इस लेख में बिहार बोर्ड कक्षा 12 भूगोल के पाठ 1 ‘मानव भुगोल प्रकृति एवं क्षेत्र (Manav bhugol prakriti avn vishay kshetra class 12th Notes)’ के नोट्स को पढ़ेंगे।
इकाई 1
मानव भूगोल
प्रकृति एवं विषय क्षेत्र
भूगोल की पहुँच विस्तृत है और किसी भी घटना अथवा परिघटना का जो दिक् एवं काल के संदर्भ में परिवर्तित होता है उसका भौगोलिक ढंग से अध्ययन किया जा सकता है पृथ्वी के दो प्रमुख घटक है प्राकृतिक (भौतिक पर्यावरण) और जीवन के रूप जिसमें मनुष्य भी सम्मिलित हैं भौतिक भूगोल भौतिक की पर्यावरण का अध्ययन करता है और मानव भूगोल ‘भौतिक/प्राकृतिक एवं मानवीय पर्यावरण एवं मानवीय जगत के बीच संबंध मानवीय परिघटनाओं का स्थानिक वितरण तथा उसके घटित होने के कारण एवं विश्व के विभिन्न भागों में सामाजिक और आर्थिक विभिन्नताओ का अध्ययन करता है भूगोल का मुख्य सरोकार पृथ्वी को मानव के घर के रूप में समझना और उन सभी तत्वों का अध्ययन करना है जिन्होंने मानव को पोषित किया है
Manav bhugol prakriti avn vishay kshetra class 12 Notes
मानव भूगोल की परिभाषाएं
“मानव भूगोल मानव समाज और धरातल के बीच संबंधों का संश्लेषित अध्ययन हैा”
”मानव भूगोल अस्थिर पृथ्वी और क्रियाशील मानव के बीच परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन हैा
मानव भूगोल की प्रकृति
मानव भूगोल भौतिक पर्यावरण तथा मानव जनित सामाजिक सांस्कृतिक पर्यावरण के अंतर्संबंधों का अध्ययन उनकी परस्पर अन्योन्यक्रिया के द्वारा करता हैा भौतिक पर्यावरण के तत्व तत्वों के भू आकृति, मृदाएँ, जलवायु, जल, प्राकृतिक वनस्पति और विविध प्राणीजात और वनस्पति जात है गृह, गांव, नगर, सड़कों, व रेलों का जाल उद्योग खेत पत्तन दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुएँ तथा भौतिक संस्कृत के अन्य सभी तत्व भौतिक पर्यावरण द्वारा प्रदत् संसाधनों का उपयोग करते हुए मानव द्वारा निर्मित किए गए हैा,
मानव का प्रकृति करण और प्रकृति का मानवीकरण
प्रौद्योगिकी किसी समाज के संस्कृतिक विकास के स्तर की सूचक होती हैा मानव प्रकृति के नियमों को बेहतर ढंग से समझने के बाद ही प्रौद्योगिकी का विकास कर पाया। उदाहरणार्थ घर्षण और ऊष्मा की संकल्पनाओ ने अग्नि की खोज में हमारी सहायता की। इसी प्रकार डी.एन.ए. और अनुवांशिकी के रहस्य की समझने हमें अनेक बीमारियों का पर विजय पाने के योग्य बनाया। प्राकृतिक अवसर प्रदान करती है और मानव उनका उपयोग करता है तथा धीरे-धीरे प्रकृति का मानवीकरण हो जाता है तथा प्राकृतिक और मानव प्रयासों की छाप पड़ने लगती हैा
समय के गलियारों से मानव भूगोल
पर्यावरण से अनुकूलन व समायोजन की प्रक्रिया तथा इसका रूपांतरण पृथ्वी के धरातल पर विभिन्न पारिस्थितिकिय की रूप से पारिस्थितिकिय की निकेत में मानव के उदय के साथ आरंभ हुआ हैा पृथ्वी तल पर पाए जाने वाले मानवीय तत्वो को समझने व उनकी व्याख्या करने के लिए मानव भूगोल सामाजिक विज्ञानों के सहयोगी विषयों के साथ घनिष्ठ अंतरापृष्ठ विकसित करती हैा मानव भूगोल के विस्तृत होते परिमंडल को परिलक्षित करती हैा
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