इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान भूगोल के पाठ 6. हमारा पर्यावरण (Hamara Paryavaran Class 7th Solutions)के सभी टॉपिकों के बारे में अध्ययन करेंगे।
6. हमारा पर्यावरण
अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1. पर्यावरण किसे कहते हैं ?
उत्तर—हमारे आस-पास जो भी दृश्य और अदृश्य वस्तुएँ हैं, इन सबको मिलाकर बनने वाले अन्तर्जाल को पर्यावरण कहते हैं । नदी, पहाड़, जंगल, जीव-जंतु, घर, सड़क, पुल, कल-कारखाने आदि दृश्य वस्तुएँ हैं । मानवीय रीति-रिवाज, परम्पराएँ, आदतें आदि अदृश्य वस्तुएँ हैं । इन सभी को मिलाकर पर्यावरण का निर्माण होता है ।
प्रश्न 2. पर्यावरण कितने प्रकार के होते हैं ? वर्णन कीजिए।
उत्तर — पर्यावरण मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं— (अ) प्राकृतिक पर्यावरण तथा (ब) मानव निर्मित पर्यावरण ।
(अ) प्राकृतिक पर्यावरण – प्राकृतिक पर्यावरण के अंतर्गत नदी, पहाड़, जंगल, जैव मंडल आदि आते हैं । जैव मंडल में सभी जीव-जन्तुओं को रखा गया है।
(ब) मानव निर्मित पर्यावरण- छोटे-बड़े घर और भवन, कल-कारखाने, कृषि से संबंधित उपकरण, कुआँ, तालाब, सड़क, पुल, पुलिया, गली- कुची आदि मानव निर्मित पर्यावरण हैं।
प्रश्न 3. स्थलमंडल, जलमंडल एवं वायुमंडल किसे कहते हैं ?
उत्तर- स्थलमंडल, जलमंडल एवं वायुमंडल का संक्षिप्त परिचय निम्नांकित हैं
स्थलमंडल – भूमि का वह भाग, जिसपर जीव-जंतु रहते हैं, जैसे- मकान, पेड़-पौधे, पहाड़, पठार, मैदान और खेत-खलिहान आदि को स्थलमंडल कहते हैं । विभिन्न प्रकार के खनिज और खनिज लवण आदि स्थलमंडलीय पर्यावरण के उदाहरण हैं ।
जलमंडल—सागर, महासागर, झील, नदी, कुआँ, तालाब, बादल, वर्षा आदि सभी मिलकर जलमंडल का निर्माण करते हैं ।
वायुमंडल—जिस गैसीय आवरण से पृथ्वी घिरी हुई है उसे वायुमंडल कहते हैं। इनमें मुख्य गैसे हैं— नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड | ऑक्सीजन को मनुष्य साँस में लेता है तथा कार्बन डाइऑक्साइड से पौधे अपना भोजन बनाते हैं ।
प्रश्न 4. सांस्कृतिक पर्यावरण के तहत कौन-कौन सी बातें आती हैं ?
उत्तर—हमारे यहाँ विभिन्न प्रकार के संस्कार हैं जैसे- मुंडन संस्कार, संस्कार, विवाह-संस्कार, कथा-पूजा, शादी-विवाह के मौके पर गाये जाने वाले भजन, गीत, किसी के आगमन पर किया जाने वाला अभिवादन और उसका तरीका आदि, पर्व- त्योहार, तीर्थ भ्रमण, मेला-हाट आदि सांस्कृतिक पर्यावरण के तहत आते हैं। वृक्ष-पूजा, कुआँ पूजा, गंगा पूजन, सूर्य को जल अर्पण आदि सांस्कृतिक पर्यावरण में ही आते हैं। जिन प्राकृतिक साधनों से हमें लाभ पहुँचता है उन सभी को आदर देने के लिये हमारे पूर्वजों ने किसी-न-किसी रूप में उन्हें पूजना आरम्भ कर दिया ।
प्रश्न 5. मानव निर्मित पर्यावरण के कारण प्राकृतिक पर्यावरण को नुकसान पहुँचा है। कैसे ?
उत्तर – मानव अपने लाभ और आराम के लिए अनेक प्रकार के कार्य करता है । वह मकान बनाता है, सड़क बनाता है, कारखाने बनाता है, आवागमन के साधन बनाता है। इन सबको संचालित करने के लिए खनिज ईंधनों की आवश्यकता होती है। खनिज निकालने में प्राकृतिक पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है । भवन और कारखाने तथा सड़क बनाने के लिए पत्थर की गिट्टी की आवश्यकता पड़ती है। सीमेंट बनाने के लिए चूना- पत्थर और विभिन्न खनिजों की आवश्यकता पड़ती है। पत्थर – गिट्टी के लिए पहाड़ तोड़े जाते हैं। इन सभी कार्यों से पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है।
प्रश्न 6. किन घटनाओं से सांस्कृतिक पर्यावरण को क्षति होती है ?
उत्तर—आज यह प्रथा-सी चल गई है क़ि पढ़-लिखकर अपना गृह गाँव छोड़कर लोग अन्यत्र नौकरी पर चले जाते हैं । वहाँ विभिन्न स्थानों और परंपरा रिवाजों वाले लोग रहते हैं। उनके रहन-सहन और खाने-पीने में भी समानता नहीं रहती। अतः पड़ोसी होकर भी व्यक्ति एक-दूसरे के पर्व-त्योहार में हिस्सा नहीं ले पाता और इधर अपने गाँव-नगर के त्योहार तो छूट ही जाते हैं। इन्हीं कारणों से सांस्कृतिक पर्यावरण को क्षति होती है।
प्रश्न 7. आपके पास कौन-सा पारितंत्र है ? चित्र बनाकर किसी एक का वर्णन करें ।
उत्तर—हमारे पास स्थलीय पारितंत्र है। इस पारितंत्र में नदी, पहाड़, पेड़-पौधे, सड़क, घर, विद्यालय, आवागमन के साधन साइकिल, कार, बस, कुआँ, चापाकल आदि हैं। इसमें खेत-खलिहान भी हैं, जहाँ से हमें अनाज और सब्जियाँ मिलती है । स्थलीय पारितंत्र का चित्र निम्नांकित है
प्रश्न 8. हम किन उपायों को अपनाकर पानी के खर्च को कम कर सकते हैं?
उत्तर — पानी का सही उपयोग करके ही हम पानी के खर्च को कम कर सकते हैं। हमें इसका अपव्यय नहीं होने देना चाहिए ।
प्रश्न 9. पर्यावरण को नुकसान पहुँचाकर हम अपना ही जीवन संकट में डाल रहे हैं। कैसे ?
उत्तर – हम कभी-कभी अनजाने में पर्यावरण को नुकसान पहुँचाते हैं और कभी- कभी हम जान-बूझ कर भी पर्यावरण को नुकसान पहुँचा देते हैं । हम कभी गन्दी बाल्टी को कुएँ में डाल देते हैं। गाँव या शहर की नालियों को नदी में मिला देते हैं। इससे नदी जल गंदा हो जाता है । गन्दे कुएँ और गन्दी नदी का पानी पी कर हम स्वयं बीमार हो जाते हैं । विभिन्न कारगुजारियों से हम वायु को दूषित कर देते हैं और हम ही उस वायु में सांस लेते हैं और बीमार पड़ जाते हैं । इस प्रकार हम देखते हैं कि पर्यावरण को नुकसान पहुँचा कर हम अपना ही जीवन संकट में डाल लेते हैं ।
1. प्रात:कालीन बाल सभा में चर्चा कीजिए :
- पर्यावरण संरक्षण
- वृक्षारोपण से लाभ
- कटता जंगल घटता जीवन
- जैविक कचरा समाप्त करने में जानवरों की भूमिका ?
- उन संस्थाओं के बारे में पता कीजिए जो पर्यावरण संरक्षण हेतु कार्य कर रहे हैं ?
उत्तर- प्रातः कालीन बाल सभा में चर्चा :
पर्यावरण संरक्षण — हमें हर हाल में पर्यावरण को संरिक्षत रखना चाहिए । शुद्ध और साफ पर्यावरण में ही हम या हमारा समाज स्वस्थ रह सकता है । अतः सबको स्वस्थ रखने के लिए हमें पर्यावरण संरक्षण करना ही होगा ।
वृक्षारोपण— आजकल बड़ी तेजी से पेड़ों की कटाई हो रही है । घर बनवाने और फर्निचर तथा जलावन के लिए लकड़ियों की आवश्यकता बढ़ चली है । इस कारण वायुमंडल में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ने लगी है । इसपर रोक लगाने के लिए हमें वृक्षारोपण पर जोर देना चाहिए ।
कटता जंगल – घटता जीवन — जैसे-जैसे जंगल कटते जा रहे हैं वैसे-वैसे कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन का संतुलन बिगड़ने लगा है। इससे हमें एक तो ऑक्सीजन की कमी हो रही है और दूसरी ओर वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने लगी है । इन दोनों बातों का कुप्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है । इससे औसत आयु वर्ष घंटने लगा है । अतः अपने जीवन को बचाने के लिए हमें जंगलों को बचाना होगा ।
जैविक कचरा समाप्त करने में जानवरों की भूमिका – जैविक कचरा से तात्पर्य है मृत पशु । इनको समाप्त करने के लिए गिद्ध, चील, कुत्ते, सियार आदि बड़े काम के सिद्ध होते हैं। बल्कि इन्हें तो प्राकृतिक सफाई कर्मचारी तक कहा जाता है ।
पर्यावरण संरक्षण हेतु कार्य कर रही संस्थाएँ :
क्रियाशीलन :
(i) पर्यावरण से जुड़ी अखबार में छपी खबरों को संकलित कर कोलाज (बड़े पेपर पर साटना) बनाइए एवं कक्षा में प्रदर्शित कीजिए। इन बातों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास कीजिए ।
(ii) पर्यावरण संरक्षण में सुलभ इन्टरनेशनल संस्था के योगदान की जानकारी पता कीजिए ।
(iii) उन व्यक्तियों के नाम एवं कार्य का पता कीजिए जो पर्यावरण संरक्षण से जुड़े हैं ?
(संकेत : क्रियाशीलन के काम छात्रों को स्वयं करना है ।)
Read more- Click here
You Tube – Click here