कक्षा 12 हिन्‍दी संपूर्ण क्रांति | Sampoorna Kranti Class 12th Hindi

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 12 हिन्‍दी के गद्य भाग के पाठ तीन ‘संपूर्ण क्रांति ( Sampoorna Kranti class 12 hindi)’ के व्‍याख्‍या सारांश सहित जानेंगे।

sampurn kranti
Bseb Class 12th Hindi Chapter 3 संपूर्ण क्रांति

 

संपूर्ण क्रांति
लेखक- जयप्रकाश नारायण

 

लेखक परिचय
जन्म- 11 अक्टूबर 1902
निधन- 08 अक्टूबर 1979
जन्म स्थान – सिताब दियारा गाँव
माता-पिता – फूलरानी तथा हरसूदयाल
शिक्षा- आरंभिक शिक्षा घर पर, आगे की शिक्षा के लिए पटना कॉलेजिएट गए।
1922 में शिक्षा प्राप्ति के लिए अमेरिका गएा माँ की अस्वस्थता के कारण पीएच.डी. नहीं कर पायेा
राजनीतिक जीवन – 1929 में काँग्रेस में शामिल

1932 सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान जेल गए। जेल से निकलकर काँग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन 1939, 1943 में पुनः जेल गए 1952 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का गठन 1954 में विनोबा भावे के सर्वोदय आंदोलन से जुड़े 1974 में छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया। आपातकाल के दौरान जेल गए इनके मार्गदर्शन में जनता पार्टी का गठन हआा

कृतियाँ – रिकंस्ट्रकशन ऑफ इंडियन पोलिटी

सम्मान – 1965 में समाज सेवा के लिए मैग्सेसे सम्मान, 1998 में भारत रत्न

कड़‍बक कविता का अर्थ

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पाठ परिचय

प्रस्तुत पाठ में लोकनायक जय प्रकाश नारायण द्वारा दिया गए ऐतिहासिक भाषण का एक अंश है जिसे उन्होने 05 जून 1974 को पटना के गांधी मैदान में दिया थाा सम्पूर्ण भाषण स्वतंत्र पुस्तिका के रूप में जनमुक्ति पटना से प्रकाशित हैा भाषण को सुनने के लिए लाखों की संख्या में लोग पूरे प्रदेश से आए थे जिसमें युवाओं का बोलबाला थाा नारायण जी कहते है कि अगर दिनकर जी और रामवृक्ष बेनीपुरी जी होते तो उनकी कविता भारत के नवनिर्माण के लिए क्रांति का कार्य करती लेकिन वो आज हमारे बीच नहीं हैा जयप्रकाश नारायण जी कहते हैं कि ये जिम्मेवारी मैंने माँग के नहीं लिया मझे ये जिम्मेवारी युवा पीढ़ी द्वारा सौपी गई हैा वे कहते है कि मैं नाम का नेता नहीं बनूँगा मैं सबकी बात सुनुंगा लेकिन अंतिम फैसला मेरा होगाा

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लेखक ने अपने परिवार की गरीबी के बावजूद अमेरिका में अपने बल-बूते पर पढ़ाई की तथा वापस आकर काँग्रेस में शामिल हो गए !

जयप्रकाश बाबू से मिलने बहुत सारे नेता आए और सबने एकतरफ उन्हे लोकतंत्र की शिक्षा दी तो दूसरी तरफ लोगों के जुलूस को रोका गयाा लेखक कहते हैा कि ऐसे लोगो को शर्म नहीं आती जो एक तरफ लोकतंत्र की बातें करते है तो दूसरी तरफ लोकतंत्र को अपने पैरों से कुचलते हैा

कक्षा 12 हिन्‍दी बातचीत सम्‍पूर्ण व्‍याख्‍या

लेखक के कुछ मित्र उनका और इन्दिरा जी का मेल मिलाप करवाना चाहते थेा लेखक कहते हैं कि मेरा इन्दिरा जी से व्यक्तिगत झगड़ा नहीं बल्कि उनकी गलत नीतियों से मेरा झगड़ा हैा लेखक ने कई बार बापू और नेहरू जी की भी आलोचना कीा लेखक कहते हैं कि आज राजनीति में भ्रष्टाचार बढ़ा है जिसका प्रमुख कारण चुनावों का खर्चा हैा आज के लोकतंत्र में जनता को इतना ही अधिकार है कि वह चुनाव करें परंतु चुनाव के बाद अपने ही प्रतिनिधियों पर जनता का कोई अंकुश नहीं होता हैा

लेखक के अनुसार अन्य देशों में प्रेस तथा पत्रिकाएँ प्रतिनिधियों पर अंकुश लगती है लेकिन हमारे देश में इसका बहुत अभाव हैा जयप्रकाश नारायण जी का ये भाषण मंत्रमुग्ध करने वाला थाा

कक्षा 12 हिन्‍दी उसने कहा था

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