इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड के कक्षा 10 के लोकतांत्रिक राजनीति के पाठ पाँच ‘लोकतंत्र की चुनौतियाँ (Loktantra Ki Chunautiya)’ के सभी महत्वपूर्ण टॉपिक को पढ़ेंगें।
Bihar Board Class 10 Political Science पाठ पाँच लोकतंत्र की चुनौतियाँ
लोकतंत्र सिद्धांत एवं व्यवहार में ‘लोकतंत्र जनता का, जनता द्वारा तथा जनता के लिए शासन है।‘ भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। नये विश्व सर्वेक्षण के आधार पर भारतवर्ष में 71 करोड़ मतदाता है।
लोकतंत्र मे कुछ चुनौतियाँ भी है। जिनपर हमें गंभीरतापूर्वक विचार करना होगा। अलग-अलग देशों के सामने अलग-अलग चुनौतियाँ होती हैं।
उदाहरण के लिए अपने पड़ोसी देश नेपाल में राजतंत्र की समाप्ति के बाद शुरू हुआ लोकतांत्रिक प्रयोग सफलता एवं असफलता के बीच फँस गया है।
प्रचंड सहीत सभी माओवादी नेताओं को यह समझना चाहिए कि लोकतंत्र में और वह भी मिली जुली सरकार में अपनी इच्छा लादना संभव नही हैं।
स्थानीय सरकारों को अधिक अधिकार सम्यक बनाना, संघ की सभी इकाइयों कें लिए संघ के सिद्धांतो का व्यवहारी स्तर पर लागू करना, महिलाओं और अल्पसंख्यक समूहों की उचित भागीदारी सुनिश्चित करना आदि ऐसा ही चुनौतियाँ हैं।
वर्तमान समय में भारत में भी लोकतंत्र की चुनौतियाँ विकट रूप में विद्यमान हैं। भारतीय जलोकतंत्र प्रतिनिध्यात्मक लोकतंत्र है। इसमें शासन का संचालन जन प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है। भारतीय लोकतंत्र के तीन अंग हैं- कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका।
किसी भी लोकतंत्र की सफलता में स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका की भूमिका एक सर्वमान्य सत्य है। अमेरिका का और ब्रिटेन की लोकतांत्रिक सफलता बहुत हद तक उनकी न्यायपालिका की सफलता है।
आतंकवादी गतिविधियों, पूर्वोŸार के अलगाववादी या नक्सली गतिविधियों एवं अवैध शरणार्थियों, विदेशी मुद्रा का अवैध आगमन, विदेशी बैंको में भारतीयों द्वारा जमा की गई बड़ी धनराशि, उच्च एवं न्यायिक पदों पर व्यप्त भ्रष्टाचार, असमानता और असंतुलन भारतीय लोकतंत्र की चुनौतियाँ ही हैं।
केन्द्र और राज्यों के बिच आपसी टकराव से आतंकवाद से लड़ने और जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे शिक्षा, जाति, भेदभाव, लिंग भेद, नारी शोषण, बाल मजदूरी एवं सामाजिक कुरूतियों इत्यादी के सुचारू क्रियान्वयन मे बाधा पहुँचती हैं,
लोकतंत्र की बड़ी चुनौतियों में लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव में होनेवाले अन्धाधुन्ध चुनावी खर्च उम्मीदवारों के टिकट वितरण और चुनावों की पारदर्शीता भी सम्मिलित हैं। वंश और जाति, क्षेत्रीय पार्टियाँ तथा गठबंधन की राजनीति भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। स्पष्ट बहुमत नहीं आने पर सरकार बनने के लिए छोटी-छोटी क्षेत्रीय पार्टियों का आपस में गठबंधन करना, वैसे उम्मीदवारों को भी चुन लिया जाना जो दागी प्रवृत्ति या आपराधिक पृष्ठभूमि के होते हैं, लोकतंत्र के लिए एक अलग ही चुनौती है।
सभी पार्टियों में आपराधिक छवी वाले सांसदों की संख्या में इजाफा लोकतंत्र के लिए चुनौती है।
लोकतंत्र एक प्रमुख चुनौती है काला धन। काला धन वह धन है जो गैर विधिक सम्मत तरीके से अर्जित किया जाता है और जिसका रिकार्ड में उल्लेख न करके गुप्त रखा जाता हैं।
काला धन जमा करने के स्रोत को दो वर्गो मे बाँटा जा सकता हैः-
- अवैधानिक तरीके से कमाया गया धन। जैसे- रिश्वत, काला बाजारी, तस्करी, जुआ, कमिशन आदि से कमाया गया धन।
- वैधानिक तरिके से धन तो कमाया जाता है परन्तु धन कमाने वाला व्यक्ति धन पर कर (Tax) न देकर उसे छुपा लेता है। जैसे- व्यापार, होटल, व्यवसाय, डॉक्टर, फिल्म कलाकार की आय आदि।
कर (Tax) क्या और क्यों?
सरकार को लोगों के विभिन्न तरह की जरूरतों की पूर्ति करनी पड़ती है। इन जरूरतों को पुरा करने के लिए सरकार को धन की आवश्यकता होती है जिसे सरकार लोगों से वसूल करती है। उसे ही कर (Tax) कहते हैं। कर से सरकार के खजाने में राजस्व (धन) की वृद्धि होती है। जिसके द्वारा सरकार का खर्च चलता हैं।
कर एवं शुल्क में अंतर-
कर से एक अनिवार्य धन की वसुली होती है जो लोगों के जरूरतों की पूर्ति के लिए उपयोग में लाया जाता है। इससे करदाता के साथ-साथ सभी लोगों को लाभ होता है।
शुल्क सार्वजनिक प्रयोजन के लिए किया जाता है किन्तु उससे लाभ केवल उसी व्यक्ति को होता है जिससे शुल्क लिया जाता है।
कैशमेमो (मूल्य रसीद)
जब कोई व्यक्ति किसी वस्तु को खरिदता है या सेवा प्राप्त करता है तब उसके बदले उसे कुछ रूपये या धन चुकाना पड़ता है जिसके बाद दुकानदार या सेवा देनेवाला व्यक्ति रसीद देता है जिसे कैशमेमो कहा जाता है।
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