बीस एकड़ से भी अधिक जमीन होती है। सीमान्त जोतदार मज़दूर नहीं रखते। वे स्वयं काम करते हैं या अपने जैसे अन्य सीमान्त जोतदारों को मदद देते हैं और बदले में उनकी मदद लेते हैं। बड़े जोतदार मजदूरों से खेती कराते हैं। सीमान्त जोतदार की उपज या तो खेत में ही बिक जाती है या कुछ महीने ही घर खर्च चला पाती है। शेष दिनों में ये शहर में मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं। ये पशुपालन भी करते हैं। बड़े किसान बैंक द्वारा आसानी से ऋण प्राप्त कर लेते हैं और खेती के आधुनिकतम यंत्र रखते हैं। ये फसल को शहर में बेच देते हैं, फिर भी सालों भर के लिए इनके पास अन्न बच जाता है । सीमान्त किसान धान मिल में काम करते हैं, कुछ शहरों में मजदूरी करते हैं । लेकिन बड़े किसान स्वयं का धान मिल रखते हैं और चावल बेचते हैं । कूटने के लिए ये धान की खरीद भी करते हैं ।
प्रश्न 3. गाँव में जीवन-यापन के लिए कौन-कौन काम किये जाते हैं ?
उत्तर – गाँव में जीवन यापन के लिए अनेक काम किये जाते हैं। खेती का काम होता है। दस्तकारी के अनेक काम किये जाते हैं। कुछ लोग टोकरी, झाडू, चटाई आदि बनाते हैं । कुम्हार मिट्टी के बरतन बनाते हैं। दीपावली और छठ के अवसर पर आवश्यक मिट्टी का दीया और कोसी आदि बनाते हैं । ये मिट्टी के खिलौने और मूर्तियाँ भी बनाते हैं। बुनकर कपड़ा बुनते हैं। कुछ लोग सिलाई और कढ़ाई के काम में लगे हैं । जीवन-यापन के लिए पशुपालन के साथ मुर्गीपालन भी होता है । कुछ लोग मधुमक्खी भी पाते हैं ।
प्रश्न 4. गाँव के भूमिहीन लोग काम की तलाश में कहाँ जाते हैं ?
उत्तर — गाँव के भूमिहीन लोग जब गाँव में खेती का काम नहीं रहता तो गाँव के निकट के कस्बों या शहरों में काम के लिए जाते हैं। वहाँ रोजदारी पर काम करते हैं और संध्या तक गाँव लौट आते हैं। जिस परिवार में सदस्यों की संख्या अधिक है वे दूर-दूर तक काम की तलाश में चले जाते हैं। खासकर ये दिल्ली, पंजाब, गुजरात आदि राज्यों में जाते हैं और जो काम मिला उसे कर आय कमाते हैं ।
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