BSEB Class 8th Geography इकाई 1 संसाधन | Sansadhan Solutions and Notes

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Sansadhan Solutions and Notes

इकाई – 1 संसाधन

पाठ के अन्दर आए प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1. संसाधन क्या है?                      (पृष्ठ 9)

उत्तर- मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने वाले सभी जीव-जंतु वस्तुएँ एवं पदार्थ — चाहे वे प्राकृतिक हो या मानव कृत — संसाधन हैं ।

प्रश्न 2. संसाधनों के मूल्य अभिव्यक्ति के क्या तरीके हैं?

उत्तर – संसाधनों के मूल्य अभिव्यक्ति के निम्नलिखित तरीके हैं :

(क) जंगल की लकड़ी से फर्नीचर बनाना ।

(ख) प्राचीन स्मारक, शैलावास, जल प्रपात जैसे स्थानों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना ।

(ग) विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों को राकेना या कम करना ।

(घ) प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित एवं संरक्षित रखना ।

प्रश्न 3. प्रतिदिन उपयोग में आने वाले दस संसाधनों की एक सूची तैयार कीजिए । (पृष्ठ 10)

उत्तर- (i) मिट्टी, (ii) जल, (iii) हवा, (iv) सूर्य प्रकाश, (v) कोयला, (vi) लोहा के समान, (vii) चूना, (viii) सीमेन्ट, (ix) किरासन तथा (x) रसोई गैस आदि ये 10 संसाधन प्रतिदिन उपयोग में आते हैं

प्रश्न 4. मानव के अन्दर दिमागी क्षमता का विकास का स्तर कैसे प्रभावित होता है? यह क्यों आवश्यक है?        (पृष्ठ 11 )

उत्तर – मानव के अन्दर दिमागी क्षमता का विकास शिक्षा के स्तर को उच्च करने से प्रभावित होता है। यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि राष्ट्र के विकास में शिक्षित व्यक्ति ही योगदान देने में सक्षम हो सकता है

प्रश्न 5. नवीकरणीय संसाधन की पुन: पूर्ति में कौन हस्तक्षेप करता है ? इनकी पुनः पूर्ति कैसे सम्भव है? (पृष्ठ 13)

उत्तर – जल और वन जैसे नवीकरणीय संसाधन की पुनः पूर्ति में मानव हस्तक्षेप करता है, जिससे वे पुनः प्राप्त नहीं हो पाते । यदि मानव का हस्तक्षेप कम हो जाय तो निश्चय ही इनकी पुनः पूर्ति होने लगेगी।

प्रश्न 6. समुद्र तट से कितनी दूरी तक के क्षेत्र को राष्ट्रीय सम्पत्ति मानी जाती है ? (पृष्ठ 14)

उत्तर – किसी देश के समुद्र तट से 19.2 किलोमीटर तक की दूरी तक पाए जाने वाले संसाधनों पर उस देश का अधिकार स्वीकृत है । वैसे तट से 200 किलोमीटर तक के समुद्री क्षेत्र को उस देश के अन्दर माना जाता है ।

प्रश्न 7. अफ्रीका महादेश के कुछ प्रमुख देशों की स्थिति को एटलस से पता करें । वहाँ के प्राकृतिक संसाधनों / खनिज पदार्थों का भी पता करें। (पृष्ठ 15)

उत्तर—अफ्रीका के कुछ प्रमुख देश और वहाँ की स्थिति तथा प्राकृतिक संसाधन/खनिज निम्नलिखित हैं

गायना— गायना अफ्रीका के पश्चिमी तट पर अवस्थित है। यहाँ प्राप्त होने वाला खनिज सोना है ।

सुडान – उत्तरी अफ्रीका के लगभग मध्य में सुडान स्थित है। यहाँ गोंद बहुतायद से प्राप्त होता है ।

आइबरी कोस्ट — आइबरी कोस्ट उत्तरी अफ्रीका के दक्षिण तट पर अवस्थित है । यहाँ कॉफी, खजूर तथा खजूर का तेल प्राप्त होता है ।

गॅबोन— यह मध्य अफ्रीका के पश्चिमी तट पर अवस्थित है। यहाँ मैंगनीज और यूरेनियम का भंडार है । यहाँ पेट्रोलियम भी प्राप्त होता है ।

जेर— जेर दक्षिण अफ्रीका के उत्तर में लगभग समुद्री तट पर अवस्थित है । यहाँ यूरेनियम तथा हीरे की खानें हैं।

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न :

सही विकल्प को चुनें :

2. इनमें से कौन एक प्राकृतिक संसाधन है ?

(क) पंचायत भवन                          (ख) विद्यालय

(ग) भूमि                                         (घ) हवाई अड्डा

3. इनमें कौन प्राकृतिक संसाधन नहीं है ?

(क) सूर्य                                      (ख) मिट्टी

(ग) जल                                      (घ) हवाई जहाज

4. केरल में पाया जानेवाला थोरियम किस प्रकार के संसाधन का उदाहरण है ?

(क) निजी                                    (ख) नवीकरणीय

(घ) अनवीकरणीय                       (ग) संभाव्य

5. संसाधन निर्माण के लिए क्या आवश्यक है ?

(क) तकनीक                              (ख) आवश्यकता

(ग) ज्ञान                                      (घ) उपर्युक्त सभी

उत्तर : 1. (ग), 2. (घ), 3. (घ), 4.⇒ (घ)।

1. खाली स्थान को उपयुक्त शब्दों से पूरा करें :

2. संसाधन के लिए मूल्य की अभिव्यक्ति ………………… प्रकार से की जाती है।

3. ………………….. संसाधन क्षेत्र के विकास के लिए आधार का काम करते हैं ।

4. राजस्थान में पाया जानेवाला ताँबा ………………………. संसाधन का उदाहरण है ।

5.  …………………….. एवं शारीरिक क्षमता मानव को संसाधन बनाने के लिए आवश्यक है।

उत्तर : 1. चार, 2. मानव, 3. प्राकृतिक, 4. शिक्षा ।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें ।

प्रश्न 1. संसाधन की परिभाषा दें । (अधिकतम 50 शब्दों में)

उत्तर – मनुष्य अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए अनेक वस्तुओं का उपयोग करता है । ये उपयोगी वस्तुएँ जिन साधनों से प्राप्त किए जाते हैं वे सभी वस्तुएँ संसाधन कही जाती हैं। भोजन की सामग्री खेतों अर्थात भूमि से प्राप्त होती है । यातायात के साधनों में गदहा, घोड़ा, बैल, गाड़ी बनाने के लिए लकड़ी, लोहा आदि की आवश्यकता पड़ती है। ये सभी वस्तुएँ संसाधन हैं ।

प्रश्न 2. संसाधन का वर्गीकरण करें ।

उत्तर – संसाधन को मुख्यतः तीन रूपों में वर्गीकरण किया जाता है

(i) प्राकृतिक संसाधन, (ii) मानव संसाधन तथा (iii) मानवकृत संसाधन ।

पुनः : विभिन्न आधारों पर संसाधनों का वर्गीकरण किया जाता है। जैसे : (क) विकास एवं उपयोग के आधार पर, (ख) उत्पत्ति के आधार पर, (ग) उपलब्धता के आधार पर, (घ) वितरण के आधार पर तथा (ङ) स्वामित्व के आधार पर | स्वामित्व के आधार पर भी संसाधन तीन प्रकार के हैं : (a) निजी संसाधन, (b) राष्ट्रीय संसाधन तथा (c) अंतर्राष्ट्रीय संसाधन ।

प्रश्न 3. प्राकृतिक संसाधन का संरक्षण क्यों जरूरी है ?

उत्तर – प्राकृतिक संसाधन का संरक्षण इसलिए जरूरी है कारण कि ये असीमित नहीं हैं। इनका भंडार सीमित है । यदि ये एक बार समाप्त हो जाएँ तो पुनः प्राप्त कर पाना सम्भव नहीं है । कारण कि इनको बनने में हजारों-हजार वर्ष लग जाते हैं । फिर भी नहीं कहा जा सकता हजार-हजार वर्ष बाद भी ये प्राप्त हो सकेंगे या नहीं । अतः हमारी अगली पीढ़ी भी इनका लाभ उठा सके, अतः इनका संरक्षण नितांत जरूरी है ।

प्रश्न 4. नवीकरणीय संसाधन किसे कहा जाता है ? उदाहरण के साथ लिखें ।

उत्तर – नवीकरणीय संसाधन उन संसाधनों को कहते हैं कि इनका जितना भी उपयोग कर लिया जाय, ये पुनः प्राप्त हो जाते हैं। उदाहरण में हम (i) सौर ऊर्जा, (ii) पवन ऊर्जा, (iii) जल संसाधन, (iv) मृदा संसाधन, (v) वन संसाधन आते हैं । इनमें से किसी भी संसाधन को हम जितना भी उपयोग कर लें, ये पुनः प्राप्त हो जाएँगे। यह बात अलग है कि बादल लगा रहने पर हम सौर ऊर्जा से वंचित हो जाते हैं ।

प्रश्न 5. प्राकृतिक संसाधन के वितरण में असमानता के कारणों को लिखें ।

उत्तर – प्राकृतिक संसाधनों के वितरण में असमानता के कारण हैं भूमि की बनावट । पहाड़ों से नदियाँ निकलती हैं, जिनके जल के विभिन्न उपयोग हैं । मरुस्थल में केवल बालू ही बालू है, हालाँकि कहीं-कहीं कुछ खनिज भी मिल जाते हैं। मैदान समतल होते. हैं, जहाँ कृषि कार्य आसान होता है, जिससे हमें अन्न और सब्जी प्राप्त होते हैं । इसी प्रकार पठारों पर विविध प्रकार के खनिज पाये जाते हैं ।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें ।

प्रश्न 1. संसाधन को परिभाषित कर उनका वर्गीकरण प्रस्तुत करें । ( अधिकतम 200 शब्दों में )

उत्तर – मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने वाले सभी जीव-जन्तु, वस्तुएँ, पदार्थ जैसे खनिज आदि संसाधन कहलाते हैं। |

संसाधन को मोटे तौर पर तीन वर्गों में रखा गया है : (1) प्राकृतिक संसाधन, (2) मानव संसाधन तथा (3) मानवकृत संसाधन ।

प्रकृति में पाये जाने वाले सभी जीव-जन्तु, वस्तुएँ एवं पदार्थ प्राकृतिक संसाधन हैं। इस दृष्टि से भूमि, जल, वन, वन्य पशु, पालतू पशु, सूर्य प्रकाश, समुद्र तथा समुद्री जीव-जन्तु सभी प्राकृतिक संसाधन हैं ।

मानव एक ऐसा संसाधन है जो संसाधनों को उपयोग के योग्य बनाता है और स्वयं उनका उपयोग भी करता है । इस अर्थ में मानव निर्माता और उपभोक्ता दोनों है । संसाधनों को उपयोगी बनाने के लिए वह अपनी बुद्धि, अपने दिमाग तथा शैक्षिक क्षमता का उपयोग करता है ।

मनुष्य प्राकृतिक संसाधनों के रूप में बदलाव कर उन्हें मानवीय उपयोग योग्य बनाता है। लोहा को ठोक – पीट कर अनेक वस्तुएँ बनाई जाती हैं। इसके लिए कोयले का उपयोग करना पड़ता है। वनों से प्राप्त लकड़ी को काट-छाँटकर अनेक प्रकार के उपयोगी फर्नीचर बनता है । यह सब मानवीय कौशल से होता है । इससे इन्हें मानवकृत संसाधन कहते हैं ।

विकास और उपयोग के आधार पर संसाधनों के दो प्रकार हैं : (i) वास्तविक संसाधन तथा (ii) संभाव्य संसाधन । ‘ वास्तविक संसाधन वे हैं जो अभी प्राप्य हैं और उनका उपयोग जारी है। संभाव्य संसाधन वे हैं, जिनके भविष्य में प्राप्ति की आशा है ।

उपलब्धता के आधार पर भी संसाधनों के दो प्रकार हैं : एक है अनवीकरणीय तथा दूसरा नवीकरणीय ।

लोहा, कोयला, पेट्रोलियम आदि अनवीकरणीय संसाधन हैं, क्योंकि एक बार समाप्त हो जाने के बाद इनकी प्राप्ति असम्भव है । नवीकरणीय पदार्थ बार-बार उपयोग के बाद भी वे पुनः प्राप्त हो जाते हैं। वन से वृक्ष काट लें तो वहाँ पुनः वे उग आते हैं या उगाए जा सकते हैं । सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा ऐसे ही संसाधन हैं ।

प्रश्न 2. प्राकृतिक संसाधन का वर्गीकरण उपयुक्त उदाहरण के साथ प्रस्तुत कीजिए ।

उत्तर – प्राकृतिक संसाधनों का वर्गीकरण हम अनेक रूपों में कर सकते हैं । जैसे : पहाड़ों पर पाये जाने वाले संसाधन । पहाड़ों पर बर्फ जमता है। ये बर्फ गलकर नदी बनाते हैं, जिनके पानी से सिंचाई कर फसल उगाते हैं। पहाड़ों के कम ऊँचाई वाले भागों में वनों की भरमार होती है, जिनकी लकड़ी का उपयोग औद्योगिक और घरेलू कामों में होता है ।

मैदानों का प्राकृतिक संसाधन मिट्टी या मृदा है। इनमें फसल उगाना आसान होता है। जमीन समतल होने से सड़क, रेल आदि का विकास आसान होता है। ये ही सब कारण हैं कि या मानवों को बंसने में सहायता मिलती है। मैदानों में ही जनघनत्व अधिक पाया जाता है। मानव संसाधन से यह क्षेत्र परिपूर्ण है ।

पठारों पर खनिज रूपी प्राकृतिक संसाधन की भरमार है। चाहे वह कोयला हो या लोहा, यूरेनियम या अभ्रख, सोना-चाँदी हो या हीरा, पठारों पर ही पाये जाते हैं

मरुस्थल में वैसे तो बालू की भरमार है, लेकिन कहीं-कहीं खनिज भी मिल जाते हैं, जैसे थार मरुस्थल में ताँबा मिलता है। मरुस्थलों में पेट्रोलियम भी प्राप्त होते हैं । मध्य एशिया तथा पश्चिम एशिया पेट्रोलियम के लिए विश्व में विख्यात हैं ।

समुद्री जल से नमक प्राप्त होता है । समुद्र में अनेक जलजीव हैं जो प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। जैसे : मछली, शंख, मोती, मूँगा । इनके अलावे भी कुछ रत्न समुद्र से मिलते हैं, जिस कारण समुद्र को ‘रत्नाकार’ भी कहा जाता है ।

प्रश्न 3. ” संसाधन बनाए जाते हैं ।” उपयुक्त उदाहरणों के साथ स्पष्ट करें ।

उत्तर – हम निश्चित रूप से यह सकते हैं कि “संसाधन बनाये जाते हैं ।” खनिज यदि खानों में पड़ा रहता है तो उसका वहाँ कोई उपयोग नहीं है । वह उपयोगी तभी बनेगा जब उसमें मानव हाथ लगेगा। माना कि खानों से लोहा निकलते हैं । उसे गलाने के लिए कोयला भी खानों से ही मिलते हैं । इन दोनों संसाधनों के सहयोग से अनेक मानवोपयोगी वस्तुएँ बनाई जाती हैं। मकान हो या पुल, रेलगाड़ी चलाने के लिए पटरी तथा स्लीपर हर जगह लोहा की आवश्यकता होती है ।

भूमि को जोता – कोड़ा जाता है और उसमें बीज बोये जाते हैं। खाद और कीटनाशी डाले जाते हैं। फसल को काटा जाता है । दवनी की जाती है।

प्रश्न 4. संसाधन संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डालें ।

उत्तर – किसी भी दृष्टि से देखा जाय तो समझ में आता है कि संसाधनों का संरक्षण अति आवश्यक है। वह इसलिए आवश्यक है कि संसाधन सीमित हैं । उनका यदि संरक्षण नहीं किया जाए तो वे शीघ्र समाप्त हो जाएँगे। हमें वे पुनः नहीं मिल सकते । न केवल

अपने लिए बल्कि आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी। यदि अभी ही हम सम्पूर्ण संसाधनों का दोहन कर लें तो पृथ्वी खोखली हो जाएगी। कुछ ऐसे संसाधन हैं, जो दोबारे प्राप्त नहीं हो पाएँगे। जैसे : कोयला, लोहा, अभ्रख, ग्रेनाइट, चूना पत्थर, सीसा, बॉक्साइट, टिन, ताँबा, अल्युमिनियम, जिप्सम आदि । कोयला, चूना पत्थर तथा जिप्सम के संयोग से सीमेंट बनाया जाता है ।

वैसे मानें तो जल, वन, वन्यजीव आदि का संरक्षण भी आवश्यक है । जल को उपयोग लायक ही निकाला जाय । यदि सम्भव हो तो नहाने और कपड़ा धोने के बाद जो जल बहा दिया जाता है, उसे अगल एकत्र कर उसका उपयोग बागवानी में किया जा सकता है। लकड़ी का उपयोग तो बन्द कर देना ही अच्छा है। उसके स्थान पर लोहा तथा प्लास्टिक का उपयोग किया जा सकता है। इस प्रकार वन के वृक्ष बचे रह सकते हैं । वन्य जीव-जन्तु वन की शोभा हैं । इनको चिड़ियाँ घरों में रखा जाता है, जिससे वन क्षेत्रों से दूर रहने वाले लोग इन वन्य जीवों को देख सकें।

कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. संसाधन क्या हैं ?

उत्तर – मनुष्य के उपयोग में आनेवाली सभी वस्तुएँ ‘संसाधन’ हैं।

प्रश्न 2. संसाधन मानवोपयोगी कैसे बन जाते हैं ?

उत्तर- मानव के श्रम एवं कौशल से संसाधन उपयोगी बन जाते हैं ।

प्रश्न 3. सामान्यतः संसाधन कितने प्रकार के होते हैं? कौन -कौन ?

उत्तर – सामान्यतः संसाधन दो प्रकार के होते हैं।

(क) प्राकृतिक संसाधन तथा (ख) मानव निर्मित संसाधन |

प्रश्न 4. विकास और उपयोग के आधार पर संसाधनों को कितने वर्गों में रखा जा सकता है ?

उत्तर – दो वर्गों में : (क) वास्तविक संसाधन तथा (ख) संभाव्य संसाधन ।

प्रश्न 5. उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों को कितने वर्गों में बाँटा जा सकता है?

उत्तर – उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है :

(क) जैव संसाधन तथा (ख) अजैव संसाधन ।

प्रश्न 6. प्राकृतिक संसाधनों को विस्तृत रूप में किन दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है ?

उत्तर- (क) नवीकरणीय संसाधन तथा (ख) अनवीकरणीय संसाधन ।

प्रश्न 7. वितरण के आधार पर संसाधन के कितने प्रकार हैं ?

उत्तर- वितरण के आधार पर संसाधनों के निम्नलिखित दो प्रकार हैं :

(क) सर्वव्यापक संसाधन तथा (ख) स्थानिक संसाधन ।

प्रश्न 8. संसाधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है ?

उत्तर- संसाधनों का संरक्षण इसलिए आवश्यक है ताकि वे अधिक समय तक बचे रहें ताकि हमारी भावी पीढ़ियाँ भी उनका लाभ उठा सकें ।

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