BSEB Class 8th Geography मानव संसाधन | Manav Sansadhan Solutions And Notes

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Manav Sansadhan Solutions And Notes

इकाई – 5

मानव संसाधन

पाठ के अन्दर आए प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1. जनगणना क्या है? सबसे पहले भारत में अधिकारिक जनगणना कब हुई थी ?

उत्तर—देश के सभी लोगों की संख्या की गणना ‘जनगणना’ कहलाती है। सबसे पहले भारत में अधिकारिक जनगणना 1881 में हुई थी। तब से आज तक प्रत्येक 10 वर्षों में होती रही है। पिछली जनगणना 2011 ई. में हुई थी ।

प्रश्न 2. भारत के राज्यवार न्यूनतम जनघनत्व को बढ़ते क्रम में लिखिए ।

उत्तर-भारत के राज्यवार जनघनत्व बढ़ते क्रम में निम्नांकित हैं :

1. तमिलनाडु 555 प्रति वर्ग किलोमीटर

2. हरियाणा 573 प्रति वर्ग किलोमीटर

3. उत्तर प्रदेश 828 प्रति वर्ग किलोमीटर

4. केरल 859 प्रति वर्ग किलोमीटर

5.पश्चिम बंगाल- 1029 प्रति वर्ग किलोमीटर

6. बिहार 1102 प्रति वर्ग किलोमीटर

प्रश्न 3. बिहार के सर्वाधिक और कम जनघनत्व वाले जिलों के नाम लिखिए ।

उत्तर—बिहार में सर्वाधिक जनघनत्व वाला जिला शिवहर है तथा सबसे कम जनघनत्व कैमूर जिले में है । शिवहर का जनघनत्व 1882 व्यक्ति वर्ग किलोमीटर है तथा कैमूर का जनघनत्व 448 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।

प्रश्न 4. जन्मदर और मृत्युदर में अन्तर बताइए । भारत की स्थिति आज क्या है ?

उत्तर – प्रति हजार व्यक्तियों में जितने बच्चों का जन्म होता है, उसे जन्म दर कहते हैं। भारत में अभी यह दर 20.97 है ।

प्रति एक हजार व्यक्तियों में जितने व्यक्ति मर जाते हैं, उसे मृत्युदर कहा जाता है । भारत में अभी यह दर 47.57 है ।

प्रश्न 5. लिंगानुपात किसे कहते हैं ? बिहार में लिंगानुपात क्या है?

उत्तर—1000 पुरुषों पर जितनी महिलाओं की संख्या होती है, उसे लिंगानुपात कहते हैं। बिहार का लिंगानुपात 916 है ।

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न

सही विकल्प को चुनें :

(i) जनगणना की जाती है :

(क) प्रत्येक 20 वर्ष पर

(ख) प्रत्येक 10 वर्ष पर

(ग) प्रत्येक 5 वर्ष पर

(घ) प्रत्येक 2 वर्ष पर

(ii) मानव एक संसाधन है क्योंकि

(क) आवश्यकता पूर्ति के लिए तकनीक का प्रयोग करता है ।

(ख) अन्य सामग्रियों को संसाधन के रूप में परिणत करता है ।

(ग) मस्तिष्क का प्रयोग कर अन्य संसाधनों को उपयोगी बनाता है । (घ) उपर्युक्त सभी

(iii) भारत में सर्वाधिक जनसंख्या है।

(क) पश्चिम बंगाल की

(ग) उत्तर प्रदेश की

(ख) बिहार की

(घ) महाराष्ट्र की

(iv) भारत जनसंख्या के दृष्टिकोण से विश्व में है :

(क) तृतीय स्थान पर

(ख) चौथे स्थान पर

(ग) प्रथम स्थान पर

(घ) दूसरे स्थान पर

(v) पहाड़ी भाग में जनसंख्या कम होती है क्योंकि :

(क) वहाँ काफी गर्मी है

(ख) जन सुविधाओं का अभाव है

(ग) मृत्यु दर अधिक है

(घ) लोग वहाँ रहना नहीं चाहते हैं.

उत्तर : (i)→(ख), (ii) →2(घ), (iii)→(ग), (iv)→ (घ), (v)→ (ख)।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

प्रश्न (क) मानव एक महत्वपूर्ण संसाधन है, कैसे ?

उत्तर—मानव ने अपने मस्तिष्क, प्रौद्योगिकी एवं श्रम शक्ति का उपयोग कर उपलब्ध साधनों को उपयोगी बनाता है। इसने अनेक कठिन एवं अविश्वसनीय कार्य सम्पन्न किए हैं। मानव ने पृथ्वी को तो अपने अनुकूल बनाया ही है, इसने अंतरिक्ष तथा विभिन्न ग्रहों तक अपनी पहुँच बनायी है । इन्हीं गुणों के कारण मानव एक महत्वपूर्ण संसाधन है।

प्रश्न (ख) जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक हैं?

उत्तर—जनसंख्या की वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारक हैं : स्वास्थ्य सुविधाओं के बढ़ने के कारण मृत्युदर में कमी के कारण जनसंख्या में वृद्धि होती जा रही है । जन्मदर में वृद्धि भी जनसंख्या बढ़ाने का एक कारक है । जन्मदर सदैव मृत्युदर से अधिक रही है।

प्रश्न (ग) जनसंख्या परिवर्तन किन-किन कारकों पर निर्भर करता है?

उत्तर—सदा से ऐसा देखा जाता है कि जनंसख्या में हमेशा परिवर्तन होते रहता । इसका प्रमुख कारण है प्रवास । हम देखते हैं छोटे बाजार कस्बा बनते जा रहे हैं, कस्बा नगर में परिवर्तित होते जा रहे हैं। एक बार किसी की बदली राजधानी में हो. गई वह परिवार सहित वहीं बस जाता है । इन्हीं सब कारकों के कारण जनसंख्या परिवर्तन होते रहता है ।

प्रश्न (घ) घटती महिला लिंगानुपात के कारणों का विश्लेषण कीजिए।

उत्तर—घटती महिला लिंगानुपात के कारणों में पहला और प्रमुख कारण भ्रूण हत्या है। आज कुछ ऐसे तकनीक निकल गए हैं, जिससे यह पता चल जा रहा है कि गर्भ में लड़की है या लड़का। यह पता चलते ही कि गर्भ में लड़की पल रही है तो माँ- बाप गर्भ गिरवा देते हैं। ऐसा करने का कारण है कि लड़की के विवाह में तिलक दहेज देना अब काबू के बाहर होता जा रहा है। सरकार को इन बातों पर कड़ाई से रोक लगानी चाहिए । विवाह के बाद भी दहेज की माँग होती है और नहीं देने पर बहू को प्रताड़ित किया जाता है । यहाँ तक कि जलाया और जान से भी मार दिया जाता है ।

प्रश्न (ङ) मैदानी भागों में जनघनत्व अधिक पाया जाता है । क्यों?

उत्तर—मैदानी भाग उपजाऊ होते हैं। सड़कों और रेलों की सुविधा रहती है। रहन- सहन की सुविधा तथा अनुकूल वातावरण के कारण मैदानी भागों में जनघनत्व अधिक पाया जाता है ।

प्रश्न (च) वर्ष 2030 ई. तक हमारी जनसंख्या चीन से अधिक होगी, ऐसा क्यों होगा ?

उत्तर – भारत में जन्म दर अधिक है । यद्यपि प्रतिशत वृद्धि दर में कुछ कमी आई लेकिन जनसंख्या की अधिकता के कारण वह बढ़ती जा रही है। जिस गति से वृद्धि हो रही है उसी आधार पर कहा जा रहा है कि हो सकता है कि 2030 तक भारत की जनसंख्या चीन से अधिक हो जाए ।

प्रश्न (छ) पर्वतीय क्षेत्र में जनघनत्व कम पाया जाता है । क्यों ?

उत्तर – पर्वतीय क्षेत्र में जनघनत्व कम पाया जाता है क्योंकि वहाँ भूमि उबड़-खाबड़, ऊँची-नीची होती है । उपजाऊ भूमि का अभाव होता है। सीढ़ीदार खेत बनाकर खेती करते हैं किन्तु वह बहुत श्रम साध्य होता है। श्रम के अनुपात में उपज नहीं होती । आवागमन के साधनों का अभाव होता है । ये ही कारण है कि पर्वतीय क्षेत्र में जनघनत्व कम पाया जाता है।

कुछ करने को :

प्रश्‍न (क) भारत के मानचित्र में सर्वाधिक जनसंख्‍या एवं कम जनसंख्‍या वाले राज्‍यों को विभिन्‍न संकेतों द्वारा छायांकित कीजिए ।

उत्तर –

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अधिक जनघनत्‍व वाले राज्‍य – पश्चि बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, केरल अदि ।

कम जनघनत्‍व वाले राज्‍य – जम्‍मू–कश्‍मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्‍थान, झारखंड, हरियाणा, तामिलनाडु ।

प्रश्‍न (ख) अपने वार्ड की कुल जनसंख्‍या पता करों उसमें 6-14 वर्ष उम्र के बच्‍चो की संख्‍या बताओं तथा लड़कियों की संख्‍या पता करों ।

संकेत : सह काम छात्र स्‍वयं करें ।

पता कीजिए :

प्रश्‍न (क) अपने दादा-दादी, नाना-नानी, माता-पिता से वर्तमान निवास पर एवं बसने के करण का पता कीजिए एवं लिखकर कक्षा में प्रर्दाति कीजिए ।

संकेत : छात्र स्‍वयं करें ।

विचार मंथ

– यदि लड़कियों की संख्‍या अनुपात में घटती रहीं है तो भविष्‍य का समाज कैसा होगा ?

– कन्‍या विही समाज कैसा होगा ?

– हरियाणा में विवाह संबंध कैसी समस्‍याएँ आ रहीं है ?

– देश की जनसंख्‍या लगातार बढ़ती रहीं तो भारत के विकास पर उसका क्‍या प्रभाव पड़ेगा ?

संकेत : से प्रश्‍न नहीं है बातचीत करने के विषय हैं ।

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BSEB Class 8th Geography परिवहन | Parivahan Solutions And Notes

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 Parivahan Solutions And Notes

 

इकाई – 4

परिवहन

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न :

सही विकल्प को चुनें

1. भारत में कौन परिवहन का साधन सबसे अधिक उपयोग में आता है ?

(क) वायु परिवहन

(ख) जल परिवहन

(ग) सड़क परिवहन

(घ) इनमें से कोई नहीं

2. स्वर्णिम चतुर्भुज योजना किसके अन्तर्गत आता है ?

(क) वायु परिवहन

(ख) सड़क परिवहन

(ग) जल परिवहन

(घ) उपर्युक्त सभी में

3. राष्ट्रीय राजमार्ग की देख-रेख कौन-सा विभाग करता है ?

(क) लोक निर्माण विभाग

(ख) केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग

(ग) राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण

(घ) इनमें से कोई नहीं

4. सीमा सड़क संगठन क्या है ?

(क) सीमावर्ती सड़कों की देख-रेख करने वाली संस्था

(ख) सीमा पर लोगों की देख रेख करने वाली संस्था

(ग) सीमा के पार स्थित सड़कों की देखभाल करनेवाली संस्था (घ) (घ) इनमें से कोई नहीं

5. इंडियन एयरलाइंस को अब किस नाम से जाना जाता है ?

(क) भारतीय

(ख) इंडियन

(ग) आर्यावर्त

(घ) भारतीय एयरलाइंस

उत्तर : 1. ⇒ (ग), 2.⇒ (ख), 3. ⇒ (ग), 4. (क), 5. ⇒ (ख) ।

1. खाली स्थानों को उपयुक्त शब्दों से पूरा करें

2. भारत में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण ………….. में किया गया ।

3. मार्मागाओं प्रत्तन ………….. राज्य में है ।

4. पूर्व मध्य रेलवे का मुख्ययालय ……….. है

5. सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग सं०……………. है ।

6. चेन्नई एक …………….. पतन है ।

7. सदिया से धुबरी जल परिवहन मार्ग ………………. नदी में है ।

उत्तर : 1. 1953, 2. गोवा, 3. हाजीपुर, 4. 7, 5. प्रमुख, 6. ब्रह्मपुत्र ।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें ।

प्रश्न 1. स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग क्या है ? (अधिकतम 50 शब्दों में)

उत्तर – स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग 6 लेन वाली सड़कें हैं जो दिल्ली-कोलकाता-मुंबई- चेन्नई को जोड़ती हैं। ये सड़कें द्रुतगति से माल ढोने और आवागमन की सुविधा मुहैया कराती हैं। इसी के तहत उत्तर से दक्षिण की सड़क श्रीनगर को कन्याकुमारी से तथा दूसरी सड़क पूरब से पश्चिम असम के सिलचर तथा गुजरात के पोरबंदर को जोड़ती है। इन सड़कों का निर्माण और देख-रेख राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण करता है।

प्रश्न 2. देश में वायु परिवहन की स्थिति का वर्णन करें ।

उत्तर—पहले वायु परिवहन विशिष्ट लोगों के ही हाथ में था, लेकिन 1953 में सरकार ने इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया। शुरू-शुरू में तो एयर इंडिया की हवाई यात्राएँ देश . से विदशों तक में जुड़ी थीं और इण्डियन एयरलाइंस घरेलू और पड़ोसी देशों से जुड़ी थी। आजकल हवाई सेवाएँ निजी व्यक्तियों के हाथ में है। किंग फिशर, डेक्कन, इंडिगों आदि निजी एजेंसियाँ हैं । पवन हँस हेलिकॉप्टर सेवा है ।

जेट, इंडिगों आदि निजी एजेसियाँ है पवन हँस हेलिकॉप्‍टर सेवा है ।

प्रश्न 3. भारत में पहली रेलगाड़ी कब और कहाँ चली थी ? नवशे पर भी दर्शाइए ।

उत्तर – भारत की पहली रेलगाड़ी 16 अप्रैल, 1853 में महराष्ट्र में चली थी। तब 1 यह मुंबई से थाणे तक लगभग 34 किलोमीटर की दूरी तय की थी। नक्शे पर दर्शाना संभव नहीं है।

प्रश्न 4. पाइप लाइन परिवहन क्या है ? उदाहरण दीजिए ।

उत्तर – पाइप लाइन जमीन के अन्दर बिछाई गई पाइप होती है। इसकी मदद से पेट्रोलियम पदार्थ, गैस आदि एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाये जाते हैं। बिहार में बरौनी, उत्तर प्रदेश के मथुरा, हरियाणा के पानीपत में स्थापित तेल शोधक कारखानों को इसी माध्यम से पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति की जाती है ।

प्रश्न 5. देश के तीन राष्ट्रीय आंतरिक जल परिवहन का उल्लेख कीजिए ।

 उत्तर – (i) हल्दिया से इलाहाबाद तक गंगा नदी में । (ii) दक्षिण भारत में केरल के तटीय नहर कोट्टापुरम से कोल्लम तक । (iii) गोदावरी, कृष्णा, सुन्दरवन जलमार्ग ।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें । (अधिकतम 200 शब्दों में)

प्रश्न 1. परिवहन एवं यातायात के साधन राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं । क्यों? स्पष्ट कीजिए !

उत्तर – निश्चित रूप से परिवहन एवं यातायात के साधन राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। परिवहन एवं यातायात के साधनों के विकसित रहने पर ही हम एक स्थान- से- दूसरे स्थान की यात्रा कर सकते हैं । कच्चा माल कारखानों तक पहुँचाया जा सकता है या कारखानों में तैयार माल बाजारों में पहुँचा सकत हैं । आज की दुनिया में यातायात के साधनों का महत्वं बढ़ गया है । अब दो-चार किलोमीटर के लिए भी सवारी की आवश्यकता पड़ जाती है । वह सवारी सायकिल, मोटर सायकिल या बस भी हो सकती है । आज हम एक गाँव, जिला, प्रदेश और देश में ही सीमटे नहीं रह सकते। आज विश्व से सम्पर्क बनाये रखना पड़ रहा है। चाहे व्यापार हो चाहे नौकरी या पढ़ाई की क्यों न हो, हमें विदेशों पर निर्भर रहना पड़ रहा है । केवल हमें ही नहीं, उन विदेशियों को भी हमारी आवश्यकता है । अतः यह सब बिना परिवहन के साधनों का सम्भव नहीं है । अपने जिले के अन्दर हम बस का प्रायः उपयोग करते हैं । सामान ढोने के लिए ट्रक या बैलगाड़ी का उपयोग करते हैं। दूर की यात्रा रेलगाड़ी से करते हैं । व्यापारिक वस्तुएँ सड़क मार्ग, रेल मार्ग या जल मार्ग द्वारा भेजते या मँगाते हैं। शीघ्र पहुँचने के लिए हवाई जहाज का उपयोग करते हैं। आज के व्यस्त युग में परिवहन के साधनों के अभाव में हम पंगु बन जाएँगे । अतः इनका अधिक से अधिक विकास होना चाहिए । अच्छी और चौड़ी सड़कें तो अति आवश्यक हैं। रेल लाइनों को केवल दोहरी ही नहीं तिहरी की जाय ।

प्रश्न 2. देश में परिवहन के कौन-कौन से साधन विकसित हैं? प्रत्येक का संक्षिप्त वर्णन करें ।

उत्तर—मुख्यतः देश में परिवहन के तीन साधन विकसित हैं : (i) स्थल परिवहन, (ii) जल परिवहन तथा (iii) वायु परिवहन ।

(i) स्थल परिवहन — स्थल परिवहन को भी तीन भागों में रखते हैं । वे हैं (क) सड़क परिवहन, (ख) रेल परिवहन तथा (ग) पाइप लाइन ।

(क) सड़क परिवहन – सड़कें आवागमन के मुख्य साधन हैं। अपने घर से विद्यालय, प्रखंड कार्यालय, जिला मुख्यालय और राज्य की राजधानी तक पहुँचने के लिए भी सड़कों का उपयोग होता है। छोटी बड़ी और एक्सप्रेस वे आदि सड़कें अनेक तरह की हैं ।

(ख) रेल परिवहन – रेल परिवहन आवागमन और व्यापारिक माल ढोने का देश में सबसे सस्ता साधन है। यात्रा भी इससे सरल है । गरीबों को दूर की यात्रा में रेलें मदद करती हैं ।

(ग) पाइन लाइन – पाइन लाइन से पेट्रोलियम जनित कच्चा माल, गैस और जल आदि को दूर-दराज तक बिना खर्च के पहुँचाया जाता है। पाइप लाइन बैठाने में जो खर्च लगे, बाद में कोई खास खर्च नहीं होता ।

(ii) जल परिवहन — जल परिवहन में आंतरिक और बाह्य परिवहन दोनों आते हैं । आंतरिक परिवहन नदियों और नहरों द्वारा होता है, जबकि बाह्य परिवहन समुद्र द्वारा होता है। देश का आयत-निर्यात में समुद्र ही सहायक हैं ।

(iii) वायु परिवहन – वायु परिवहन से देश में शीघ्रता से आने-जाने का एक महँगा साधन है । साधारण व्यक्ति इस साधन का व्यवहार नहीं कर पाते। बड़े-बड़े उद्योगपति और सांसद और मंत्रीगण के लिए ही यह सुलभ है। विदेश जाने के लिए कम धनी या मध्यम वर्ग के लोग भी वायु परिवहन का उपयोग कर लेते हैं । पढ़ने या नौकरी करने के लिए उन्हें विमानों का उपयोग आवश्यक हो जाता है ।

प्रश्न 3. भारत में जल परिवहन की स्थिति का विवरण दीजिए ।

उत्तर—देश में जल परिवहन के दो प्रकार हैं : पहला आंतरिक जल परिवहन तथा दूसरा बाह्य अर्थात समुद्री जल परिवहन ।

(i) आंतरिक जल परिवहन — देश के अन्दर लगभग पन्द्रह हजार किलोमीटर की लम्बाई में नाव संचालन का जल भार्ग है । पश्चिम बागल के हल्दिया से इलाहाबाद तक गंगा नदी में संचालित है । असम में ब्रह्मपुत्र नदी में धुबरी जलमार्ग प्राचीन समय. से ही उपयोग किया जाता रहा है। दक्षिण भारत में केरल के तट पर अवस्थित नहर कोट्टापुरम से कोल्लम को राष्ट्रीय जल मार्ग घोषित किया गया है । गोदावरी, कृष्णा, सुन्दरवन आदि महत्वपूर्ण आंतरिक जलमार्ग हैं ।

(ii) समुद्री जलमार्ग — बंगाल की खाड़ी से लेकर अरब सागर तक सात हजार किलोमीटर लम्बा समुद्री तट है । इन समुद्र तटों पर 12 प्रमुख बड़े बन्दरगाह और कई छोटे और मंझोले बन्दरगार हैं । इन बन्दरगाहों में अंतर्राष्ट्रीय परिवहन सुलभ होता है । गुजरात में कांडला ज्वारीय पतन है, वहीं तूतीकोरन, वाहशेब, पाराद्वीप, विखाशापतनम, हल्दिया, चेन्नई, मंगोलर, मार्मागोवा इत्यादि प्रमुख बन्दरगाह हैं। मुंबई बन्दरगाह में अधिक जहाजों के आने-जाने से इसके निकट एक दूसरा बन्दरगाह विकसित किया गया है; जिसे जवाहरलाल नेहरू पत्तन के नाम से जाना जाता है ।

गोवा में स्थित मार्मागाओ बन्दरगाह से देश के कुल निर्यात का आधा लौह अयस्क निर्यात होता है। सुदूर दक्षिण-पश्चिम में कोच्चि पतन है । यह एक प्राकृतिक बन्दरगाह है। चेन्नई भारत का एक प्राचीन बन्दरगाह है। कोलकाता के खिदिरपुर डॉक में मलेशिया से लकड़ियों का आयात होता है । खिदिरपुर डॉक के ऊपर दुनिया का एकलौता रास्ता है जहाँ बीच से रास्ता ऊपर की ओर उठ जाता है और जहाज के जाने के बाद पुनः रास्ता बन जाता है। कोलकाता में ही समुद्र से लगभग 100 किलोमीटर दूर एक आन्तरिक बन्दरगाह है, जो ज्वार के पानी से जहाज आते हैं और भाटा के द्वारा पुनः लौट जाते हैं। इसके ‘डायमंड हार्बर’ नाम से जाना जाता है ।

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BSEB Class 8th Geography सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग | Suchna Praudyogiki Udyog Solutions

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इकाई – 3 (ग)

सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न :

सही विकल्प को चुनें :

1. सूचना प्रौद्योगिकी के अन्तर्गत शामिल नहीं है

(क) सैल्यूलर फोन

(ख) उपग्रह

(ग) ई-मेल से

(घ) अन्तर्देशीय पत्र

2. सूचनाओं को शीघ्रता से भेजा जा सकता है

(क) ब्राड बैंड से

(ख) इंटरनेट से

(ग) ई-मेल से

(घ) उपर्युक्त चारों से

3. भारत का सिलिकॉन वैली है

(क) पुणे

(ख) तिरुअनन्तपुरम

(ग) कोच्चि

(घ) बेंगलुरु

4. साफ्टवेयर कम्प्यूटर के अन्तर्गत है

(क) एक प्रोग्राम

(ख) एक पुर्जा

(ग) चैनल  

(घ) विद्युत आपूर्ति उपकरण

5. इलेक्ट्रॉनिक उद्योग की स्थापना के लिए आवश्यक नहीं है :

(क) कुशल मानव संसाधन

(ख) कुशल प्रबंधन

(ग) जल की उपलब्धता

(घ) आधारभूत संरचना

उत्तर : 1. (घ), 2. (घ), 3. (घ), 4. (ग), 5. (ग)।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें :

प्रश्न 1. ई-मेल क्या है?.

उत्तर –ई-मेल इलेक्ट्रॉनिक मेल का संक्षिप्त रूप है। इसमें संदेशों को कम्प्यूटर के माध्यम से बिना तार के भी शीघ्रतापूर्वक भेजा जा सकता है |

प्रश्न 2. सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए पहले किन साधनों का उपयोग करते थे?

उत्तर- पहले ताली बजाकर, आग जलाकर, पशु-पक्षियों की बोलियाँ बोलकर, कन्दराओं की दीवारों पर चित्र बनाकर सूचनाओं का आदान-प्रदान होता था । मध्य युग में संदेश भेजने के लिए कबूतरों का उपयोग किया जाता था ।

प्रश्न 3. बंगलुरु में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग का विकास क्यों संभव हुआ?

उत्तर – बंगलुरु महानगर के दक्कन के पठार और समुद्रों के बीच अवस्थित रहने के कारण यहाँ की जलवायु सालों भर मृदु एवं नम बनी रहती है। ये समुद्र धूलमुक्त भी हैं। इन्हीं कारणों से बंगलुरु में सूचना प्रौद्योगिक उद्योग का विकास संभव हुआ है।

प्रश्न 4. सॉफ्टवेयर पार्क वाले शहरों के नाम लिखिए ।

उत्तर- सॉफ्टवेयर पार्क वाले शहरों के नाम निम्नलिखित हैं :

(i) बंगलुरु, (ii) मुंबई, (iii) दिल्ली, (iv) हैदराबाद, (v) पुणे, (vi) चेन्नई, (vii) कोलकाता, (viii) कानपुर, (ix) लखनऊ, (x) बेलापुर, (xi) गुड़गाँव, (xii) कोच्चि

प्रश्न 5. सूचना प्रौद्योगिकी ने जीवन शैली में क्या बदलाव लाए हैं?

उत्तर – सूचना प्रौद्योगिकी में हो रहे निरंतर शोध- अनुसंधान ने लोगों की जीवन शैली में बदलाव लाए हैं। अब घर बैठे दुनिया के किसी कोने से हम सूचना का आदान-प्रदान कर सकते हैं। देशी और विदेशी व्यापार में भारी बदलाव आया है ।

III. प्रोजेक्ट कार्य :

  • मोबाइल फोन से अपने मित्र को नए वर्ष का संदेश लिखकर भेजिए । किसी साइबर कैफे में जाकर अपने मित्र को शुभकामनाएँ देते हुए पत्र को ई-मेल कीजिए ।
  • अपना e-mail ID बनाइए ।
  • दस संस्थानों के बेवसाइट का पता नोट कीजिए ।
  • विभिन्न प्रकार के कम्प्यूटरों के चित्र इकट्ठे कीजिए ।

संकेत : ये सब परियोजना कार्य हैं। छात्रों को स्वयं करना है।

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BSEB Class 8th Geography वस्त्र उद्योग | Vastra Udyog Solutions And Notes

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Vastra Udyog  Solutions And Notes

इकाई – 3 (ख)

वस्‍त्र उद्योग

पाठ के अन्दर आए प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1. ‘सूती वस्त्र उद्योग एक स्वच्छंद उद्योग है ।कैसे ?

(पृष्ठ 87 )

उत्तर—यह पूर्णतः सत्य है कि सूती वस्त्र उद्योग एक स्वच्छंद उद्योग है। इस उद्योग को स्थापित करने के लिए किसी से आदेश लेने की आवश्कता नहीं होती। इस उद्योग को कम पूँजी से भी चलाया जा सकता है। कुछ चरखे तथा करघों के इस्तेमाल कर सूती वस्त्र तैयार किया जाता है। तैयार कपड़ा को सरकार स्वयं खरीद कर देश भर में फैले ‘खादी ग्राम उद्योगों’ के माध्यम से बिकवाती है।

प्रश्न 2. भारत में वस्त्रोद्योग के वितरण, किस्म तथा केन्द्रों का नामोल्लेख तालिका बनाकर कीजिए । (पृष्ठ 89)

उत्तर :

Vastra Udyog  Solutions And Notes

प्रश्न 3. भागलपुर में मुख्यतः किस प्रकार का रेशमी वस्त्र तैयार होता है?

उत्तर – भागलपुर में मुख्यतः ‘तसर’ नामक रेशमी वस्त्र तैयार होता है ।” यह एंक महँगा रेशमी वस्त्र है, जिसकी माँग सर्वत्र है ।

प्रश्न 4. रेशम का उत्पादन कैसे होता है? यह कितने प्रकार का होता है ? नाम लिखें ।

उत्तर – रेशम का उत्पादन रेशम के कीड़ों द्वारा होता है । इसलिए इन कीड़ों को पाला जाता है । इनके शरीर से निकले रस जब कोए में जम जाता है तो उसके अन्दर से झीलीनुमा एक पदार्थ निकलता है, जो रूई जैसा होता है । उसी से तंतु काता जाता है । रेशम के कोए को कोकून कहते हैं ।

रेशम अनेक प्रकार के होते हैं । जैसे : तसर, मटका, अंडी, कटिया इत्यादि ।

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न :

सही विकल्प को चुनें :

1. टेक्सटाइल का मतलब होता है :

(i) जोड़ना

(ii) बुनना

(iii) नापना

(iv) सिलना

2. देश में कपड़े की मिल सबसे पहले लगाई गई :

(i) कोलकाता में

(ii) मुंगेर में

(iii) लुधियाना में

(iv) वाराणसी में

3. 1854 में कपड़े की मिल लगी :

(i) कोलकाता में

(ii) हैदराबाद में

(iii) सूरत में

(iv) मुंबई में

4. सिल्क प्राप्त होता है

(i) कपास से

(ii) रेयान से

(ii) कोकून से

(iv) पेड़ों से

5. वस्त्रोद्योग के लिए आवश्यक है:

(i) ऊर्जा

(ii) कच्चा माल

(iii) श्रम

(iv) उपर्युक्त सभी

उत्तर : 1.→(ii), 2.→(i), 3. → (iv), 4. → (iii), 5. → (iv)।

1. खाली स्थानों को उपयुक्त शब्दों से पूरा करें :

कहा जाता है।

1. भांगलपुर शहर …………… वस्त्र उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है ।

2. सूती वस्त्र उद्योग एक …………. उद्योग है ।

3. कपड़ों की बुनाई को ……………

4. ढाका …………… के लिए प्रसिद्ध रहा है ।

5. अहमदाबाद को भारत का ……………. कहा जाता है।

उत्तर : 1. तसर सिल्क, 2. स्वच्छन्द, 3. टेक्स्टाइल, 4. मलमल, 5. मैंचेस्टर

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें ।    (अधिकतम 50 शब्दों में

प्रश्न 1. प्राकृतिक रेशे क्या हैं?

उत्तर – प्राकृतिक रेशों में हम कपास, ऊन, सिल्क, जूट या पटसन को रख सक हैं। कपास, जूट और पटसन खेतों में, ऊन पशु से, रेशम कीड़ों से प्राप्त होते हैं अतः स्पष्टतः ये प्राकृतिक रेशे हैं ।

प्रश्न 2. मानव निर्मित रेशों के नाम लिखिए ।

उत्तर- मानव निर्मित रेशों के नाम निम्नलिखित हैं ।

(क) नाइलन, (ख) पालिस्टर, (ग) एक्रेलियम तथा (घ) रेयॉन आदि ।

प्रश्न 3. मशीनों से कपड़ों का उत्पादन सस्ता होता है । क्यों?

उत्तर—मशीनों से कपड़ों का उत्पादन इसलिए सस्ता होता है, क्योंकि मशीनें एक दिन में हजारों मजदूरों का काम 10-5 मजदूरों के द्वारा कर देती हैं। फलतः लागत कम लगता है। मजदूरी बच जाती है। थोड़े ही समय में अधिक कपड़ा तैयार हो जाता है

प्रश्न 4. गरम कपड़ों की थोक खरीदारी किन जगहों पर होती है और क्यों ?

उत्तर – गरम कपड़ों की थोक खरीदारी लुधियाना, कानपुर, कश्मीर तथा लेह से की जाती है।

इसका कारण यह है कि इन जगहों के आसपास अधिक संख्या में भेड़ें और बकरियाँ पाली जाती हैं । इनसे ऊन की प्राप्ति अधिक होती और कारखानों को कच्चा माल पर्याप्त मात्रा में प्राप्त होता है ।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें । (अधिकतम 200 शब्दों में)

प्रश्न 1. वस्त्र उद्योग की स्थापना में सहायक कारकों का वर्णन कीजिए।

उत्तर- वस्त्र उद्योग की स्थापना में सहायक कारक हैं।

(i) कच्चे माल की उपलब्धता, (ii) परिवहन की सुविधा, (iii) जलवायु, (iv) पूँजी . की उपलब्धता, (v) श्रम की उपलब्धता, (vi) बाजार तथा (vii) ऊर्जा की सुविधा ।

(i) कच्चे माल की उपलब्धता – वस्त्रोद्योग के लिए कच्चे माल के रूप में कपास की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिए। जिस क्षेत्र में कपास उपजाने की सुविधा रहती है, उसी के आसपास वस्त्र उद्योग के कारखाने स्थपित किये जाते हैं ।

(ii) परिवहन की सुविधा – कच्चे माल को मँगाने तथा तैयार कपड़े को बाजार में भेजने के लिए उत्तम परिवहन की सुविधा आवश्यक है। अच्छी सड़कें और रेलों का विस्तार भी होना चाहिए । निर्यात हेतु निकट में बन्दरगाह हो तो और अच्छा ।

(iii) जलवायु — वस्त्र उद्योग में पहले धागा बनाया जाता है। यदि वहाँ की जलवायु नम और आर्द्र हो तो धागे टूटते नहीं । यदि प्राकृतिक रूप से न हो तो कृत्रिम रूप से आर्द्र जलवायु प्राप्त की जाती है ।

(iv) पूँजी की उपलब्धता – कारखाने की स्थापना से लेकर कच्चा माल खरीदने और कर्मियों को वेतन देने के लिए पर्याप्त पूँजी की आवश्यकता होती है। जबतक कपड़ा बिक न जाय तबतक के लिए पूँजी एकत्र तो करनी ही पड़ती है ।

(v) श्रम की उपलब्धता – चाहे जितनी भी मशीनें हों, लेकिन उनको चलाने के लिए कुछ-न-कुछ श्रमिकों की आवश्यकता तो पड़ती ही है । अतः निकट में श्रमिक मिल जायँ तो सुविधा होगी।

(vi) बाजार – बाजार देश में हो या विदेश में हो, आवश्यक तो है ही । यदि तैयार कपड़ा बाजार में न पहुँचे तो बिकेगा कहाँ ? अतः कारखाना मालिक बाजार की खोज करते रहते हैं । उनके एजेंट दुकानदारों को उत्साहित करते हैं कि वे उनके कपड़ों को दुकान में रखें और बेचें ।

(vii) ऊर्जा की सुविधा – ऊर्जा के साधन कोयला हो या बिजली — कारखानों को अनवरत मिलते रहें। यदि समय पर ऊर्जा उपलब्ध न हो तो कारखाना बन्द हो जाएगा ।

प्रश्न 2. भारत के सूती वस्त्र उद्योग का विवरण दीजिए ।

उत्तर—भारत में सूती वस्त्र उद्योग बहुत प्राचीन है । पहले हाथ से ही सूत काते जाते थे तथा हाथ से ही करघा पर कपड़ा बुना जाता था। ढाका का मलमल, नूसली पटनन की छींट तथा सूरत के साड़ी धोती मशहूर थे। बाद में विदेशों में जब कपड़ा बुना जाने लगा तो भारत में भी मशीनें बैठानी पड़ीं। भारत में कपड़ा मिल सबसे पहले कोलकाता में 1818 ई. में खुला, लेकिन वह ठीक से चला नहीं । सूती वस्त्र उद्योग को सही कामयाबी 1854 ई. के बाद मिली जब मुंबई में कपड़ा मिलें स्थापित की गई। देश के विभिन्न भागों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, बंगाल आदि में अलग-अलग किस्मों के कपड़े बनने लगे ।

कपड़ा बुनने की प्रक्रिया में पहली प्रक्रिया है कपास से उसके बीजों को अलग करना ।

प्राप्त रूई से धागा या तागा बनाना । इसके बाद इन धागों से कपड़ा बुनना । ये सभी काम मशीनों से ही होते हैं ।

सूती वस्त्र उद्योग पूरी तरह कपास पर निर्भर है। इसके कारखाने वहीं स्थापित होते हैं, जहाँ कपास की उपज अधिक होती है। कपास उपजाने वाले मुख्य राज्य हैं : और महाराट्र। अतः कारखाने भी वहीं अधिक हैं। वैसे सूती वस्त्र उद्योग में चेन्नई, कोयम्बटूर, लखनऊ और कानपुर भी प्रमुख स्थान रखते हैं ।

भारत में कपड़े का उत्पादन लगातार बढ़ता जा रहा है। 1950-51 में जहाँ 4 अरब वर्ग मीटर कपड़े का उत्पादन हुआ था, वहीं अब 34 अरब वर्ग मीटर तक बढ़ गया है

1. कुछ करने को :

प्रश्‍न 1. कपड़ो के विज्ञापनों को काटकर Scrap Book बनाइए ।

प्रश्‍न 2 विभिन्‍न प्रकार के वस्‍त्रों के छोटे-छोट आकृति (डायारोमा) अखबार के पन्‍नो से बनाइए ।

संकेत :- उपर्युक्‍त दोनों परियोजना कार्य है । छात्र स्‍वयं करें ।

प्रश्‍न 3. भारत के नक्‍शे पर वस्‍त्र उद्योग से जुड़े शहरों को अंकित कीजिए ।

उत्तर :-

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BSEB Class 8th Geography लौह इस्पात उद्योग | Lauh Ispat Udyog Solutions And Notes

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इकाई – 3 (क)

लौह इस्‍पात उद्योग

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न :

सही विकल्प को चुनें

1. भद्रावती लौह-इस्पात उत्पादक केन्द्र किस राज्य में है ?

(क) झारखंड

(ख) तमिलनाडु

(ग) कर्नाटक

(घ) छत्तीसगढ़

2. जमशेदपुर स्थित टाटा लौह इस्पात केन्द्र की स्थापना किस वर्ष की गई थी ?

(क) 1910

(ख) 1905

(ग) 1917

(घ) 1907

3. बोकारो लौह इस्पात केन्द्र किस पंचवर्षीय योजना में लगाया गया था ?

(क) पहली

(ख) दूसरी

(ग) तीसरी

(घ) चौथी

4. इनमें से कौन लौह इस्पात उत्पादक केन्द्र सेल के अंतर्गत नहीं है ?

(क) दुर्गापुर

(ख) बोकासे

(ग) भिलाई

(घ) बर्णपुर

5. सलेम लौह इस्पात केन्द्र क़िस राज्य में अवस्थित है ?

(क) तमिलनाडु

(ख) कर्नाटक

(ग) झारखंड

(घ) केरल

उत्तर : 1. → (ग), 2. → (घ), 3. → (घ), 4. → (घ), 5.→ (क)।

1. खाली स्थानों को उपयुक्त शब्दों से पूरा करें :

2. धातु को रोलिंग प्रेसिंग एवं …………. के द्वारा निश्चित आकार दिया जाता है ।

3. उड़ीसा में ………….. लौह इस्पात केन्द्र हैं

4. विजयनगर लौह इस्पात केन्द्र ……………… राज्य में है

5.  टिस्को को ………….. की खानों से कायेला मिलता है ।

6.  बोकारो लौह इस्पत केन्द्र की सहायता से लगाया गया था ।

उत्तर : 1. ढलाई, 2. राउरकेला, 3. कर्नाटक, 4. झरिया, 5. रूस ।

III. सही मिलान करें :

(1) दुर्गापुर                        (क) आंध्र प्रदेश

(2) विशाखापत्तनम           (ख) कर्नाटक

(3) भिलाई                        (ग) प. बंगाल

(4) भ्रदावती                     (घ) छत्तीसगढ़

उत्तर :

(1) दुर्गापुर                           (ग) प. बंगाल

(2) विशाखापत्तनम              (क) आंध्र प्रदेश

(3) भिलाई                           (घ) छत्तीसगढ़

(4) भ्रदावती                        (ख) कर्नाटक

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें । (अधिकतम 50 शब्दों में)

प्रश्न 1. बोकारो लौह इस्पात केन्द्र को मैंगनीज किन-किन स्थानों से प्राप्त होता है? केन्द्रों के नाम लिखिए ?

उत्तर—बोकारो लौह इस्पात केन्द्र को मैंगनीज मिलता है :

(i) बादाम पहाड़, (ii) गुरु महिसानी तथा (iii) सुलायपत से ।

प्रश्न 2. टिस्को को जल की सुविधा कहाँ से मिलती है ?

उत्तर – टिस्को को जल की सुविधा स्वर्ण रेखा तथा खरकई नदियों से मिलती है।

प्रश्न 3. टिस्को में कामगार के रूप में मुख्यत: कौन से लोग हैं ?

उत्तर—टिस्को में कामगार के रूप में मुख्यतः संथाल लोग हैं ।

प्रश्न 4. बोकारो लौह-इस्पात केन्द्र कब और किसके सहयोग से स्थापित किया गया था ?

उत्तर – बोकारो लौह-इस्पात केन्द्र 1972 में सोवियत संघ (रूस) के सहयोग से स्थापित किया गया था ।

प्रश्न 5. टिस्को में बनने वाली कुछ चीजों के नाम लिखिए ।

उत्तर – टिस्को में बनने वाली कुछ प्रमुख चीजें निम्नलिखित हैं :

(i) सलाखें (छड़), (ii) गार्डर, (iii) पहिये, (iv) पटरियाँ, (v) चादरें, (vi) स्लीपर एवं (vii) फिश प्लेट आदि ।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें : (अधिकतम 200 शब्दों में )

प्रश्न 1. टिस्को लौह इस्पात केन्द्र को मिलने वाली सुविधाओं का विस्तृत विवरण दीजिए ।

उत्तर – टिस्को लौह इस्पात केन्द्र को लौह-अयस्क नोआमुडी (पश्चिमी सिंहभूम) बादाम पहाड़ एवं गुरु महिसानी (उड़ीसा) की पहाड़ियों से प्राप्त होता है, जो जमशेदपुर से 100 किलोमीटर दूर है । कुल अयस्क की आवश्यकता आधा भाग अकेले नुआमुंडी कर देता है। कोयला झरिया की खानों से प्राप्त होता है, जो रेल सेवा से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। चूना पत्थर विरमित्रपुत्र, हाथीबारी, बिसरा, कटनी आदि से मिलता है, जो यहाँ से 300 किलोमीटर से भी अधिक दूरी पर हैं । डोलोमाइट पागपोश से आता । पानी की आवश्यकता की पूर्ति स्वर्ण रेखा तथा खरकई नदियाँ कर देती हैं

उत्पादित लोहों को बाजार में बिकना भी चाहिए। इसके लिए टिस्को लौह इस्पात केन्द्र अच्छी तरह रेल मार्गों से जुड़ा हुआ है। इस कारण देश के कोने-कोने में यहाँ से उत्पादित लोहा और लोहे के अन्य सामान पहुँचाये जा सकते हैं। निर्यात के लिए कोलकाता बन्दरगाह की सुविधा प्राप्त है ।

श्रम की आवश्यकता वहाँ के मूल निवासी संथाल लोग कर देते हैं । फिर भी बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के लोगों को भी यहाँ काम मिला है।

पूँजी की कमी नहीं है । स्थापना के समय टाटा के इतने शेयर बिक गये कि पूँजी आवश्यकता से अधिक आ गई। अंग्रेजों के डर से भारत के लोग शेयर खरीदने से डर रहे थे, लेनिक जब बाल गंगाधर तिलक ने अपील की कि देश की उन्नति के लिए लोहा आवश्यक है, अतः लोगों चाहिए के वे टाटा के शेयर दिल खोल कर खरीदें । इसके बाद इतना शेयर बिका कि आवश्यकता से अधिक पूँजी एकत्र हो गई ।

प्रश्न 2. बोकारो लौह इस्पात केन्द्र को उपलब्ध भौगोलिक सुविधाओं का वर्णन करें ।

उत्तर- बोकारो लौह इस्पात केन्द्र की स्थापना ही इस कारण किया गया था कि यहाँ की भौगोलिक स्थिति ही ऐसी अनुकूल थी कि यहाँ इस उद्योग के लिए कच्चे माल उसके निकट ही पाये जाते हैं ।

बोकारो लौह इस्पात केन्द्र को लौह अयस्क की आपूर्ति किरीबुरु, जो उड़ीसा में अवस्थित है, से प्राप्त होता है । चूना पत्थर विरमित्रपुर से प्राप्त होता है, जो पश्चिम बंगाल राज्य में अवस्थित है। कोयला तो बोकारो में ही प्राप्त होता है और निकट ही झरिया में कोयले का विशाल भंडार है। इस कारखाने को पानी की सुविधा दामोदर नदी से प्राप्त है । मैंगनीज बादाम पहाड़, गुरुमहिसानी तथा सुलायंपत से प्राप्त होता है ।

बोकारो के आसपास कुछ ऐसे उद्योग हैं जो अपने लिए कच्चे माल के रूप में लोहा इसी से खरीद लेते हैं । ये उद्योग स्टील की छड़ें, चादरें, लौह पैड, रेल की पटरियाँ फिशप्‍लेट इत्‍यादि बनाते हैं । स्‍थानीय बिकी के अलावा यह केन्‍द्र देश के सभी राज्‍यों में लोहा भेजता है । निर्यात की सुविधा प्राप्‍त है, कारण कि निकट में ही कोलकाता बन्‍दरगाह है, जो रेल से अच्‍छी प्रकार जुड़ा है ।

प्रश्न 3. इस्पात निर्माण की प्रक्रिया को स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर- इस्पात निर्माण की प्रक्रिया में पहली प्रक्रिया है कि लौह अयस्क को पीस कर बालू जैसा बना दिया जाता है । बाद में उसे झोकदार भट्ठी (ब्लास्ट फर्नेस) में गलाया जाता और विशेष प्रक्रिया द्वारा लोहा को अलग और गन्दगी को अलग कर दिया जाता । फिर अलग किए गए गलाये हुए लोहे को अर्थात तरल लोहे को साँचे में ढालकर ठंडा होने दिया जाता है। इस विधि से प्राप्त लोहे को ढलवाँ लोहा कहा जाता है । पुनः उसे गला कर आक्सीकरण द्वारा बची अशुद्धता को हटाकर मैंगनीज, निकेल, क्रोमियम, चूना पत्थर मिलाकर पूर्णतः शुद्ध कर मिश्र धातु बनाई जाती है। अब इस मिश्र धातु को रोलिंग, प्रेसिंग एवं ढलाई के द्वारा निश्चित आकार दिया जाता है । इन प्रक्रियाओं के सम्पन्न होने के बाद ढलवाँ लोहा अर्थात कच्चा लोहा से इस्पात तैयार किया जाता है।1.

1. भारत के रेखा मानचित्र पर विभिन लौह-इस्‍पात केन्‍द्रों की अवस्थिति को दिखाइए ।

उत्तर :-

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BSEB Class 8th Geography उद्योग | Udyog Solutions And Notes

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इकाई – 3

उद्योग

पाठ के अन्दर आए प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1. फुटलूज इण्डस्ट्री किसे कहते हैं ?

उत्तर— फुटलूज इण्डस्ट्री उसे कहते हैं, जिसमें जितने भार का कच्चा माल लगता है, लगभग उतने ही भार का तैयार माल उत्पादित होता हो । उदाहरण के लिए रेडिमेड वस्त्र उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक वस्तु उद्योग । ये उद्योग स्थापित करने में वहाँ कच्चे माल की उपलब्धता आवश्यक नहीं है | कच्च माल दूर देश से भी मँगाए जा सकते हैं । हाँ लेकिन बाजार का निकट होना आवश्यक है, ताकि विपणन कार्य आसानी से और शीघ्र हो सके ।

प्रश्न 2. उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारकं कौन-कौन हैं

उत्तर- उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक हैं :

(i) कच्चे माल की उपलब्धता

(ii) भूमि

(iii) जल (नदी)

(iv) पूँजी

(v) श्रमशक्ति

(vi) परिवहन के साधन

(vii) शक्ति के साधन

(viii) बाजार की उपलब्धता ।

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न :

सही विकल्प को चुनें

1. उद्योग का संबंध किस प्रकार की गतिविधि से होता है ?

(क) सामाजिक

(ख) सांस्कृतिक

(ग) आर्थिक

(घ) जैविक

2. वृहत उद्योग में पूँजी निवेश की सीमा होती है :

(क) 1 करोड़ से अधिक

(ख) 50 करोड़ से अधिक

(ग) 10 लाख से कम

(घ) 50 हजार मात्र

3. दवा उद्योग किस प्रकार का उद्योग है ?

(क) आधारभूत उद्योग

(ख) संयुक्त क्षेत्र उद्योग

(ग) हल्का उद्योग

(घ) उपभोक्ता उद्योग

4. इनमें कौन औद्योगिक प्रदेश नहीं है ?

(क) दक्कन प्रदेश

(ख) छोटानागपुर प्रदेश

(ग) मुंबई – पुणे क्षेत्र

(घ) गुड़गाँव-दिल्ले मेरठ प्रदेश

5. इनमें कौन कृषि आधारित उद्योग है ?

(क) फर्नीचर उद्योग

(ख) कागज उद्योग

(ग) वस्त्र उद्योग

(घ) ताँबा प्रगलन उद्योग

उत्तर : 1. ⇒ (ग), 2. ⇒ (क), 3. ⇒ (घ), 4.⇒ (क), 5.⇒(ग)।

1. खाली स्थानों को उपयुक्त शब्दों से पूरा करें :

2. भिलाई लौह इस्पात ……………… राज्य में है ।

3. उद्योग के अंतर्गत कच्चे माल को …………… के उत्पादों में बदला जाता है ।

4. फर्नीचर उद्योग …………….. उद्योग का उदाहरण है ।

5. पूँजी निवेश के आधार पर उद्योग ………………. प्रकार के होते हैं ।

6. सीमेंट उद्योग ……………. उद्योग के अंतर्गत आता है।

उत्तर : 1. छत्तीसगढ़, 2. उपयोगी माल, 3. लघु, 4. तीन, 5. खनिज आधारित

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें ।   (अधिकतम 50 शब्दों में)

प्रश्न 1. उद्योग से क्या समझते हैं?

उत्तर- उद्योग से हमारी समझ बनती है कि जिस प्रक्रम द्वारा कच्चे माल को उपयोगी अधिक मूल्य के उत्पादों के रूप में परिवर्तित किया जाता है, उसे उद्योग कहते हैं । उद्योग वास्तव में आर्थिक व्यवस्था का एक अंग है ।

प्रश्न 2. लघु एवं वृहत उद्योग के बीच अंतर कीजिए ।

उत्तर – लघु उद्योग में एक करोड़ रुपये से कम की पूँजी निवेश की जाती है, जबकि वृहत उद्योग में एक करोड़ रुपये से अधिक की पूँजी निवेश की जाती है । लघु उद्योग में छोटी मशीनों का उपयोग होता है, जबकि वृहत उद्योग में बड़ी-बड़ी मशीनों का उपयोग करना पड़ता है ।

प्रश्न 3. वन आधारित उद्योगों के कोई तीन उदाहरण दीजिए ।

उत्तर—–वन आधार उद्योगों के तीन उद्योग हैं :

(i) कागज उद्योग, (ii) आयुर्वेदिक दवा उद्योग तथा (iii) फर्नीचर उद्योग ।

प्रश्न 4. संयुक्त क्षेत्र का उद्योग किसे कहा जाता है ? उदाहरण दीजिए ।

उत्तर – संयुक्त क्षेत्र के उद्योग में सरकार तथा निजी क्षेत्र के व्यक्ति या व्यक्ति समूह की पूँजी लगी होती है। दोनों का स्वामित्व करार के अनुसार रहता है। भारत में मारुति मोटर उद्योग इसका उदाहरण है ।

प्रश्न 5. सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के उद्योगों के बीच अंतर उपयुक्त उदाहरण के साथ कीजिए ।

उत्तर— सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के उद्योगों को ही संयुक्त क्षेत्र कहा जाता है । सार्वजनिक का अर्थ सरकार ही होता है, क्योंकि सरकार जनता की ही है ।

प्रश्न 6. भूमिका के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए ।

उत्तर- भूमिका के आधार पर उद्योगों को दो भागों में बाँटा गया है : (क) आधारभूत उद्योग — आधारभूत उद्योगों के उत्पादन के आधार पर अनेक उद्योग निर्भर रहते हैं । जैसे : लोहा-इस्पात, ताँबा आदि ।

(ख) उपभोक्ता उद्योग — उपभोक्ता उद्योग ऐसे उद्योग हैं, जिनमें उपभोग के लिए वस्तुएँ उत्पादित की जाती हैं। जैसे : दवा उद्योग, बिस्कुट उद्योग, मंजन, श्रृंगार की वस्तुएँ आदि । .

प्रश्न 7. भार के आधार पर उद्योग कितने प्रकार के होते हैं? उपयुक्त उदाहरण के साथ लिखें ।

उत्तर—भार के आधार पर उद्योगों को दो वर्गों में रखा गया है : जैसे—भारी उद्योग और हल्के उद्योग । भारी उद्योगों में वजनी वस्तुएँ उत्पादित होती हैं। उदाहरण है लोहा उद्योग, छोटी मशीनें बनाने वाली बड़ी मशीनें । हल्के उद्योग में छोटी-छोटी वस्तुएँ बनाई जाती हैं, जिनका वजन कम होता है । उदाहरण हैं : घड़ी उद्योग, बल्ब उद्योग, खिलौना उद्योग ।

प्रश्न 8. भारत के कुछ प्रमुख औद्योगिक प्रदेशों का उल्लेख कीजिए ।

उत्तर- (i) मुंबई-पुणे क्षेत्र, बंगलुरु-चेन्नई-सलेम, अहमदाबाद- बड़ोदरा-सूरत, विशाखापट्टनम-गुंटूर, गुड़गाँव-दिल्ली मेरठ, कोल्लम, तिरुअनन्तपुरम, हुगली और छोटानागपुर आदि औद्योगिक क्षेत्र भारत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र हैं।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें । (अधिकतम 200 शब्दों में)

प्रश्न 1: उद्योग को परिभाषित कीजिए तथा इसका विस्तृत वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए ।

उत्तर – कम मूल्य के कच्चे माल को अधिक मूल्य के उपयोगी उत्पादों के रूप में परिवर्तित किये जाने वाले प्रक्रम को उद्योग कहते हैं । उद्योगों का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार किया गया है :

(क) कच्चे माल के आधार पर – कच्चे माल के आधार पर उद्योग हैं : (i) कृषि आधारित उद्योग, (ii) खनिज आधारित उद्योग, (iii) वन आधारित उद्योग तथा (iv) समुद्र आधारित उद्योग |

(ख) पूँजी निवेश के आधार पर उद्योग – पूँजी निवेश के आधार पर उद्योगों के तीन वर्ग हैं : (i) कुटीर उद्योग, (ii) लघु उद्योग तथा (iii) वृहत उद्योग ।

(ग) स्वामित्व के आधार पर उद्योग – स्वामित्व के आधार पर उद्य; चार प्रकार के होते हैं: (i) निजी क्षेत्र के उद्योग, (ii) सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग, (iii) संयुक्त क्षेत्र के उद्योग तथा (iv) सहकारी क्षेत्र के उद्योग ।

(घ) प्रमुख भूमिका के आधार पर उद्योग- प्रमुख भूमिका के आधार पर उद्योग के दो वर्ग हैं : (i) आधारभूत उद्योग तथा (iii) उपभोक्ता उद्योग

(ङ) कच्चे एवं तैयार माल को मात्रा एवं भार के आधार पर उद्योग – कच्चे माल एवं तैयार माल की मात्रा एवं भार के आधार पर उद्योगों को दो वर्गों में रखा गया है : (i) भारी उद्योग एवं (ii) हल्के, उद्योग ।

प्रश्न 2. कच्चे माल की प्राकृति के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण उपयुक्त उदाहरण के साथ कीजिए ।

उत्तर – कच्चे माल की प्रकृति के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण चार प्रकार से किया गया है। जैसें : (i) कृषि आधारित उद्योग, (ii) खनिज आधारित उद्योग, (iii) वन आधारित उद्योग तथा (iv) समुद्र आधारित उद्योग ।

(i) कृषि आधारित उद्योग – कृषि आधारित उद्योगों में कच्चे माल के रूप में कृषि उत्पादों का उपयोग किया जाता है। जैसे : कपड़ा उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, पटसन उद्योग, चीनी उद्योग, वनस्पत तेल उद्योग ।

(ii) खनिज आधारित उद्योग – खनिज आधारित उद्योगों में खनिज और धातुओं का उपयोग होता है । ये उसके कच्चे माल होते हैं । उदाहरण में हम लौह-इस्पात उद्योग, सीमेंट उद्योग, ताँबा प्रगलन उद्योग, अलुमिनियम प्रगलन उद्योग को रख सकते हैं ।

(iii) वन आधारित उद्योग – वन आधारित उद्योगों में वन उत्पाद को कच्चे माल के रूप में उपयोग होता है । जैसे : कागज उद्योग, आयुर्वेदिक औषधि उद्योग, फर्नीचर उद्योग, भवन निर्माण आदि के दरवाजे-खिड़की बनाने में ।

(iv) समुद्र आधारित उद्योग – समुद्र आधारित उद्योगों में सागरीय जीव-जंतु, वनस्पति एवं खनिजों का उपयोग इस उद्योग में कच्चे माल के रूप में होता है । जैसे खाद्य प्रसंस्करण, औषधि, मछली – उत्पादन, सीप और शंख से जुड़े उद्योग, खनिज तेल, लहरों से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग, मोती, मूँगा आदि रत्नों का उद्योग आदि ।

प्रश्न 3. स्वामित्व के आधार पर उद्योग कितने प्रकार के होते हैं प्रत्येक उदाहरण भी दीजिए ।

उत्तर—स्वामित्व के आधार पर उद्योग चार प्रकार के होते हैं, जैसे : (i) सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग, (ii) निजी क्षेत्र के उद्योग, (iii) संयुक्त क्षेत्र के उद्योग तथा (iv) सहकारी क्षेत्र के उद्योग।

(i) सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग — सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों का स्वामित्व तथा संचालन पूर्णरूपेण सरकार द्वारा होता है। सेल (SAIL), भेल (BHEL), रेल कारखाना, युद्धंक आयुध कारखाना सार्वजनिक क्षेत्र में ही रहते हैं। देश में रेल संचालन भी सार्वजनिक उद्योग ही है ।

(ii) निजी क्षेत्र के उद्योग – निजी क्षेत्र के उद्योगों के स्वामित्व एवं संचालन निजी व्यक्ति या व्यक्ति समूहों के हाथ होता है। टाटा, बिड़ला, बजाज, रिलायंस, जिन्दल आदि निजी क्षेत्र के उद्योग हैं।

(iii) संयुक्त क्षेत्र के उद्योग- संयुक्त क्षेत्र के उद्योगों के अन्तर्गत स्वामित्व एवं संचालन सरकार और निजी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा होता है ।

(iv) सहकारी क्षेत्र के उद्योग- सहकारी क्षेत्र के उद्योग सहकारिता के आधार पर स्थापित होते हैं । कच्चा माल की पूर्ति करने वाले तथा श्रमिक या दोनों इसके स्वामी और संचालक ही होते हैं। लाभ-हानि का विभाजन आनुपातिक होता है। डेयरी उद्योग, नारियल आधिरत उद्योग इसके उदाहरण हैं

प्रश्न 4. उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करनेवाले कारकों का वर्णन करें तथा भारत के पाँच औद्योगिक प्रदेशों के नाम लिखिए ।

उत्तर—उद्योगों की अवस्थित को प्रभावित करने वाले कारक हैं.

(i) कच्चे माल की उपलब्धि, (ii) बाजार की उपलब्धता, (iii) परिवहन के साधन, (iv) श्रम शक्ति की प्राप्ति, (v) पूँजी की उपलबधता । लेकिन सर्वाधिक आवश्यक वस्तु है कारखाना बैठाने के लिए भूमि । भूमि अति आवश्यक है । भूमि के अभाव के कारण ही नैनो कार कारखाना पश्चिम बंगाल से उठकर गुजरात पहुँच गया। भारत के पाँच औद्योगिक प्रदेश निम्नांकित हैं :

(i) मुंबई – पुणे प्रदेश, (ii) अहमदाबाद – बड़ोदरा – सूरत प्रदेश, (iii) गुड़गाँव-दिल्ली मेरठ प्रदेश, (iv) छोटानागपुर औद्योगिक प्रदेश तथा (v) हुगली प्रदेश जो पश्चिम बंगाल के कोलकाता से सटे अवस्थित है

कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. उद्योग को किस क्रियाकलाप में रखा गया है ? उत्तर – उद्योग को द्वितीयक क्रियाकलाप में रखा गया है।

प्रश्न 2. आकार के आधार पर उद्योगों के कितने वर्ग हैं और कौन-कौन ?

उत्तर- आकार के आधार पर उद्योगों के दो वर्ग हैं। वे हैं :

(i) लघु उद्योग तथा (ii) वृहत उद्योग ।

प्रश्न 3. स्वामित्व के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण करें ।

उत्तर – स्वामित्व के आधार पर उद्योगों को चार वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है : (i) निजी क्षेत्र, (ii) सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र, (iii) संयुक्त क्षेत्र तथा (iv) सहकारी क्षेत्र ।

प्रश्न 4. औद्योगिक तंत्र में क्या-क्या शामिल हैं ?

उत्तर – औद्योगिक तंत्र में निवेश, प्रक्रम और निर्गत शामिल हैं ।

प्रश्न 5. ‘निवेशका सीधा अर्थ क्या होता है?

उत्तर— ‘निवेश’ का सीधा अर्थ पूँजी लगाना होता है ।

प्रश्न 6. निर्गत का क्या अर्थ है ?

उत्तर— निर्गत का अर्थ होता है अंतिम उत्पाद और उससे अर्जित आय ।

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BSEB Class 8th Geography भारतीय कृषि | Bhartiya Krishi Solutions And Notes

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Bhartiya Krishi Solutions And Notes

इकाई -2

भारतीय कृषि

पाठ के अन्दर आए प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1. झूम कृषि क्या है ?

उत्तर—झूम कृषि स्थानांतरित कृषि है। खासकर ऐसी कृषि घने जंगलों के अन्दर जंगली लोगों द्वारा की जाती है। वे कृषक किसी स्थान विशेष के जंगल को जला देते हैं । निकल आई समतल भूमि पर कृषि कार्य करते हैं । जब वह स्थान अनुर्वर हो जाता है तो वही प्रक्रिया अपनाकर वे किसी अन्य जंगल को जलाकर कृषि कार्य करते हैं । छोड़ी गई अनुर्वर जमीन पर कालक्रम से पुनः वृक्ष उग आते हैं और जंगल अपने पूर्व रूप में आ जाता है ।

प्रश्न 2. भारत के किन-किन भागों में झूम खेती होती है और वहाँ उसे किस नाम से जाना जाता है ?

उत्तर—भारत के वे क्षेत्र जहाँ झूम खेती होती है और उनके नाम निम्नलिखित हैं :

    क्षेत्र                               नाम

असम                                  झूम खेती

उत्तर पूर्व                             झूम खेती

आंध्र प्रदेश                           पोडु

उड़ीसा                                पामाडाबी

केरल                                   कुमारी

राजस्थान                              वालरे

हिमालय क्षेत्र                         खिल

झारखंड                                कुसूली

प्रश्न 3. आपके क्षेत्र में कौन-कौन खाद्य फसलें उपजाई जाती हैं?

उत्तर—हमारे क्षेत्र में धान / चावल, गेहूँ, ज्वार, बाजरा, रागी, अरहर, मसूर, चना,मडुआ तथा मक्का फसलें उपजाई जाती हैं ।

प्रश्न 4. कुछ दलहन तथा तेलहन फसलों के नाम लिखें ।

उत्तर— दलहन तथा तेलहन फसलों के नाम हैं :

दलहन — अरहर, मसूर, खेसारी, मटर, उड़द, केराव, चना ।

तेलहन – सरसों, तीसी, अंडी, बर्रे, तोरी ।

प्रश्न 5. चाय और कॉफी बेचने वाली कम्पनियों के नाम बतावें ।

उत्तर – लिपटन और बुकबॉण्ड चाय बेचने वाली कम्पनियाँ हैं तथा कॉफी बेचने वाली कम्पनी ‘नैसकैफ’ कम्पनी है।

प्रश्न 6. जैविक खाद कैसे बनती है?

उत्तर—जीवों के अवशेष, जिनमें केंचुआ मुख्य हैं, खर-पतवार, सब्जियों के छिलके और सब्ज़ी के बेकार पत्ते, पेड़ों के पत्ते, गोबर आदि को गड्ढे में सड़ाकर जैविक खाद बनती है ।

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न :

सही विकल्प को चुनें :

1. कृषि कार्य में शामिल है

(क) भूमि को जोतना

(ख) पशुओं को पालना

(ग) मछली पालन करना

(घ) उपर्युक्त सभी

2. भूमि पर जनसंख्या के अत्यधिक दबाव वाले क्षेत्रों में कौन-सी खेती की जाती है :

(क) झूम खेती

(ख) अन्तर कृषि

(ग) गहन कृषि

(घ) ट्रक फार्मिंग

3. इनमें कौन समूह रबी की फसलों से संबंधित है :

(क) गेहूँ, चावल

(ख) चना, धान

(ग) मक्का, जूट

(घ) गेहूँ, मटर

4. जूट की फसल प्रमुखतः होती है

(क) किशनगंज- पूर्णिया में

(ख) अररिया – आरा में

(ग) गया – औरंगाबाद में

(घ) गया-जहानाबाद में

5. बिस्कोमान उपलब्ध कराती है :

(क) किसानों को खाद-बीज

(ख) कृषि उपकरण

(ग) ऋण

(घ) सिंचाई की सुविधा

उत्तर : 1. (घ), 2. (ग), 3. (घ), 4. (क), 5. (क) ।

1. खाली स्थानों को उपयुक्त शब्दों से पूरा करें

(i) स्थानान्तरित कृषि को ………….. भी कहते हैं ।

(ii) ऊत्तरी बिहार में …………. और ………… की खेती वाणिज्यिक कृषि है ।

(iii) जायद फसल का उदाहरण …………… है ।

(iv) किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को …………… सुविधा उपलब्ध होती है ।

(v) जैविक खादों से भूमि की उर्वरता शक्ति ………….. है ।

उत्तर : (i) झूम खेती, (ii) गन्ना ; जूट, (v) बनी रहती ।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें ।

प्रश्न 1. कृषि कार्य किसे कहते हैं? (अधिकतम 50 शब्दों में)

उत्तर – खेती करने को कृषि कार्य करते हैं । कृषि एक प्राथमिक क्रिया है । कृषि कार्य से ही सबको अनाज, दलहन, तेलहन और सब्जियाँ मिलती हैं। पशु पालन, मछली पालन तथा मुर्गी पालन सब कृषि कार्य के अन्तर्गत आते हैं ।

प्रश्न 2. खरीफ और रबी फसलों में क्या अंतर है? सोदाहरण बताएँ ।

उत्तर—मॉनसून आने के साथ ही अर्थात जून-जुलाई में बोई जाने वाली और अक्टूबर- नवम्बर में काटी जाने वाली फसलें खरीफ कही जाती है। जैसे: मकई, धान, जूट, मूँगफली इत्यादि ।

रबी फसलें अक्टूबर-नवम्बर में बोई जाती हैं और मार्च-अप्रैल में काटी जाती हैं । उदाहरण हैं गेहूँ, चना, मटर, मसूर, सरसों, तीसी, मूँग, उड़द आदि । अरहर खरीफ के साथ बोया जाता है तथा रबी के साथ काटा जाता है ।

प्रश्न 3. जीवन निर्वहन कृषि क्या है ?

उत्तर – जमीन की कमी और जनसंख्या की अधिकता के कारण जीवन-निर्वहन कृषि की जाती है। यह कृषि मात्र जीवन निर्वाह के लिये की जाती है। निर्वहन कृषि में फसलें बेची नहीं जाती, बल्कि कुछ-न-कुछ अनाज खरीदा ही जाता है ।

प्रश्न 4. व्यापारिक और बागवानी फसलों के बारे में क्या जानते हैं? लिखिए ।

उत्तर— गन्ना, तम्बाकू, मिरचाई, मखाना, रबर, जूट आदि व्यापारिक फसलें हैं इनको बेचने के लिए ही उपजाया जाता है। इससे किसानों को नगद रुपया प्राप्त हो जाता है ।

बागवानी फसलों में आम, केला, चाय और फूल आदि आते हैं । ये सभी बगानों में ही उपजाते हैं। इसी कारण इन्हें बागवानी कृषि भी कहा जाता है । आजकल फूलों की माँग बेहद बढ़ गई हैं ।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें ।

प्रश्न 1. बिहार की कृषि की क्या विशेषताएँ हैं? (अधिकतम 200 शब्दों में )

उत्तर – बिहार की कृषि मॉनसून पर आधारित है । यदि मॉनसून समय पर आया और वर्षा अच्छी हुई तो बिहार के किसान अपने को भाग्यशाली समझते हैं । लेकिन कभी-कभी मॉनसून धोखा भी दे जाता है । कभी समय से पहले, कभी समय के बाद और किसी-किसी वर्ष नदारद । फलतः उस वर्ष कृषि कार्य डगमगा जाता है । फलतः कभी- कभी अकाल का सामना करना पड़ता है। आज भी बिहार में वे ही पारम्परिक हल, कुदाल और खुरपी कृषि यंत्र से कृषि की जाती है। अधिक श्रम के बावजूद अच्छी फसल नहीं हो पाती । कृषि की इस स्थिति से ही यहाँ छिपी हुई बेरोजगारी की स्थिति है । जिस काम को 5 आदमी कर सकते हैं, उसमें 10 आदमी लग जाते हैं । ये 5 आदमी समझते हैं कि काम में तो लगे हुए हैं, लेकिन वास्तव में बेकार ही रहते हैं । सही बात तो यह है कि खेती में सालों भर रोजी नहीं मिलती। नतीजा होता है कि लोग दिल्ली-पंजाब भागते हैं ।

स्पष्ट है किं बिहार में कृषि ‘जीवन निर्वहन’ के लिए की जाती है । जमीन की कमी और जनसंख्या का अधिक बोझ फलतः कृषि की बेचारगी बढ़ जाती है। यहाँ कृषि का रूप व्यावसायिक नहीं हो पायी है । अब कुछ प्रयास हो रहे हैं। आधुनिक यंत्रों का इस्तेमाल अब धीरे-धीरे शुरू हो चुका है। कृषि पर आधारित उद्योगों को लगाने का प्रयास जारी है।

प्रश्न 2. कृषि किन कारकों से प्रभावित होती है ?

उत्तर –कृषि को प्रभावित करने वाले कारक निम्नांकित हैं

वर्षा— भारतीय कृषि की एक तिहाई भाग सिंचत है । शेष के लिए वर्षा का सहारा है। यदि समय पर वर्षा हुई तब तो ठीक वरना सूखे का सामना करना पड़ता है। अधिक वर्षा से बाढ़ सताती है ।

छोटे आकार के खेत-खेतों के आकार का छोटा होना भी एक समस्या है । पीढ़ी- दर-पीढ़ी खेतों के बँटते जाने से यह स्थिति आई है । कुछ खेत तो इतने छोटे हैं कि उनमें ठीक से हल भी नहीं घूम सकता ।

है । बहुतों के पास इतनी जमीन भी नहीं कि जिसमें अपना स्थायी निवास तक बना सकें ।

भूमि का असमान वितरण—भूमि के असमान वितरण से भी कृषि कुप्रभावित होती है । बहुत के पास इतनी जमीन भी नहीं कि जिसमें अपना स्‍थायी निवास तक बना सकें । कुछ के पास इतनी कम भूमि है कि उसकी उपज से बामुश्किल निर्वाह होता है । कुछ थोड़े लोगों के पास इतनी अधिक भूमि है, जिसे वे ठीक से आबाद नहीं कर पाते ।

कृषि ऋण-  कृषि ऋण एक ऐसा आफत है कि यदि फसल मारी गई तो मूल को कौन कहे ब्याज तक किसान नहीं दे पाते। इस कारण किसी-किसी किसान को मजदूर बन जाना पड़ता है ।  

कृषि विपणन—अच्छी बाजार व्यवस्था के अभाव में किसानों को अपनी उपज औने- पौने भाव पर बेचना पड़ता है। सरकार की ओर से खरीद की व्यवस्था तो है, लेकिन वह दिखावा मात्र ही है ।

परम्परागत कृषि — भारतीय किसान आज भी हल-बैल, कुदाल और हँसिया-खुरपी से खेती करते हैं। फसल बोने से लेकर काटने और अनाज घर पहुँचाने तक में मानव श्रम की प्रमुखता है, जिससे पर्याप्त उपज नहीं हो पाती ।

प्रश्न 3. आपके राज्य में कृषि कार्य उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए क्या प्रयास हुए हैं? लिखिए ।

उत्तर— मेरे राज्य में तो नहीं, बल्कि पंजाब राज्य में कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है । इसका कारण है कि पंजाब ने ही सर्वप्रथम हरित क्रांति को अपनाया था । वहाँ उन्नत बीजों का प्रयोग होता है। सिंचाई के साधनों को उन्नत किया गया है । आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग किया जा रहा है। खाद्यान्न फसलों, खासकर गेहूँ को उपजाने पर विशेष ध्यान दिया जाता है । यही कारण हैं कि पंजाब को ‘गेहूँ का कटोरा’ कहा जाने लगा है । सिंचाई के साधनों तथा अपने परिश्रम के बल पर पंजाब के किसान प्रतिवर्ष चार फसल तक उपजा रहे हैं। गेहूँ के अलावा वे तेलहन, दलहन, कपास की भी खेती करने लगे हैं। वहाँ के कम वर्षा वाले क्षेत्र भी उपजाऊ हो गए हैं। कृषि कार्य के अतिरिक्त वे डेयरी फार्मिंग को भी बढ़ा लिये हैं । मुर्गी पालन भी व्यापक रूप से होने लगा है। फलतः उन्हें अनाज-सब्जी के अलावा दूध-दही, अंडा, माँस भी खूब मिलने लगा है। कृषि कार्य में भारतीय स्तर पर पंजाब का अग्रणी स्थान है ।

बावजूद इसके पंजाब में कृषिगत कुछ समस्याएँ भी उपस्थित होने लगी हैं । रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशियों के अधिक उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है। बँटवारे के कारण वहाँ भी खेतों के आकार छोटे होने लगे हैं ।

1. परियोजना कार्य :

  • किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में किसी बैंककर्मी या कार्डधारक से पता कीजिए एवं उसका आरेख बनाइए ।
  • श्री विधि तरीके से किए गए खेतों को देखकर ऐसे किसान का साक्षात्कार लीजिए ।
  • कृषि से जुड़े खबरों को अख़बारों से काटकर Scrap Book बनाइए ।
  • केंचुआ पालन आपके निकट कहाँ हो रहा है पता कीजिए। उसकी प्रक्रिया को नोट करके कक्षा में बताइए ।

संकेत : चूँकि ये सब परियोजना कार्य हैं, अतः छात्रों को स्वयं करना

है ।

एक अन्य प्रश्न तथा उसका उत्तर

प्रश्न 1. भारतीय कृषि पर टिप्पणी लिखें ।

उत्तर – कृषि एक प्राथमिक क्रिया है । इसे एक तंत्र के रूप में भी देखा जा सकता है। बीज, उर्वरक, हल-बैल या मशीनरी तथा श्रमिक इसके मुख्य निवेश हैं । जुताई, बुआई, सिंचाई, कटाई और दौनी इसकी संक्रियाएँ हैं ।

कृषि के अनेक प्रकार हैं। जैसे: निर्वाह कृषि, गहन निर्वाह कृषि, आदिम निर्वाह कृषि, स्थांतरी कृषि, चलवासी पशुचारण, वाणिज्यिक कृषि, मिश्रित कृषि, रोपण कृषि । लेकिन इन सबको केवल दो वर्गों में भी बाँट सकते हैं : निर्वाह कृषि तथा वाणिज्यिक कृषि । निर्वाह कृषि की मुख्य फसलें हैं : चावल, गेहूँ, बाजरा, मक्का और विभिन्न दलहन तथा तेलहन । वाणिज्यिक कृषि में कपास, पटसन, कॉफी, चाय, गन्ना और कपास हैं ।

समय के साथ विभिन्न यंत्रों और उर्वरकों के उपयोग से कृषि की उपज लगातार बढ़ती जा रही है। भारत के किसी भाग में कम उपज होती है तो कोई भाग काफी उपजाऊ है। संयुक्त राज्य अमेरिका आज कृषि में बहुत आगे है। वहाँ के किसान एक व्यापारी .. के रूप में काम करते हैं । वहाँ सभी काम यंत्रों से ही सम्पादित होते हैं । यहाँ तक की भंडारण का काम भी यंत्र ही कर देते हैं

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BSEB Class 8th Geography ऊर्जा संसाधन | Urja Sansadhan Solutions And Notes

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Urja Sansadhan Solutions And Notes

इकाई – 1(घ)

ऊर्जा संसाधन

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न :

सही विकल्प को चुनें

1. गोंडवाना कालीन चट्टानों में किस खनिज के भंडार मिलते हैं ?

(क) पेट्रोलियम

(ख) कोयला

(ग) प्राकृतिक गैस

(घ) सौर ऊर्जा

2. कोयला का सर्वोत्तम किस्म कौन-सा है ?

(क) पीट

(ख) लिग्नाइट

(ग) बिटुमिनस

(घ) ऐंथ्रासाइट

3. सिंगरौली कोयला क्षेत्र किस राज्य में है ?

(क) मध्य प्रदेश

(ख) आंध्र प्रदेश

(ग) झारखंड

(घ) बिहार

4. हुगड़ीजन में किसका उत्पादन होता है ?

(क) कोयला

(ख) पवन ऊर्जा

(ग) सौर ऊर्जा

(घ) पेट्रोलियम

5. पवन ऊर्जा उत्पादन से संबंधित क्षेत्र है ?

(क) साम्बा

(ख) ताँबा

(ग) लाम्बा

(घ) इनमें कोई नहीं

6. पूगा घाटी प्रसिद्ध है :

(क) भूताप के लिए

(ग) कोयला उत्पादन के लिए

(ख) ज्वारीय ऊर्जा के लिए

(घ) पेट्रोलियम उत्पादन के लिए

उत्तर : 1.→(ख), 2.→(घ), 3. →(क), 4. →(घ), 5.→(ग), 6.→(क) ।

1. खाली स्थानों को उपयुक्त शब्दों से पूरा करें

2. कलपक्कम में …………….. ऊर्जा का उत्पादन होता है

3. 1951 में देश में कोयला का उत्पादन ……….. करोड़ टन हुआ ।

4. अंकलेश्वर में ……….. का उत्पादन किया जाता है ।

5. मथुरा तेलशोन केन्द्र …………. राज्य में है ।

6. हीराकुड जलविद्युत परियोजना ………….. पर विकसित है।

उत्तर : 1. परमाणु, 2. 3-5, 3. पेट्रोलियम, 4. उत्तर प्रदेश, 5. महानदी ।

III. सही मिलान कर लिखें :

(1) मोहपानी                                  (क) ताप विद्युत

(2) रूद्र, सागर                             (ख) परमाणु ऊर्जा

(3) फरक्का                                  (ग) पेट्रोलियम

(4) तारापुर                                    (घ) भूतापीय ऊर्जा

(5) तातापानी                                 (ङ) कोयला

उत्तर : 1.→(ङ), 2.→ (ग), 3. → (क), 4.→ (ख), 5. → (घ)।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें ।

प्रश्न (i) भारत में कोयले के वितरण व उत्पादन क्षेत्र के कुछ केन्द्रों के

लिखिए ।

उत्तर- भारत में मुख्यतः दामोदर घाटी, सोन घाटी, महानदी घाटी, गोदावरी नदी घाटी, वर्धा नदी घाटी आदि नदी घाटियों में कोयला पाया जाता है। उत्पादन की दृष्टि से देखें तो प्रायः झारखंड राज्य के झरिया, बोकारो, धनबाद, गिरीडीह, कर्णपुरा तथा रामगढ़, छत्तीगढ़ राज्य में चिरिमिरी, विश्रामपुर, झिलमिली, कोरवा, उड़ीसा राज्य में तालचर, पश्चिम बंगाल में रानीगंज, मध्य प्रदेश के सिंगरौली, सोहागपुर, उमरिया तथा मोहपानी में कोयला का उत्पादन होता हैं।

प्रश्न (ii) भारत के जलविद्युत परियोजना पर संक्षित टिप्पणी लिखिए।

उत्तर—भारत में पहला जलविद्युत संयंत्र दार्जिलिंग में लगाया गया था। आगे चलकर कावेरी नदी के शिव समुद्रतम में जलविद्युत उत्पादन शुरू हुआ। आजादी मिलने के बाद अनेक बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ चालू की गई, जहाँ से विद्युत का उत्पादन होता है। भाखड़ा नांगल, दामोदर, रिहंद, हीराकुड, तुंगभद्रा आदि परियोजनाएँ प्रमुख हैं ।

प्रश्न (iii) परमाणु ऊर्जा उत्पादक पाँच केन्द्रों के नाम लिखिए ।

उत्तर – परमाणु ऊर्जा उत्पादक पाँच केन्द्रों के नाम निम्नलिखित हैं :

(i) तारापुर (महाराष्ट्र), (ii) राणप्रताप सागर (कोटा, राजस्थान), (iii) कलपक्कम (तमिलनाडु), (iv) नरौरा (उत्तर प्रदेश) तथा (v) ककरापारा (गुजरात) ।

प्रश्न (iv) संसाधन के संरक्षण हेतु क्या उपाय किए जा सकते हैं ? किन्हीं तीन उपायों को लिखिए ।

उत्तर—संसाधन के संरक्षण हेतु किए जा सकने वाले तीन उपाय निम्नलिखित हैं :

(i) संसाधनों का विवेकपूर्ण व्यवहार किया जाए।

(ii) ऊर्जा का बेजरूरत उपयोग नहीं किया जाए ।

(iii) ऊर्जा का मितव्ययितापूर्वक उपयोग किया जाए ।

प्रश्न (v) गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखिए ।

उत्तर— गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के नाम निम्नलिखित हैं :

(i) सौर ऊर्जा, (ii) पवन ऊर्जा, (iii) ज्वारीय ऊर्जा, (iv) भूतापीय ऊर्जा तथा (v) जैव ऊर्जा आदि ।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें ।

प्रश्न (i) ऊर्जा संसाधन पर टिप्पणी लिखिए ।         (अधिकतम 200 शब्दों में)

उत्तर—हमें कदम-कदम पर ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है। जब मनुष्य जंगली जीवन व्यतीत कर रहा था और पहाड़ के खोहों में नंगे रहता था, उस समय भी उसे ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती थी । तब वह मानव शक्ति को ऊर्जा के रूप में उपयोग करता था। सभ्यता के विकास के साथ-साथ ऊर्जा के साधनों में भी बदलाव और विकास होने लगा । आज उसे दो वर्गों में रखा गया है :

(i) अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत तथा (ii) नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत

(i) अनवीकरणीय ऊर्जा के भंडार सीमित हैं । जब ये एक बार समाप्त हो जाएँगे तो पुनः उनकी प्राप्ति असंभव है । इस प्रकार के ऊर्जा संसाधन हैं :

(क) कोयला, (ख) पेट्रोलियम तथा (ग) प्राकृतिक गैस । ये ऐसे ऊर्जा-संसाधन हैं जिनके बनने में लाखों-लाख वर्ष लग जाते हैं। बावजूद इसके हम पूरे विश्वास के साथ नहीं कह सकते हैं कि ये फिर बन पाएँगे भी या नहीं । :

(ii) नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में आते हैं : जलविद्युत, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा तथा जैव ऊर्जा । नवीकरणीय ऊर्जा कभी समाप्त नहीं हो सकते ।

लेकिन अनवीकरणीय ऊर्जा संसाधन चूँकि एक बार समाप्त होने के बाद फिर दोबारा प्राप्त नहीं हो सकते, इनको बचाते हुए खर्च करना बुद्धिमानी कही जाएगी।

प्रश्न (ii) भारत में कोयला के उत्पादन एवं वितरण का विवरण लिखिए ।

उत्तर- कोयला के उत्पादन में विश्व स्तर पर भारत का प्रमुख स्थान है । यहाँ मुख्यतः गोडवान समूह की चट्टानों में कोयला पाया जाता है, जो यहाँ 98% के लगभग प्राप्त है। 1951 में यहाँ कोयला का उत्पादन लगभग 3.5 करोड़ टन हुआ था। आगे चलकर 2007 में उत्पादन 45.6 करोड़ टन तक हो गया ।

उत्पादक स्थानों में झारखंड राज्य के झरिया, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, कर्णपुरा, रामगढ़, छत्तीसगढ़ राज्य के चिरिमिरी, विश्रामपुर, झिलमिली, कोरबा, उड़ीसा का तालचर, पश्चिम बंगाल राज्य के रानीगंज, मध्य प्रदेश के सिंगरौली, सोहागपुर, उमरिया तथा मोहपानी तथा महाराष्ट्र के चाँदा, वर्धा, वापटी एवं कर्दर नामक स्थान प्रमुख टर्शियरी कालीन कोयला असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय तथा जम्मू-कश्मीर राज्यों से निकाला जाता है। यह कोयला निम्न कोटि का होता है। कुछ राज्यों में लिग्नाइट कोयला भर मिलता है ।

यदि वितरण पर ध्यान दें तो हम पाते हैं कि दामोदर नदी घाटी, सोन नदी घाटी, महानदी घाटी, गोदावरी घाटी, वर्धा नदी घाटी इत्यादि नदी घाटियों मे कोयला पाया जाता है ।

प्रश्न (iii) भारत में ऊर्जा के परम्परागत ऊर्जा स्रोत पर टिप्पणी लिखिए ।

उत्तर—भारत में ऊर्जा के परम्परागत स्रोत हजारों-हजार वर्ष पहले से होता आ रहा है। लेकिन ये क्षयशील हैं, जो चिंता का कारण है। ऊर्जा के परम्परागत स्रोत में प्रमुखता रखते हैं कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस ।

कोयला — कोयला विश्व के लगभग सभी देशों में पाया जाता है। लेकिन भारत में इसकी प्रमुखता है। कोयला एक अवसादी चट्टान है, जो वनस्पतियों के भूगर्भिक हलचल के कारण भूमि के अन्दर दब जाने से बना है। कार्बन की मात्रा के आधार पर कोयला को चार वर्गों में रखा गया है। वे हैं : (i) एन्थ्रासाइट, (ii) बिटुमिनस, (iii) लिग्नाइट तथा (iv) पीट ।

पेट्रोलियम — पेट्रालियम, का पता भारत में सबसे पहले असम राज्य के डिगबोई में लगा। बाद में गुजरात के खंभात क्षेत्र मे और महाराष्ट्र के मुंबई हाई में पेट्रोलियम मिला। अभी इन्हीं तीनों स्थान से पेट्रोलियम निकाला जाता है। किरासन, पेट्रोल, मोबिल, ग्रीस इत्यादि पेट्रोलियम के ही उत्पाद हैं। पेट्रोलियम निकलता तो कीचड़ की तरह है लेकिन बाद में सफाई कर उपयुक्त उपयोगी पदार्थ बनाये जाते हैं । 

प्राकृतिक गैस – प्राकृतिक गैस का उपयोग रसोई गैस तथा अन्य अनेक कामों लाया जाता है । इसको प्राप्ति स्थान से अन्य स्थानों में पाइप लाइन द्वारा भेजा जाता है।

प्रश्न (iv) भारत में पेट्रोलियम के उत्पादन एवं वितरण का विवरण लिखिए ।

उत्तर – भारत में उत्पादन की दृष्टि से असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड प्रमुख स्थान रखते हैं । असम में डिगबोई, नहर कटिया, हुगड़ीजन, मोरान, रूद्र सागर, निग और होल्ला में अंग्रेजी काल से ही पेट्रोलियम उत्पादन होता आया है। गुजरात राज्य . ‘के अंकलेश्वर, कलोल, बलोल, कोसंब, मेहसाना, बकरोल, नवगाँव आदि स्थनों पर

अभी हाल ही में पेट्रोलियम मिला है। महाराष्ट्र के मुंबई हाई में अधिक मात्रा में उत्पादन हो रहा है। यह समुद्र तट से 200 किमी दूर सागर सम्राट नामक प्लेटफार्म बनाकर पेट्रोलियम निकाला जाता है । कृष्णा-गोदावरी तथा कावेरी नदियों के बेसिन में—खासकर

नारीमानन तथा केविल कप्पल में पेट्रोलियम उत्पादित होता है। राजस्थान के बाड़मेर बेसिन में मंगला क्षेत्र पेट्रोलियम के लिए प्रसिद्ध हो गया है।

खानों से निकाले गये कच्चा माल को कारखानों में शोधन किया जाता है। सम्पूर्ण देश में 18 से अधिक तेल शोधन शालाएँ तेल की सफाई में कार्यरत हैं । सरकारी क्षेत्रों के अलावे निजी क्षेत्र के उद्योगपति भी इस काम में लगे हुए हैं। बिहार राज्य के बरौनी में तेलशोधक कारखाना है ।

प्रश्न (v) ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोतों पर टिप्पणी लिखिए ।

उत्तर – ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोत ऐसे स्रोत हैं जो समाप्त होने वाले नहीं हैं इन्हें ऊर्जा का अक्षय स्रोत भी कहा जाता है। इन स्रोतों में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भूतपीय ऊर्जा तथा जैव ऊर्जा सम्मिलित हैं। भारत में प्रति वर्ग किलोमीटर 20 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है। सोलर प्लेटों से सूरज की किरणों द्वारा उत्पन्न की जाने वाली ऊर्जा, सौर ऊर्जा कहलाती है । इसका सबसे बड़ा संयंत्र गुजरात के ‘भुज’ में लगाया गया है । पृथ्वी के अन्दर 32 किलोमीटर की गहराई पर 1°C तापमान की वृद्धि हो जाती है। इस ख्याल से पृथ्वी के अन्दर जो ताप संग्रहित है, उसका ऊर्जा के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इस ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए एक विशेष तकनीक द्वारा ऊपर लाकर बिजली पैदा की जाती है । इसी को भूतापीय ऊर्जा कहते हैं। हिमाचल प्रदेश के मणिकरण, जम्मू-कश्मीर के लद्दाख के पूगाघाटी तथ मध्य प्रदेश के तातापानी में भूतापीय ऊर्जा के संयंत्र लगाए गए हैं। तेज गति से चलने वाले पवन को पवन ऊर्जा कहते हैं । गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक में पवन ऊर्ज से बिजली बनाने के लिए पंखे लगाये गये हैं। भारत में अनुमान है कि 50 हजार मेगावाट बिजली पैदा की जा सकती है। गुजरात के लांबा में एशिया का सर्वाधिक बड़ा संयंत्र लगाया गया है ।

कुछ महत्वपूर्ण अन्य प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. पाँच तरीके दीजिए, जिनसे कि आप घर पर ऊर्जा बचा सकते हैं।

उत्तर—घर पर ऊर्जा बचाने के पाँच तरीके निम्नांकित हो सकते हैं (क) भोजन पकाना आरंभ करने के पहले चावल, दाल तथा सब्जी को धो लें, आंटा गूँथ लें और मसाला पीस लें ।

(ख) भंजन सदैव प्रेशर कुकर में पकाएँ ।

(ग) आवश्यकता नहीं रहने पर बत्ती बुझा दें ।

(घ) खिड़कियों को खोलकर रखें ताकि कम-से-कम पंखा चलाना पड़े । कमरे से बाहर निकलते समय पंखा बंद कर दें ।  

(ङ) रात्रि का भोजन यथासम्भव जल्दी खा लें, ताकि अधिक देर तक बत्तियाँ नहीं जलानी पड़ें।

प्रश्न 2. निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए :

(i) परंपरागत तथा गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत

(ii) बायोगैस और प्राकृतिक गैस

उत्तर : (i) परंपरागत और गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत में अंतर- परंपरागत ऊर्जा स्रोत वैसे ऊर्जा स्रोत हैं जिनका हम परंपरानुसार बहुत दिनों से उपयोग करते आ रहे हैं और आज भी कर रहे हैं। जैसे—जीवाश्मी कोयला, पेट्रोलियम इत्यादि । गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत उस ऊर्जा स्रोत को कहा जाता है, जिनका विकास अभी हाल ही में हुआ है और हो रहा है। जैसे – पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, बायो गैस ऊर्जा तथा ज्वारीय ऊर्जा इत्यादि ।

(ii) बायो गैस और प्राकृतिक गैस में अंतर- बायो गैस का उत्पादन हम अपने घर के पास स्वयं एक छोटा संयंत्र लगाकर गोबर के उपयोग द्वारा कर सकते हैं। इसमें व्यय बहुत कम होता है । प्राकृतिक गैस प्रकृति में पेट्रोलियम के साथ निकलती है। इस गैस को निकालने में बहुत व्यय होता है ।

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BSEB Class 8th Geography खनिज संसाधन | Khanij Sansadhan Solutions

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Khanij Sansadhan Solutions

इकाई – 1 (ग)

खनिज संसाधन

पाठ के अन्दर आए प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1. खनिज एवं चट्टान में क्या अन्तर है ?

उत्तर- हम जानते हैं कि चट्टानों से ही खनिज प्राप्त होते हैं, लेकिन सभी चट्टानों से खनिज नहीं मिलते। खास-खास चट्टानों से ही खनिज मिलते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि खनिज और चट्टान में काफी अन्तर हैं ।

प्रश्न 2. भारत में अभ्रख कहाँ प्राप्त होता है? उसका क्या उपयोग है?

उत्तर- भारत में खास तौर पर अभ्रक झारखंड राज्य के कोडरमा में प्राप्त होता है। वैसे आंध्र प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों में भी यह कुछ मात्रा में प्राप्त होता है ।

अभ्रक का उपयोग खास तौर पर विद्युतीय उपकरण बनाने में होता है । अबीर गुलाल, साड़ी और मुरेठा में चमक पैदा करने के लिए अभ्रक का चूरा मिलाया जाता है ।

प्रश्न 3. ग्रेफाइट का मुख्य उपयोग क्या है?

उत्तर – ग्रेफाइट का मुख्य उपयोग है कि इससे लिखने की पेंसिलें बनती हैं।

प्रश्न 4. विश्व में लौह-अयस्क का कुल अनुमानित भंडार कितना है?

उत्तर- विश्व में लौह अयस्क का कुल अनुमानित भंडार लगभग 3,70,000 करोड़ टन है।

प्रश्न 5. अयस्क क्या है? (पृष्ठ 36)

उत्तर- जिन चट्टानों से धातुएँ लाभप्रद रूप में प्राप्त की जाती हैं, उन्हें ‘अयस्क’ कहा जाता है।

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न :

सही विकल्प को चुनें :

1. खनिजों को कितने भागों में बाँट सकते हैं ?

(क) दो

(ख) चार

(ग) छः

(घ) आठ

2. हेमाटाइट किस खनिज का मुख्य अयस्क है ?

(क) लोहा

(ख) कोयला

(ग) सोना

(घ) मैंगनीज

3. रोडोनाइट किस खनिज का अयस्क है ?

(क) लोहा

(ख) कोयला

(ग) सोना

(घ) ग्रेफाइट

4. एलुमीनियम किस खनिज से प्राप्त होता है ?

(क) कोबालाइट

(ख) बॉक्साइट

(ग) रोडोनाइट

(घ) साइलोमेलेन

5. बायोटाइट किस खनिज का प्रकार है ?

(क) एलुमीनियम

(ख) अभ्रक

(ग) लोहा

(घ) मैंगनीज

उत्तर : 1. (क), 2. (क), 3. (घ), 4. → (ख), 5. (ख)।

1. सही मिलान कर लिखें :

    खनिज                            अयस्क

(1) लोहा                          (क) ब्रायोटाइट

(2) मैंगनीज                     (ख) कोबालाइट

(3) अभ्रकं                       (ग) रोडोनाइट

(4) ताँबा                         (घ) हेमाटाइट

उत्तर : 1. (घ), 2. (ग), 3. (क), 4. (ख)।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें ।

प्रश्न- 1. खनिजों का वर्गीकरण कीजिए । (अधिकतम 50 शब्दों में)

उत्तर—खनिजों का वर्गीकरण करें तो यह दो वर्गों में बाँटा जा सकता है । पहला धात्विक खनिज तथा दूसरा अधात्विक खनिज ।

धात्विक खनिज में लोहा, ताँबा, मैंगनीज टंगस्टन आदि आएँगे ।

अधात्विक खनिज में चूना पत्थर, अभ्रक, जिप्सम तथा कोयला हैं ।

पुनः : कार्बन की मात्रा के आधार पर देखें तो खनिज दो प्रकार के होते हैं। कार्बनिक खनिज तथा अकार्बनिक खनिज ।

कार्बनिक खनिज में कोयला और पेट्रोलियम हैं ।

अकार्बनिक खनिज में अभ्रक, ग्रेफाइट आदि आते हैं ।

प्रश्न 2. अयस्क किसे कहते हैं?

उत्तर- जिन चट्टानों से धातुएँ लाभप्रद रूप में प्राप्त की जाती हैं, उन्हें अयस्क कहा जाता है। उदाहरण के लिए लोहे के अयस्क हेमाटाइट, मैग्नाटाइट, लिमोनाइट, सिडेराइट आदि प्रमुखता रखते हैं । इन अयस्कों में लोहा, अधिक और अवांछित मिट्टी आदि कम होते हैं।

प्रश्न 3. मैंगनीज के क्या-क्या उपयोग हो सकते हैं?

उत्तर – मैंगनीज के निम्नलिखित उपयोग हो सकते हैं :

(i) मैंगनीज का उपयोग लोहा में मिलाकर जंगरोधी लोहा बनाने में होता हैं ।

(ii) बैटरी, फोटोग्राफी के उपकरण, माचिस बनाने में मैंगनीज का उपयोग होता है ।

(iii) मैंगनीज का उपयोग कीटनाशी दवाइयाँ बनाने में भी होता है ।

प्रश्न 4. भारत में अभ्रक उत्पादक क्षेत्रों के बारे में लिखिए ।

उत्तर— भारत में अभ्रक झारखंड राज्य के कोडरमा, गिरीडीह, हजारीबाग, बिहार राज्य के मुंगेर, नवादा में तथा आंध्र प्रदेश के नैल्लौर में, राजस्थान के जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर जिलों में मिलता है ।

प्रश्न 5. बॉक्साइट के क्या-क्या उपयोग हैं? लिखिए ।

उत्तर—बॉक्साइट का एकमात्र उपयोग है कि इससे अल्युमिनियम बनता है अर्थात यह अल्युमिनियम का कच्चा माल है। हाँ, बॉक्साइट से बने अल्युमिनियम के विभिन्न उपयोग हैं। घरेलू बरतन, बिजली के तार और अन्य उपकरण तथा वायुयान के बॉडी बनाने में अल्युमिनियम के उपयोग हैं।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें । (अधिकतम 200 शब्दों में)

प्रश्न 1. भारत के लौह अयस्क के उत्पादक क्षेत्रों के बारे में लिखिए ।

उत्तर— भारत में लोहे की अनेक खानें हैं, जिनमें कुल मिलाकर 420 अरब मीट्रिक टन लोहा होने का अनुमान है। लोहा की प्रमुख खानें उड़ीसा राज्य के क्योंझर, बोनाई, मयूरभंज, बादाम पहाड़ में हैं। झारखंड राज्य भी लोहे की खानों के लिए प्रसिद्ध है इस राज्य के गुआ, नोआमुंडी, जामदा में मुख्य खानें हैं। महाराष्ट्र राज्य के चाँदा, छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर, दुर्ग तथा बस्तर में लौह खानें हैं। मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर, कर्नाटक राज्य के कुद्रेमुख, बाबाबूदन की पहाड़ी लोहा उत्पादन के लिए प्रमुख हैं । आज लोहे का उपयोग बढ़ गया है, अतः इसके उत्पादन में भी वृद्धि हुई है । 1951 में देश में जहाँ 30 लाख टन लौह अयस्क का उत्पादन हुआ वहीं 2009-2010 में 41 लाख टन से भी अधिक उत्पादन हुआ ।

प्रश्न 2. भारत में मैंगनीज के उत्पादन एवं वितरण का वर्णन कीजिए ।

उत्तर – भारत में मैंगनीज प्राप्ति के ख्याल से विश्व में तीसरा स्थान है । विश्व कें संचित भंडारों में मैंगनीज की प्राप्ति भारत में होती है। भारत में जितना मैंगनीज है, उसका 78 प्रतिशत से भी अधिक की प्राप्ति नागपुर और भंडारा जिलों से लेकर मध्य प्रदेश के बालाघाट तथा छन्दवाड़ा जिलों में ही हो जाती है। उड़ीसा भी मैंगनीज प्राप्ति में अग्रणी है। यहाँ भारत के कुल मैंगनीज का 37 प्रतिशत प्राप्त होता है । यहाँ इसकी मुख्य खानें सुन्दरगढ़, कालाहांड़ी, रायगढ़, बोलांगीर, क्योंझर, जाममुर एवं मयूर भंज जिलों में हैं । महाराष्ट्र राज्य मैंगनीज उत्पादन में सम्भवतः भारत का पहला राज्य है । जो सबसे अधिक उत्पादन करता है। यह देश के कुल उत्पादन का लगभग 25 प्रतिशत उत्पादन कर लेता है । मैंगनीज की उत्पादन की मुख्य पटा नागपुर तथा भंडारा जिलों में है । इस पेटी में अच्छे प्रकार के मैंगनीज मिलते हैं। महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले में भी उच्च कोटि के मैंगनीज मिलते हैं। मध्य प्रदेश राज्य में भी मैंगनीज प्राप्त होता है। यहाँ देश के कुल उत्पादन का 21 प्रतिशत मैंगनीज प्राप्त होता है। इस राज्य के बालाघाट तथा छिन्दवाड़ा जिलों में इसका उत्पादन होता है। कर्नाटक में मैंगनीज शिमोगा, चित्रदुर्ग तुमकूर, बेलारी, उत्तरी कनारा, धारवाड़, चिक मंगलूर और बीजापुर जिले मुख्य उत्पादक जिले हैं । यहाँ भी देश के कुल उत्पादन का लगभग 25 प्रतिशत प्राप्त होता है। आंध प्रदेश में भी कुछ मैंगनीज मिलता है। श्रीकाकुलम, विशाखापत्तनम, कुडप्पा, विजयनगर तथा गुंटूर जिले मैंगनीज के मुख्य उत्पादक जिले हैं ।

प्रश्न 3. विश्व के ताँबा उत्पादक क्षेत्रों के बारे में लिखिए ।

उत्तर—विश्व में ताँबा के अयस्कों में चाल्कोपाइराइट, क्रइसोकोला, बोनाईइच कोबालाइट, क्यूप्राइट एवं मालासाइट इत्यादि प्रमुखता रखते हैं। ताँबा के उत्पादन में अमेरिका का बुटा क्षेत्र, कनाडा का सडबरी क्षेत्र, चिली का चुकीकामाटा, मध्य चिली का एलनेनियचेन्स, जांबिया का मुफिलआए तथा जायरे का कटांगा क्षेत्र महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

इसी प्रकार भारत के अनेक राज्य ताँबा उत्पादन में अग्रणी हैं। झारखंड राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिला, हजारीबाग जिला, पलामू जिला तथा राजस्थान का खेतड़ी, प्रदेश का बालाघाट, छत्तीसगढ़ का दुर्ग आदि में ताँबा का उत्पादन होता है ।

प्रश्न 4. खनिजों के उपयोग के बारे में विस्तृत वर्णन कीजिए ।

उत्तर—खनिजों के अनेक उपयोग हैं। जीवन-यापन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जिसमें किसी-न-किसी खनिज का उपयोग नहीं होता । यदि अपने घर के अन्दर की बात लें तो बर्तन-वासन से लेकर आभूषण इत्यादि तक में खनिजों का उपयोग होता हैं । रसोई बनाने में जिस गैस का उपयोग हो रहा है, वह भी एक खनिज संसाधन ही है । घर के दरवाजे में लगी कुंडी, कब्जा, काँटी लोहे के बने होते हैं ।

कृषि के क्षेत्र में आदि काल से लोहा का उपयोग होता रहा है । कृषि यंत्र, जैसे : हल के फाल, कुदाल, हँसिया, खुरपी आदि लोहे के ही बने होते हैं। बैलगाड़ी के पहिया के ऊपर का छल्ला लगा रहता था। अब टायर का उपयोग होता है तो उसका रीम और धूरा लोहे के ही बने होते हैं ।

सभ्यता के विकास के साथ यात्रा के जितने भी साधन हैं, उनमें लोहे का उपयोग होता है। साइकिल हो या मोटरकार, लोहे के ही बने होते हैं। रेल और हवाई जहाज में भी अनेक खनिजों का उपयोग होता है। एक प्रकार से हम देखें तो आज के लोग खनिजों से घिरे हुए हैं ।

प्रश्न 5. भारत में अभ्रक के उत्पादन एवं वितरण का विवरण दीजिए ।

उत्तर—भारत में अभ्रक का उत्पादन दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। देश में अभ्रक का कुल भंडार लगभग 59,000 टन है । 1958 में इसका उत्पादन 32 हजार टन, 1991 में 14 हजार टन तथा 2002-03 में 12,000 टन का उत्पादन हुआ ।

वितरण—भारत में अभ्रक का वितरण समान नहीं है। कुछ राज्य तो ऐसे हैं, इसका अंश मात्र भी प्राप्त नहीं होता । अभ्रख प्राप्ति में खास तौर पर झारखंड अग्रणी जहाँ राज्य है । झारखंड राज्य के कोडरमा, गिरीडीह, हजारीबाग में अभ्रक प्राप्त होता है । बिहार राज्य के मुंगेर, नवादा जिले आते हैं, जहाँ अभ्रक की प्राप्ति होती है। आंध्र प्रदेश के नैल्लौर, राजस्थान के जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर जिलों में भी अभ्रक की प्राप्ति होती है। देश में अभख का कुल भंडार 59,000 टन है

1. कुछ करने को :

प्रश्‍न 1. पीतल, एलुमीनियम, लोहे, अभ्रक, ताँबा, के टुकड़े एकत्रित कीजिए ।

सकेत : छात्र स्‍वयं करें ।

प्रश्‍न 2. भारत के नक्‍शे में उन जिलों को चिह्नि कीजिए जिसमें अभ्रक, लोहा, मैगनीज पाए जाते हैं ।

उत्तर :-

Khanij Sansadhan Solutions

प्रश्‍न 3. अभ्रक क्षेत्र से जुडे किसी कामकाजी व्‍यक्ति का साक्षात्‍कार लीजिए और उनसे अभ्रक के बारे में विशेष जानकारी प्रप्‍त कीजिए ।

संकेत : छात्र स्‍वयं करें ।

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BSEB Class 8th Geography वन एवं वन्य प्राणी संसाधन | Van Evam Vanya Prani Sansadhan Notes

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Van Evam Vanya Prani Sansadhan Notes

इकाई – 1 (ख)

वन एवं वन्‍य प्राणी संसाधन

पाठ के अन्दर आए प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1. भारत में सबसे अधिक वन वाले राज्य कौन-कौन हैं ? (पृष्ठ 33)

उत्तर- यदि प्रतिशतता के हिसाब से देखें तो मिजोरम में 91.27% वन पाये जाते हैं। लेकिन क्षेत्रफल के हिसाब से देखें तो वह राज्य भोपाल है। भोपाल के 77.7 वर्ग किमी क्षेत्र में वन हैं ।

प्रश्न 2. किस पौधे से कैंसर के उपचार की कारगर दवाइयाँ बनाई जा रही हैं? (पृष्ठ  34)

उत्तर—हिमालय क्षेत्र में ‘यव’ नामक एक पौधे पाये जाते हैं । इन्हीं पौधों से कैंसर के उपचार के लिये कारगर दवाईयाँ बनती हैं।

प्रश्न 3: कौन-कौन से वृक्ष अपने पत्ते एक साथ गिरा देते हैं? (पृष्ठ 36)

उत्तर—सागवान, साल, रोजवुड, चंदन, शीशम, शहतूत, पाकड़ आदि वृक्ष अपने पत्ते एक साथ गिरा देते हैं

.

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न :

सही विकल्प को चुनें

2. भारत में सबसे अधिक वन क्षेत्रफल किस राज्य में है ?

(क) मेघालय

(ख) मणिपुर

(ग) मध्य प्रदेश

(घ) महाराष्ट्र

3. विश्व में लगभग कितने प्रकार की वनस्पतियाँ मिलती हैं ?

(क) 5 लाख

(ख) 10 हजार

(ग) 50 लाख

(घ) 10 लाख

4. बिहार, उत्तर प्रदेश एवं झारखंड में किस प्रकार के वन पाए जाते हैं ?

(क) उष्ण कटिबंधीय पतझड़ वन

(ख) उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन

(ग) शीतोष्ण पतझड़ वन

(घ) कोणधारी वन

5. इनमे कौन उभयचर जीव है ?

(क) केंचुआ

(ख) कछुआ

(ग) कौआ

(घ) बाघ

6. इनमें कौन भारत का राष्ट्रीय पशु है ?

(क) मोर

(ख) शेर

(ग) ऊँट

(घ) बाघ

7. रेड डाटा बुक किस वर्ष तैयार किया गया था ?

(क) 1970

(ख) 1980

(ग) 1990

(घ) 2000

8. देश में राष्ट्रीय उद्यानों की कुल संख्या कितनी है ?

(क) 448.

(ख) 14

(ग) 85

(घ) 21

उत्तर : 1.(ग), 2.(घ), 3. (क), 4.(ख), 5. (घ), 6. (क), 7. (क)।

1. खाली स्थानों को उपयुक्त शब्दों से पूरा करें :

2. वन हैं तो ……………… हैं ।

3. कृत्रिम रूप से किए गए पौधा रोपण को ………….. कहा जाता है ।

4. हिमालयन यव से प्राप्त रसायन ……………… के उपचार में उपयोगी है |

5. चंदन के वन में …………….. मिलते हैं।

6. अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में ………….. वन पाते हैं ।

7. गौतम बुद्ध अभयारण्य …………….. जिला में हैं ।

8. वन को पृथ्वी का ………….. कहा जाता है ।

उत्तर : 1. हम, 2. सामाजिक वानिकी, 3. कैंसर, 4. कर्नाटक, 5. सदाबहार वन, 6. गया, 7. फेफड़ा।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें ।

प्रश्न 1. सामाजिक वानिकी किसे कहा जाता है ?  (अधिकतम 50 शब्दों में)

उत्तर – पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए समाज के लोगों द्वारा अपनी जमीन पर वृक्ष लगाए जाते हैं तो इसे सामाजिक वानिकी कहते हैं । सामाजिक वानिकी से एक तो पर्यावरण संतुलित रहता है और दूसरे कि वृक्ष लगाने वालों को आर्थिक आवश्यकता की पूर्ति हो जाती है । वातावरण हरियाली युक्त हो जाती है, जिससे उस क्षेत्र में सुबह- शाम टहलने में आनन्द आता है ।

प्रश्न 2. उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन के तीन प्रमुख वृक्षों के नाम लिखिए ।

उत्तर— (i) सागवान, (ii) साल तथा (iii) रोजवुड ।

प्रश्न 3. किस वर्ग के लोगों के लिए़ वन आश्रयस्थली का काम करता है?

उत्तर—वन जनजातीय वर्ग के लोगों के लिए आश्रम स्थली का काम करता है । जनजाति के लोग वनों में ही निवास करते हैं। वे ऐसा उपाय करते हैं कि हिंसक पशुओं से उनकी रक्षा हो सके। वनों के फल-फूल, कन्दमूल इनके भोजन की सामग्री हैं ।

प्रश्न 4. उन राज्यों के नाम लिखिए जहाँ देश में सदाबहार वन पाए जाते हैं?

उत्तर— (i) केरल के पश्चिमी घाट के पश्चिम भाग में, (ii) अंडमान-निकोबार द्वीप समूह तथा (iii) उत्तर-पूर्वी राज्यों में ।

प्रश्न 5. वनों के कोई तीन महत्व लिखिए ।

उत्तर : (i) वनों में औषधियों के लिए जड़ी-बूटियाँ मिलती हैं ।

(ii) उद्योगों के लिए कच्चा माल मिलता है ।

(iii) इमारती और उपस्करीय लकड़ियाँ मिलती हैं ।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें । (अधिकतम 200 शब्दों में)

प्रश्न 1. वन से आप क्या समझते हैं? भारत में पाए जानेवाले वनों का विस्तृत विवरण दीजिए ।

उत्तर – किसी क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से उगनेवाले पेड़-पौधों, घास-झाड़ियों आदि के मिले-जुले रूप को वन कहा जाता है । कुछ वनों के वृक्ष घने और लम्बे होते हैं तो कुछ के विरल तथा छोटे होते हैं । वन प्राकृतिक संसाधन हैं, जो हमें ईश्वर की ओर से मिला है ।

भारत में पाये जाने वाले वनों का विवरण निम्नलिखित हैं

(i) अत्यंत सघन वन, (ii) सघन वन, (iii) खुले वन, (iv) झाड़ियाँ तथा (v) मैंग्रोब्स ।

(i) अत्यंत सघन वन — भारत में अत्यंत सघन वन का विस्तार लगभग 54.6 लाख हेक्टेयर भूमि पर है। यह देश के सम्पूर्ण भौगोलिक क्षेत्र का 1.66% है । असम और सिक्किम को छोड़कर सम्पूर्ण पूर्वोत्तर राज्य इस वर्ग में आते हैं, जहाँ वनों का घनत्व 75% से अधिक है ।

(ii) सघन वन– देश के 73.60 हेक्टेयर भूमि पर सघन वन हैं । यह कुल भौगोलिक क्षेत्र का 3% पड़ता है। हिमांचल प्रदेश, सिक्किम, झारखंड, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र एवं उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसे वनों का विस्तार है । यहाँ वनों का घनत्व 62.99% है।

(iii) खुले वन-भारत में खुले वन 259 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर फैले हुए हैं। यह कुल भौगोलिक क्षेत्र का 7.12% है। कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा आदि राज्यों के कुछ जिलों तथा असम के 16 आदिवासी जिलों में ऐसे वनों का विस्तार है । असम के इन जिलों में वृक्षों का घनत्व 23.89% तक है।

(iv) झाड़ियों एवं अन्य वन- राजस्थान का मरुस्थलीय क्षेत्र तथा अन्य अर्द्ध शुक क्षेत्रों में ऐसे वन पाए जाते हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, और पश्चिम बंगाल के मैदानी भागों में इस प्रकार के वनों में वृक्षों का घनत्व 10% से भी कम है। ऐसे वन ‘कुल भौगोलिक क्षेत्र के 2.459 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर विस्तृत हैं, जो प्रतिशत के हिसाब से 8.68% है ।

(v) मैंग्रोब्स वन – मैंग्रोब्स वन तटीय भागों में पाए जाते हैं । विश्व के कुल तटीय वन क्षेत्र का भारत में मात्र 5% (लगभग 4,500 वर्ग किमी) क्षेत्रफल में ही मैंग्रोब्स वन हैं। सबसे प्रसिद्ध मैग्रोब्स वन पश्चिम बंगाल का सुन्दर वन है। इसके बाद गुजरात और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह आते हैं ।

प्रश्न 2. वन में पाए जानेवाले विभिन्न प्राणियों का वर्गीकरण उदाहरण के साथ दीजिए ।

उत्तर – वनों में अनेक प्रकार के प्राणी रहते हैं, जिनका वर्गीकरण निम्नांकित है : (i) मांसाहारी प्राणी, (ii) शाकाहारी प्राणी, (iii) उभयचर प्राणी, (iv) सरीसृप प्राणी, (v) उड़नेवाले प्राणी ।

(i) मांसाहारी प्राणी – मांसाहारी प्राणियों में शेर, बाघ, चीता, भेड़िया, गीदड़ आदि हैं। ये शाकाहारी प्राणियों को मारकर अपनी भूख मिटाते हैं ।

(ii) शाकाहारी प्राणी – शाकाहारी प्राणियों में हिरण, भैंसा, खरगोश, नीलगाय आदि हैं। ये घास खाते हैं और हिंसक प्राणियों से बचने के लिए छिपे रहते हैं।

(iii) उभयचर प्राणी – उभयचर प्राणी वे हैं जो पानी में और जमीन पर आसानी से रह लेते हैं। इनमें मेढ़क की प्रमुखता है। वैसे कछुआ भी दोनों जगह रह लेता है।

(iv) सरीसृप – सरीसृप में रेंग कर चलने वाले प्राणी हैं। साँप, छिपकली, जोंक, केंचुआ आदि आते हैं। साँप और केंचुआ तो वनों में बहुतायद से पाये जाते हैं ।

(v) उड़ने वाले प्राणी – उड़ने वाले प्राणी में पक्षी आते हैं। वनों में विभिन्न प्रकार के पक्षियों की भरमार है। इन्हीं में मोर भी आता है, जो भारत का राष्ट्रीय पक्षी है।

प्रश्न 3. वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों का वर्णन कीजिए ।

उत्तर—वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। वनों की सुरक्षा के लिए उनके वृक्षों की कटाई पर रोक लगाया गया है। वृक्षों की सुरक्षा के लिए एक विभाग ही स्थापित कर दिया गया। इसे वन विभाग कहते हैं । सबसे पहले 1970 में बॉटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया, जिसका मुख्यालय कलकत्ता में था तथा देहरादून में अवस्थित वन अनुसंधान संस्थान द्वारा संकटग्रस्त पादप प्रजातियों की एक सूची तैयार की गई। इसी सूची को ‘रेड डाटा बुक’ कहा जाता है ।

वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य तथा जैव मंडल क्षेत्र स्थापित कर उन्हें विकसित किया गया है। इस समय भारत में 85 राष्ट्रीय उद्यान, 448 अभयारण्य तथा 16 जैव मंडल सुरक्षित क्षेत्र घोषित किए गए हैं। बिहार के बेगुसराय जिले में कांवर झील पक्षियों के विहार के लिए सुरक्षित किया जाता है। गया में गौतम बुद्ध अभ्यारण्य सभी वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए स्थापित किया गया है। पश्चिम चम्पारण जिले के पश्चिमोत्तर भाग में वाल्मीकि नगर वन्य प्राणी अभयारण्य प्रसद्धि स्थल है। खासतौर से बाघों की सुरक्षा इस अभयारण्य का उद्देश्य है ।

हम सबको चाहिए कि हम पेड़ों को न काटें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। हमें अधिकाधिक वृक्ष रोपना चाहिए। दूसरी ओर हमें यह भी ध्यान रखना है कि किसी पशु के साथ क्रूरता का व्यवहार नहीं किया जाय । रोगी पशुओं का इलाज हो

कार्यकलाप

प्रश्‍न : भारत का राजनीतिक मानचित्र बनाकर उसमें सदाबहार एवं पतझड़ वनों के वितण क्षेत्र को दिखाइए ।

उत्तर :-

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