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इकाई – 3 (क)
लौह इस्पात उद्योग
अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर
1. बहुवैकल्पिक प्रश्न :
सही विकल्प को चुनें
1. भद्रावती लौह-इस्पात उत्पादक केन्द्र किस राज्य में है ?
(क) झारखंड
(ख) तमिलनाडु
(ग) कर्नाटक
(घ) छत्तीसगढ़
2. जमशेदपुर स्थित टाटा लौह इस्पात केन्द्र की स्थापना किस वर्ष की गई थी ?
(क) 1910
(ख) 1905
(ग) 1917
(घ) 1907
3. बोकारो लौह इस्पात केन्द्र किस पंचवर्षीय योजना में लगाया गया था ?
(क) पहली
(ख) दूसरी
(ग) तीसरी
(घ) चौथी
4. इनमें से कौन लौह इस्पात उत्पादक केन्द्र सेल के अंतर्गत नहीं है ?
(क) दुर्गापुर
(ख) बोकासे
(ग) भिलाई
(घ) बर्णपुर
5. सलेम लौह इस्पात केन्द्र क़िस राज्य में अवस्थित है ?
(क) तमिलनाडु
(ख) कर्नाटक
(ग) झारखंड
(घ) केरल
उत्तर : 1. → (ग), 2. → (घ), 3. → (घ), 4. → (घ), 5.→ (क)।
1. खाली स्थानों को उपयुक्त शब्दों से पूरा करें :
2. धातु को रोलिंग प्रेसिंग एवं …………. के द्वारा निश्चित आकार दिया जाता है ।
3. उड़ीसा में ………….. लौह इस्पात केन्द्र हैं
4. विजयनगर लौह इस्पात केन्द्र ……………… राज्य में है
5. टिस्को को ………….. की खानों से कायेला मिलता है ।
6. बोकारो लौह इस्पत केन्द्र की सहायता से लगाया गया था ।
उत्तर : 1. ढलाई, 2. राउरकेला, 3. कर्नाटक, 4. झरिया, 5. रूस ।
III. सही मिलान करें :
(1) दुर्गापुर (क) आंध्र प्रदेश
(2) विशाखापत्तनम (ख) कर्नाटक
(3) भिलाई (ग) प. बंगाल
(4) भ्रदावती (घ) छत्तीसगढ़
उत्तर :
(1) दुर्गापुर (ग) प. बंगाल
(2) विशाखापत्तनम (क) आंध्र प्रदेश
(3) भिलाई (घ) छत्तीसगढ़
(4) भ्रदावती (ख) कर्नाटक
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें । (अधिकतम 50 शब्दों में)
प्रश्न 1. बोकारो लौह इस्पात केन्द्र को मैंगनीज किन-किन स्थानों से प्राप्त होता है? केन्द्रों के नाम लिखिए ?
उत्तर—बोकारो लौह इस्पात केन्द्र को मैंगनीज मिलता है :
(i) बादाम पहाड़, (ii) गुरु महिसानी तथा (iii) सुलायपत से ।
प्रश्न 2. टिस्को को जल की सुविधा कहाँ से मिलती है ?
उत्तर – टिस्को को जल की सुविधा स्वर्ण रेखा तथा खरकई नदियों से मिलती है।
प्रश्न 3. टिस्को में कामगार के रूप में मुख्यत: कौन से लोग हैं ?
उत्तर—टिस्को में कामगार के रूप में मुख्यतः संथाल लोग हैं ।
प्रश्न 4. बोकारो लौह-इस्पात केन्द्र कब और किसके सहयोग से स्थापित किया गया था ?
उत्तर – बोकारो लौह-इस्पात केन्द्र 1972 में सोवियत संघ (रूस) के सहयोग से स्थापित किया गया था ।
प्रश्न 5. टिस्को में बनने वाली कुछ चीजों के नाम लिखिए ।
उत्तर – टिस्को में बनने वाली कुछ प्रमुख चीजें निम्नलिखित हैं :
(i) सलाखें (छड़), (ii) गार्डर, (iii) पहिये, (iv) पटरियाँ, (v) चादरें, (vi) स्लीपर एवं (vii) फिश प्लेट आदि ।
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें : (अधिकतम 200 शब्दों में )
प्रश्न 1. टिस्को लौह इस्पात केन्द्र को मिलने वाली सुविधाओं का विस्तृत विवरण दीजिए ।
उत्तर – टिस्को लौह इस्पात केन्द्र को लौह-अयस्क नोआमुडी (पश्चिमी सिंहभूम) बादाम पहाड़ एवं गुरु महिसानी (उड़ीसा) की पहाड़ियों से प्राप्त होता है, जो जमशेदपुर से 100 किलोमीटर दूर है । कुल अयस्क की आवश्यकता आधा भाग अकेले नुआमुंडी कर देता है। कोयला झरिया की खानों से प्राप्त होता है, जो रेल सेवा से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। चूना पत्थर विरमित्रपुत्र, हाथीबारी, बिसरा, कटनी आदि से मिलता है, जो यहाँ से 300 किलोमीटर से भी अधिक दूरी पर हैं । डोलोमाइट पागपोश से आता । पानी की आवश्यकता की पूर्ति स्वर्ण रेखा तथा खरकई नदियाँ कर देती हैं
उत्पादित लोहों को बाजार में बिकना भी चाहिए। इसके लिए टिस्को लौह इस्पात केन्द्र अच्छी तरह रेल मार्गों से जुड़ा हुआ है। इस कारण देश के कोने-कोने में यहाँ से उत्पादित लोहा और लोहे के अन्य सामान पहुँचाये जा सकते हैं। निर्यात के लिए कोलकाता बन्दरगाह की सुविधा प्राप्त है ।
श्रम की आवश्यकता वहाँ के मूल निवासी संथाल लोग कर देते हैं । फिर भी बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के लोगों को भी यहाँ काम मिला है।
पूँजी की कमी नहीं है । स्थापना के समय टाटा के इतने शेयर बिक गये कि पूँजी आवश्यकता से अधिक आ गई। अंग्रेजों के डर से भारत के लोग शेयर खरीदने से डर रहे थे, लेनिक जब बाल गंगाधर तिलक ने अपील की कि देश की उन्नति के लिए लोहा आवश्यक है, अतः लोगों चाहिए के वे टाटा के शेयर दिल खोल कर खरीदें । इसके बाद इतना शेयर बिका कि आवश्यकता से अधिक पूँजी एकत्र हो गई ।
प्रश्न 2. बोकारो लौह इस्पात केन्द्र को उपलब्ध भौगोलिक सुविधाओं का वर्णन करें ।
उत्तर- बोकारो लौह इस्पात केन्द्र की स्थापना ही इस कारण किया गया था कि यहाँ की भौगोलिक स्थिति ही ऐसी अनुकूल थी कि यहाँ इस उद्योग के लिए कच्चे माल उसके निकट ही पाये जाते हैं ।
बोकारो लौह इस्पात केन्द्र को लौह अयस्क की आपूर्ति किरीबुरु, जो उड़ीसा में अवस्थित है, से प्राप्त होता है । चूना पत्थर विरमित्रपुर से प्राप्त होता है, जो पश्चिम बंगाल राज्य में अवस्थित है। कोयला तो बोकारो में ही प्राप्त होता है और निकट ही झरिया में कोयले का विशाल भंडार है। इस कारखाने को पानी की सुविधा दामोदर नदी से प्राप्त है । मैंगनीज बादाम पहाड़, गुरुमहिसानी तथा सुलायंपत से प्राप्त होता है ।
बोकारो के आसपास कुछ ऐसे उद्योग हैं जो अपने लिए कच्चे माल के रूप में लोहा इसी से खरीद लेते हैं । ये उद्योग स्टील की छड़ें, चादरें, लौह पैड, रेल की पटरियाँ फिशप्लेट इत्यादि बनाते हैं । स्थानीय बिकी के अलावा यह केन्द्र देश के सभी राज्यों में लोहा भेजता है । निर्यात की सुविधा प्राप्त है, कारण कि निकट में ही कोलकाता बन्दरगाह है, जो रेल से अच्छी प्रकार जुड़ा है ।
प्रश्न 3. इस्पात निर्माण की प्रक्रिया को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- इस्पात निर्माण की प्रक्रिया में पहली प्रक्रिया है कि लौह अयस्क को पीस कर बालू जैसा बना दिया जाता है । बाद में उसे झोकदार भट्ठी (ब्लास्ट फर्नेस) में गलाया जाता और विशेष प्रक्रिया द्वारा लोहा को अलग और गन्दगी को अलग कर दिया जाता । फिर अलग किए गए गलाये हुए लोहे को अर्थात तरल लोहे को साँचे में ढालकर ठंडा होने दिया जाता है। इस विधि से प्राप्त लोहे को ढलवाँ लोहा कहा जाता है । पुनः उसे गला कर आक्सीकरण द्वारा बची अशुद्धता को हटाकर मैंगनीज, निकेल, क्रोमियम, चूना पत्थर मिलाकर पूर्णतः शुद्ध कर मिश्र धातु बनाई जाती है। अब इस मिश्र धातु को रोलिंग, प्रेसिंग एवं ढलाई के द्वारा निश्चित आकार दिया जाता है । इन प्रक्रियाओं के सम्पन्न होने के बाद ढलवाँ लोहा अर्थात कच्चा लोहा से इस्पात तैयार किया जाता है।1.
1. भारत के रेखा मानचित्र पर विभिन लौह-इस्पात केन्द्रों की अवस्थिति को दिखाइए ।
उत्तर :-
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