इस लेख में बिहार बोर्ड कक्षा 9 इतिहास के पाठ 8 ‘कृषि और खेतिहर समाज (Krishi aur khetihar samaj Class 9th History Notes )’ के नोट्स को पढ़ेंगे।
पाठ- 8 कृषि और खेतिहर समाज
बहुविकल्पीय प्रश्न :
प्रश्न 1.दलहन फसल वाले पौधे की जड़ की गाँठ में पाया जाता है
(क) नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु
(ख) पोटाशियम स्थिरीकरण जीवाणु
(ग) फॉस्फेटी स्थिरीकरण जीवाणु
(घ) कोई नहीं।
उत्तर- (क) नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु
प्रश्न 2. शाही लीची बिहार में मुख्यतः होता है
(क) हाजीपुर
(ख) समस्तीपुर
(ग) मुजफ्फरपुर
(घ) सिवान
उत्तर- (ग) मुजफ्फरपुर
प्रश्न 3. रबी फसल बोया जाता है
(क) जून-जुलाई
(ख) मार्च-अप्रैल
(ग) नवम्बर
(घ) सितम्बर-अक्टूबर
उत्तर- (ग) नवम्बर
प्रश्न 4. केला बिहार में मुख्यतः होता है
(क) समस्तीपुर
(ख) हाजीपुर
(ग) सहरसा
(घ) मुजफ्फरपुर
उत्तर- (ख) हाजीपुर
प्रश्न 5. बिहार में, चावल का किस जिले में सबसे ज्यादा उत्पादन होता है ?
(क) सिवान
(ख) रोहतास
(ग) सीतामढ़ी
(घ) हाजीपुर
उत्तर- (ख) रोहतास
प्रश्न 6. गरमा फसल किस ऋतु में होता है-
(क) ग्रीष्म ऋतु
(ख) शरद ऋतु
(ग) वर्षा ऋतु
(घ) वसंत ऋतु
उत्तर- (क) ग्रीष्म ऋतु
प्रश्न 7. रेशेदार फसल को चनें
(क) आम
(ख) लीची
(ग) धान
(घ) कपास
उत्तर- (घ) कपास
प्रश्न 8. अगहनी फसल को चुनें
(क) चावल
(ख) जूट
(ग) मूंग
(घ) गेहूँ
उत्तर- (क) चावल
1. भारत में मुख्यतः कितने प्रकार की कृषि होती है?
उत्तर-भारत में मुख्यत: चार प्रकार की कृषि होती है।
2. रबी फसल और खरीफ फसल में क्या अन्तर है।
उत्तर-खरीफ फसल-जुन-जुलाई बोया जाता है तथा अगस्त सितम्बर में काटा जाता है, इसमे मुख्य रूप सेमुख्य धान, बाजरा, उरद आदि रवि फसल-अक्टूबर-नवम्बर में बोया जाता है तथा मार्च- अप्रैल में काट लिया जाता है। इसमें मुख्य रूप से गेहू, चना, मटर जौं, चना, मसूर, खेसारी, अरहर
3. पादप – संकरण क्या है?
उत्तर-दो किस्म के पादपों को मिलाकर एक नया उच्च किस्म का पादप या उसके बीजों के विकास को पादप-संकरण कहते है ।
4. मिश्रित खेती क्या है ?
उत्तर-एक ही खेत में एक साथ दो या दो से अधिक प्रकार की फसलों को उपजाने की प्रक्रीया को मिश्रित कृषि कहते है।
5. हरित क्रांति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-1960के दशक में हरित क्रांति के कारण खाद्यान में बढ़ोतरी हुई। लाल बहादुर शास्त्री के समय मे जब अमेरिका ने गेहूँ भेजने से इनकार दिया। तो भारतीय कृषि वैज्ञानीको तथा किसी को उबज बढ़ाने का अवाहन दीया। कृषिवैज्ञानीक ने उच्च कोटी के बीजों का अविस्कार किया। किसानो ने उच कोटि के बीजो के साथ रसायनिक तथा कीटनाशी दवाओं का उपयोगकर वैज्ञानीक दंग से कृषि की और खाद्यान्नों में आत्मनिर्भर हो गए। इस क्रांति को हरित क्रांति कहते है।
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6. गहन खेती से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-ऐसी कृषि में हर काम यंत्रो की सहायत से कीया जाता है। यंत्रो से ही जोताई बुआई की जाती है सिंचाई के लिए खेतों में पाइयों का जाल बिछाया गया है जिसके माध्यम से छिड़कावा विधि द्वारा सिंचाई किया जाता है। फसलो की कटनी और दवनी मशीनों के द्वारा ही होता है। इसमें अन्नों का अन्यादन अधिक होता है। जिसे निर्यात कर दिया जाता है।
7. झूम खेती से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-जब जंगली में आग लगा दीया जाता था और उसके राख पर बीज छिड़क देते थे। वर्षा होने पर उस बीज से पौधे निकल आते थे और इस प्रकार अन्नों उत्पादन होता था इस प्रकृया को झूम खेती कहते हैं
8. फसल चक्र के बारे में लिखें।
उत्तर-जिसमें फसलों को अदल बदल कर लगाने की प्रक्रीया को फसल चक्रन कहते हैं। अनाज उपजाने के अगले वर्ष दलहन उपजाने से खेत की उर्वरा शक्ती कायम रहती है साधारण देशी खाद से उर्ववरा शस्ती बनी रहती है। प्रतिवर्ष अदल-बदल कर फसल लगाने की प्रक्रीया को फसल चक्रण कहते है। फसल चक्रन से पर्यावरण संतुलीत रहती है।
9. रोपण या बागानी खेती से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-रोपन फसल -रोपण फसल के अंतर्गत वे चाय, कहवा रबर आदि को रोपन फसल कहते है जिसे व्यापार के उद्देश्य से रोपण कृषि किया जाता है। बगांनी फसल- यह फसल की खेती भी व्यापर के उदेश्य से किया जाता है। इसके अन्तर्गत नारीयल, मशाले आदि होते है।
10. वर्तमान समय मे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मे परिवर्तन के उपाय बतावे ।
उत्तर-वर्तमान समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए किसानों को आधुनिक तकनीक से परिचीत, कराया जाया। उनमें जागरूकता उत्पन्न कराई जाए ताकि किसान कृषि में आधुनि तकनीक का उपयोग का अधिक अन्न उत्पादन करे। कृषि कार्य के लिए सरकार कृषि – कर्ज – उपलब्धकराये।औरफसलबिमाकोप्रोत्साहितदिया जाए।
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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न,
1. भारतएक कृषि प्रधान देश है कैसे?
उत्तर-भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसलिए कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीड है। लगभग दोतिहाई जनसंख्या कृषि यह निर्भर करती है जहाँ विश्व की 11 प्रतिशत भूमि कृषि योग हैकृषिभारतकेंकूल कृषि योग्य भूमि 50/- है कृषि भारत के कुल राष्ट्रीय आय में लगभग35 प्रतिशत योगदान है भारत के पास विशाल स्थल क्षेत्र उपजाऊ भूमि का उच्च प्रतिशत है। 1960दशक में भारत सरकार ने हरित क्रोति को लाया। इसके कारण खाधान उत्पादन मैं अति वृद्धि हुई, यहाँ कृषि में उच्च तकनीकीएक वैज्ञानिक पध्दती का प्रवेश होता है। पादप संस्करण द्वारा उच्च प्रकार के बिजो का विकाश किया गया उर्वरक पीड़क नाशी खरपतवार नाशी के प्रयोग एव बहुदेशीय प्रयोजना के सिचाई में विकास तथा आधुनिक यंत्रो द्वारा कृषि कार्य के कारण कृषि एक व्यवसाय के रूप में विकसीत हुआ है। कृषि प्रधान होने के कारण ही भारत बहुउदेशीय प्रयोजना का विकास कर रहा है। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था का रीढ़ है।
2. कृषि में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कृषि के लिए लाभदायक है कैसे?
उत्तर-कृषि में वैज्ञानिक दृष्किकोण कृष्णों के लिए कभी लाभदायक होगा। पारंपरिक खेती से किसानों की उपज कम होती थी। वही एक ही प्रकार के खाधान लगाने से मृदा की उर्वक शक्ती भी दीण हो जाती थी सिचाई के लिए वर्ष पर निर्भरता से था तो अनावृत्ति के फसल सुरू जाता था या अतिवृष्टि के कारण फसल नष्ट हो जाते थे लेकिन वैज्ञानीक उष्टिकोण खेती के लिए कुछ इस प्रकार कृषि के लिए लाभदायक हुए। 1960 के दशक में हरित क्रांति त्ववें का प्रयास किया गया। हरितक्रांति से कृषि और किसानो के जीवन में उल्लेखनीय बदलाव लया है। उन्नत बिज नई तकनीकएव मशीने के उपयोग से तथा सिंचाई के साधनों के व्यवहार से कृषि उत्पादन मे वृद्धि हुई है। पादप संस्करण द्वारा उच्च प्रकार के बीजों के किसमों का बिकास किया गया। इसके द्वारा विकसीत उच्च प्रकार की बीजों रसायनिक उर्वरको कीट – पतगें, खरपतवार नाशक दावा और आधुनिक कृषि मशीनों का व्यवहार करने को उत्प्रेरित किया गया जिसे कृषिका उपज अधिक होने लगा।
3. बिहार की कृषि : मानसून के साथ जुआ कहाजाता है, कैसे?
उत्तर-बिहार कृषि प्रधान राज्य है। यहाँ 70 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर आधारित हैं। लेकिन मानसून वर्षा निर्भर के कारण यहाँ की कृषि को मॉनसून के साथ जुआ ‘कहा जाता है। इसका मुख्य कारण यहाँ की नदियाँ की संरख्या अत्यधिक हैं फिर भी सिंचाई का प्रबंध अभी तक नहीं हुआ है किसान पुनरूप से मॉनसून पर निर्भर रहते है मानसून की अनिश्चिता के कारण कभी वर्षा विलकुल भा नहीं होती तो कभी सुखाड हो जाता है यदि अधिक वर्षा हो ने के कारण होने केकारण फसलनष्ट हो जाती है। कभी-कभी वर्षा अनुकूल होती है तो कृषि अच्छी होती है। इस प्रकार यहाँ की खेती जुआ है। यहीं कारण है कि बिहार की कृषि को मॉनसुन के साथ जुआ कहा जाता है
4. कृषि सामाजिक परिवर्तन का माध्यम हो सकता है, कैसे?
उत्तर-भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारतीयतोसमाज एक कृष्क समाज है। इसलिए कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। लगभग2/3 लोग कृषि पर निर्भर है। लेकिन कृषि की स्थितीदयनीयहै। अनेक स्थानी पर स्थिती बहुत नाजुक है। अभी भी छोटे कीसानों की स्थिती दयनीय है। अतः किसानो की समस्याओंकी ओर ध्यान देना आवश्यक है। कृषि और कृषको को स्थिती में सुधार लाए बिना समाजिक-आर्थिक व्यवस्था में सुधार नही हो सकता है। कृषी और आर्थीक सुधार लानेकी आवाश्यकता है। इसके लिए उद्योग को दर्जा देना होगा। आधुनिक कृषि का विकास और कृषि कार्य में लगे लोगों को समाजिक सम्मान भी देना होगा जिसे आने वाली पीढ़ियाँ कृषि में अभीरूची लेगी। भातील पीढ़ीयाँ को कृषि की ओर आकृष्ट करने के लिए शिक्षा का विकास किया जाए। यह कृषि समाजिक परिर्तन का माध्य बन सकती है। इसे समाजिक स्थित में सुधार ला सकते हैं इसे समाज में परिर्वतन आऐगें।
5. कृषि में वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या है? समझावें
उत्तर-कृषि में वैज्ञानिक दृष्टिकोण कृषको के लिए कॉफी लाभदायक हैवैज्ञानीक दृष्टिकोण खेती के लिए कुछ प्रकार कृषि के लिए लाभदायक हुआ – हरितक्रांति 1960 दाशक में हरीत क्रांति के द्वारा उन्नतुः बिज, खाद नई तकनीक एक मशीनों उपयोग से तथा सिचाई के साधानों के व्यवहार मे कृषि आपदन में वृद्धि हुई है। पादप- संसकरण द्वारा उच्च प्रकार के बिजों, रसायनीक उर्वरकोंद्वारा कीटपंतगें, खर-पतवार नाश करने वाली दवाओ, सिंचाई के विकसित साधनों एवं आधुनीक कृषि मशीनों का व्यवहार करने कोप्ररेति कीयाजा रहा हैं। यह सब बैज्ञानीक दृष्टिकोण से ही संभव हुआ है।
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