BSEB Bihar Board Social Science Book Solutions Chapter 3. Sansadiya Sarkar Notes Class 8th Solutions, Sansadiya Sarkar MCQ Questions.
3. संसदीय सरकार (लोग व उनके प्रतिनिधि)
पाठ के अंदर आए प्रश्न तथा उनके उत्तर
( पृष्ठ –28 )
1. सही विकल्प चुनें :
प्रश्न 1. प्रतिनिधि का अर्थ
(अ) लोगों द्वारा किसी क्षेत्र से चुना गया व्यक्ति
(ब) सरकार द्वारा किसी क्षेत्र से चुना गया व्यक्ति
(स) उस क्षेत्र का जाना -माना व्यक्ति
प्रश्न 2. राज्य विधानसभा के लिए चुने गए व्यक्ति को क्या कहते हैं ?
(अ) वार्ड पंच
(ब) थानेदार
(स) विधायक
उत्तर— 1. (अ), 2. (स) ।
प्रश्न 1. संसदीय सरकार में आम लोगों की भागीदारी किस तरह से होती है?
उत्तर – चूँकि भारत के आम लोगों में ही ‘संप्रभुता’ नीहित है । अतः इन्हीं के द्वारा निर्वाचित व्यक्ति सांसद चुने जाते हैं और वे ही सरकार चलाते हैं । इसीलिए कहा जाता है कि ‘संसदीय सरकार चलाने में आम लोगों की भागीदारी होती है । ‘
प्रश्न 2. प्रतिनिधियों को आम लोगों के साथ सीधा संपर्क रखना क्यों जरूरी होता है?
उत्तर – चूँकि प्रतिनिधि उन्हीं आमलोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, अतः उनकी आवश्यकताओं को सुनने -समझने के लिए प्रतिनिधियों को उनसे सम्पर्क बनाये रखना जरूरी होता है। कुछ सांसदों को गलतफहमी हो जाती है कि चुनाव जीतने के बाद वे सर्वेसर्वा हो गए । वास्तव में सही यह है कि सर्वेसर्वा तो जनता है, जिनके तहत भारत की संप्रभुता निवास करती है । अत: प्रतिनिधियों को लोगों से मिलते -जुलते रहना ही चाहिए ।
प्रश्न 3. प्रतिनिधियों का चुनाव निश्चित समय के लिए ही क्यों किया जाता है ?
उत्तर – प्रतिनिधियों का चुनाव एक निश्चित समय या कहें कि सीमित समय के लिए इसलिए किया जाता है कि अधिक समय तक यदि वे रह जाएँगे तो आशंका है कि वे निरंकुश हो जाएँ। पाँच वर्षो में ही तो चुनाव जीतने के बाद उनका अंदाज बदल जाता है और अपने को राजा और जनता को प्रजा समझने लगते हैं। अपने को सर्वोपरि मानने लगते हैं। एक सीमित अवधि के लिए चुनाव होने से पुनः चुनाव होने पर यदि उनका काम अच्छा रहा तो उन्हें चुना जाएगा, वरना किसी अन्य को चुन लिया जाएगा ।
प्रश्न 4. क्या आम लोगों की भागीदारी प्रतिनिधियों के चुनाव तक ही सीमित होती है ?
उत्तर – नहीं, आमलोगों की भागीदारी प्रतिनिधियों के चुनाव तक ही सीमित नहीं होती। यदि प्रतिनिधि निरंकुशता करते हैं । जनहित में काम नहीं करते हैं तो सभा कर, प्रदर्शन कर, हड़ताल कर प्रतिनिधियों पर दबाव बनाया जा सकता है और उनको सही राह पर चलने के लिए बाध्य किया जा सकता है
प्रश्न 5. प्रतिनिधि का चुनाव क्यों जरूरी है ? शिक्षक के साथ चर्चा कीजिए ।
उत्तर – प्रतिनिधि का चुनाव इसलिए जरूरी है क्योंकि देश बड़ा है, जनसंख्या अधिक है; जिस कारण सभी एक स्थान पर एकत्र नहीं हो सकते । अतः हर निर्वाचन क्षेत्र के लोग सदन में अपने स्वयं नहीं बैठकर अपने स्थान पर अपना एक ‘प्रतिनिधि’ चुनते हैं । उस प्रतिनिधि के बोलने का अर्थ है कि उस क्षेत्र की सभी जनता बोल रही है ।
(पृष्ठ –30 )
प्रश्न 1. बिहार के प्रमुख शहरों के चुनाव क्षेत्रों को पहचानकर उसके निर्वाचित प्रतिनिधियों के नाम बताइए ।
संकेत : छात्र अपने – अपने शहरों के अनुसार नाम लिखें ।
प्रश्न 2. आपके सांसद का क्या नाम है ? वे किस निर्वाचन क्षेत्र चुने गए हैं?
उत्तर -मरे सांसद का नाम माननीय संजय जायसवाल है। वे बेतिया चिन क्षेत्र से चुने गए हैं।
प्रश्न 3. पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 30 पर दिए गए नक्शे को अलग – अलग रंगों से दिखाने का प्रयास क्यों किया गया है ?
उत्तर – नक्शे में अलग -अलग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों को दिखाने का प्रयास किया गया है। खासकर गोपालगंज, सासाराम, गया और जमुई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों को प्रमुखता दी गई है ।
प्रश्न 4. बिहार के मुख्य राजनैतिक दलों के नाम पता कीजिए ।
उत्तर – बिहार के मुख्य राजनीतिक दलों के नाम हैं
(क) जनता दल (यूनाइटेड),
(ख) भारतीय जनता पार्टी,
(ग) राष्ट्रीय जनता दल तथा
(घ) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ।
नोट : यह बिहार विधानसभा में संख्या के अनुसार अधिक विधायकों के घटते क्रम के अनुसार लिखा गया है।
प्रश्न 5. किसी भी राजनैतिक दल को आसानी से कैसे पहचाना जा सकता है ?
उत्तर – किसी भी राजनीतिक दल को आसानी से पहचानने के लिए उसके चुनाव चिह्न से पहचाना जा सकता है।
प्रश्न 6. राजनैतिक दलों का मुख्य काम क्या होता है ?
उत्तर – राजनैतिक दलों का मुख्य काम है कि वे :
(i) जनता को राजनीतिक रूप से शिक्षित करें ।
(ii) उन्हें मतदान का महत्व समझावें ।
(iii) चुनावों में किसी लोकप्रिय सदस्य को उम्मीवार बनाएँ ।
(iv) चुनाव जीतने के बाद यदि दल बहुमत में आता है तो सरकार बनावें यदि बहुमत में नहीं है तो विरोधी दल के रूप में सराकर पर अंकुश रखें ।
राष्ट्रपति के निर्वाचन की एक लम्बी प्रक्रियां है। निर्वाचन में लोकसभा, राज्यसभा तथा देश की सभी विधायिकाओं के सदस्य मतदान करते हैं । राज्य की विधायिकाओं के सदस्यों के मतों का मूल्य अलग -अलग होता है। जितने उम्मीदवार होते हैं, सब को प्रमुखता के आधार पर मत देना पड़ता है। अधिक संख्या में प्रथम मत प्राप्त उम्मीदवार ही विजयी होता है।
(पृष्ठ –33 )
प्रश्न 1. आठवीं लोकसभा चुनावों में किस राजनैतिक दल को सबसे अधिक सीटें प्राप्त हुईं?
उत्तर – आठवीं लोकसभा में सबसे अधिक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 408 सीटें मिली थी।
प्रश्न 2. किस दल को सबसे कम सीटें प्राप्त हुईं?
उत्तर – सबसे कम भारतीय जनता पार्टी को 2 सीटें मिली थी।
(पृष्ठ –34 )
प्रश्न 1. तेरहवीं लोकसभा चुनाव में कौन -सा दल सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर सामने आया ?
उत्तर – तेरहवीं लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 182 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरकर सामने आई ।
प्रश्न 2. सबसे बड़ा दल होते हुए भी वह पार्टी अकेले सरकार क्यों नहीं बना सकी ?
उत्तर – सबसे बड़ा दल होते हुए भी वह अकेले सरकार इसलिए नहीं बना सकी क्योंकि अकेले वह बहुमत में नहीं थी। कई दलों को मिलाकर उसे बहुमत बनाना पड़ा, और वह गठबंधन सरकार बना सकी ।
प्रश्न 3. जो गठबंधन सरकार बनाई गई, उस गठबंधन का क्या नाम था ?
उत्तर – उस गठबंधन सरकार का नाम था : एन. डी० ए०
प्रश्न 4. आपकी समझ में क्या बहुमत को सरकार बनाने का आधार रखना चाहिए? कारण सहित समझाइए ।
उत्तर – मेरी समझ से निश्चित ही बहुमत ही सरकार बनाने का आधार रखना चाहिए। वास्तव में बहुमत ही लोकतंत्र की आधारशिला है। चाहे अनेक दलों की सरकार ही क्यों न हो, सभी निर्णय बहुमत से होने चाहिए। तभी लोकतंत्र का सही फल प्राप्त हो सकेगा
प्रश्न 5. क्या इस तरह के गठबंधन से बनी सरकार शक्तिशाली सरकार हो सकती है? कारण सहित समझाइए ।
उत्तर – यदि प्रधानमंत्री बुद्धिमान और राजनीतिक सूझ -बूझ वाला हो तो हम कह सकते हैं गठबंधन सरकार भी शक्तिशाली सरकार बना सकती है । उदाहरण में एन. डी. ए. की सरकार बहुत मजबूत थी, जिसके प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। तब निश्चित अवधि से एक -डेढ़ वर्ष अधिक ही समय तक वह सरकार चली । इधर उसके बाद बनी ‘यूपीए 1’ गठबंधन की सरकार भी ठीक -ठाक ही रही, लेकिन यू. पी. ए. 2 की सरकार बेहद कमजोर है। आये दिन कोई भी गठबंधन की पार्टी आँखें दिखाती हैं और निर्णय बदलना पड़ता है। गठबंधन दलों के सदस्यों ने खुलकर लूट -पाट मचाया और प्रधानमंत्री चुपचाप देखते रहने को मजबूर रहे । प्रधानमंत्री को तो यहाँ तक कहना पड़ा कि गठबंधन सरकारों की कुछ मजबूरियाँ होती है। अतः गठबंधन की सरकारों सदा मजबूत ही होंगी – यह नहीं कहा जा सकता ।
(पृष्ठ –35 )
प्रश्न 1. राष्ट्रपति किस व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है ?
उत्तर – राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है
प्रश्न 2. क्या प्रधानमंत्री अपनी मर्जी से अपने मंत्रिपरिषद में सहयोगियों को ले सकते हैं ? शिक्षिका की मदद से चर्चा कीजिए ।
उत्तर – सही नियम यही है कि प्रधानमंत्री अपनी मंत्रिपरिषद में अपनी पसन्द के सहयोगियों को लेना चाहिए । लेकिन गठबंधन की सरकारों में वह संवैधानिक नियम ताक पर रख दिया गया है। सहयोगी दल जब चाहें तब मंत्री बदलवा देते हैं । यह प्रधानमंत्री के अधिकार पर भारी कुठाराघात है । यदि सम्मान प्रिय प्रधानमंत्री होगा तो ऐसी स्थिति में त्यागपत्र दे देगा |
अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. हमारे यहाँ 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को वोट देने का अधिकार है । आपकी समझ से क्या यह ठीक है ?
उत्तर – हमारे देश में यह माना गया है कि 18 वर्ष या इसके ऊपर आयु के युवक बालिक हो जाते हैं । अतः बालिग मताधिकार कानून के अनुसार 18 वर्ष तक के युवकों को वोट देने का अधिकार देना पूर्णतः ठीक है । इससे देश के अधिक -से -अधिक युवकों को अपनी राजनीतिक सोंच बनाने में मदद मिलती है । अतः यह देशहित में ही है ।
प्रश्न 2. लोकसभा जनभावनाओं और जनता की अपेक्षाओं की अभिव्यक्ति का मंच है । क्या आप इस वाक्य से सहमत हैं ? कारण सहित समझाइए ।
उत्तर – यह कथन पूर्णतः सही है कि लोकसभा जनभावनाओं और जनता की अपेक्षाओं की अभिव्यक्ति का मंच है। संविधान भी यही कहता है और सुनने में भी अच्छा लगता है, लेकिन ऐसा होता नहीं है । जनता द्वारा चुने गए सदस्य सदन में जाकर अपनी जनता को भूल जाते हैं और उनकी पार्टी जो कहती है, वही वे बोलते हैं । कभी -कभी समयानुकूल अपने क्षेत्र के लोगों की आवश्यकताओं को भी उठा देते हैं ।
प्रश्न 3. लोकतांत्रिक शासन में आम लोगों की भागीदारी किस तरह से होती है? एक उदाहरण देकर समझाइए ।
उत्तर – लोकतांत्रिक शासन में आमलोगों की भागीदारी उनके द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से होती है। मान लीजिए कि छपरा लोकसभा का एक निर्वाचन क्षेत्र है । वहाँ के लोग निर्वाचन आयोग द्वारा निश्चित दिन को वोट देकर बहुमत से एक प्रतिनिधि चुनते हैं । वही प्रतिनिधि छपरा वालों की ओर से लोकसभा में बोलेगा । इस प्रकार छपरा लोकसभा क्षेत्र के लोगों
की भागीदारी हो जाती है।
प्रश्न 4. केन्द्र में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या दलों के गठबंधन के पास होने वाले आवश्यक बहुमत का क्या अर्थ है ? एक उदाहरण देकर समझाइए ।
उत्तर – केन्द्र में सरकार बनाने के लिए दल या दलों के गठबंधन के पास लोकसभा के कुल संसद सदस्यों के आधे से अधिकसदस्यों का समर्थन होना आवश्यक बहुमत है। माना हमारे लोकसभा के कुल सदस्यों की संख्या 543 है। अतः किसी दल या दलों के गठबंधन को कुल मिलाकर आधा से अधिक अर्थात कम -से -कम 247 सदस्यों का होना अनिवार्य है । यह तो हुई न्यूनतम सीमा, लेकिन इससे 10 -5 अधिक हों तो अच्छा । कारण कि इन्हीं में से एक सदस्य को अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष चुनना पड़ता है ।
प्रश्न 5: संसद मंत्रिपरिषद पर किन -किन तरीकों से नियंत्रण करती है ? इनमें से आपके कौन सा तरीका सबसे असरदार लगता है और क्यों ?
उत्तर – संसद मंत्रिपरिषद पर कई तरीकों से नियंत्रण करती है । जैसे :
(i) प्रश्न पूछकर, (ii) सरकारी नीतियों की आलोचना कर, (iii) कार्यक्रमों में तथा (iv) अविश्वास का प्रस्ताव लाकर । लेकिन अविश्वास का प्रस्ताव अंतिम हथियार है। बार -बार इसका उपयोग उचित नहीं होता। सदन का बहिष्कार भी एक तरीका है। सबसे अच्छा तरीका मैं प्रश्न पूछना ही मानता हूँ । इससे लाभ है कि क्षेत्र विशेष की कमी जल्दी पूरी हो जाने की आशा की जाती है ।
प्रश्न 6. संसद के मुख्य कार्य कौन -कौन से हैं। अपने शब्दों में लिखिए ।
उत्तर – संसद के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं. :
(i) विधायी कार्य, (ii) वित्तीय कार्य तथा (iii) सरकार पर नियंत्रण रखना । (i) विधायी कार्य – संसद सम्पूर्ण देश या देश के किसी राज्य के लिए कानून बनाती है ।
(ii) वित्तीय कार्य — सरकार के कार्य संचालन के लिए धन की आवश्यकता पड़ती है । संसद अपने विधायी शक्तियों से ही धन की व्यवस्था करती है।
(iii) सरकार पर नियंत्रण रखना – संसद का काम है कि सरकार को निरंकुश होने से रोके । इसके लिए मंत्रियों से प्रश्न पूछकर, कार्यक्रमों में खोट निकालकर अर्थात आलोचना कर तथा सदन का बहिष्कार कर ।
प्रश्न 7. नीचे दी गई तालिका को अध्याय में दी गई जानकारी के आधार पर भरिए ।
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