इस लेख में बिहार बोर्ड कक्षा 9 इतिहास के पाठ 7 ‘शन्ति के प्रयास (Shanti ke prayas Class 9th History Notes)’ के नोट्स को पढ़ेंगे।
पाठ- 7 शन्ति के प्रयास
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न:
1.सुरक्षा परिषद् में कितले स्थायी और अस्थायी सदस्य है-
उत्तर-सुरक्षा परिषद् में अभी 5 स्थायी तथा 10 अस्थायी सदस्य है
2. राष्ट्रसंघ का सबसे प्रमुख अंग कौन है?
उत्तर-राब्ट्र संघ का प्रमुख अगं आम सभा है
3. संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना किस तिथि को हुई?
उत्तर-संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना 24 अक्टुबर 1945 को हुई ।
4. संयुक्त राष्ट्रसंघ के वर्तमान महासचिवकौन है?
उत्तर-संयुक्त राष्ट्रसब का वर्तमान महा संचिव बान-वी-मुन हैं।
5. संयुक्त राष्ट्रसंघ के चार्टर में कितनी धराएँ थी?
उत्तर-संयुक्त राष्ट्रसंघ के चार्टर में 11 धाराएं हैं।
6. सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्यों की संख्या है
उत्तर-सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्यो की सख्या10 है।
7. संयुक्त राष्ट्रसंघ का प्रधान अधिकारी कहलाता हैं।
उत्तर-संयुक्त राष्ट्रसंघ का प्रधान अधिकारीमहासचीव कहलाता है।
Shanti ke prayas Class 9th History Notes
लघु उत्तरीय प्रश्न:
1. राष्ट्रसंघ की स्थापना किस प्रकार हुई?
उत्तर-प्रथमविश्वयुद्धके आरंभ काल से कईयुरोपीय देश इस बात के लिएचिंतित थे। किविश्व स्वरपरऐसी संस्था रहनी चाहिए जोदेश के मन मुटाव को कम कर सके। लेकिन युद्ध के तनाव भरे वातावरण में यह सम्भव नहीं था। 1918 में युद्ध किस समाप्ती के बाद अमेरिका के ‘राष्ट्रिपति बुड्रो विल्सन के प्रयास से शांति सम्मेल में राब्ट्रसंघ की स्थापना की बात हुई। उन्होने 14 सूत्री प्रस्ताओं के आधार पर इस अंतर्राष्ट्रीय संस्थान की स्थापना 10 जुन 1920 हुई।
2. राष्ट्रसंघ निः शिस्त्रीकरण के प्रश्न को सुलझाने में क्यों असफल रहा?
उत्तर-राष्ट्रसंघ छोटे-छोटे देशों की समस्याओं को सुलझाने में सफल रहा लेकिन जब बड़े देशों की बात आई तो उनलोगों ने अनसुनी कर दिया। खासकर जर्मनी और इटली तो बदले कीभावना में जल रहे थे और जल्द-से-जल्द अपने को सस्तो को लैस कर लेना चाहते थे। बहुत प्रयास से मिले जर्मनी को राष्ट्रसंघ की को त्याग तक कर देने का निर्णय ले लिया और वह सस्त्रों के प्रसार में लगा रहा। अत: राष्ट्रसंघ निःशस्त्रीकर को प्रश्न की सुलझाने में असफल हो गया।
3. राष्ट्रसंघ कीन कारणों से असफल रहा ? किन्ही चार कारणों को बतावें।
(1) शक्तीशाली राष्ट्रों का असहयोग – राष्ट्रसंघ को शक्तीशाली देशो का समर्थन नही मिला।
(2) अमेरिका का राष्ट्रसंघ से अलग रहना- अमेरिका राष्ट्रसंघका सदस्य नही बना वह स्वंय उसकासंसथापक था।
(3) जर्मनी का एकतरफा निर्णय – जर्मनीराष्ट्रसंघमें मनमाना निर्णय लेता रहा और राष्ट्रसंघ चुप रहा
(4) मुसोलिन की फासिवदी नीतियाँ- मुसोलीन विकास केलिए युद्ध को अनिवार्य मानता था जर्मनी से उसे सह मिल रहाथा।
4. संयुक्त राष्ट्रसंघ के उद्देश्यों एवं सिद्धांतों को लिखें।
उत्तर-संयुक्त राष्ट्रसंघ के उद्देश्यः
(1) शंति स्थापीतकर कीसी द्वारा किसी देश पर आक्रमण को रोकना
(2) आत्मनिर्णय और समानता के आधार पर राष्ट्रीय सम्बंध को मजबूत करना
(3 राष्ट्रों की आर्थिक स्थिति, समाजिक और शैक्षिक समस्यों को सुलझाना।
(4) राष्ट्रसंघ को एक ऐसा केन्द्र बनना जहाँ इनसभी उदेश्य की प्रवति- के लिएतालमेल स्थापति किया जासके संयुक्त राष्ट्र संघ के सिद्धांत
(5) राष्ट्रो के समानता के सिद्धांत को मानती है।
(6) कोई भी राष्ट्रसंयुक्त राष्ट्रसंघ के बातो का उल्लघन नही कर सकता है।
(7) सभी राष्ट्र झगड़ोंऔर वीवादों का निवार सांतिपूर्व करेंगे
(8) राष्ट्र के अंतरीक मामलों में हस्तक्षेप
5. संयुक्त राष्ट्रसंघ के गैरराजनीतीक कार्य कौन -कौन से है?
उत्तर-संयुक्त राष्ट्रसंघ के गैर राजनीतिक कार्य के अन्तर्गत अंतर्राष्ट्रीय अस्तर पर विभिन्न आर्थिक समाजीक, सांसकृतिक, शैक्षिक एवं स्वास्थ्य से सम्बंधित कार्य है तथा व्यापरिक मामलो में समानता का व्यवहार करना भी है मानवीय अधिकारी एवं स्वतंत्रता के प्रति आस्था बढ़ाना तथा सामाजिक, आर्थिक कार्य भी हैं।
6. संयुक्त राष्ट्रसंघकी किन्ही चार राजनीतिकसफलताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-संयुक्त राष्ट्रसंघ की चार प्रमुख राजनीतीक सफलताएँ नीम्नलिखित है।
(1) अंतर्राष्ट्रीय तनाओ को कम करना – विभिन्न एशियाई देशों के मध्य हो रहेतनाओ कोकम करने में राष्ट्रसंघ ने सराहनीय भुमिका निभाई।
(2) उत्तर-दक्षिण कोरिया के युद्ध को रोकना – वर्षो से चल रहे उत्तर-दक्षिण कोरिया के बीच चल रहे युद्ध को रोकने में सफल रहा।
(3) स्वेज नहर विवाद सुलझाना-मित्र जब स्वेज नहर का राष्ट्रीयकरण किया तो फ्रांस और इंग्लैंड ने बौखला कर युद्ध की स्थिती पैदा कर दिया। इसे विवाद को राष्ट्रसंघ सुलझाया
(4) लेबन्ना संकट को दूर करना-जब लेबनान पर संकटआया तो राष्ट्रसंघ ने अपनी सेना भेजकर उसकी सुरक्षा किया।
Shanti ke prayas Class 9th History Notes
दिर्घउत्तरीय प्रश्न
1. राष्ट्रसंघ की स्थापना की परिस्थतियों का वर्णन करें
उत्तर- प्रथम विश्वयुद्धं अबतक के हुए युद्धों में भयानक युद्ध था। जिसमें दो गुट – त्रिगुट त्रिराष्ट्रीय संधि युद्धरत थे, लेकिन इनके अन्य सहयोगी भी युद्ध में शामिल थे। युद्ध लम्बा होता जा रहा था के देश बुरी तरह हार गए। पेरिस की शांति संधि और बाद में हुई वर्साय की संधी के द्वारा हारे हुए देशो पर भारी पाबंदी लगाई गई। उनके उपनिवेशों कोछिनी लिए गए, तत्काल जीते हुएँ क्षेत्रोंसेतो उन्हें वंचित कर किया ही गया। शक्तीशाली देश यह समझते थे कि समय पाकर ये पुन: सीर उठा सकते हैं। अत: उनपर भारी पाबंदी तो लगा ही था, परस्पर भी कोई खटपट नही हो, इसके लिए विश्व शांति स्थापनार्थ रक्त विश्व संस्था की अवश्यकता थी अंत: युद्ध परांत 1919 ई. में पेरिस में हुए शांति सम्मेलन में राष्ट्रसंघ की स्थापना पर विचार किया गया। अमेरिका के राष्ट्रपति बुड्रो विल्सन ने अपने 14 सूत्री प्रस्ताव रखे, जिसके मदेनजर 10 जुन 1920 ई. को राष्ट्रसंघ की स्थापना हुई। इस प्रकार हम देखते है की राष्ट्रसंघ की स्थापना उन पारिस्थितियों के बीच हुई, जब सभी देशों में अविश्वास और संदेह की परिस्थति थी।
2. राष्ट्रसंघ किन कारणों से असफल रहा? वर्णन करें।
उत्तर-राष्ट्रसंघ की असफलता के अनेक कारण थे। प्रमुख कारण यह था की आंरम्भ से ही कुछ शक्तीशाल और बड़े राष्ट्रो इसकी सदस्यता से वंचीत रहे। हारे हुए देशों को आरंभ में इनका सदस्य नही बनाया र गया। बाद में 1925 में जर्मनी को शामिल किया गया लेकिन वह सहयोग के स्थान पर असहयोग के लिए ही आया था। पुरी जर्मन राष्ट्र वर्साय की संधि से असंतुष्ट थे। इसका परिणाम यह हुआ की जब हिटलर ने अपने को शक्तीशाली बना लिया तो वह बार-बार राष्ट्रसंघ की अवहेलना करने लगा। जब उसपर दबाव डाला गया उसने उनकी सेही त्यागपत्र दे दिया। वास्तव में उनकी इच्छा दीन लिए गए थे। क्षेत्रों को पुन: प्राप्त कर लेना तथा उपनिवेश बढ़ना था एक तो वह सैनीक शक्ती बढ़ाता रहा।वर्साय की संधि के मुताबीक उसके लिए वर्जित घोषित किया गया था। उसने किसी का परवाह किए बिना सैनिक शक्ति बढ़ा रहा । इंगलैंड और फ्रांस उसकी ओर से आँखें मुदे रहा, राष्टसंघ मे भी चुपलगा जानें में ही अपना कल्याणा समझा हिटलर अपने हर कदम में सफल होते जा रहा था उसका हौसला बढ़ता ही गया। आर्थिक मंदी की मार सभी अपने ‘अंत्रिकमामलों को लगे थे । जर्मनी साम्राज्य विस्तार में लगे ऐसी स्थती में राष्ट्रसंघ मुक दर्शक बना रहा। इसका फल यह हुआ की राष्ट्रसंघ निरर्थक होते-होते असफल होकर समाप्त हो गय
3. संयुक्त राष्ट्रसंघ के उदेश्यो एवं सिद्धांतों कीप्रासंगिकता बतावें ।
उत्तर-संयुक्त राष्ट्रसंघ के उद्देश्यों एवं सिद्धांतों की प्रासंगिकता निम्नलिखित हो सकती है। बउदेश्य:
(1) शांति स्थापनार्थ किसी देश द्वारा किसी देश पर अक्रमण को रोकना।
(2) आत्मनिर्णय और समानता के आधार पर राष्ट्रों के मध्य मैत्रीपूर्ण सम्बले को सुदृढ करना।
(3) विभिन्न राष्ट्रों को आर्थिक समाजीक और शैक्षिक समस्याओं का समाधान करना
(4) संयुक्त राष्ट्रसंघ को एक ऐसा केन्द्र बनाना जहाँ सभी उदेश्यों की प्राप्ति हो सको
सिद्धंत:देशों के बीच समानता का सिद्धांत अपनाया जाए प्रत्येक देश संयुक्त राष्ट्रसंघ के घोषणा पत्र को स्वीकार करें सभी देश परस्पर के झगड़ो को शांतिपूर्ण ढंग से निवारण करे। संयुक्त राष्ट्रसंघ किसी भी शब्द के आंतरिक मामलो मे हस्तक्षेप नहीं करेगा और न किसी को करने देगा।
4. संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रमुख अंगों की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर-संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रमुख अंगों की भूमिका निम्नलिखित
(1) आम समामें किसी समस्या को रखा जाता है संयुक्त राष्ट्रसंघ के सभी अंगों का निर्वाचन यही समा करती है।
(2) सुरक्षा परिषद-यह दो या दो से अधिक देशों में विवादों को रोकने का प्रयास करती हैं। इसके 5 सदस्य स्थाही है
(3) आर्थिक एवं सामाजिक परिसद- यह अंतराष्ट्रीय स्थर पर विभिन्न आर्थिक, समाजिक, संस्कृति और स्वास्थ्य सेसम्बद्ध मामलो का निवास करती है।
(4) न्याय परिषद-न्याय परिषद न्या स्वतंत्र देश, जो अपना शासन स्वयं नही चला सकते जैसे देश का उस समय तक शासन सम्भालता है। जबतक वह शासन चलाने के योग्य नही हो जाए
(5) अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय – जो अंतराष्ट्रीय विवादों का निर्णय समान्ता के आधार पर करती है।
(6) सचिवालय- संचिवालय संयुक्त राष्ट्रसंघ का कार्यालय हैमहासचिव इसका प्रधान होता है।
5. संयुक्त राष्ट्रसंघ की महत्ता को रेखांकित करें।
उत्तर-संयुक्त राष्ट्रसंघ अपनी स्थापना से लेकर आजतक की तारीख तक विश्व को किसी बड़े युद्ध से बचाकर रखा है! यह इसकी खास महत्ता हैं: एशिया के अनके देशों के बीच बढ़ रहे तनाओं को कम करने या उन्हें समाप्त कराने में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने महत्वपूर्ण कार्य किया। ईरान में अवैध रूप से रह रहे रूसी सैनिको को हटाने के लिए में 1946 में इसने बाध्य कर दिया। रूष को यहाँ से सैनिकोंको हटानापड़ा। उत्तर दक्षिण कोरिया में वर्षो से चल रहे युद्ध को यह 1953में बन्द कराने में सफल रहा इसने 1956 में स्वेज नहर समस्या को सुलझाकर एक बड़े महत्व काम किया था। स्वेज नहर समस्या ने युद्ध की स्थिती के ला दी थी फ्रांस तथा इंगलैंड मिस्र द्वारा नहर के राष्ट्रीयकरण से मर्माहत हो गए थे और युद्ध पर उतारू थे लेकिन संयुक्त राष्ट्रसंघ के बीच-बचाव: ने समस्या का समाधान निकाल लिया। लेबनान पर जब संकट की स्थिती उत्पन्न हो गई तो संयुक्त राष्ट्र ने अपना दल भेजकर लेबनान को बचा लिया। 1956 में भारतपाक युद्ध बन्द कराने में संयुक्त राष्ट्रसंघ की महत्वपूर्ण भुमिका निर्मााण 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के प्रश्न पर पाकिस्तान ने जब भारत पर आक्रमण कर दिया तो संयुक्त राष्ट्रसंघ ने महत्पूर्ण भुमिका अदा की।
अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर
I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
निर्देश : नीचे दिए गए प्रश्नों में चार संकेत चिह्न हैं, जिनमें एक सही या सबसे उपयुक्त है। प्रश्नों का उत्तर देने के लिए प्रश्न- संख्या के सामने वह संकेत चिह्न (क, ख, ग, घ ) लिखें, जो सही अथवा सबसे उपयुक्त हो ।
1. राष्ट्रसंघ के सचिवालय का प्रधान कार्यालय :
(क) न्यूयार्क में था
(ख) पेरिस में था
(ग) जेनेवा में था
(घ) बर्लिन में था
2. इसमें कौन राष्ट्रसंघ का सदस्य नहीं था ?
(क) इंग्लैंड
(ख) संयुक्त राज्य अमेरिका
(ग) फ्रांस
(घ) जर्मनी
3. राष्ट्रसंघ की स्थापना का मूल उद्देश्य था :
(क) द्वितीय विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि तैयार करना
(ख) भविष्य में युद्ध रोकना
(ग) राष्ट्रों के बीच मतभेद उत्पन्न करना
(घ) इनमें से कुछ नहीं
4. राष्ट्रसंघ की स्थापना किस वर्ष हुई ?
(क) 1945
(ख) 1925
(ग) 1920
(घ) 1895
5. निम्नलिखित में से कौन संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है ?
(क) आर्थिक और सामाजिक परिषद
(ख) अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय
(ग) संरक्षण परिषद
(घ) अंतर्राष्ट्रीय मजदूर संघ
6. संयुक्त राष्ट्रसंघ का मुख्यालय कहाँ अवस्थित है ?
(क) जेनेवा
(ख) वाशिंगटन
(ग) न्यूयार्क
(घ) लंदन
8. संयुक्त राष्ट्रसंघ की किस सम्मेलन का सफल परिणाम था ?
(क) डाम्बस्टन ओक्स
(ख) सैन फ्रांसिस्को
(ग) जेनेवा
(घ) पेरिस
8. वर्तमान में संयुक्त राष्ट्रसंघ के कितने सदस्य हैं ?
(क) 111
(ख) 192
(ग) 190
(घ) 290
उत्तर—1. (ग), 2. (ख), 3. (ख), 4. (ग), 5. (घ), 6. (ग), 7. (क), 8. (ख)।
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. सुरक्षा परिषद में अभी कितने स्थायी और अस्थायी सदस्य हैं ?
उत्तर— सुरक्षा परिषद में अभी 5 स्थायी तथा 10 अस्थायी सदस्य हैं ।
प्रश्न 2. राष्ट्रसंघ का सबसे प्रमुख अंग कौन है ?
उत्तर—राष्ट्रसंघ का सबसे प्रमुख अंग आम सभा है ।
प्रश्न 3. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना किस तिथि को हुई ?
उत्तर—संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को हुई ।
प्रश्न 4. संयुक्त राष्ट्रसंघ के वर्तमान महासचिव कौन हैं ?
उत्तर—संयुक्त राष्ट्रसंघ के वर्तमान महासचिव बान-वी-मून हैं । ये दक्षिण कोरिया के एक बड़े नेता हैं ।
प्रश्न 5. संयुक्त राष्ट्रसंघ के चार्टर में कितनी धाराएँ हैं ?
उत्तर— संयुक्त राष्ट्रसंघ के चार्टर में 111 धाराएँ हैं । इन्हीं धाराओं के अनुसार संयुक्त राष्ट्रसंघ का कार्य संचालन होता है ।
प्रश्न 6. सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों की संख्या कितनी है ?
उत्तर — सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों की संख्या 10 है ।
प्रश्न 7. संयुक्त राष्ट्रसंघ का प्रधान अधिकारी क्या कहलाता है ?
उत्तर— संयुक्त राष्ट्रसंघ का प्रधान अधिकारी महासचिव कहलाता है ।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. राष्ट्रसंघ की स्थापना किस प्रकार हुई ?
उत्तर – प्रथम विश्व युद्ध के आरम्भ काल से ही इंग्लैंड, फ्रांस, अमेरिका, आदि जैसे अन्य कई यूरोपीय देश इस बात के लिए चिंतित थे कि विश्व स्तर पर एक ऐसी संस्था रहनी चाहिए जो देशों के परस्पर मनमुटाव को समाप्त कर सके। लेकिन के तनाव भरे वातावरण में यह सम्भव नहीं था। 1918 में युद्ध की समाप्ति के पश्चात युद्ध अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन के प्रयास से 1919 में पेरिस में हुए शांति- सम्मेलन में राष्ट्रसंघ की स्थापना की चर्चा हुई। उन्होंने एक 14 सूत्री प्रस्तावों के आधार पर इस अंतरर्राष्ट्रीय संस्थान की स्थापना पर बल दिया । फलस्वरूप विभिन्न योजनाओं को मिलकार 10 जून, 1920 ई. को राष्ट्रसंघ ( League of Nations) की स्थापना हुई ।
प्रश्न 2. राष्ट्रसंघ नि:शस्त्रीकरण के प्रश्न को सुलझाने में क्यों असफल रहा ?
उत्तर- राष्ट्रसंघ छोटे-छोटे देशों की समस्याओं को सुलझाने में तो सफल हो गया, लेकिन जब बड़े देशों की बात आई तो उनलोगों ने अनसुनी करना शुरूकर दिया । खासकर जर्मनी और इटली तो बदले की भावना से ग्रसित थे और जल्द-से-जल्द अपने को शस्त्रों से लैस कर लेना चाहते थे। बहुत प्रयास से मिलें जर्मनी को राष्ट्रसंघ की सदस्यता को त्याग तक कर देने का निर्णय ले लिया और वह शस्त्रों के प्रसार में लगा रहा । इस तरह की बातें अन्य देशों की ओर से भी देखने को मिल रही थीं । फलतः राष्ट्रसंघ निःशस्त्रीकरण के प्रश्न को सुलझाने में असफल हो गया ।
प्रश्न 3. राष्ट्रसंघ किन कारणों से असफल रहा ? किन्हीं चार कारणों को बतावें ।
उत्तर – राष्ट्रसंघ की असफलता के चार कारण निम्नलिखित थे :
(i) शक्तिशाली राष्ट्रों का असहयोग – राष्ट्रसंघ की व्यावहारिक सफलता बड़े. शक्तिशाली राष्ट्रों के सहयोग पर निर्भर थी। लेकिन राष्ट्रसंघ शुरू से ही इस सहयोग से वचिंत था । अतः इसकी असफलता अनिवार्य थी ।
(ii) अमेरिका का राष्ट्रसंघ से अलग रहना- अमेरिका राष्ट्रसंघ की स्थापना में सक्रिय सहयोगी तो रहा, लेकिन वह स्वयं उसका सदस्य नहीं बना । फलतः कार्यकारी सहयोग वह नहीं दे सकता था ।
(iii) जर्मनी का एकतरफा निर्णय – जर्मनी को पहले तो नहीं, लेकिन बाद में उसे राष्ट्रसंघ का सदस्यता प्रदान कर दी गई । लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हो सका। वह मनमाना निर्णय लेता रहा और राष्ट्रसंघ चुप बैठा रहा ।
(iv) मुसोलिनी की फासिस्टवादी नितियाँ – इटली का तानाशाह मुसोलिनी को शांति में विश्वास नहीं था। मानव विकास के लिए वह युद्ध को अनिवार्य मानता था । जर्मनी से उसे सह मिल रहा था ।
प्रश्न 4. संयुक्त राष्ट्रसंघ के उद्देश्यों एवं सिद्धांतों को लिखें ।
उत्तर- संयुक्त राष्ट्रसंघ के उद्देश्य निम्नांकित हैं :
(i) शांति स्थापनार्थ किसी देश द्वारा किसी देश पर आक्रमण को रोकना ।
(ii) आत्मनिर्णय और समानता के आधार पर राष्ट्रों के मध्य मैत्रीपूर्ण सम्बंधों को सुदृढ़ करना ।
(iii) विभिन्न राष्ट्रों की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक समस्याओं का समाधान करना ।
(iv) संयुक्त राष्ट्रसंघ को एक ऐसा केन्द्र बनाना जहाँ उपयुक्त सभी उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कार्यवाहियों में तालमेल स्थापित हो सके ।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रमुख सिद्धांत निम्नलिखित हैं :
(i) राष्ट्रों की समानता के सिद्धांत को यह संस्था मानती रहेंगी ।
(ii) कोई भी राष्ट्र संयुक्त राष्ट्रसंघ के घोषणा-पत्र का उल्लंघन नहीं करेगा।
(iii) सभी राष्ट्र परस्पर झगड़ों और विवादों का निबटारा शांतिपूर्ण ढंग से करेंगे।
(iv) संयुक्त राष्ट्रसंघ किसी भी राष्ट्र के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा और न किसी को करने देगा ।
प्रश्न 5. संयुक्त राष्ट्रसंघ के गैरराजनीतिक कार्य कौन-कौन से हैं?
उत्तर- संयुक्त राष्ट्रसंघ के गैरराजनीतिक कार्य के अन्तर्गत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक एवं स्वास्थ्य से सम्बंधित मामलों की जाँचकर देश विशेष को सहयोग प्रदान करना है । इस कार्य की पूर्ति के लिए आर्थिक एवं सामाजिक परिषद नामक संयुक्त राष्ट्रसंघ का एक प्रमुख अंग कार्यरत हैं । इसी से मिलता-जुलता गैरराजनीतिक कार्य मानवीय अधिकारों एवं स्वतंत्रता के प्रति आस्था बढ़ाना तथा सामाजिक, आर्थिक और व्यापारिक मामलों में समानता का व्यवहार करना भी हैं ।
प्रश्न 6. संयुक्त राष्ट्रसंघ की किन्हीं चार राजनीतिक सफलताओं का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर – संयुक्त राष्ट्रसंघ की चार प्रमुख राजनीतिक सफलताएँ निम्नलिखित हैं :
(i) अंतर्राष्ट्रीय तनावों को कम करना – विभिन्न एशियाई देशों के मध्य हो रहे तनावों को कम करने में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने सराहनीय भूमिका निभाई । 1946 में ईरान में अवैध रूप से रह रहे रूसी सैनिकों को हटवाया ।
(ii) उत्तर-दक्षिण कोरिया के युद्ध को रोकना — वर्षों से चल रहे उत्तर-दक्षिण कोरिया के बीच चल रहे युद्ध को रोकवाने में संयुक्त राष्ट्रसंघ को अपूर्व सफलता मिली ।
(iii) स्वेज नहर विवाद को सुलझाना – मिस ने जब स्वेज नहर का राष्ट्रीयकरण किया तो फ्रांस और इंग्लैंड बौखला कर युद्ध की स्थिति पैदा कर दिए। इस विवाद को भी राष्ट्रसंघ ने सुलझा लिया ।
(iv) लेबनान संकट को दूर करना – 1959 में लेबनान पर जब संकट के बादल छाने लगे तो संयुक्त राष्ट्रसंघ ने ही अंतर्राष्ट्रीय सेना भेजकर लेबनान की जान बचाई।
IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. राष्ट्रसंघ की स्थापना की परिस्थतियों का वर्णन करें ।
उत्तर – प्रथम विश्वयुद्ध अबतक के हुए युद्धों में भयानक युद्ध था । कहने को तो मात्र दो ही गुट – त्रिगुट (ट्रिपल एलायंस) तथा त्रिराष्ट्रीय संधि (ट्रिपल एतांत) — युद्धरत थे, लेकिन इनके अन्य सहयोगी भी युद्ध में शामिल थे। युद्ध लम्बा खींचा और अंततः त्रिगुट (ट्रिपल एलायंस) के देश बुरी तरह हार गए । पेरिस की शांति संधि और बाद में हुई वर्साय संधि के द्वारा हारे हुए देशों पर भारी पाबंदी लगाई गई । उनके द्वारा जो क्षेत्र पहले से भी उपनिवेश बना लिए थे. सब छिन लिए गए, तत्काल जीते हुए क्षेत्रों से तो उन्हें वंचित किया ही गया । इससे उनमें भारी क्षोभ था । शक्तिशाली देश यह समझते थे कि समय पाकर ये पुनः सिर उठा सकते हैं । अतः उन पर पाबन्दी तो लगाना ही था, परस्पर भी कोई खटपट नहीं हो, इसके लिए विश्व शांति स्थापनार्थ एक विश्व संस्था की आवश्यकता थी । अतः युद्ध काल से ही वे इसकी स्थापना के लिए सोच रहे थे, लेकिन तनाव भरे युद्धकाल में यह संभव नहीं था । अतः युद्धोपरांत 1919 ई. में पेरिस में हुए शांति सम्मेलन के पश्चात राष्ट्रसंघ की स्थापना पर विचार किया गया । अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने अपने 14 सूत्री प्रस्ताव रखें, जिसके मद्देनजर 10 जून, 1920 ई. को राष्ट्रसंघ की स्थापना हो गई। लेकिन प्रारम्भ से ही इतना प्रयास करते रहने के बावजूद स्वयं अमेरिका उसका सदस्य नहीं बना । रूस में कम्युनिस्ट आन्दोलन सफल हो गया था अतः कम्युनिस्टों को महत्व नहीं मिले, इस कारण रूस को भी राष्ट्रसंघ. का सदस्य नहीं बनाया गया । दूसरी ओर विजित देशों को भी उससे दूर ही रखा गया ।
इस प्रकार हम देखते हैं कि राष्ट्रसंघ की स्थापना उन परिस्थितियों के बीच हुई, जब सभी देशों में अविश्वास और संदेह की परिस्थिति थी और सभी एक-दूसरे के प्रति सशंकित थे
प्रश्न 2. राष्ट्रसंघ किन कारणों से असफल रहा? वर्णन करें ।
उत्तर— राष्ट्रसंघ की स्थापना के उद्देश्य अल्पकाल में ही धूल-धुसरित हो गए । अपनी स्थापना काल के मात्र 20 वर्षों में ही राष्ट्रसंघ ने दम तोड़ दिया ।
राष्ट्रसंघ की असफलता के अनेक कारण थे । प्रमुख कारण तो यह था कि आरम्भ से ही कुछ शक्तिशाली और बड़े राष्ट्रों को इसकी सदस्यता से वंचित रखा गया या वे स्वयं इसकी सदस्यता स्वीकार करने से मुकर गए। हारे हुए देशों को आरंभ में इसका सदस्य नहीं बनाया गया। बाद में 1925 में जर्मनी को शामिल किया तो गया, लेकिन वह सहयोग के स्थान पर असहयोग के लिए ही राष्ट्रसंघ में आया था। पूरा जर्मन राष्ट्र वर्साय की संधि से असंतुष्ट तथा अपने को अपमानित महसूस कर रहा था । इसका परिणाम यह हुआ कि जब हिटलर ने अपने को शक्तिशाली बना लिया तो वह बार-बार राष्ट्रसंघ की अवहेलना करने लगा। जब उसपर अधिक दबाव डाला गया तो उसने उसकी सदस्यता से ही त्यागपत्र दे दिया । वास्तव में उसकी इच्छा छिने लिए गए और क्षेत्रों को पुनः प्राप्त कर लेना तथा अपने उपनिवेश बढ़ाना था। एक तो वह अपने सैनिक शक्ति बढ़ाता रहा, जबकि वर्साय संधि के मुताबिक यह उसके लिए वर्जित घोषित किया गया था, उसने किसी का परवाह किए बिना सैनिक शक्ति बढ़ता रहा । इंग्लैंड और फ्रांस उसकी ओर से आँखें मूँदे रहे, फलतः राष्ट्रसंघ ने भी चुप लगा जाने में ही अपना कल्याण समझा । हिटलर अपने हर कदम में सफल होते. जा रहा था और कहीं से कोई प्रतिरोध नहीं देख उसका हौसला बढ़ता ही गया । आर्थिक मंदी की मार से सभी देश अपने आंतरिक मामलों को सम्भालने में ही लगे थे, जबकि जर्मन साम्राज्य विस्तार में लगा था । ऐसी स्थिति में राष्ट्रसंघ मूक दर्शक बना रहा और इसके अधिकारी भी अब उसके कामों की ओर से उदासीन हो गए। इसका फल हुआ कि राष्ट्रसंघ निरर्थक होते-होते असफल होकर समाप्त हो गया ।
प्रश्न 3. संयुक्त राष्ट्रसंघ के उद्देश्यों एवं सिद्धांतों की प्रासंगिकता बतावें ।
उत्तर- संयुक्त राष्ट्रसंघ के उद्देश्यों एवं सिद्धांतों की प्रासंगिकता निम्नांकित हो सकती है। बल्कि यदि हम यह कहें कि संयुक्त राष्ट्रसंघ की प्रासंगिकता उसके उद्देश्यों और सिद्धांतों में ही निहित है तो कोई अत्युक्ति नहीं होगी ।
उद्देश्य :
संयुक्त राष्ट्रसंघ का प्रथम उद्देश्य है विश्व में देशों के बीच शांति बनी रहे, कोई देश किसी देश पर आक्रमण नहीं करे और यदि दो या दो से अधिक देशों के बीच कोई विवाद उत्पन्न होता है तो उसका शांतिपूर्ण ढंग से निबटारा करा दिया जाय ।
आत्मनिर्णय और समानता का सिद्धांत अपनाया जाय तथा संसार के देशों के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बंध स्थापित करा दिया जाय और ऐसा प्रयास किया जाय कि वह मैत्री सुदृढ़ रहे ।
विभिन्न देशों की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समस्याओं का समाधान किया जाय तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्राप्त कर मानवीय अधिकारों को अक्षुण्ण बनाये रखा जाय । संयुक्त राष्ट्रसंघ एक ऐसी केन्द्रीय संस्था बने जो देशों के उद्देश्यों की प्राप्ति की कार्यवाही में तालमेल और सामंजस्य स्थापित कराने में सहायक सिद्ध होता रहे ।
सिद्धान्त :
देशों के बीच समानता का सिद्धांत अपनाया जाय । प्रत्येक सदस्य देश संयुक्त राष्ट्रसंघ के घोषणापत्र ( Charter) का स्वागत करे और उसको सम्मान दे। सभी देश परस्पर के झगड़ों या विवादों का निबटारा शांतिपूर्ण ढंग से कर लें । संयुक्त राष्ट्रसंघ या इसकी किसी संस्था के सदस्य अन्य देशों की स्वतंत्रता और प्रादेशिक अखंडता को आक्रमणों के द्वारा विनष्ट नहीं करें। संयुक्त राष्ट्रसंघ के घोषणापत्र की अवहेलना करनेवाले देश के साथ कोई देश कोई सम्बंध नहीं रखेंगे। यदि कोई सदस्य देश शांति भंग करने की कोशिश करेगा तो संघ उसके विरुद्ध कार्यवाही करेगा । संयुक्त राष्ट्रसंघ किसी भी देश के आंतरिक मामले में न हस्तक्षेप करेगा और न किसी देश को करने देगा ।
प्रश्न 4. संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रमुख अंगों की भूमिका का वर्णन करें ।
उत्तर— संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रमुख अंगों की भूमिका निम्नलिखित है :
(i) आम सभा – आम सभा संयुक्त राष्ट्रसंघ का प्रमुख अंग है । इसी सभा में किसी समस्या को रखा जाता है तथा वाद-विवाद के पश्चात उसे स्वीकृत या अस्वीकृत किया जाता है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के सभी अंगों का निर्वाचन यही सभा करती है ।
(ii) सुरक्षा परिषद – सुरक्षा परिषद की भूमिका यह है कि यह दो या दो से अधिक देशों में विवादों को रोकने का प्रयास करती है । इसके 5 सदस्य स्थायी हैं तथा 10 सदस्य अस्थायी हैं । स्थायी सदस्यों को किसी भी निर्णय पर रोक लगा देने (वीटो) का अधिकार है।
(iii) आर्थिक एवं सामाजिक परिषद – आर्थिक और सामाजिक परिषद संयुक्त राष्ट्रसंघ का एक महत्वपूर्ण अंग है । यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और स्वास्थ्य से सम्बद्ध मामलों की देखभाल करती है । इस अंग के अन्तर्गत यूनीसेफ, यूनेस्को, मानवाधिकार आयोग, अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन आदि समूह काम करते हैं
(iv) न्यास परिषद — न्यास परिषद संयुक्त राष्ट्रसंघ का ऐसा अंग है, जो नया-नया स्वतंत्र देश, जो अपना शासन स्वयं नहीं चला सकते, जैसे देश का उस समय तक शासन सम्भालता है, जबतक कि वे शासन चलाने के योग्य नहीं हो जाते। यह काम वह किसी देश के माध्यम से करती है। न्यास परिषद के चार उद्देश्य निश्चित किए गए हैं :
(क) शांति और सुरक्षा को बढ़ाना, (ख) स्वशासन के क्रमिक विकास में सहायता करना, (ग) मानवीय अधिकारों को सुरक्षित करना तथा (घ) महत्त्वपूर्ण मामलों में समानता का व्यवहार करना ।
(v) अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय– अन्तराष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र के तहत एक ऐसा न्यायिक और कानूनी अंग है जो अंतराष्ट्रीय विवादों का निर्णय समानता के आधार पर करता है । इसके निर्णय को मानने के लिए इसके सभी सदस्य देश बाध्य हैं। इसका मुख्यालय नीदरलैंड की राजधानी हेग में है।
(vi) सचिवालय – सचिवालय संयुक्त राष्ट्रसंघ का कार्यालय है । महासचिव इसका प्रधान होता है । विभिन्न देशों के लोगों को कर्मचारी के रूप में प्रतिनिधित्व दिया जाता है। संघ के सभी महत्वपूर्ण कागजात यही रहते हैं ।
प्रश्न 5. संयुक्त राष्ट्रसंघ की महत्ता को रेखांकित करें ।
उत्तर— संयुक्त राष्ट्रसंघ की महत्ता को उसकी सफलताओं पर दृष्टिपात कर आंका जा सकता है । इसकी स्थापना के समय से ही इसके संस्थापक देशों के साथ ही सभी सदस्य देश इस बात से सशंकित थे कि इस संस्था की भी कहीं वही दशा न हो जाय जो ‘राष्ट्रसंघ’ का हुआ था । अतः इसके स्थायित्व को लेकर सभी देश प्रयत्नशील थे । संयुक्त राष्ट्रसंघ अपनी स्थापना से लेकर आज तक की तारीख तक विश्व को किसी बड़े युद्ध से बचाकर रखा है: यह इसकी खास महत्ता है ।
संयुक्त राष्ट्रसंघ की महत्ता को निम्नलिखित बातें सिद्ध करती हैं :
एशिया के अनेक देशों के बीच बढ़ रहे तनावों को कम करने या उन्हें समाप्त कराने में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने महत्वपूर्ण कार्य किया । ईरान में अवैध रूप से रह रहे रूसी सैनिकों को हटने के लिए 1946 में इसने बाध्य कर दिया। रूस को वहाँ से अपने सैनिकों को हटाना पड़ा। उत्तर-दक्षिण कोरिया में वर्षो से चल रहे युद्ध को यह 1953 में बन्द कराने में सफल रहा। इसने 1956 में स्वेज नहर समस्या को सुलझाकर एक बड़े महत्व का काम किया था। स्वेज नहर समस्या ने युद्ध की स्थिति ला दी थी। फ्रांस तथा इंग्लैंड मिस्र द्वारा नहर के राष्ट्रीयकरण से मर्माहत हो गए थे और युद्ध पर उतारु थे । लेकिन संयुक्त राष्ट्रसंघ के बीच-बचाव ने समस्या का समाधान निकाल लिया । लेबनान पर जब सकंट की स्थिति उत्पन्न हो गई तो संयुक्त राष्ट्र ने अपना दल भेजकर लेबनान को बचा लिया । मध्य एशिया में फिलिस्तीन- इजरायल का मुद्दा विकट रूप धारण करता जा रहा था, लेकिन संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रयास से वहाँ शांति स्थापित हो सकी। बावजूद इसके आज भी वहाँ दोनों गुट कभी-न-कभी भिड़ ही जाते हैं, लेकिन युद्ध बड़ा रूप नहीं ले पाता । 1956 में भारत-पाक युद्ध बन्द कराने में संयुक्त राष्ट्रसंघ की महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के प्रश्न पर पाकिस्तान ने जब भारत पर आक्रमण कर दिया तो संयुक्त राष्ट्रसंघ ने युद्ध बंद कराने और बांग्लादेश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
Shanti ke prayas Class 9th History Notes
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