इस पोस्ट में हमलोग कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान के पाठ 11. समानता के लिए संघर्ष (Samanta ke Liye Sangharsh Class 7th Solutions)के सभी टॉपिकों के बारे में अध्ययन करेंगे।
11. समानता के लिए संघर्ष
पाठ के अंदर आए प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. मछुआरे किन बातों से परेशान थे ? इसे दूर करने के लिए उन्होंने क्या किया? ( पृष्ठ 110 )
उत्तर – मछुआरे इन बातों से परेशान थे क्योंकि गंगा में मछली पकड़ने के लिए ठेकेदारी चालू हो गई जो आजादी के पहले से ही चली आ रही थी । लेकिन अंग्रेज़ी जमाने के ठेकेदारी के बजाय आजाद भारत के ठेकेदार अधिक शोषण करने लगे । मछुआरों को अपने परिवार का भरण-पोषण करना कठिन हो गया। इससे बचाव के लिये मछुआरों ने सहकारी समिति गठित की, जिसने बन्दोबस्ती ली। अब मछुआरों की कठिनाइयाँ और बढ़ गई । सहकारी समिति में भी बाहुबलियों की पैठ बढ़ गई ।
इससे बचाव के लिए मछुआरों ने 1982 में कहलगाँव से शांतिपूर्ण संघर्ष का एलान कर दिया। इनकी माँग थी कि गंगा से जलकर समाप्त किया जाय । जाति प्रथा तोड़ी जाय, शराबखोरी पर पाबंदी लगाई जाय। महिलाओं को बराबरी का हक मिले। संघर्ष को तेज करने के लिए मछुआरों ने अनेक संगठन कायम किये । धरना और प्रदर्शन का दौर चला। संघर्ष का विस्तार होता गया। संघर्ष ने रंग दिखाया। 1991 में सरकार ने गंगा में जलकर समाप्त कर दिया । इससे मछुआरों को जीविका का अधिकार प्राप्त हो गया।
प्रश्न 2. क्या आज भी कुछ समस्याएँ बनी हुई हैं ? इनके हल के लिये क्या करना चाहिए ? ( पृष्ठ 110 )
उत्तर – गंगा पर फरक्का बाँध बन जाने के कारण समुद्री मछलियाँ या इनके जीरों (बीजों या अंडों) का आना बन्द हो गया। इससे फरक्का के पश्चिम गंगा में मछलियों की कमी होने लगी। गंगा के दोनों तटों पर अनेक नगर और कारखाने हैं। नगरीय नालों का गंदा जल तथा कारखानों के अवशिष्ट गंगा में बहाए जाने में बढ़ोत्तरी होने लगी। इससे गंगा जल प्रदूषित होने लगा । फलस्वरूप मछलियों के प्रजनन तथा विकास पर बुरा प्रभाव पड़ा। ये समस्याएँ आज भी बनी हुई हैं, जिससे मछलियों के उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ा है। ये ही समस्याएँ आज भी बनी हुई हैं।
इसके सुधार के लिये करना यह होगा कि बिना साफ किये कारखानों के कचरे गंगा में नहीं बहाया जाय। नगर के नालों के पानी की भी सफाई की जाय साफ पानी को ही गंगा में बहाया जाय। इससे प्रदूषण रुकेगा और अधिक मछलियाँ मिल सकेंगी।
अभ्यास: प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. अपने विद्यालय या आसपास में समानता तथा असमानता दर्शाते दो-तीन व्यवहारों को लिखें।
उत्तर – हमारे विद्यालय में हर तरह से सभी छात्रों के साथ समानता का व्यवहार हैं। सभी एक तरह की पोशाक पहनते हैं तथा सभी एक पंक्ति में बैठकर खाते हैं ।
हमारे गाँव में कुछ असमानता है। किसी के यहाँ प्रतिभोज में सवर्णों के लिए अलग पांत होता है तथा दलितों या महादलितों के लिए अलग। कुछ मंदिरों में दलितों का प्रवेश वर्जित है। हालाँकि यह कानून के विरुद्ध है
प्रश्न 2. क्या साइकिल वितरण, पोशाक वितरण, मध्याह्न भोजन वितरण, छात्रवृत्ति वितरण के समय असमान व्यवहार का भेद झलकता है ?
उत्तर— नहीं, हमारे विद्यालयों में साइकिल वितरण, पोशाक वितरण, मध्याह्न भोजन वितरण या छात्रवृत्ति वितरण में किसी प्रकार असमान व्यवहार का भाव नहीं झलकता है। सभी कामों में सबके साथ समानता का व्यवहार होता है ।
प्रश्न 3. अपने इलाके के संदर्भ में कुछ संघर्ष के मुद्दों को बताएँ ।
उत्तर — भूमि सुधार कार्यक्रम के तहत भूमि के बँटवारे को लेकर यदा-कदा संघर्ष होते ही रहता है। होता यह है कि भूपतियों के उनके हक से अधिक जमीन को सरकार अपने स्तर से भूमिहीनों को देती है । इसके लिये सरकार द्वारा पर्चा वितरित कर देने के बावजूद भूपति उसपर अधिकार होने नहीं देते। इसके लिए मारपीट, गोली- बन्दूक आदि तरह-तरह के संघर्ष आए दिन होते रहते हैं ।
प्रश्न 4. अपने क्षेत्र के कुछ प्रदर्शनों या आन्दोलनों में से किसी एक पर चर्चा करें ।
उत्तर—हमारे क्षेत्र में महिलाओं द्वारा नशा विरोधी प्रदर्शन हुआ था। महिलाएँ झाड़ू हाथ में थामें प्रदर्शन कर रही थीं और पुरुषों द्वारा शराब पीने के विरुद्ध नारे लगा रही थीं। धीरे-धीरे उनके प्रदर्शन ने पूरे इलाके में फैलकर एक आन्दोलन का रूप धारण कर लिया । वे शराब की दुकानें बन्द करवाने की बात भी कहने लगी हैं। आन्दोलन अभी जारी है ।
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