BSEB Class 8th Geography वस्त्र उद्योग | Vastra Udyog Solutions And Notes

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Vastra Udyog  Solutions And Notes

इकाई – 3 (ख)

वस्‍त्र उद्योग

पाठ के अन्दर आए प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1. ‘सूती वस्त्र उद्योग एक स्वच्छंद उद्योग है ।कैसे ?

(पृष्ठ 87 )

उत्तर—यह पूर्णतः सत्य है कि सूती वस्त्र उद्योग एक स्वच्छंद उद्योग है। इस उद्योग को स्थापित करने के लिए किसी से आदेश लेने की आवश्कता नहीं होती। इस उद्योग को कम पूँजी से भी चलाया जा सकता है। कुछ चरखे तथा करघों के इस्तेमाल कर सूती वस्त्र तैयार किया जाता है। तैयार कपड़ा को सरकार स्वयं खरीद कर देश भर में फैले ‘खादी ग्राम उद्योगों’ के माध्यम से बिकवाती है।

प्रश्न 2. भारत में वस्त्रोद्योग के वितरण, किस्म तथा केन्द्रों का नामोल्लेख तालिका बनाकर कीजिए । (पृष्ठ 89)

उत्तर :

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प्रश्न 3. भागलपुर में मुख्यतः किस प्रकार का रेशमी वस्त्र तैयार होता है?

उत्तर – भागलपुर में मुख्यतः ‘तसर’ नामक रेशमी वस्त्र तैयार होता है ।” यह एंक महँगा रेशमी वस्त्र है, जिसकी माँग सर्वत्र है ।

प्रश्न 4. रेशम का उत्पादन कैसे होता है? यह कितने प्रकार का होता है ? नाम लिखें ।

उत्तर – रेशम का उत्पादन रेशम के कीड़ों द्वारा होता है । इसलिए इन कीड़ों को पाला जाता है । इनके शरीर से निकले रस जब कोए में जम जाता है तो उसके अन्दर से झीलीनुमा एक पदार्थ निकलता है, जो रूई जैसा होता है । उसी से तंतु काता जाता है । रेशम के कोए को कोकून कहते हैं ।

रेशम अनेक प्रकार के होते हैं । जैसे : तसर, मटका, अंडी, कटिया इत्यादि ।

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न :

सही विकल्प को चुनें :

1. टेक्सटाइल का मतलब होता है :

(i) जोड़ना

(ii) बुनना

(iii) नापना

(iv) सिलना

2. देश में कपड़े की मिल सबसे पहले लगाई गई :

(i) कोलकाता में

(ii) मुंगेर में

(iii) लुधियाना में

(iv) वाराणसी में

3. 1854 में कपड़े की मिल लगी :

(i) कोलकाता में

(ii) हैदराबाद में

(iii) सूरत में

(iv) मुंबई में

4. सिल्क प्राप्त होता है

(i) कपास से

(ii) रेयान से

(ii) कोकून से

(iv) पेड़ों से

5. वस्त्रोद्योग के लिए आवश्यक है:

(i) ऊर्जा

(ii) कच्चा माल

(iii) श्रम

(iv) उपर्युक्त सभी

उत्तर : 1.→(ii), 2.→(i), 3. → (iv), 4. → (iii), 5. → (iv)।

1. खाली स्थानों को उपयुक्त शब्दों से पूरा करें :

कहा जाता है।

1. भांगलपुर शहर …………… वस्त्र उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है ।

2. सूती वस्त्र उद्योग एक …………. उद्योग है ।

3. कपड़ों की बुनाई को ……………

4. ढाका …………… के लिए प्रसिद्ध रहा है ।

5. अहमदाबाद को भारत का ……………. कहा जाता है।

उत्तर : 1. तसर सिल्क, 2. स्वच्छन्द, 3. टेक्स्टाइल, 4. मलमल, 5. मैंचेस्टर

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें ।    (अधिकतम 50 शब्दों में

प्रश्न 1. प्राकृतिक रेशे क्या हैं?

उत्तर – प्राकृतिक रेशों में हम कपास, ऊन, सिल्क, जूट या पटसन को रख सक हैं। कपास, जूट और पटसन खेतों में, ऊन पशु से, रेशम कीड़ों से प्राप्त होते हैं अतः स्पष्टतः ये प्राकृतिक रेशे हैं ।

प्रश्न 2. मानव निर्मित रेशों के नाम लिखिए ।

उत्तर- मानव निर्मित रेशों के नाम निम्नलिखित हैं ।

(क) नाइलन, (ख) पालिस्टर, (ग) एक्रेलियम तथा (घ) रेयॉन आदि ।

प्रश्न 3. मशीनों से कपड़ों का उत्पादन सस्ता होता है । क्यों?

उत्तर—मशीनों से कपड़ों का उत्पादन इसलिए सस्ता होता है, क्योंकि मशीनें एक दिन में हजारों मजदूरों का काम 10-5 मजदूरों के द्वारा कर देती हैं। फलतः लागत कम लगता है। मजदूरी बच जाती है। थोड़े ही समय में अधिक कपड़ा तैयार हो जाता है

प्रश्न 4. गरम कपड़ों की थोक खरीदारी किन जगहों पर होती है और क्यों ?

उत्तर – गरम कपड़ों की थोक खरीदारी लुधियाना, कानपुर, कश्मीर तथा लेह से की जाती है।

इसका कारण यह है कि इन जगहों के आसपास अधिक संख्या में भेड़ें और बकरियाँ पाली जाती हैं । इनसे ऊन की प्राप्ति अधिक होती और कारखानों को कच्चा माल पर्याप्त मात्रा में प्राप्त होता है ।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें । (अधिकतम 200 शब्दों में)

प्रश्न 1. वस्त्र उद्योग की स्थापना में सहायक कारकों का वर्णन कीजिए।

उत्तर- वस्त्र उद्योग की स्थापना में सहायक कारक हैं।

(i) कच्चे माल की उपलब्धता, (ii) परिवहन की सुविधा, (iii) जलवायु, (iv) पूँजी . की उपलब्धता, (v) श्रम की उपलब्धता, (vi) बाजार तथा (vii) ऊर्जा की सुविधा ।

(i) कच्चे माल की उपलब्धता – वस्त्रोद्योग के लिए कच्चे माल के रूप में कपास की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिए। जिस क्षेत्र में कपास उपजाने की सुविधा रहती है, उसी के आसपास वस्त्र उद्योग के कारखाने स्थपित किये जाते हैं ।

(ii) परिवहन की सुविधा – कच्चे माल को मँगाने तथा तैयार कपड़े को बाजार में भेजने के लिए उत्तम परिवहन की सुविधा आवश्यक है। अच्छी सड़कें और रेलों का विस्तार भी होना चाहिए । निर्यात हेतु निकट में बन्दरगाह हो तो और अच्छा ।

(iii) जलवायु — वस्त्र उद्योग में पहले धागा बनाया जाता है। यदि वहाँ की जलवायु नम और आर्द्र हो तो धागे टूटते नहीं । यदि प्राकृतिक रूप से न हो तो कृत्रिम रूप से आर्द्र जलवायु प्राप्त की जाती है ।

(iv) पूँजी की उपलब्धता – कारखाने की स्थापना से लेकर कच्चा माल खरीदने और कर्मियों को वेतन देने के लिए पर्याप्त पूँजी की आवश्यकता होती है। जबतक कपड़ा बिक न जाय तबतक के लिए पूँजी एकत्र तो करनी ही पड़ती है ।

(v) श्रम की उपलब्धता – चाहे जितनी भी मशीनें हों, लेकिन उनको चलाने के लिए कुछ-न-कुछ श्रमिकों की आवश्यकता तो पड़ती ही है । अतः निकट में श्रमिक मिल जायँ तो सुविधा होगी।

(vi) बाजार – बाजार देश में हो या विदेश में हो, आवश्यक तो है ही । यदि तैयार कपड़ा बाजार में न पहुँचे तो बिकेगा कहाँ ? अतः कारखाना मालिक बाजार की खोज करते रहते हैं । उनके एजेंट दुकानदारों को उत्साहित करते हैं कि वे उनके कपड़ों को दुकान में रखें और बेचें ।

(vii) ऊर्जा की सुविधा – ऊर्जा के साधन कोयला हो या बिजली — कारखानों को अनवरत मिलते रहें। यदि समय पर ऊर्जा उपलब्ध न हो तो कारखाना बन्द हो जाएगा ।

प्रश्न 2. भारत के सूती वस्त्र उद्योग का विवरण दीजिए ।

उत्तर—भारत में सूती वस्त्र उद्योग बहुत प्राचीन है । पहले हाथ से ही सूत काते जाते थे तथा हाथ से ही करघा पर कपड़ा बुना जाता था। ढाका का मलमल, नूसली पटनन की छींट तथा सूरत के साड़ी धोती मशहूर थे। बाद में विदेशों में जब कपड़ा बुना जाने लगा तो भारत में भी मशीनें बैठानी पड़ीं। भारत में कपड़ा मिल सबसे पहले कोलकाता में 1818 ई. में खुला, लेकिन वह ठीक से चला नहीं । सूती वस्त्र उद्योग को सही कामयाबी 1854 ई. के बाद मिली जब मुंबई में कपड़ा मिलें स्थापित की गई। देश के विभिन्न भागों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, बंगाल आदि में अलग-अलग किस्मों के कपड़े बनने लगे ।

कपड़ा बुनने की प्रक्रिया में पहली प्रक्रिया है कपास से उसके बीजों को अलग करना ।

प्राप्त रूई से धागा या तागा बनाना । इसके बाद इन धागों से कपड़ा बुनना । ये सभी काम मशीनों से ही होते हैं ।

सूती वस्त्र उद्योग पूरी तरह कपास पर निर्भर है। इसके कारखाने वहीं स्थापित होते हैं, जहाँ कपास की उपज अधिक होती है। कपास उपजाने वाले मुख्य राज्य हैं : और महाराट्र। अतः कारखाने भी वहीं अधिक हैं। वैसे सूती वस्त्र उद्योग में चेन्नई, कोयम्बटूर, लखनऊ और कानपुर भी प्रमुख स्थान रखते हैं ।

भारत में कपड़े का उत्पादन लगातार बढ़ता जा रहा है। 1950-51 में जहाँ 4 अरब वर्ग मीटर कपड़े का उत्पादन हुआ था, वहीं अब 34 अरब वर्ग मीटर तक बढ़ गया है

1. कुछ करने को :

प्रश्‍न 1. कपड़ो के विज्ञापनों को काटकर Scrap Book बनाइए ।

प्रश्‍न 2 विभिन्‍न प्रकार के वस्‍त्रों के छोटे-छोट आकृति (डायारोमा) अखबार के पन्‍नो से बनाइए ।

संकेत :- उपर्युक्‍त दोनों परियोजना कार्य है । छात्र स्‍वयं करें ।

प्रश्‍न 3. भारत के नक्‍शे पर वस्‍त्र उद्योग से जुड़े शहरों को अंकित कीजिए ।

उत्तर :-

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